|| वैट टैक्स क्या है? | VAT tax in Hindi | VAT tax kya hai | VAT ke bare mein jankari | वैट टैक्स कौन देता है? | VAT tax kaun deta hai | वैट टैक्स कौन देता है? | VAT tax kaun deta hai | वैट टैक्स व GST का क्या संबंध है? | VAT or GST in Hindi ||
VAT tax in Hindi :- भारत सहित दुनिया के हर देश में अलग अलग तरह के टैक्स लगाए जाते हैं जिन्हें हिंदी में कर कहते हैं। अब यह कर अलग अलग चीज़ों पर अलग अलग रूप में लगाए जाते हैं जिन पर नियंत्रण वहां की सरकार का होता है। इस पर मुख्य रूप से नियंत्रण केंद्र सरकार का होता है और उसके बाद इसमें केंद्र सरकार के द्वारा बनाए गए आदेशों के अनुसार राज्य सरकार का भी नियंत्रण होता (VAT kya hai) है। किंतु यदि हम इन टैक्स पर प्रमुख नियंत्रण की बात करें तो वह केंद्र सरकार के ही हाथ में होता है और वही इस पर नियम व अन्य दिशा निर्देश बनाने का काम करती है।
अब भारत देश में लगभग हर चीज़ पर भारत सरकार के द्वारा कर लगाया जाता है फिर चाहे आप किसी वस्तु को खरीद रहे हैं या फिर किसी सेवा का लाभ उठा रहे हैं या फिर कुछ आय कर रहे हैं या आपके पास भूमि है या ऐसा ही कुछ। एक तरह से आपके द्वारा भारत देश में जो भी पैसों से संबंधित गतिविधि की जा रही है उस पर प्रत्यक्ष रूप से या अप्रत्यक्ष रूप से कर लगाया जाता (VAT tax kya hai) है और इसी के जरिये ही केंद्र सरकार व राज्य सरकार की आय होती है। इसके बलबूते ही वह तरह तरह के विकास कार्य करवाती है व सरकारी कार्यक्रमों का संचालन करवा पाती है।
अब इसी में एक मुख्य टैक्स होता है वैट टैक्स जो भारत सरकार के द्वारा वस्तुओं या सेवाओं के क्रय विक्रय पर लगाया जाता है। एक तरह से आप भारत में जिस भी वस्तु को खरीद रहे हैं या किसी भी सेवा का लाभ उठा रहे हैं, उस पर जो कर लगाया जाता है उसे ही हम वैट कर के रूप में जानते हैं। अब यह वैट टैक्स क्या होता है और इसका कैसे इस्तेमाल किया जाता है, इत्यादि सभी प्रश्नों के उत्तर आपको इस लेख के माध्यम से मिलने वाले (VAT ke bare mein jankari) हैं।
वैट टैक्स क्या है? (VAT tax in Hindi)
तो आज के इस लेख में आप इसी के बारे में जानने आये हैं कि आखिरकार यह वैट टैक्स होता क्या है और इसको भारत सरकार के द्वारा कैसे क्रियान्वयन करवाया जाता है। इसलिए आज के इस लेख में हम आपको सिलसिलेवार तरीके से वैट टैक्स के बारे में हरेक जानकारी देने वाले (VAT tax meaning in Hindi) हैं। तो सबसे पहले इस वैट टैक्स के बारे में या इसकी परिभाषा के बारे में बात कर लेते हैं ताकि आपको इसके बारे में स्पष्टता हो सके।
तो भारत में जो भी वस्तु बिकती है या किसी सेवा को प्रदान किया जाता है, और आप जब उसका उपभोग करते हैं तो आपको उसके मूल्य के अलावा कुछ अन्य कर भी चुकाना होता है और इसे ही वैट टैक्स कहा जाता है। अब आप कहेंगे कि आप जो भी उत्पाद बाजार से खरीदते हैं, उस पर तो उसके मूल्य के अलावा कोई भी अन्य पैसा आपसे नहीं लिया जाता है तो उसमे वैट टैक्स कहा से आ गया। तो यहाँ हम आपको बता दें कि जिस भी मूल्य पर आप किसी वस्तु को खरीद रहे हैं, उस पर वैट टैक्स की दर पहले से ही जुड़ी हुई होती है।
वहीं यदि आप किसी सेवा का लाभ उठा रहे हैं जैसे कि किसी रेस्टोरेंट में जाकर खाना खा रहे हैं तो वहां पर आपको अपने द्वारा ऑर्डर किये गए फ़ूड के मूल्य के साथ ही कुछ कर का भी भुगतान करना होता है और यही कर ही वैट टैक्स के रूप में जाना जाता है। तो इस तरह से आप किसी वस्तु की खरीदी पर या किसी सेवा का लाभ उठाने पर भारत व राज्य सरकार को जो कर का भुगतान करते हैं, उसे ही वैट टैक्स का नाम दिया गया है।
वैट टैक्स कैसे लगाया जाता है? (VAT tax kaise lagta hai in Hindi)
अब आपका प्रश्न यह भी होगा कि आखिरकार यह वैट टैक्स किस तरह से लगाया जाता है और इसका पैमाना क्या होता है। तो इसके लिए सभी तरह के नीति निर्देश भारत सरकार ही तय करती है और वह हर तरह की वस्तु या सेवा को अलग अलग भागों में बाँट कर उस पर कितने प्रतिशत तक का वैट टैक्स लगाया जाएगा, यह तय करती है। उदाहरण के रूप में यदि आप किसी रेस्टोरेंट में खाना खाने जा रहे हैं तो वहां की श्रेणी फ़ूड के तहत आ जाती है जिस पर वैट टैक्स की प्रतिशत 5 (VAT tax kis par lagta hai) है।
तो यदि आपका बिल एक हज़ार रुपए का बनता है तो आपको 5 प्रतिशत के वैट टैक्स के रूप में 50 रुपए का अधिक भुगतान उस रेस्टोरेंट को करना होगा। इस तरह से आपका कुल बिल 1050 रुपए का हो जाता है जिसमे से एक हज़ार रुपए उस रेस्टोरेंट को जाते हैं जबकि 50 रुपए भारत व राज्य सरकार को वैट टैक्स के रूप में मिलते हैं। ठीक इसी तरह यदि आप किसी पैकेट बंद वस्तु को खरीद रहे हैं तो उसमे उस वस्तु का वैट टैक्स पहले ही उसके मूल्य में जोड़ा गया होता है ताकि ग्राहक व दुकानदार को किसी दिक्कत का सामना ना करना पड़े।
वैट टैक्स का पूरा नाम क्या है? (VAT tax full form in Hindi)
क्या आप जानते हैं कि वैट टैक्स एक शॉर्ट फॉर्म है जिसे हम अंग्रेजी में VAT के रूप में लिखते हैं। अब इसमें से हरेक अक्षर की एक फुल फॉर्म होती है और उसको ही शोर्ट फॉर्म के रूप में वैट टैक्स बोल दिया जाता है। ऐसे में यदि हम वैट टैक्स की फुल फॉर्म जानना चाहें तो वह वैल्यू एडेड टैक्स (Value Added Tax) है। अब यदि हम वैट टैक्स के हिंदी नाम की बात करें तो उसे हिंदी में मूल्य वर्धित कर का नाम दिया गया है।
अब चूँकि लोगों के पास इस पूरे नाम को लेने का समय नहीं होता है तो सब इसकी शोर्ट फॉर्म वैट टैक्स का ही इस्तेमाल करते हैं। वैसे वैट शब्द के अंदर ही पहले से ही टैक्स शब्द जुड़ा हुआ होता है लेकिन फिर भी हम इसे वैट टैक्स कह देते (VAT full form in Hindi) हैं। अब यदि आगे से कोई आपसे वैट टैक्स की फुल फॉर्म पूछे तो आप उसे हिंदी व अंग्रेजी दोनों ही नाम बता सकते हैं।
वैट टैक्स कौन लेता है? (VAT tax kaun leta hai)
आपको यह भी जान लेना चाहिए कि आखिरकार यह वैट टैक्स जो हम सभी के द्वारा हर तरह की वस्तु व सेवा पर दिया जा रहा है उसका अधिकार किसके पास रहता है। ऊपर का लेख पढ़ कर आपको यह लगा होगा कि हम जो भी वैट टैक्स सरकार को दे रहे हैं वह पूर्ण रूप से भारत सरकार के पास ही जाता है लेकिन यह गलत है। भारत सरकार के द्वारा वैट टैक्स को लेकर जो नए नियम बनाए गए हैं, उसके तहत वह राज्य सरकार को कितना भी वैट टैक्स बढ़ाने की अनुमति देती है।
उदाहरण के तौर पर केंद्र सरकार तो एक चीज़ पर पूरे देश में एक जैसा ही टैक्स लगाती है लेकिन उस वस्तु का मूल्य हर राज्य के अनुसार भिन्न भिन्न होता है। तो इसी कारण हर राज्य में वहां की राज्य सरकार उस वस्तु पर अलग अलग वैट टैक्स वसूल कर रही होती है। अब आप पेट्रोल को ही ले लीजिए। मान लीजिए पेट्रोल पर केंद्र सरकार 10 रुपए का वैट टैक्स लगाती है तो यह 10 रुपए का वैट टैक्स केंद्र सरकार के द्वारा हर राज्य पर एक जैसा ही होगा।
इसके बाद अब यह भारत के विभिन्न राज्यों की राज्य सरकार पर निर्भर करता है कि वह अपनी ओर से पेट्रोल पर कितने प्रतिशत तक का वैट टैक्स लगा रही है। तो आप पेट्रोल का असली मूल्य 60 रुपए मान लीजिए और उस पर केंद्र सरकार का 10 रुपए का वैट टैक्स जोड़ कर इसका मूल्य 70 रुपए हो जाता है। अब इस पर गुजरात सरकार 20 रुपए का वैट टैक्स लगाती है तो वह पेट्रोल 90 रुपए में गुजरात में बिकेगा और राजस्थान सरकार इस पर 40 रुपए का वैट टैक्स लगाती है तो वही पेट्रोल राजस्थान प्रदेश में 110 रुपए का बिकेगा।
वैट टैक्स कौन देता है? (VAT tax kaun deta hai)
आपका यह भी प्रश्न होगा कि जो यह वैट टैक्स लगाया जाता है, उसका पूर्ण रूप से भुगतान कौन करता है!! क्या इसका भुगतान उस कंपनी के निर्माता, दुकानदार व ग्राहक सभी मिल कर टुकड़ों टुकड़ों में करते हैं या इसकी जिम्मेदारी किसी एक व्यक्ति पर ही होती है!! तो यहाँ हम आपको बता दें कि इस वैट टैक्स का भुगतान पूर्ण रूप से अंतिम ग्राहक या उपभोक्ता के द्वारा किया जाता है।
ऐसे में यदि किसी वस्तु या सेवा का मूल्य 100 रुपए है और उस पर 20 रुपए का वैट टैक्स लग रहा है तो उन 20 रुपयों का भुगतान उसकी खरीदारी करने वाला उपभोक्ता ही करेगा। इसी कारण इस वैट टैक्स को दूसरे शब्दों में उपभोग कर या सेल्स टैक्स या बिक्री कर भी कह दिया जाता है क्योंकि उपभोक्ता ही इसका भुगतान कर रहा होता है।
वैट टैक्स व GST का क्या संबंध है? (VAT or GST in Hindi)
अब यदि आप वैट टैक्स के बारे में जानकारी ले रहे हैं तो उसी के साथ साथ आपका GST के बारे में भी जानकारी लेना जरुरी हो जाता है। वह इसलिए क्योंकि भारत सरकार ने वर्ष 2017 में वैट टैक्स तथा कई अन्य तरह के टैक्स को हटा कर एक तरह का टैक्स पूरे देश में लागू कर दिया था जो वस्तु व सेवा कर के नाम से जाना गया। इसे हम अंग्रेजी भाषा में गुड्स व सर्विसेस टैक्स के नाम से भी जानते हैं लेकिन ज्यादातर इसकी शोर्ट फॉर्म GST ही प्रचलन में है।
दरअसल हमारे देश में वस्तुओं व सेवाओं पर तरह तरह के कर थे और इनकी प्रणाली बहुत ही जटिल थी। अब इसी प्रक्रिया को सुधारने और सुचारू रूप से चलाने के लिए ही GST की प्रक्रिया को शुरू किया गया और लगभग सभी वस्तुओं और सेवाओं पर इसे लागू कर दिया गया। ऐसे में यदि आप अपने देश में किसी वस्तु को खरीदना चाहते हैं या किसी सेवा का लाभ उठाना चाहते हैं तो उसके लिए आपको GST का ही भुगतान करना होता है, ना कि वैट टैक्स का।
वर्तमान में वैट टैक्स किस पर लगता है? (What is VAT at present in Hindi)
ऊपर आपने जाना कि केंद्र सरकार ने वैट टैक्स को हटा कर GST को लाया लेकिन कुछ कुछ ऐसी चीजें है जिन पर आज भी वैट टैक्स ही लग रहा (Present VAT tax in Hindi) है। यही कारण है कि उन वस्तुओं या सेवाओं का मूल्य अलग अलग राज्य के अनुसार अलग अलग होता है। अब इसमें चार चीजें प्रमुख तौर पर आती है जिन पर आज के समय में भी वैट टैक्स ही लग रहा है। उन वस्तुओं के नाम है:
- पेट्रोल
- डीजल
- मदिरा
- तंबाकू
इनके अलावा भी कुछ अन्य चीजें आती हैं जिन पर GST की बजाए वैट टैक्स ही लग रहा है लेकिन धीरे धीरे इसकी मांग तेज होने लगी है और केंद्र सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है कि यह सभी चीजें भी वैट टैक्स की बजाए GST के दायरे में आनी चाहिए। जिस दिन ऐसा हो गया उस दिन से ही पूरे देश में इन वस्तुओं के दाम भी एक समान हो जाएंगे।
वैट टैक्स क्या है – Related FAQs
प्रश्न: VAT का मतलब क्या है?
उतर: VAT का मतलब value added tax है जिसे हिंदी में मूल्य वर्धित कर कहा जाता है।
प्रश्न: क्या भारत में वैट लागू है?
उतर: कुछ कुछ चीजों पर भारत में अभी भी वैट लागू है जैसे शराब, पेट्रोल, तंबाकू इत्यादि।
प्रश्न: वैट किस पर लगाया जाता है?
उतर: वैट वस्तु और सेवा की बिक्री पर लगता है।
प्रश्न: वैट टैक्स क्या है?
उतर: वैट टैक्स के बारे में संपूर्ण जानकारी हमने आपको इस लेख में दी है जिसे आपको पढ़ना चाहिए।
आज इस लेख के माध्यम से आपने वैट टैक्स के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर ली है। साथ ही आपने वैट टैक्स की जगह जीएसटी को क्यों लाया गया ये भी जान लिया है। और आपने वैट टैक्स किस किस चीज पर अभी भी लागू है इसके बारे में भी जान लिया है।