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कोरोना की पहली लहर में बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी जानें गंवाई। लेकिन 2024 में आई दूसरी लहर उससे भी अधिक मारक रही। इससे बड़ी संख्या में परिवार के परिवार उजड़ गए। कई बच्चों के सिर से मां बाप का साया उठ गया। ऐसे बच्चों को शिक्षा प्रदान करने और उनकी आर्थिक मदद करने के लिए उत्तराखंड सरकार मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के साथ हाजिर हुई है।
आज इस पोस्ट में हम आपको इसी योजना के संबंध में विस्तार से जानकारी देंगें। जैसे मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना क्या है? इस योजना का उद्देश्य क्या है? इसके तहत क्या व्यवस्था क्या है? आदि। आइए, शुरू करते हैं-
उत्तराखंड मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना क्या है?
दोस्तों, आपको बता दें कि 22 मई, 2021 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना की घोषणा की है। यह योजना उन बच्चों के लिए लाई गई है, जो अनाथ हो गए हैं। यानी जिन्होंने कोविड -19 के संक्रमण से अपने माता-पिता को खो दिया है। इसके बाद समाज कल्याण विभाग ने जून के पहले सप्ताह में इस योजना का दायरा बढ़ाते हुए इसमें ऐसे बच्चों को भी शामिल करने का निर्णय लिया है जिनके घर के एकमात्र कमाने वाले सदस्य की कोरोना से मृत्यु हो गई है।
उत्तराखंड के महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग ने इसका खाका तैयार कर लिया है। प्रस्ताव मंजूरी के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को भेजा गया है।
योजना का नाम | मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना 2022 |
किसने आरंभ की | उत्तराखंड सरकार |
लाभार्थी | उत्तराखंड के वे बच्चे जिन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अपने माता पिता को खो दिया है। |
उद्देश्य | बच्चों को भरण पोषण के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना। |
ऑफिसियल वेबसाइट | अभी लांच नही की गई |
आवेदन का प्रकार | ऑनलाइन/ऑफलाइन |
आर्थिक सहायता | ₹3000 |
सरकारी नौकरी में कोटा | 5% |
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के लाभ
साथियों, आपको बता दें कि इस मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के तहत अनाथ बच्चों को प्रतिमाह तीन हजार रुपये की आर्थिक सहायता, बच्चों को राशन और शिक्षा तथा रोजगारपरक शिक्षा देने की बात कही गई है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के तहत अनाथ बच्चों की आयु 21 वर्ष होने तक उनके भरण पोषण, शिक्षा और रोजगार के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था राज्य सरकार की ओर से करने की बात कही गई है।
उन्हें राज्य की सरकारी नौकरियों में पांच प्रतिशत आरक्षण की भी व्यवस्था रहेगी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा है कि इन अनाथ बच्चों की पैतृक संपत्ति के लिए भी अलग नियम बनाए जाएंगे। अनाथ बच्चों के वयस्क होने तक उनकी पैतृक संपत्ति को बेचने का अधिकार किसी को भी नहीं होगा। केवल संपत्ति की देखरेख की जा सकेगी। इस संबंध में संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों से निगहबानी को कहा गया है।
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का क्या उद्देश्य है?
विभागीय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य ने बताया कि जिन बच्चों के माता-पिता की मृत्यु कोरोना से हुई है अथवा जिनके माता अथवा पिता में से किसी एक की मृत्यु कोरोना से हुई है या किसी परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य की मृत्यु कोरोना से हुई है, ऐसे बच्चों को इस योजना के दायरे में लिया जाएगा। राज्य सरकार इन बच्चों को आर्थिक सहायता देने के साथ ही उनकी शिक्षा का पूरा खर्च उठाएगी।
इसके साथ ही उन्हें रोजगारपरक शिक्षा भी दी जाएगी ताकि ऐसे बच्चे अपने पैरों पर खड़े हो सकें। उन्होंने कहा कि जल्द ही यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री के समक्ष मंजूरी के लिए रखा जाएगा। कोई बड़ा बदलाव न हुआ तो इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की सौ फीसदी संभावना है।
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के लिए पात्रता –
आइए, अब आपको बताते हैं कि उत्तराखंड मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के लिए पात्रता क्या है-
- सबसे पहली शर्त यह है कि आवेदक को उत्तराखंड का स्थाई निवासी होना चाहिए।
- उम्मीदवार का बैंक में खाता होना अनिवार्य है। ऐसा इसलिए क्योंकि आर्थिक सहायता की राशि का डीबीटी यानी डायरेक्ट बैनिफिट ट्रांसफर किया जाएगा।
- आवेदक के माता-पिता या अभिभावक की मृत्यु कोरोना वायरस संक्रमण के कारण हुई हो।
- यह आप जानते ही हैं कि यदि किसी व्यक्ति को इस योजना का लाभ लेना होगा तो उसके पास पात्रता होनी आवश्यक है। इसके बगैर कोई भी इस योजना का लाभ नहीं उठा सकेंगे।
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का लाभ लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज
साथियों, आपको स्पष्ट कर दें कि अन्य तमाम सरकारी योजनाओं की तरह मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का लाभ लेने के लिए भी कुछ दस्तावेज आवश्यक रूप से संलग्न करने होंगे, जो कि इस प्रकार से हैं-
- आधार कार्ड
- बैंक खाता विवरण
- राशन कार्ड
- जन्म प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
- मोबाइल नंबर
- माता पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र
आपको यह भी स्पष्ट कर दें कि यह जो दस्तावेज लिखे हैं इनको संलग्न करना आवश्यक है इनके बिना इस योजना का लाभ नहीं उठाया जा सकेगा
उत्तराखंड के 13 जिलों में कोरोना के कारण मां-बाप अथवा मां या पिता खोने वाले 399 बच्चे
दोस्तों, उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की वजह से अपने माता-पिता या मां अथवा पिता को खोने वाले बच्चों का पंजीकरण किया गया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार ऐसे 399 बच्चे निकलकर सामने आए हैं। इनमें 211 बालक और 188 बालिकाएं शामिल हैं। प्रदेश के विभिन्न जिलों में यह संख्या इस प्रकार से है-
जिला | बालक | बालिका | कुल |
अल्मोड़ा | 4 | 8 | 12 |
बागेश्वर | 2 | 4 | 6 |
चमोली | 11 | 6 | 17 |
चंपावत | 4 | 6 | 10 |
देहरादून | 38 | 22 | 60 |
हरिद्वार | 76 | 55 | 131 |
नैनीताल | 25 | 23 | 48 |
पौड़ी | 2 | 1 | 3 |
रुद्रप्रयाग | 4 | 5 | 9 |
यूएस नगर | 4 | 7 | 11 |
टिहरी | 23 | 26 | 49 |
पिथौरागढ़ | 11 | 16 | 27 |
उत्तरकाशी | 7 | 9 | 16 |
कुल | 211 | 188 | 399 |
आपको बता दें कि सरकार की ओर से विज्ञापन निकालकर ऐसे बच्चों की सूचना मांगी गई थी। इसके अलावा प्रशासन ने भी संबंधित जिले से सूचना एकत्र होगी।
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना में आवेदन कैसे करें?
साथियों, आपको बता दें कि उत्तराखंड मुख्यमंत्री कौशल योजना का लाभ उठाने के लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही तरह से आवेदन किया जा सकेगा। यह अलग बात है कि अभी सरकार ने इसके लिए कोई वेबसाइट नहीं चालू की है। अभी आवेदन शुरू नहीं हुए हैं। जैसे ही उत्तराखंड मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के लिए आवेदन शुरू होंगे वैसे ही हम आपको जानकारी देंगे। रेगुलर अपडेट के लिए आप हमारी वेबसाइट निरंतर चेक करते रहिए।
कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका भी जताई जा रही
मित्रों, कोरोना की दूसरी लहर का पीक निकल चुका है। अब विशेषज्ञ कोरोना की तीसरी लहर आने का अंदेशा जता रहे हैं। सितंबर, अक्टूबर के महीने में इस लहर के आने की आशंका जताई जा रही है। बताया जा रहा है इस तीसरी लहर में बच्चों को खतरा हो सकता है। दूसरी लहर में कोरोना संक्रमण की वजह से जान खोने वाले लोगों के अनाथ बच्चों के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने सहायता की घोषणा की है। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना लेकर आए हैं। यहां तीसरी लहर के लिए भी तैयारी चल रही है।
अन्य राज्यों में जिला स्तर पर भी बच्चों की देखरेख को कवायद
साथियों, आपको बता दें कि जिला लेवल तक पर ऐसे बच्चों के लिए कवायद की जा रही है, जिनके माता-पिता कोरोना संक्रमण की वजह से जान गंवा बैठे और उनके बच्चे अनाथ हो गए। दोस्तों, आपको जानकर अच्छा लगेगा कि यूपी यानी उत्तर प्रदेश के नोएडा पुलिस कमिश्नरेट ने ऐसे बच्चों को आसरा देने के लिए एक पहल की है। इसके तहत नोएडा पुलिस अब तक 15 ऐसे बच्चों तक पहुंच चुकी है, जो अनाथ हैं।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ऐसे बच्चे जिनका कोई रिश्तेदार उनकी जिम्मेदारी लेने के लिए आगे नहीं आ रहा है, उन्हें चाइल्ड लाइन में आश्रय दिया जाएगा। नोएडा पुलिस ने ऐसे अनाथ बच्चों की सूचना और मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर-9870395200 भी जारी किया है। मदद करने के इच्छुक व्यक्ति इस नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। इसके साथ ही 112 पर भी ऐसे बच्चों की सूचना पुलिस को दी जा सकती है।
आपको बता दें कि यदि कोई ऐसे बच्चा है, जिसके मां-बाप दोनों कोरोना संक्रमित हैं और उनके खाने-पीने का इंतजाम नहीं है, तो भी इस पुलिस हेल्पलाइन पर इस संबंध में सूचना दी जा सकती है।
उत्तराखंड मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना से जुड़े सवाल –
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना की घोषणा कब हुई?
उत्तराखंड मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना की घोषणा 22 मई, 2021 को हुई।
उत्तराखंड मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना की शुरुआत की घोषणा किसने की?
उत्तराखंड मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना की शुरुआत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने की है।
वात्सल्य योजना योजना के लाभार्थी कौन होंगे?
जो बच्चे कोरोना की वजह से अपने माता-पिता को खो चुके हैं, वहीं इस योजना के लाभार्थी होंगे।
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के तहत कितनी सहायता राशि दी जाएगी?
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के अंतर्गत तीन हजार रुपए प्रतिमाह सहायता राशि दी जाएगी।
क्या इस योजना के अंतर्गत बच्चों की संपत्ति का नियम बदला गया है?
इस योजना के तहत आने वाले बच्चों की संपत्ति उनके वयस्क होने तक बेची नहीं जा सकेगी। इसकी जिम्मेदारी संबंधित जिलों के डीएम को सौंपी गई है।
कोरोना संक्रमण के चलते जान खोने वाले लोगों की संख्या लाखों में है। ढेरों बच्चे ऐसे हैं, जिनके माता-पिता को इस कोरोना नाम की महामारी ने छीन लिया। दूसरी लहर के बीच अमानवीयता की भी कई सारी कहानियां सामने आई। बहुत सारे ऐसे लोग थे जो अपने कोरोना पीड़ित छोटे बच्चों के शवों को अस्पताल में ही छोड़ कर चले गए। कई कहानियां ऐसी भी थीं, जहां बच्चों ने अपने बुजुर्ग मां-बाप को अकेला छोड़ दिया। उनकी कोई सुध बुध नहीं ली। संवेदना को चोट पहुंचाती एक से बढ़कर एक कहानियां नजर आई।
अंतिम शब्द
देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत अन्य बड़े शहरों में हालात विकट रहे। इस बीच प्रदेश सरकार का ध्यान पंचायत चुनाव की ओर लगा रहा। कोर्ट ने सरकार से पंचायत चुनाव टाल देने की बात कही, लेकिन सरकार पंचायत चुनाव कराने पर अड़ी रही। चुनाव के दौरान कई शिक्षकों, कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित होने और संक्रमण की वजह से मरने के बात भी सामने आई। अब जब तीसरी लहर की बात हो रही है तो ऐसे में अभी से तैयारी लाजिमी लगती है।
यह अलग बात है कि केंद्र सरकार एक बार फिर से 2024 में होने वाले कई राज्यों के विधानसभा चुनावों को लेकर ज्यादा गंभीर दिखाई दे रही है। जबकि यह समय दूसरी लहर की कमियों से सीख लेकर तीसरी लहर से बचाव की तैयारी का है। उत्तर प्रदेश की बात करें तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हालांकि कोरोना से बेहतर तरीके से लड़ाई का दंभ भरते हैं। उत्तर प्रदेश के माडल की खुद विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ (WHO) ने सराहना की है।
दोस्तों, यह थी उत्तराखंड मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना 2024: ऑनलाइन आवेदन, पात्रता व लाभ की जानकारी। यदि आप इसी प्रकार की किसी अन्य योजना के विषय में हम से जानकारी चाहते हैं तो उसके लिए हमें नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट करके बता सकते हैं। आपकी प्रतिक्रियाओं का हमें इंतजार रहेगा। ।।धन्यवाद।।