व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी क्या है? | व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के लिए कहाँ रजिस्टर करें?

Vehicle scrap policy in Hindi: भारत सरकार के द्वारा प्रदूषण को कम करने के लिए भरसक प्रयास किया जा रहे हैं। आज के समय में भारत देश से पूरी दुनिया में वायु प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ गया है। इससे लोगों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं। यहां तक कि लोगों की उम्र भी 5 से 10 वर्ष तक घट गई है। इसका कारण वायु में बढ़ते प्रदूषण के कारण गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का होना है। इसके कर्म में एक मुख्य कारण पुराने हो चुके वाहनों से बढ़ता वायु प्रदूषण होता (Vehicle scrap policy kya hai) है।

आप भी देखते होंगे कि सड़क पर कुछ ऐसे वाहन चलते हैं जिनसे बहुत ज्यादा मात्रा में धुंआ निकलता है। दरअसल यह 15 से 20 साल पुराने वाहन होते हैं जो अत्यधिक वायु प्रदूषण करते हैं। इसके लिए भारत सरकार व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी लेकर आई है जिसे वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा लॉन्च किया गया था। इस योजना के माध्यम से पुराने हो चुके वाहनों को स्क्रैप करना होता है अर्थात उन्हें कबाड़ बना देना होता है। इससे देश व व्यक्ति दोनों को ही बहुत सारे लाभ देखने को मिलते (Vehicle scrap policy in India in Hindi) हैं।

इसके तहत भारत सरकार उस व्यक्ति को कई तरह की टैक्स छूट देती है व नया वाहन खरीदने पर भी डिस्काउंट मिलता है। यदि आप भी अपने पुराने हो चुके वाहन को व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के तहत रजिस्टर करवाना चाहते हैं और एक नया वाहन खरीदना चाहते हैं, तो आज हम आपको व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के बारे में समुचित जानकारी देने वाले हैं। आइए जाने यह व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी क्या होती है और किस तरह से काम करती (Vehicle scrap policy full information in Hindi) है।

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व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी क्या है? (Vehicle scrap policy in Hindi) 

वर्ष 2021 में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा देश में पुराने हो चुके वाहनों को स्क्रैप करने के उद्देश्य से व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के नाम से एक योजना को लॉन्च किया गया था। इसके तहत भारत सरकार देश के सभी नागरिकों से आभार करती है कि वह अपने कमर्शियल वाहन जो 20 वर्ष से पुराने हो चुके हैं तथा निजी वाहन जो 15 वर्ष से पुराने हो चुके हैं उन्हें भारत सरकार के ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्टर करवा दें ताकि उन्हें स्क्रैप किया जा सके। एक तरह से उन्हें कबाड़ में परिवर्तित किया जा सके। यह योजना देश के सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू होती (Scrap policy kya hai) है।

व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी क्या है

इस योजना के माध्यम से भारत सरकार ने कई तरह की टैक्स छूट व अन्य डिस्काउंट भी दिए हैं ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा इस योजना में भाग ले सकें। दरअसल पुराने वाहनों के माध्यम से बहुत ज्यादा धुंआ निकलता है जिससे वायु प्रदूषण तो होता ही है इस वायु प्रदूषण के कारण लोगों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी होती है जिस कारण उनका मेडिकल इलाज में ही बहुत खर्चा चला जाता है। इससे बचने के लिए व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी को लॉन्च किया गया था। हाल ही में भारत के परिवहन मंत्री नितिन गडकरी जी ने कहा है कि भारत सरकार के अंतर्गत आने वाले 9 लाख से ज्यादा सरकारी वाहन जो इस पॉलिसी के अंतर्गत आते हैं उन्हें व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के तहत कबाड़ में परिवर्तित किया (Scrap policy of vehicle in Hindi) जाएगा।

यहां तक कि बहुत से लोग जो अलग-अलग राज्यों में रहते हैं उन्हें अपनी राज्य सरकार के द्वारा भी व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के माध्यम से कई तरह की टैक्स छूट में अन्य सुविधाएं प्रदान की गई है। ऐसे में यदि आपका वाहन भी ऊपर बताई गई शर्तों के अंतर्गत आता है और आप एक नया वाहन लेना चाहते हैं तो आप भी व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के तहत अपने वाहन को रजिस्टर करवा सकते हैं। सरकार के अधिकारी इस पर तुरंत संज्ञान लेंगे और आपके व्हीकल को व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के तहत रजिस्टर करके उस पर टैक्स छूट प्रदान की (Scrap policy India in Hindi) जाएगी।

व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के नियम (Vehicle scrap policy rules in Hindi)

अब आपको यह भी जान लेना चाहिए कि भारत सरकार ने व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के लिए किस तरह के नियम बनाए हैं। इन्हीं नियमों के तहत ही आप अपने व्हीकल को व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के तहत रजिस्टर करवा सकते हैं।

  • सबसे पहला नियम तो यही है कि जो वाहन कमर्शियल वाहन है उसकी आयु 15 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए तभी वह व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के अंतर्गत पंजीकृत हो सकता है।
  • दूसरे नियम के अनुसार जो निजी वाहन है अर्थात जो वाहन लोग अपने स्वयं के उपयोग के लिए इस्तेमाल में लाते थे तो उनकी आयु 20 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए तब जाकर उन्हें व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी में पंजीकृत करवाया जा सकता है।
  • इन दोनों के अलावा जो गाड़ियां पेट्रोल पर चलती हैं उनके लिए भी 15 वर्ष व उससे अधिक की आयु रखी गई है।
  • वहीं जो गाड़ियां डीजल पर चलती हैं उनके लिए 10 वर्ष या उससे अधिक की स्क्रैप पॉलिसी रखी गई है।
  • अब यदि आपको लगता है कि आपके वाहन की आयु इतनी नहीं हुई है लेकिन वह प्रदूषण फैला रहे हैं या आप व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी का फायदा उठाना चाहते हैं तो आप अपने वाहन का फिटनेस टेस्ट करवा सकते हैं। यदि वह फिटनेस टेस्ट में फेल हो जाता है तो उसे व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के अंतर्गत माना जाएगा।

इस तरह से आपको अपने वाहन को व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के अंतर्गत रजिस्टर करवाने के लिए इन सभी नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। यदि आपका वाहन इन नियमों का पालन करता है तभी व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के अंतर्गत आपको टैक्स छूट में अन्य लाभ प्रदान किए जा सकते हैं।

व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के लिए कहाँ रजिस्टर करें? (Vehicle scrap policy registration process in Hindi)

अब बात करते हैं व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के तहत अपने वाहन का रजिस्ट्रेशन करवाए जाने (Vehicle scrap policy ke liye registration kaise kare) की। इसके लिए भारत सरकार ने एक वेबसाइट लॉन्च की हुई है जिसका लिंक https://www.nsws.gov.in/ है। आपको दिए गए लिंक पर क्लिक करना होगा और वहां जाकर हर स्टेप को फॉलो करना होगा।

अब यहाँ पर जाकर आपको किस किस तरह के नियमों के तहत आगे बढ़ना होगा और उसकी क्या प्रक्रिया है, आइये इसके बारे में भी जान लेते हैं।

  • सबसे पहले तो आप ऊपर दिए गए लिंक पर क्लिक करें और भारत सरकार की व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी की आधिकारिक वेबसाइट पर पहुंचे।
  • अभी यह वेबसाइट केवल अंग्रेजी भाषा में ही है और इसे जल्द ही हिंदी व अन्य स्थानीय भाषाओं में भी लॉन्च किया जाएगा।
  • अब आपको वहां ऊपर दिए गए मेन्यु में ही अंतिम विकल्प के तौर पर गर्वनमेंट स्कीम ऑप्शन लिखा हुआ दिखाई देगा जिस पर आपको अपना कर्सर लेकर जाना है।
व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी क्या है
  • अब वहां आपके सामने एक ड्रॉप डाउन सूची खुल जाएगी जिसमें से अंतिम विकल्प व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी का ही होगा।
  • आपको इसी पर ही क्लिक कर आगे बढ़ना है और उसके बाद आपके सामने एक नया पेज खुल जाएगा।
  • अब आपको सबसे ऊपर ही पीले रंग में एक बटन दिखाई देगा जिस पर Apply for Scheme Related Approvals लिखा हुआ होगा।
  • आपको इसी बटन पर क्लिक कर आगे बढ़ना है और उसके बाद आपके सामने एक नया पेज खुल जाएगा।
  • इसके बाद आप जिस भी राज्य में रहते हैं, उसका चयन करना होगा।
  • जब आप राज्य का चयन कर लेते हैं तो आपका वाहन किस विकल्प के अंतर्गत आता है, उसका चुनाव करें।
  • यह करने के बाद आपको दिए गए फॉर्म में हरेक जानकारी को भरना होगा और उसके बाद फॉर्म को सबमिट कर देना होगा।

तो इस तरह से आप अपने वाहन के लिए संबंधित राज्य में व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के तहत रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। आपके द्वारा रजिस्ट्रेशन करवाए जाने के बाद संपूर्ण जानकारी सरकारी अधिकारी के पास पहुंच जाएगी। वह आपके वाहन का फिटनेस टेस्ट करेगा व संबंधित नियमों को ध्यान में रखते हुए उसे व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के तहत पंजीकृत मान लेगा।

व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के उद्देश्य (Vehicle scrap policy ke uddeshya)

अब बात करते हैं सरकार को व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी को लाने की जरूरत क्यों पड़ी अर्थात व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के उद्देश्य क्या हैं। इस योजना के तहत जो कार्य हो रहे हैं उसके पीछे छुपे उद्देश्यों के बारे में आपको थोड़ी बहुत जानकारी तो हो ही गई होगी फिर भी हम आपको चरण दर चरण इनके बारे में जानकारी दे देते हैं ताकि आपको स्पष्टता हो (Vehicle scrap policy ke uddeshya kya hai) सके।

वायु प्रदूषण में कमी लाना

इस योजना का मुख्य उद्देश्य तो वायु में प्रदूषण के स्तर को कम करना है। पुराने वाहनों के द्वारा बहुत ज्यादा प्रदूषण फैलाया जा रहा था। अब यदि सरकार की योजना के माध्यम से लोग अपने पुराने वाहनों को स्क्रैप पॉलिसी के अंतर्गत दे देते हैं तो इससे उनकी संख्या को कम करने में बहुत सहायता होगी इससे वायु प्रदूषण का स्तर भी बहुत कम हो जाएगा।

लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना

यदि सड़क पर एक समय के बाद पुराने वाहन चलते हैं तो यह लोगों की सुरक्षा पर भी गंभीर खतरा उत्पन्न करते हैं। अब यदि व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के तहत ऐसे वाहन सड़क से हट जाएंगे तो लोगों की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सकेगी। ऐसे में सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी और लोगों का यातायात का अनुभव बढ़िया होगा।

यातायात को बेहतर बनाना

यह पॉइंट ऊपर वाले बिंदु से थोड़ा संबंधित है फिर भी हम इसे थोड़ा अच्छे से समझा देते हैं। पुराने वाहनों में बहुत सारी समस्या हो सकती है और ऐसा भी देखा गया है कि पुराने वाहनों के कारण ही ज्यादा दुर्घटना भी होती है। अब यदि पुराने वाहन ही नहीं होंगे तो इससे यातायात भी बेहतर बनेगा और लोग नियमों को लेकर भी सजग होंगे।

पुराने वाहनों को हटाना

व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी का एक मुख्य उद्देश्य सड़क से पुराने वाहनों को हटाना और नए वाहनों को लाना है। आज के समय में इस योजना के तहत बहुत से पुराने वाहन पहले ही हटाए जा चुके हैं। इसी के साथ ही पिछले वर्ष भारत सरकार ने सरकारी वाहनों को भी जो इस योजना के अंतर्गत आते हैं उन्हें हटाने का लक्ष्य रखा है।

बैटरी आधारित वाहनों को बढ़ावा

अब भारत देश में सरकार के द्वारा बैटरी आधारित वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि प्रदूषण को कम से कम किया जा सके। इसी के साथ ही पेट्रोल व डीजल के लिए अन्य देशों पर अपनी निर्भरता को खत्म किया जा सके। इसी क्रम में व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी भी एक महत्वपूर्ण योगदान दे रही है जो बैटरी आधारित वाहनों को खरीदने के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर रही है।

व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के लाभ (Vehicle scrap policy benefits in Hindi)

ऊपर आपने व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के उद्देश्यों के बारे में पढ़ा है लेकिन इससे सामान्य व्यक्ति को क्या लाभ होता है इसके बारे में भी तो जानना आवश्यक है। अब यदि आपके पास आपका पुराना वाहन है और आप इसे व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के तहत रजिस्टर करवाने जा रहे हैं तो उसके अंतर्गत आपको किस-किस तरह के फायदे हो सकते हैं आइए उन पर भी एक नजर डाल लेते (Benefits of vehicle scrap policy in Hindi) हैं।

नए वाहन में डिस्काउंट मिलना

भारत सरकार ने व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के तहत उन लोगों को छूट देने के प्रावधान किए हैं जो नया वाहन लेने जा रहे हैं। ऐसे में आप शोरूम से जो भी नया वाहन लेने जा रहे हैं उस पर आपको 5 से 15% तक का डिस्काउंट मिल जाता (Vehicle scrap policy ke labh) है।

नए वाहन की खरीद पर रजिस्ट्रेशन छूट

अब आप जो नया वाहन खरीद रहे हैं उस पर आपको रजिस्ट्रेशन टैक्स चुकाना होता है। हालांकि जो लोग व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के तहत अपना पुराना वाहन देकर नया वाहन ले रहे हैं उन्हें अपने नए वाहन पर रजिस्ट्रेशन टैक्स नहीं देना होगा। यह भी लोगों के लिए फायदा नहीं तो और क्या (Scrap policy benefits in Hindi) है।

मोटर व्हीकल टैक्स में भी छूट

नए वाहन पर आपको परिवहन विभाग को मोटर व्हीकल टैक्स भी देना होता है तो परिवहन मंत्री नितिन गडकरी जी ने मोटर व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी को बढ़ावा देने के लिए इस टैक्स में भी छूट देने का प्रावधान जोड़ा है। इससे लोगों की जेब पर और भी ज्यादा असर पड़ा है और उनका पैसा बच रहा है।

स्क्रैप व्हीकल पर अलग से छूट

भारत सरकार ने सभी वाहन कंपनियों को यह भी निर्देश जारी किया है कि व्हीकल स्क्रैप में मिल रहे व्हीकल से नया व्हीकल लेने पर उसके प्राइस में भी डिस्काउंट रखें। इससे नए वाहन खरीदने वालों को और ज्यादा डिस्काउंट मिल जाता है।

ईंधन में पैसा बचना

बहुत से लोगों को इस लाभ के बारे में जानकारी नहीं होती है। दरअसल जो पुराने वाहन होते हैं वह ज्यादा ईंधन खर्च करते हैं जबकि जो नए वाहन हैं उनमें पेट्रोल व डीजल कम खर्च होता है। ऐसे में यदि आप अपने अभी के वाहन को व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के तहत दे देते हैं और नया वाहन खरीदते हैं तो इससे आपको हर महीने पेट्रोल व डीजल पर कम खर्च करना होगा यह आपके लिए सदाबहार फायदा है।

इतना ही नहीं देश के विभिन्न राज्यों की राज्य सरकार भी व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी को बढ़ावा देने के लिए अपनी ओर से अलग-अलग योजनाएं व स्कीम चला रही है। ऐसे में आपको यह देखना होगा कि आप किस राज्य में रहते हैं और उस राज्य की राज्य सरकार के द्वारा व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के तहत अपने नागरिकों को किस-किस तरह की छूट व डिस्काउंट दिए जा रहे हैं। उदाहरण के तौर पर उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा इसके लिए ग्राहकों को 15% तक की छूट प्रदान की गई है।

व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के नुकसान (Vehicle scrap policy ke nuksan)

अभी इस योजना को शुरू हुए कुछ ही वर्ष हुए हैं ऐसे में इस योजना के कुछ नुकसान भी देखने को मिल रहे हैं। अब हम आपको व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के तहत होने वाले कुछ नुकसान या इसकी खामियों के बारे में बताने जा रहे (Vehicle scrap policy disadvantages in Hindi) हैं। आईए जाने इनके बारे में।

  • बहुत बार यह देखने में आता है कि वाहन खराब होते हुए भी फिटनेस टेस्ट में पास हो जाते हैं। ऐसे में वाहन कितना पुराना है और कितना नहीं इसकी जांच करने में दुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
  • दूसरा नुकसान यह है कि इस योजना के अंतर्गत भारत में अभी भी जगह-जगह व्हीकल स्क्रैप केंद्र नहीं खोले गए हैं। ऐसे में लोगों को यदि अपना वाहन व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के अंतर्गत देना है तो उन्हें दूर दराज के क्षेत्र में जाना पड़ता है।
  • लोगों में अभी भी इस योजना को लेकर जागरूकता की कमी है। लोगों को लगता है कि भारत सरकार के द्वारा उनका व्हीकल ले लिया जाएगा और उन्हें उसके बदले में कुछ भी नहीं दिया जाएगा। ऐसे में लोग अपना व्हीकल देने से हिचकिचाते हैं।

तो यह थे व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के कुछ नुकसान। हालांकि इन पर तेजी से काम किया जा रहा है। भारत सरकार ने भी जगह-जगह स्क्रैप केंद्र खोलने के लिए आर्डर जारी किए हुए हैं। साथ ही लोगों को जागरूक करने के लिए जगह-जगह इसके बारे में बताया जा रहा है। अखबारों और समाचार चैनलों के माध्यम से भी लोगों को व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के बारे में जागरूक किया जा रहा है।

व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी क्या है – Related FAQs

प्रश्न: 20 साल पुरानी बाइक का क्या करें?

उत्तर: आप अपनी 20 साल पुरानी बाइक को व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के तहत भारत सरकार को दे सकते हैं। इससे आपको एक नहीं बल्कि कई तरह के लाभ देखने को मिलेंगे और वायु प्रदूषण भी कम होगा।

प्रश्न: न्यू व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी क्या है?

उत्तर: न्यू व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी भारत सरकार के द्वारा शुरू की गयी एक ऐसी योजना है जिसके द्वारा पुराने वाहनों को कबाड़ कर दिया जाता है और उसकी जगह नया वाहन खरीदा जाता है।

प्रश्न: व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी टू व्हीलर के लिए लागू है?

उत्तर: जी हां, व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी टू व्हीलर के लिए भी लागू है। इसके अंतर्गत बाइक, स्कूटर, विक्की इत्यादि सभी आती है जिन्हें आप सरकार को जमा करवा सकते हैं।

प्रश्न: एक बाइक कितने साल तक चला सकते हैं?

उत्तर: एक बाइक को आप अधिकतम 20 वर्ष तक ही चला सकते हैं उसके बाद आपको अपनी बाइक को व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के अंतर्गत भारत सरकार को देना होता है।

इस तरह से आज के इस लेख में आपने व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के बारे में सभी मूलभूत जानकारी ले ली है। यदि आपके पास भी 15 या 20 वर्ष से पुराना कोई वाहन है और उससे प्रदूषण होता है तो आप इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। हम भी आपको यही परामर्श देंगे कि आप अपने पुराने हो चुके वाहन को व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के तहत भारत सरकार को दे दें और उसकी जगह एक नया और बैटरी आधारित वाहन खरीदें।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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