|| विधायक कैसे बनते है? | Vidhayak kaise bante hain | MLA kitne saal ka hota hai | विधायक बनने के लिए चुनाव प्रक्रिया | विधायक के कार्य | विधायक का चुनाव कौन लड़ सकता है? | विधानसभा का सदस्य कैसे बने? | विधायक को कितने वर्ष के लिए चुना जाता है? | एक राज्य में कितने विधायक होते हैं? |
Vidhayak kaise bante hain :- आपने कई बार बॉलीवुड फिल्मो में यह डायलॉग सुना होगा कि हमारे पापा विधायक है या हमारे चाचा विधायक है और उसके बाद व्यक्ति को धौंस जमाते हुए देखा होगा। तो यदि आप इसके लिए विधायक बनने जा रहे हैं तो आज ही आप यह विचार छोड़ (Vidhayak kaise bane) दीजिए। वैसे देश में इस तरह के विधायको की कोई कमी नहीं है लेकिन एक विधायक का मूल कर्तव्य देश और अपने क्षेत्र के लोगों की सेवा करना होता है। यह मूल भावना और कर्तव्य आज के समय में लगभग विलुप्त सी ही हो गई है।
तो यदि आप इस लेख के माध्यम से यह जानने आये हैं कि एक विधायक कौन होता है, विधायक कैसे बनते हैं और उसकी क्या प्रक्रिया है तो आज हम आपके साथ इसी विषय पर ही चर्चा करने वाले (Vidhayak kaise banaya jata hai) हैं। आज के इस लेख को पढ़ कर आप यह भलीभांति समझ जाएंगे कि भारत देश में किस तरह से विधायक का चुनाव लड़ा जाता है और उसके जरिये विधायक बना जाता है। तो आइए जाने विधायक कैसे बनते हैं।
विधायक कैसे बनते है? (Vidhayak kaise bante hain)
विधायक बनना कोई आसान काम नहीं होता है और इसके लिए पूरी मेहनत करने की जरुरत होती है। साथ ही जब तक आपके ऊपर जनता का या किसी बड़ी राजनीतिक पार्टी का हाथ नहीं है तब तक आप चाहकर भी विधायक नहीं बन सकते हैं। आप विधायक का चुनाव दो तरीको से ही जीत सकते हैं या तो अपनी पार्टी के नाम पर या फिर स्वयं के नाम (Vidhayak kaise banti hai) पर। इन दोनों के अलावा आपके पास कोई अन्य विकल्प नहीं बचता है।
तो विधायक बनने से पहले आपको उसके बारे में संपूर्ण जानकारी ले लेनी चाहिए। इसे जानने के बाद ही तो आप यह जान पाएंगे कि भारत देश में विधायक कौन होता है और वह कैसे बना जा सकता है। तो आइए जाने विधायक के बारे में शुरू से लेकर अंत तक संपूर्ण जानकारी सरल शब्दों में।
विधायक कौन होता है? (Vidhayak kaun hota hai)
सबसे पहले बात करते हैं कि यह विधायक आखिरकार होता क्या है और वह काम क्या करता है। तो भारत देश कई राज्यों में बंटा हुआ देश है। यहाँ पर जनसंख्या, क्षेत्रफल, भाषा, रीति रिवाज इत्यादि के आधार पर कई राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों का निर्माण किया गया (Vidhayak kaun hai) है। अब देश के प्रधानमंत्री और भारत सरकार का चुनाव तो देश के सभी सांसद मिल कर करते हैं लेकिन संघीय ढांचे को इस तरह से बनाया गया है कि उसमे हर राज्य की अपनी राज्य सरकार होती है। अब उस राज्य का एक मुख्यमंत्री व मंत्रिमंडल होता है।
तो यही मुख्यमंत्री, मंत्रिमंडल इत्यादि के सदस्य पहले विधायक का चुनाव लड़ते हैं और उसके बाद ही उस पद तक पहुँचते हैं। ऐसे में एक विधायक वह होता है जो अपने राज्य के किसी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता (Vidhayak kon hota hai) है। वह वहां पर देश की किसी राजनीतिक पार्टी के माध्यम से या स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ता है और जीतता है। उसके बाद वह अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है और विधायक राशि व शक्तियों के द्वारा अपने क्षेत्र का विकास करता है।
विधायक किसका सदस्य होता है? (Vidhayak kiska pratinidhi hota hai)
जो भी व्यक्ति विधायक का चुनाव लड़ता है और यदि वह उसमे जीत जाता है तो उसे विधायक कहा जाता है। तो अब आपका प्रश्न यह होगा कि वह किसका सदस्य कहलाया जाता है। चुनाव से पहले तो वह अपनी पार्टी का सदस्य होता है जो विधायक का चुनाव लड़ रहा होता है किंतु यदि वह व्यक्ति चुनाव जीत जाता है तो वह विधायक कहलाया जाता है। अब वह किसी पार्टी का सदस्य होने से पहले उस राज्य की विधान सभा का सदस्य कहलाता है।
कहने का अर्थ यह हुआ कि एक विधायक पहले किसी पार्टी का सदस्य ना होकर उस राज्य के एक सीमित क्षेत्रफल का विधायक कहा जाता है जो अपने क्षेत्र का राज्य की विधानसभा में प्रतिनिधित्व करता है। तो इस तरह से वह अपने राज्य की विधानसभा का सदस्य कहलाता है।
देश का कोई भी व्यक्ति विधायक का चुनाव लड़ सकता है लेकिन उसके लिए कुछ नियम बनाए गए हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि आप उन नियमो का पालन करते हैं तभी आप अपने राज्य में विधायक का चुनाव लड़ सकते हैं। तो ऐसे में आपको उन नियम व पात्रता मापदंड के बारे में भी जानना होगा जिनका पालन किये जाने के बाद ही आप विधायक का चुनाव लड़ पाएंगे। तो आइए जाने विधायक का चुनाव लड़ने के लिए क्या क्या नियम और पात्रता मापदंड बनाए गए हैं जो किसी भी व्यक्ति को विधायक का चुनाव लड़ने के लिए रोकते हैं या उन्हें उसके लिए पात्र बनाते हैं।
विधायक का चुनाव लड़ने के लिए अलग अलग क्षेत्रों में अलग अलग पात्रता मापदंड निर्धारित किये गए हैं। अब आप सोच रहे होंगे की क्या अन्य सरकारी अधिकारियों की भांति इसमें भी शिक्षा की योग्यता बनाई गयी या कुछ और योग्यता निर्धारित की गयी है, तो अब हम आपके साथ एक एक करके विधायक बनने की सभी पात्रता और चिंता को दूर करने वाले हैं।
विधायक बनने के लिए आयु सीमा
विधायक बनने के लिए न्यूनतम आयु सीमा को 25 वर्ष निर्धारित किया गया है अर्थात आप 25 वर्ष की आयु से पहले विधायक का चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। हालाँकि वर्तमान समय में देश की संसद के द्वारा इस पर विचार किया जा रहा है और इस न्यूनतम आयु को 21 वर्ष या 18 वर्ष किये जाने के बारे में सोचा जा रहा है जो कि एक सराहनीय कदम (Vidhayak eligibility in Hindi) होगा। इससे देश के युवाओं को विधानसभा में देश का प्रतिनिधित्व करने का अवसर प्राप्त होगा।
किंतु विधायक बनने के लिए अधिकतम आयु सीमा का कोई प्रावधान नहीं है। जहाँ एक ओर सरकार सरकारी अधिकारियों को 60 या 65 वर्ष की आयु पूर्ण करने के पश्चात उन्हें काम करने के लायक नहीं समझती वही राजनेताओं को मरणासन्न स्थिति में भी विधायक का चुनाव लड़ने का अधिकार दिया जाता है। व्यक्ति की 25 वर्ष से अधिक की आयु कितनी भी हो, वह किसी भी स्थिति में विधायक का चुनाव लड़ सकता है और जीत भी सकता है।
विधायक बनने के लिए शैक्षणिक योग्यता
यदि आपको देश में निजी नौकरी चाहिए या सरकारी या कुछ भी अन्य महत्वपूर्ण काम करना हो जो निम्न श्रेणी का ना हो, तो उसके लिए आपको कुछ ना कुछ पढ़ा लिखा हुआ होना जरुरी (Vidhayak qualifications in Hindi) है। देश में अच्छे पद पर सरकारी नौकरी करनी है तो आपको स्नातक तक पढ़ा हुआ होना जरुरी है लेकिन विधायक बनने के लिए आपको कुछ भी पढ़ना लिखना जरुरी नहीं है।
कहने का तात्पर्य यह हुआ कि चाहे आप स्नातक हो या पीएचडी धारक या 12 वीं पास या अनपढ़, आप आसानी से विधायक का चुनाव लड़ सकते हैं। विधायक बनने के लिए शिक्षा की किसी भी योग्यता को नहीं जोड़ा गया है और कोई भी व्यक्ति बिना पढ़े लिखे भी विधायक का चुनाव लड़ सकता है।
भारतीय नागरिकता
यदि आप भारत देश के नागरिक नहीं है तो आप किसी भी स्थिति में किसी भी राज्य में विधायक का चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विधायक का चुनाव लड़ने के लिए भारत का नागरिक होना अति आवश्यक है। ऐसे में जब तक आपके पास भारत देश की नागरिकता नहीं होगी तब तक आप विधायक का चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे।
राज्य का वोटर होना
अब जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि विधायक किसी राज्य की विधानसभा का सदस्य बनने के लिए ही चुनाव लड़ता है। अब यदि वह व्यक्ति उस राज्य में जन्मा ही नहीं है या फिर उस राज्य का वोटर ही नहीं है तो फिर कैसे ही वह वहां का प्रतिनिधित्व कर पाएगा।
तो आप जिस भी राज्य में विधायक का चुनाव लड़ने जा रहे हैं उस राज्य की किसी भी क्षेत्र की मतदाता सूची में आपका नाम अनिवार्य रूप से होना चाहिए। यह आवश्यक नहीं कि आपका नाम उसी क्षेत्र की मतदाता सूची से ही हो जहाँ से आप विधायक का चुनाव लड़ रहे हैं, आपका नाम बस उस राज्य की किसी भी क्षेत्र की मतदाता सूची में होना जरुरी होता है।
आपराधिक मुकदमा व कारावास
देश में विधायको पर बढ़ते आपराधिक मुकदमो और उनको मिली सजा को देखते हुए सर्वोच्च न्यायालय और भारत सरकार ने विधायक बनने की पात्रता के रूप में यह नियम भी जोड़ा है। तो किसी ऐसे व्यक्ति को विधायक का चुनाव लड़ने नहीं दिया जा सकता है जिस पर किसी आपराधिक मुकदमे के तहत एक वर्ष या उससे अधिक के कारावास की सजा मिली हुई है। साथ ही विधायक रहते हुए भी यदि किसी व्यक्ति को न्यायालय से एक वर्ष या उससे अधिक के कारावास की सजा मिलती है तो उसे अपनी विधायकी से इस्तीफा देना पड़ता है।
अब बात करते है विधायक बनने के लिए आवश्यक चुनाव प्रक्रिया के बारे में। तो इसके बारे में लगभग तो आपको अनुमान होगा ही फिर भी हम इसे विस्तृत रूप देते हुए आपको समझाने का प्रयास करेंगे कि यदि कोई व्यक्ति विधायक बनना चाहता है तो उसे क्या कुछ करना (Vidhayak election process in Hindi) होगा। तो आइए चरण दर चरण तरीके से इसके बारे में जान लेते हैं।
- सबसे पहले तो आप ऊपर बताई गयी पात्रता को अच्छी तरह से पढ़े और देखे कि क्या आप उनका पालन करते हैं। यदि आप उनका पालन करते हैं तभी आप अपने राज्य में विधायक का चुनाव लड़ पाएंगे।
- अब आप यह देखे कि आपके यहाँ कौन कौन सी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियाँ चुनावी मैदान में अपने उम्मीदवार उतारती है और उनके द्वारा किस तरह की विचारधारा का पालन किया जाता है।
- आपकी विचारधारा जिस भी पार्टी के साथ मेल खाती है, आपको उनके पार्टी ऑफिस में जाकर अपने क्षेत्र से विधायक की टिकट लेने के लिए आवेदन पत्र देना चाहिए। यह एक बहुत ही मुश्किल वाला काम होता है और उसके लिए आप पहले से ही उस पार्टी से जुड़े हुए होने चाहिए क्योंकि किसी भी पार्टी के द्ववारा अपने कार्यकर्ताओं को ही चुनाव लड़ने का अवसर प्रदान किया जाता है।
- तो यदि आपको किसी पार्टी से विधायक का चुनाव लड़ने के लिए टिकट मिल जाता है तो यह बहुत अच्छी बात होगी और यदि यह नहीं भी मिलता है तो आप निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ सकते हैं।
- अब चाहे आप किसी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर विधायक का चुनाव लड़ने जा रहे हो या स्वतंत्र रूप से, इसके लिए आपको चुनाव आयोग के कार्यालय जाना होगा और वहां से विधायक का चुनाव लड़ने के लिए फॉर्म लेना होगा और उस पर सब जानकारी भरनी होगी।
- इसी के साथ आपको अपनी पहचान तथा अन्य सभी सरकारी और निजी दस्तावेज चुनाव आयोग के अधिकारियों को दिखाने होंगे और उनकी प्रतिलिपि सौंपनी होगी।
- आपके द्वारा भरे गए फॉर्म और दस्तावेज के सत्यापन के पश्चात आपको विधायक का चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम राशि को जमा करवाना होगा। इसी के साथ आपके साथ 4 व्यक्ति आपके प्रस्तावक बन कर आने चाहिए जो उसी क्षेत्र के ही होने चाहिए।
- यदि सब कुछ सही रहता है तो फिर आपको विधायक का चुनाव लड़ने के लिए चुनाव आयोग से हरी झंडी मिल जाएगी और अब आपका काम प्रचार करना होगा।
- तो विधायक का चुनाव होने से पहले तक आपको अपने विधानसभा के क्षेत्र में जगह जगह घूम कर तथा अलग अलग तरीको से चुनाव प्रचार करना होगा और लोगों तक पहुँच बनानी होगी।
- इसके लिए आपको विधायक का चुनाव लड़ने वाले बाकी उम्मीदवार जितना ही खर्च करना होगा जिसकी सीमा चुनाव आयोग तय करता है। यदि आप उससे अधिक खर्च करते हैं तो आपके ऊपर कानूनी कार्यवाही हो सकती है।
- इसके बाद चुनाव आयोग द्वारा तय तिथि और समय पर चुनाव प्रक्रिया संपन्न करवाई जाती है और उसके बाद तय तिथि पर उसका परिणाम घोषित किया जाता है।
- तो इस परिणाम में यदि आप हार जाते हैं तो अगले 5 वर्ष के लिए प्रतीक्षा कीजिए और यदि जीत जाते हैं तो सबसे पहले तो आपको बहुत बहुत बधाई।
- अब आपको अपने राज्य की राजधानी के राजभवन में जाना होगा और वहां के राज्यपाल आपको विधायक बनने की शपथ दिलवाएंगे।
- यह ध्यान रखे कि यदि वहां की सरकार के द्वारा आपको मंत्रीपद दिया जाता है तो आपको राजभवन में राज्यपाल के समक्ष शपथ लेनी होगी और यदि आप केवल विधायक ही रहते हैं तो आपको विधानसभा में शपथ लेनी होगी।
- तो इस पूरी प्रक्रिया के बाद आप अगले 5 वर्षों के लिए विधायक बन जाते हैं और अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। हालाँकि यदि किसी कारणवश सरकार गिर जाती है या राष्ट्रपति शासन लग जाता ((MLA election procedure in Hindi) है या आपको न्यायालय से एक वर्ष की अधिक की सजा हो जाती है या अन्य किसी कारण से आपकी विधायकी छिन जाती है तो आपके क्षेत्र में पुनः विधायक के चुनाव करवाए जाते हैं।
विधायक के कार्य (Vidhayak ke karya)
अब हम उस विषय के बारे में बात करने जा रहे हैं जो विधायक बनने के बाद सबसे महत्वपूर्ण होते हैं लेकिन उसके बारे में शायद ही कोई विधायक सोचता होगा क्योंकि सभी को केवल अपनी राजनीति चमकाने से ही समय नहीं मिलता है। तो एक विधायक का कार्य बहुत ही महत्वपूर्ण होता है क्योंकि अपने क्षेत्र की मुख्य आवाज वही होता है, ना कि कोई महापौर, सांसद या अन्य कोई जनप्रतिनिधि। तो विधायक के कार्य में यह सब आते हैं:
- एक विधायक को अपने क्षेत्र की सभी समस्याओं को सुलझाना होता है और जनता को सुनना होता है। वह समस्या किसी भी चीज़ से जुड़ी हो सकती है फिर चाहे वह पेयजल की हो, सड़क की हो, स्वास्थ्य की हो या शिक्षा से संबंधित। एक विधायक का कर्तव्य इन सभी क्षेत्रों से जुड़ी समस्याओं का निवारण करने का होता है।
- इसके साथ ही अपने विधानसभा के क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगाना भी विधायक का ही कर्तव्य होता है। इसके लिए वह अपने यहाँ के सरकारी अधिकारियों संग समय समय पर बैठक करता है, उनसे विभिन्न विषयों पर रिपोर्ट लेता है और उनकी समीक्षा करता है और उसके आधार पर ही उन्हें दिशा निर्देश देता है।
- अपने क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों का अवलोकन करना, नए विकास कार्य शुरू करवाना, लोगों को रोजगार दिलवाना, उनकी उन्नति के लिए कार्य करना इत्यादि सब भी एक विधायक के ही कार्य होते हैं।
- राज्य की विधानसभा में अपने क्षेत्र और राज्य से संबंधित समस्याओं को उठाना, किसी पर अपना सुझाव देना, सरकार के साथ विचार विमर्श करना और उस पर प्रश्नोत्तर करना भी विधायक का ही कार्य होता है।
- अपने क्षेत्र के लोगों के साथ जुड़े रहना, समय समय पर उनके साथ समय बिताना, उन्हें सुनना, उनकी समस्याओं का निवारण करना, उनसे जुड़े कार्य करवाना भी विधायक का कार्य होता है।
- क्षेत्र के विकास के लिए नयी नयी योजना बनाना, उनका क्रियान्वयन करवाना, अधिकारियों को दिशा निर्देश देना, उनके काम का अवलोकन और जांच करना, भ्रष्टाचार पर कार्यवाही करना इत्यादि भी विधायक का काम ही कहा जाएगा।
- अपने यहाँ के सांसद को सूचना देना, उन्हें अपने क्षेत्र की समस्या को देश की संसद में उठाने को कहना, अपने यहाँ के अन्य जनप्रतिनिधियों जैसे कि गाँवों के सरपंच, वार्ड के पार्षद इत्यादि के साथ समनव्य स्थापित करके काम करना भी विधायक का ही कार्य होता है।
इन सभी कार्यों को देखते हुए ही हमने आपको कहा कि किसी भी क्षेत्र के लिए मुख्य तौर पर उत्तरदायी वहां का विधायक ही कहा जाता है। एक सांसद का कार्य देश को चलाना होता है ना कि उस क्षेत्र का विकास करवाना। उसी तरह सभापति, पार्षद, मेयर इत्यादि का कार्य क्षेत्र के लिए छोटे मोटे काम जैसे कि साफ सफाई करवाना, सड़के बनवाना इत्यादि तक ही सीमित होता है। तो कोई क्षेत्र या शहर किस स्थिति में हैं यह पूर्ण रूप से वहां के विधायक पर ही निर्भर करता है।
विधायक कितने साल के लिए बनता है? (Vidhayak kitne saal ka hota hai)
अब यदि आप विधायक का चुनाव लड़ रहे हैं और आप जीत जाते हैं तो इसका अर्थ हुआ आप उस क्षेत्र का अगले पांच वर्ष के लिए प्रतिनिधित्व करने वाले हैं। भारतीय संविधान के अनुसार किसी भी क्षेत्र में विधायक का चुनाव पांच वर्ष के लिए मान्य होता (MLA kitne saal ka hota hai) है। तो यदि आप अपने क्षेत्र के विधायक चुन लिए जाते हैं तो आप अगले 5 वर्षों के लिए वहां के सर्वेसर्वा कहलाते हैं।
हालाँकि इसमें भी कुछ अपवाद है जैसे कि यदि किसी कारणवश वहां की राज्य सरकार गिर जाती है और फिर से चुनावो की घोषणा हो जाती है तो आपको अपनी विधायकी छोड़ कर फिर से चुनावी मैदान में उतरना पड़ेगा। इसके अलावा यदि केंद्र सरकार उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दे तो राष्ट्रपति शासन हटने के बाद वहां पर फिर से चुनाव करवाए जाते हैं। इनके अलावा यदि आपके ऊपर किसी आपराधिक मुकदमे के तहत न्यायालय एक वर्ष से अधिक के कारावास की सजा सुना दे तो भी आपको विधायकी से इस्तीफा देना होगा।
विधायक किसको रिपोर्ट करता है? (Vidhayak kisko report karta hai)
आपको यह भी जानलेना चाहिए कि विधायक बनने के बाद वह अपने राज्य में किसे रिपोर्ट करेगा। तो यदि आप सोच रहे हैं कि आप अपने यहाँ के मुख्यमंत्री या अपनी पार्टी के अध्यक्ष या अन्य किसी राजनेता को रिपोर्ट करेंगे तो आप गलत है। इसके लिए संविधान के तहत एक प्रक्रिया बनाई गयी (MLA kisko report karta hai) है और विधायक को भी उसी प्रक्रिया के अनुरूप ही कार्य करना होता है।
तो यदि आप विधायक बन जाते हैं तो आपको अपने राज्य के राज भवन जाकर वहां के राज्यपाल को रिपोर्ट करना होता है। राज्यपाल ही आपको उस क्षेत्र का विधायक नियुक्त करता है और वह जब चाहे आपको उस पद से हटाने की भी शक्ति रखता है। यहाँ तक कि आपके यहाँ का राज्यपाल देश के राष्ट्रपति को वहां की सरकार गिराने के लिए भी कह सकता है और वहां राज्यपाल या राष्ट्रपति शासन लागू करवा सकता है।
विधायक कैसे बनते है – Related FAQs
प्रश्न: विधायक कौन है और वह कैसे चुना जाता है?
उत्तर: विधायक विधानसभा का सदस्य होता है और वह चुनावी प्रक्रिया के तहत उस क्षेत्र के लोगों के द्वारा चुना जाता है।
प्रश्न: विधायक को कितने वर्ष के लिए चुना जाता है?
उत्तर: विधायक को 5 वर्ष के लिए चुना जाता है।
प्रश्न: विधानसभा का सदस्य कैसे बने?
उत्तर: विधानसभा का सदस्य बनने के लिए विधायक का चुनाव लड़ा जाता है और उसको जीत कर ही विधानसभा का सदस्य बना जा सकता है।
प्रश्न: एक राज्य में कितने विधायक होते हैं?
उत्तर: हर राज्य में विधायको की संख्या वहां के क्षेत्रफल और जनसंख्या पर निर्भर करती है जो भिन्न भिन्न हो सकती है।
तो इस तरह से आज के इस लेख के माध्यम से आपने जाना कि यदि आप विधायक बनना चाहते हैं तो उसके लिए किस तरह की चुनावी प्रक्रिया का पालन आपको करना होगा। हालाँकि आप इस बात का आवश्यक तौर पर ध्यान रखे कि आप विधायक का चुनाव अपने क्षेत्र और राज्य सेवा के लिए ही लड़े, अन्यथा इस देश पर एक और बोझ तो मत ही बनिए।