विज्ञापन क्या है? | विज्ञापन की परिभाषा, प्रकार व महत्व | Vigyapan kya hai

|| विज्ञापन क्या है? | Vigyapan kya hai | Advertisement in Hind | विज्ञापन की परिभाषा (Vigyapan ki paribhasha | Vigyapan ke prakar | Vigyapan ke madhyam kya hai | विज्ञापन के लाभ | विज्ञापन के नुकसान | Vigyapan ke nuksan ||

Vigyapan kya hai :- अब यदि आप अपने घर से बाहर निकल जाएं या ऑनलाइन कुछ भी चला लें या कहीं भी नज़र घुमाकर देख लें तो आपको सब जगह एक ही चीज़ मुख्य रूप से नजर आएगी और वो होगी तरह तरह की कंपनियों के प्रोडक्ट्स की सर्विसेज से जुड़े विज्ञापन। आज के समय को हम विज्ञापन का दौर कहेंगे तो भी कोई अतिश्योक्ति नही होगी क्योंकि हर कोई अपने प्रोडक्ट्स का प्रचार प्रसार करने में जमकर पैसा बहा रहा (Advertisement in Hindi) है।

अब तो स्थिति यह तक हो गयी है कि ज्यादातर कंपनियां अपने असली प्रोडक्ट या सेवा पर पैसा लगाने की बजाये, अपना अधिकतर पैसा उसके विज्ञापन व उसकी पैकिंग पर ही खर्च कर देती है और जिस काम के लिए ग्राहक उस प्रोडक्ट को खरीद रहा है, वह कम गुणवत्ता वाला रह जाता है। तभी तो कहा जाता है कि आज का जमाना दिखावे का जमाना है जबकि असली चीज़ तो पीछे रह जाती (What is advertisement in Hindi) है।

तो हम बात कर रहे हैं विज्ञापन के बारे में और आज के इस लेख में आपको इसी के बारे में ही जानने को मिलेगा। अब यह विज्ञापन क्या होता है, इसके माध्यम से क्या कुछ किया जाता है, इसका क्या महत्व है और इससे क्या क्या फायदे देखने को मिलते हैं, इत्यादि के बारे में आपको इसी लेख के माध्यम से जानने को मिलेगा। आइये विज्ञापन के बारे में शुरू से लेकर अंत तक संपूर्ण जानकारी ले लेते (Advertisement meaning and definition in Hindi) हैं।

विज्ञापन क्या है? (Vigyapan kya hai) 

आप हर जगह विज्ञापन देखते तो हैं ही लेकिन इसकी परिभाषा क्या होती है या फिर विज्ञापन किसे कहा जा सकता है और इससे हमारा क्या आशय होता है? आइये इसके बारे में बात कर लेते हैं। तो विज्ञापन उस चीज़ को कहा जाता है जिसके माध्यम से किसी भी वस्तु या सेवा का प्रचार प्रसार करने का काम किया जाता है। अब यदि कोई व्यक्ति अपनी कंपनी खोलता है या व्यवसाय शुरू करता है तो उसके माध्यम से वह अपने उत्पाद या सेवाओं को लोगों तक पहुंचाकर लाभ कमाता (What is advertising in Hindi) है।

विज्ञापन क्या है विज्ञापन की परिभाषा, प्रकार व महत्व Vigyapan kya hai

किन्तु जब लोगों को इसके बारे में पता ही नहीं होगा तो कैसे ही वे उसके बनाये उत्पाद को खरीदेंगे या क्यों ही उसकी सेवा का लाभ उठाएंगे। तो इसके लिए उन उत्पादों या सेवा के बारे में लोगों को सूचित किया जाना बहुत ही आवश्यक कार्य हो जाता है। अब यही सूचित करने का कार्य ही विज्ञापन के माध्यम से किया जाता है जिसके लिए वह व्यक्ति कई तरह के हथकंडे अपनाता है या यूँ कहें कि विज्ञापन के तरह तरह के प्रकारों के माध्यम से इन्हें करता (Vigyapan kya hota hai) है।

एक तरह से विज्ञापन को हम किसी भी उत्पाद या सेवा के प्रचार प्रसार या अंग्रेजी में प्रोमोशन से जोड़ कर देख सकते हैं। यह उस उत्पाद के बारे में लोगों को सूचित कर उन्हें उसकी खरीदी करने के लिए आकर्षित करता है। वहीं सेवा के बारे में जानकारी देकर उसका लाभ उठाने को प्रेरित करता है। अब यदि आप विज्ञापन के बारे में अच्छे से समझना चाहते हैं तो अब हम विज्ञापन की परिभाषा को आपके सामने रखने जा रहे (Vigyapan ke bare mein jankari) हैं।

विज्ञापन की परिभाषा (Vigyapan ki paribhasha)

किसी भी कंपनी, उद्योग, व्यापार, संस्था, व्यक्ति, सरकार इत्यादि किसी के भी द्वारा अपने से जुड़ी किसी योजना, स्कीम, जानकारी, उत्पाद, सेवा इत्यादि के बारे में आमजन, व्यक्ति समूह, जाति, धर्म, मोहल्ले इत्यादि को सूचित करने का काम किया जाए तो इसके लिए वह ऑडियो, वीडियो, टेक्स्ट, फोटो इत्यादि के माध्यम से उसे ऑनलाइन या ऑफलाइन या अन्य किसी भी माध्यम से जानकारी दे तो उसे ही विज्ञापन कहा जाता (Definition of advertisement in Hindi) है।

एक तरह से आपको किसी अन्य व्यक्ति या किसी भी अन्य संस्था के माध्यम से किसी चीज़ की जानकारी ऑनलाइन या ऑफलाइन तरीके से मिल रही है तो उसे ही विज्ञापन कहा जाता है। यह एक तरह से किसी भी रूप में दी जा सकती है और वह विज्ञापन के प्रकार के अंतर्गत आती है। इसके बारे में हम नीचे बात करेंगे ताकि आपको अच्छे से इसके बारे में पता चल सके।

विज्ञापन क्यों जरुरी है? (Vigyapan kyon jaruri hai)

कई लोगों के दिमाग में यह प्रश्न उठता है कि आखिरकार विज्ञापन देना क्यों जरुरी होता है। तो इसे हम एक उदाहरण देकर आपको समझा देते हैं। अब मान लीजिये कि आपके घर में रात्रि कीर्तन होने वाला है और उसके लिए आप अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को आमंत्रित करते हैं। तो उन्हें तो आप जानते हैं और आप उन्हें बुला रहे हैं। यदि आप उन्हें नहीं बुलाते हैं तो ना उन्हें पता चलता और ना ही वे आपके यहाँ कीर्तन में आते।

ठीक उसी तरह अब आप अपने शहर में एक बड़ा कीर्तन रखने जा रहे हैं जिसे हम उत्सव कह सकते हैं। उसमें ना केवल आपके रिश्तेदार या दोस्त आमंत्रित हैं बल्कि शहर के आम नागरिक भी आमंत्रित किये गए हैं। तो अब आप अपने रिश्तेदारों या दोस्तों को तो फोन करके या मैसेज करके उत्सव के बारे में बता देंगे लेकिन जिन्हें आप नहीं जानते हैं अर्थात आपके शहर या गाँव के आमजन, उन्हें किस तरह से आमंत्रित किया जाएगा!!

तो इसके लिए आपको विज्ञापन का ही आश्रय लेना होगा। इसके लिए आपको बैनर, पोस्टर या होअर्डिंग इत्यादि बनवा कर अपने शहर की मुख्य जगहों पर लगवाने होंगे या फिर एक स्पीकर के जरिये शहर भर में घोषणा करवानी होगी कि इस जगह पर इतने बजे उत्सव का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है जिसमें शहरभर के लोग आमंत्रित हैं। इस तरह से आपने विज्ञापन देकर उस उत्सव के बारे में लोगों को सूचित करने का काम किया है। तो यही चीज़ प्रोडक्ट्स व सेवाओं के बारे में लोगों को सूचित करने के लिए आवश्यक होती है।

विज्ञापन का महत्व (Vigyapan ka mahatva kya hai)

अभी तक आपने विज्ञापन की परिभाषा और आवश्यकता के बारे में जान लिया है लेकिन इस विज्ञापन का क्या महत्व होता है, इसके बारे में भी जानकारी ली जानी जरुरी होती है। वैसे आज के समय में विज्ञापन के महत्व के बारे में बताया जाना जरुरी नहीं है क्योंकि हर कोई इसके महत्व को जानता और समझता है। अब आज का दौर विज्ञापन का ही दौर है तो कौन विज्ञापन की महत्ता से परिचित नहीं होगा। इसके बारे में आप ऊपर बताये गए उत्सव के विज्ञापन से ही समझ सकते (Vigyapan ka mahatva) हैं।

अब यदि आप उत्सव के बारे में विज्ञापन देकर लोगों को सूचित ही नहीं करते तो उस उत्सव में आपके रिश्तेदारों और मित्रों के अलावा और कोई नहीं आता क्योंकि आमजन को इसके बारे में पता ही नहीं होता। यही हाल उत्पाद व सेवाओं के लिए भी है। अब यदि किसी व्यक्ति को अपने द्वारा बनाये गए उत्पादों को बेचना है या अपनी दुकान का समान बेचना है और उनकी पब्लिसिटी करनी है तो निश्चित तौर पर उसे उसके लिए विज्ञापन देना ही (Advertisement importance in Hindi) होगा।

एक तरह से विज्ञापन के जरिये आप ज्यादा से ज्यादा लोगों को सूचित कर अपना लाभ करने का काम करते हैं। यह एक तरह से व्यापक व्यापारिक रणनीति का ही एक भाग होता है जिसमें आप कुछ पैसा विज्ञापन के लिए भी बचा कर रखते हैं। केवल अच्छी गुणवत्ता का सामान बना लेने या अच्छी सेवा दे देने से ही कुछ नहीं होता है बल्कि उसके लिए लोगों को सही समय पर और सही लोगों को सूचित किया जाना भी आवश्यक होता है। बस इसी में ही विज्ञापन की अहम भूमिका होती (Vigyapan importance in Hindi) है।

विज्ञापन के प्रकार (Vigyapan ke prakar)

अब हम बात करने वाले हैं विज्ञापन के प्रकारों के बारे में ताकि आपको पता चल सके कि किस तरह से विज्ञापन को दिखाया या भेजा जा सकता है। तो यदि आपको लगता है कि केवल सड़क पर दिखने वाले होअर्डिंग ही विज्ञापन में आते हैं तो आप गलत हैं। बदलते ज़माने के साथ साथ इसमें कई तरह की नयी श्रेणियां जुड़ गयी है और आगे जाकर भी इसमें जुड़ती चली जाएँगी या इनमें परिवर्तन आता (Advertisement types in Hindi) जाएगा।

ऐसे में विज्ञापन के कुछ निर्धारित प्रकार नहीं हैं लेकिन उनमें से जो प्रसिद्ध विज्ञापन के प्रकार हैं, उनके बारे में हम आपको जानकारी देने जा रहे हैं। तो आइये जाने विज्ञापन के विभिन्न प्रकारों के बारे में।

  • होअर्डिंग: सबसे पहले विज्ञापन की श्रेणी में होअर्डिंग आते हैं। आपके शहर में विज्ञापन को लगाने के लिए सरकार व नगर नियम की ओर से विज्ञापन की व्यवस्था की गयी होती है जिन्हें कुछ समय के लिए किराये पर लिया जाता है और उन पर अपने होअर्डिंग लगाये जाते हैं।
  • बैनर: होर्डिंग के अलावा बैनर का प्रचलन भी बहुत आम है और इसमें लोग अपने बनाये बैनर को इधर उधर लगाकर लोगों को अपने प्रोडक्ट व सेवा के बारे में सूचित करने का काम करते हैं।
  • पोस्टर: यह जरुरी नहीं है कि होअर्डिंग या बैनर के जरिये ही विज्ञापन किया जाए बल्कि कई तरह के पोस्टर छपवा कर उन्हें लोगों को सीधा बाँट देना भी विज्ञापन का ही एक भाग होता है। इन्हें हम पम्फलेट भी कह सकते हैं।
  • स्टीकर: अब आपने लोगों के वाहनों, घरों इत्यादि पर स्टीकर चिपके हुए देखे होंगे जो अधिकतर राजनीतिक पार्टियों व राजनेताओं से जुड़े हुए होते हैं। तो इन माध्यम के जरिये भी विज्ञापन दिया जाता है।
  • सोशल मीडिया पोस्ट: आप तरह तरह की सोशल मीडिया उपयोग में लाते होंगे जैसे कि फेसबुक, व्हाट्सऐप इत्यादि। तो इन पर दिखने वाले विज्ञापन भी इसी श्रेणी के अंतर्गत आते हैं।
  • ऑडियो: यह जरुरी नहीं है कि केवल पोस्टर इत्यादि में छपवा कर ही विज्ञापन के बारे में बताया जाये बल्कि लोग अपना अनुभव ऑडियो के माध्यम से शेयर कर भी किसी उत्पाद या सेवा का प्रचार प्रसार करते हुए पाए जाते हैं।
  • वीडियो: जिस प्रकार ऑडियो के माध्यम से विज्ञापन दिए जाते हैं ठीक उसी तरह वीडियो के माध्यम से भी प्रचार प्रसार करने का काम किया जाता है। आज के समय में वीडियो वाले विज्ञापन में बहुत तेजी देखने को मिल रही है। टीवी इत्यादि पर आने वाली ऐड इसी का ही एक भाग होती है।
  • टेक्स्ट: आपको व्हाट्सऐप या मोबाइल टेक्स्ट पर किसी योजना, उत्पाद इत्यादि की सूचना देना या उसके लॉन्च होने के बारे में बताना या फिर ईमेल भेजकर उसके बारे में बताना भी विज्ञापन का ही एक भाग होता है।
  • फोटो: फोटो वाले विज्ञापन में तो हर चीज़ आ जाती है। कहने का अर्थ यह हुआ कि चाहे सोशल मीडिया हो या फिर पोस्टर बैनर इत्यादि, जिसमें भी चित्र का उपयोग किया गया है, वह इस श्रेणी के अंतर्गत आती है।
  • फोन कॉल: अब आपको ना जाने कितने ही फोन कॉल आते होंगे जिनमें आपको तरह तरह की सूचनाएँ या जानकारी दी जाती होंगी तो यह सभी भी विज्ञापन का ही एक अंश होता है।

विज्ञापन के माध्यम (Vigyapan ke madhyam kya hai)

अब आपको यह भी जान लेना चाहिए कि विज्ञापन देने के क्या कुछ माध्यम हो सकते हैं या इन्हें किस किस तरह से दिया जा सकता है। तो विज्ञापन के प्रकारों की तरह ही इसकी भी कोई तय सीमा नहीं है क्योंकि आज के समय में लगभग हर कंपनी व संस्था के द्वारा इसके नए नए तरीके खोजे जा रहे हैं और उनका उपयोग किया जा रहा (Vigyapan ke madhyam bataiye) है। तभी आपको विज्ञापन दिखाने में कई तरह की रचनात्मकता देखने को मिल रही है। ऐसे में कुछ प्रसिद्ध विज्ञापन के माध्यम हम आपके सामने रखने जा रहे हैं।

  • टीवी
  • रेडियो
  • आकाशवाणी
  • समाचार पत्र
  • सोशल मीडिया
  • खेल
  • कार्यक्रम
  • सार्वजनिक जगह
  • ईमेल
  • मोबाइल कॉल
  • मोबाइल मैसेज
  • गूगल
  • इन्फ्लुंसर या व्यक्तिगत इत्यादि।

इनमें हर दिन के साथ कोई ना कोई नया तरीका जुड़ता जा रहा है जिसके माध्यम से विज्ञापन को दिखाया जाता है और अपने उत्पाद व सेवाओं का प्रचार प्रसार किया जाता है। तभी आप हर जगह किसी ना किसी रूप में उत्पादों व सेवाओं के विज्ञापन को देखते रहते हैं और उनसे प्रभावित होते रहते हैं।

विज्ञापन के लाभ (Vigyapan ke labh)

अब आपको यह भी जान लेना चाहिए कि जब भी किसी कंपनी या उद्योग के द्वारा अपने से जुड़े किसी उत्पाद, सेवा या योजना का विज्ञापन दिया जाता है तो उससे उन्हें या हमें क्या कुछ लाभ देखने को मिलता है। वैसे तो विज्ञापन से मिलने वाले लाभ लगभग सभी को ही पता होते (Benefits of advertisement in Hindi) हैं। फिर भी आज हम उन सामान्य लाभों में कुछ अन्य लाभों को जोड़ते हुए इसे विस्तृत रूप दे देते हैं ताकि आपको इसके बारे में सही से समझ में आ सके।

  • विज्ञापन देने का सबसे बड़ा लाभ तो यही होता है कि इसके माध्यम से विज्ञापन देने वाले के व्यापार में उन्नति देखने को मिलती है। उसके द्वारा जिस भी चीज़ का विज्ञापन दिया जा रहा है, लोग उसके बारे में परिचित होते हैं और उसे खरीदते हैं।
  • इससे लोगों को भी लाभ होता है क्योंकि इसी के माध्यम से उन्हें कई चीज़ों के विकल्प मिलते हैं या उस क्षेत्र में जानकारी मिलती है। इससे वे उसका लाभ लें या नहीं, इसके बारे में निर्णय ले पाते हैं।
  • विज्ञापन के माध्यम से कंपनियों में प्रतिस्पर्धा की भावना में भी वृद्धि देखने को मिलती है क्योंकि हर कंपनी चाहती है कि वह ग्राहकों को उत्तम से उत्तम उत्पाद प्रदान करे और इसके लिए वह तरह तरह के कार्य भी करती है।
  • यदि किसी कंपनी या व्यापार में किसी योजना को लॉन्च किया गया है और उसके तहत ग्राहकों को छूट या अन्य ऑफर दिए जा रहे हैं तो उसके बारे में भी विज्ञापन के माध्यम से बताया जा सकता है ताकि लोगों को इसके बारे में जल्द से जल्द पता चल जाए।
  • विज्ञापन के प्रभावी तरीकों को अपना कर एक व्यक्ति अपने प्रोडक्ट्स व सर्विसेज की पहुँच अपने लक्षित ग्राहकों तक बना सकता है। इससे उसका खर्चा भी कम होता है और प्रचार भी हो जाता है।
  • यदि विज्ञापन को सही रूप में डिजाईन किया गया है और उसे आकर्षित करने वाला बनाया गया है तो निश्चित तौर पर ही उसका तुरंत प्रभाव देखने को मिलता है। उससे व्यक्ति विशेष की आय में वृद्धि होती है और वह आगे बढ़ता है।
  • विज्ञापन के माध्यम से सामान बेचने वाला और सामान खरीदने वाले के बीच में संबंध बना रहता है और वे एक दूसरे से जुड़े रहते हैं। एक तरह से यह बेहतर संचार का भी माध्यम है।

इस तरह से विज्ञापन के माध्यम से एक नहीं बल्कि कई तरह के लाभ देखने को मिलते हैं जो समय के साथ साथ और बेहतर रणीनीति के साथ बढ़ते चले जाते हैं। अब विज्ञापन किस चीज़ का दिया जा रहा है, किस उद्देश्य के तहत दिया जा रहा है, उसी में ही उसके लाभ छुपे होते हैं।

विज्ञापन के नुकसान (Vigyapan ke nuksan)

अभी तक अपने विज्ञापन के बारे में अच्छी अच्छी बातें ही पढ़ी है लेकिन उसी के साथ ही इससे होने वाले नुकसान का भी आंकलन कर लिया जाए तो ज्यादा बढ़िया रहता है। यदि आप किसी चीज़ के केवल लाभ ही जान लेंगे लेकिन उससे क्या कुछ हानि देखने को मिलती है, यह नहीं जानेंगे तो यह अनुचित बात होगी। तो आइये जाने विज्ञापन देने के क्या कुछ नुकसान व हानि हो सकती है।

  • बहुत बार यह देखने में आता है कि विज्ञापन के जरिये ग्राहकों को भ्रमित करने का प्रयास किया जाता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि उस विज्ञापन में आधी अधूरी जानकारी देकर लोगों को आकर्षित करने का काम किया जाता है और फिर जब लोग उनके यहाँ पहुँच जाते हैं तब उन्हें सच्चाई का पता चलता है।
  • इसी के साथ ही उसमें ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए उनके लाभ से जुड़ी जानकारी को बड़े बड़े अक्षरों में लिखा जाता है बल्कि नियम व शर्तों को अलग से छुपाकर या छोटे अक्षरों में लिखा जाता है ताकि उस पर आमजन की नज़र ही ना पड़े।
  • बहुत बार यह देखने में भी आया है कि जालसाजी या धोखाधड़ी करने वाली कंपनियां तरह तरह के भ्रामक विज्ञापन देकर लोगों के साथ ठगी करने का प्रयास करती है और बहुत से लोग इसमें फंस भी जाते हैं।
  • विज्ञापन के जरिये यह भी देखने में आया है कि कुछ एक बड़ी कंपनियां ही उसमें अपना वर्चस्व बना लेती है और बाकि छोटी कंपनियां इसमें पिछड़ जाती हैं। ऐसे में लोगों के द्वारा बड़ी कंपनियों को ही महत्व दिया जाता है जबकि छोटी कंपनियों को छोड़ दिया जाता है।
  • इसी के साथ ही आपको यह भी देखने में मिलेगा कि वह कंपनी जो विज्ञापन कम देती है या उनमें कम पैसा खर्च करती है, उसके उत्पाद अच्छी गुणवत्ता के होकर भी सस्ते होते हैं जबकि जो कंपनियां विज्ञापन में बेतहाशा पैसा खर्च करती है, उनके उत्पाद समान्य या कम गुणवत्ता के होकर भी महंगे हैं।

तो इस तरह से विज्ञापन के कई नुकसान भी होते हैं। विज्ञापन में पैसा लगाना एक सही रणनीति है लेकिन आज के समय में ज्यादातर कंपनियां अपने उत्पाद की गुणवत्ता पर कम ध्यान देती है या फिर उत्पाद का मूल्य बढ़ा देती है और वह पैसा विज्ञापन में खर्च करती है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपनी पहुँच बनायी जा सके।

विज्ञापन क्या है – Related FAQs

प्रश्न: विज्ञापन की परिभाषा क्या है?

उत्तर: विज्ञापन उस चीज़ को कहा जाता है जिसके माध्यम से किसी भी वस्तु या सेवा का प्रचार प्रसार करने का काम किया जाता है।

प्रश्न: विज्ञापन कितने प्रकार का होता है *?

उत्तर: विज्ञापन के विभिन्न प्रकारों के बारे में जानकारी हमने ऊपर के लेख में दी है जो आपको पढ़ना चाहिए।

प्रश्न: विज्ञापन का महत्व क्या है?

उत्तर: एक तरह से विज्ञापन के जरिये आप ज्यादा से ज्यादा लोगों को सूचित कर अपना लाभ करने का काम करते हैं।

प्रश्न: विज्ञापन का क्या अर्थ है उनकी विशेषताएं बताइए?

उत्तर: विज्ञापन उस चीज़ को कहा जाता है जिसके माध्यम से किसी भी वस्तु या सेवा का प्रचार प्रसार करने का काम किया जाता है। बाकि की जानकारी आप ऊपर का लेख पढ़ कर प्राप्त कर सकते हैं।

प्रश्न: विज्ञापन के माध्यम क्या हैं?

उत्तर: विज्ञापन किस माध्यम से दिए जाते हैं उसकी पूरी जानकारी हमने आपको इस लेख में दी है जो आपको पढ़ना चाहिए।

तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने विज्ञापन के बारे में जानकारी हासिल कर ली है। आपने जाना की विज्ञापन क्या है विज्ञापन का महत्व इसके लाभ प्रकार और नुकसान क्या कुछ हैं इत्यादि। आशा है कि आपको इस लेख के माध्यम से विज्ञापन के बारे में संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी। यदि कोई सवाल आपके मन में विज्ञापन को लेकर शेष है तो आप हम से नीचे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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