Vivad Se Vishwas Scheme In Hindi – देश भर में ऐसे लाखों व्यापारी हैं, जिनके ऊपर आयकर यानी इनकम टैक्स का कोई ना कोई विवाद जुड़ा है। किसी ने समय पर जुर्माने की राशि अदा नहीं की है तो किसी का ब्याज को लेकर विवाद चल रहा है। एक मोटे मोटे अनुमान की बात करें तो देश में करीब 4.83 लाख विवादों के मामलों में करीब 9.41 लाख करोड़ रुपए की धनराशि फंसी हुई है। हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से पेश किए गए बजट में इस बार विवाद से विश्वास योजना का प्रावधान किया गया है।
साफ है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कानूनी पचड़ों में फंसे व्यापारियों की सहूलियत के लिए इस योजना की घोषणा की है। विवाद से विश्वास योजना क्या है? इसके लाभ एवं उद्देश्य क्या हैं? आज इन बिंदुओं से जुड़ी बारीक से बारीक जानकारी हम इस post के माध्यम से आप तक पहुंचाएंगे। आइए, शुरू करते हैं –
विवाद से विश्वास योजना का उद्देश्य क्या है?
सबसे पहले आपको यह बताएंगे कि विवाद से विश्वास योजना क्यों लाई गई। दरअसल, यह एमनेस्टी स्कीम यानी माफी योजना है। कानूनी विवादों में फंसे लाखों टैक्स के मामलों से न सिर्फ tax payer यानी करदाता वर्षों से मानसिक तनाव झेल रहे हैं, बल्कि सरकार का भी करोड़ों रुपये का राजस्व फंसा हुआ है। ऐसे मामलों का तेजी से निपटारा करने के लिए ही सरकार ने बजट 2020-21 में विवाद से विश्वास योजना का प्रस्ताव पेश किया है।
योजना | विवाद से विश्वास योजना |
कब शुरू हुई | 1 फरवरी 2020 |
किसने शुरू की | केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण |
लाभार्थी | आयकर दाता |
वेबसाइट | www.incometax.govt.in |
इसमें कानूनी झमेलों की मार झेल रहे करदाताओं को एक निश्चित अवधि के भीतर आवेदन करने पर मामूली से भुगतान के साथ ही विवाद निपटाने का अवसर सरकार की ओर से दिया गया है। जानकारों का मानना है कि इससे साढ़े चार लाख से ज्यादा direct tax यानी प्रत्यक्ष कर के लंबित मामलों को विराम मिलेगा। राजस्व बढ़ाने और राजकोषीय घाटा पूरा करने में ये अहम भूमिका निभाएगी।
कितनी आई टैक्स Revenue में कमी –
बताया जाता है कि टैक्स विभाग के राजस्व में 1.25 लाख करोड़ रुपए की कमी आयी है। राजस्व में इस कमी के चलते केन्द्रीय बजट 2020 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के आंकड़ों को रिवाइज किया गया था। पहले यह आंकड़ा 13.35 लाख करोड़ रुपए था, जिसे बाद में घटाकर 11.80 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया।
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दरअसल, माना यह जा रहा है कि सरकार विवाद से विश्वास योजना के तहत राजस्व कलेक्शन में आयी इस कमी को पूरा करना चाहती है। साथियों, आपको लगे हाथ यह भी बता दें कि इस समय प्रत्यक्ष कर के लगभग चार लाख 83 मामले अपील के विभिन्न फोरम, कमिश्नर अपील, आयकर अपीलेट ट्रीब्यूनल के साथ हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं।
विवाद से विश्वास योजना के तहत कौन से मामले होंगे शामिल –
दोस्तों, विवाद से विश्वास योजना के तहत विवादित टैक्स, ब्याज और पैनल्टी के साथ विवादित फीस के ऐसे मामले शामिल जाएंगे, जो 31 जनवरी 2022 तक लंबित हैं। इसके बाद वाले मामलों को इससे दूर रखा गया है। लेकिन जिस तरह के मामले इसमें शामिल किए गए हैं, उससे यह एक यह बात तो साफ है कि टैक्स विवाद की उलझन में उलझे एक बहुत बड़े वर्ग के लिए विवाद से विश्वास योजना लाभकारी साबित होने जा रही है।
विवाद से विश्वास योजना का फायदा कौन उठा सकता है?
आइए अब हम आपको बताएं कि इस योजना का लाभ कौन उठा सकता है। दरअसल, 31 जनवरी 2022 तक जो मामले कमिश्नर (अपील), इनकम टैक्स अपीलीय ट्रिब्यूनल, हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में लंबित थे, उन टैक्स के मामलों पर ही यह विवाद से विश्वास योजना लागू होगी। लंबित अपील टैक्स विवाद, पेनाल्टी या ब्याज से जुड़ी हो सकती है। एसेसमेंट या रीएसेसमेंट से संबंधित हो सकती हैं।
विवाद से विश्वास योजना के तहत क्या सुविधा दी गई है?
इस योजना के तहत व्यापारियों की सहूलियत को देखते हुए दो तरह के विकल्प दिए गए हैं। अगर कोई करदाता इस योजना के तहत 31 मार्च, 2020 से पहले आवेदन करता है, तो उससे विवाद से जुड़ा कोई भी सवाल नहीं किया जाएगा। आयकर विभाग सिर्फ विवाद में फंसी राशि लेकर उसे मामला सुलझाने का प्रमाण पत्र जारी कर देगा। इसके अलावा, दोस्तों, यदि करदाता 1 अप्रैल से 30 जून, 2020 के बीच में आवेदन करते हैं, तो उन्हें विवादित राशि के साथ उसका 10 फीसदी अतिरिक्त शुल्क के रूप में चुकाना होगा।
इसके साथ ही ऐसे करदाता जिन्होंने शुल्क, ब्याज या जुर्माने की राशि को लेकर मुकदमा दायर किया है, उन्हें आने वाली 31 मार्च तक 25 फीसदी विवादित शुल्क या आने वाली 30 जून तक 30 फीसदी विवादित शुल्क चुकाकर इससे छुटकारा मिल सकता है। तो हुई न यह बेहद काम की योजना।
विवाद से विश्वास योजना का लाभ किस तरह उठा सकते हैं?
आपको इस योजना का लाभ कैसे मिल सकता है, अब हम आपको इस बात की कदम दर कदम जानकारी देंगे, ताकि आप आसानी से इस काम की योजना का लाभ उठा सकें। दोस्तों, आपको यह करना होगा-
- करदाता विवाद से विश्वास डेक्लेरेशन फॉर्म में सभी जरूरी जानकारियां भरकर फोरम में जमा कराएं।
- आयकर विभाग की ओर से 15 दिनों के भीतर प्रमाण पत्र जारी हो जाएगा जिसमें योजना के तहत कुल देय राशि का खुलासा होगा।
- करदाता को प्रमाण पत्र मिलने के 15 दिनों के भीतर उसमें बताई राशि जमा करानी होगी।
- इसकी जानकारी एक तय फॉर्म में भरकर वापस आयकर विभाग के साथ साझा करनी होगी।
- इसके बाद करदाता को भुगतान किए जाने से संबंधित एक आदेश जारी कर दिया जाएगा।
- यह आदेश पूरी तरह निर्णयात्मक होगा और इसे देश या विदेश की किसी भी अदालत में किसी भी तरह से चुनौती नहीं दी जा सकेगी।
किनको विवाद से विश्वास योजना से बाहर रखा गया है?
दोस्तों, अब हम आपको यह बताएंगे कि इस योजना से किस किस को बाहर रखा गया है। यानी किन किन मामलों में और किन किन लोगो को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। यह इस प्रकार से हैं-
- जिस आय का खुलासा नहीं किया गया अथवा जो संपत्ति भारत से बाहर स्थित है। उन पर चल रहे कर विवादों में इससे कोई राहत नहीं मिलेगी।
- जिन मामलों में किसी निश्चित आंकलन वर्ष के लिए forum या court पहले ही फैसला सुना चुका है। उन्हें भी योजना का लाभ नहीं दिया जा सकेगा।
- साथ ही जिन लोगों के खिलाफ स्मगलिंग जैसे मामलों में हिरासत या गिरफ्तारी के आदेश जारी हो चुके हैं उन्हें भी इस योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा।
- जिन लोगों के विरुद्ध बेनामी संपत्ति के हस्तांतरण, धनशोधन, ड्रग्स या गैरकानूनी मामलों में कोई आदेश जारी किया गया है, उन्हें भी योजना के तहत शामिल नहीं किया जाएगा।
सीबीडीटी ने की विवादों के निपटारे के लिए लंबित मामलों की समीक्षा –
Friends, आपको बता दें कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बीती 13 फरवरी को आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण और उच्च न्यायालयों यानी हाईकोर्ट में लंबित मामलों की बीती 13 फरवरी को समीक्षा की है। साथियों, बजट में इनकम टैक्स यानी आयकर विभाग और करदाताओं के बीच विवादित कर मामलों के निपटान के लिए बजट में प्रस्तावित विवाद से विश्वास योजना की घोषणा के तहत यह समीक्षा की गई।
लगे हाथ आपको यह भी बता दें कि इस बीच कैबिनेट यानी केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास विधेयक, 2020 में बदलाव को भी मंजूरी दे दी है। दोस्तों, आपको बता दें कि इस बदलाव का उद्देश्य विधेयक का दायरा बढ़ाकर उन कर विवादों को भी इसके दायरे में लाना है, जो विभिन्न कर्ज वसूली न्यायाधिकरणों (डीआरटी) में लंबित हैं।
विवाद से विश्वास योजना के तहत इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को भी दिया गया टारगेट –
सरकार ने इस विवाद से विश्वास योजना के तहत आयकर विभाग को मार्च तक 2 लाख करोड़ रुपए के टैक्स कलेक्शन का टारगेट दिया है। टैक्स अधिकारियों को छापेमारी के लिए कहा गया है। जिससे टैक्स देने वाले लोगों का उत्पीड़न होने की आशंका जाहिर की जा रही है। बताया जाता है कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) अधिकारियों की भविष्य में होने वाली पोस्टिंग के दौरान उनकी टैक्स वसूलने की काबिलियत का भी ध्यान रखेगा। कहने का मतलब यह कि जिस अफसर का टैक्स कलेक्शन अच्छा होगा, उसे अच्छी पोस्टिंग भी दी जाएगी।
पीएमओ कर रहा विवाद से विश्वास योजना की मानीटरिंग –
आपको यह भी बता दें कि विवाद से विश्वास योजना की जिम्मेदारी पीएमओ यानी प्रधानमंत्री कार्यालय के पास है, ऐसे में सरकार ने इसके लिए एक स्पेशल सेल का गठन किया है। इस सेल में राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे और सीबीडीटी के चेयरमैन पीसी मोदी को शामिल किया गया हैं। बताया जाता है कि सेल की हफ्ते में एक दिन बैठक होगी, जिसमें योजना के तहत हुए टैक्स कलेक्शन की मानीटरिंग की जाएगी।
सबका विश्वास योजना रही थी बेहद सफल, इससे भी उम्मीद
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कर विवादों के निपटारे के लिए इससे पहले 1 सितंबर, 2019 को सबका विश्वास विरासत विवाद समाधान योजना भी लाई गई थी, जो कि बेहद कामयाब रही। इसी 15 जनवरी, 2020 को समाप्त हुई योजना की अवधि तक सरकार को कुल 14,821 करोड़ रुपये के राजस्व की प्राप्ति हुई । इस दौरान कुल 1,89,229 घोषणा-पत्र दाखिल किए गए। योजना के तहत 70 फीसदी तक की विशाल छूट दी गई थी।
आपको यह भी बता दें कि दरअसल, योजना के तहत दाखिल 1,89,229 घोषणा पत्रों पर नजर डालें तो इनमें 69,712 मामले मुकदमेबाजी में फंसे थे। ऐसे में इस योजना के जरिए एक ही झटके में करीब 70 हजार करदाताओं को वर्षों से चली आ रही मुकदमेबाजी से छुटकारा मिल गया। अब इसी तरह की सफलता दोहराने की उम्मीद विवाद से विश्वास योजना के जरिए भी की जा रही है।
संभावना जताई जा रही है कि इससे लाखों लोगों को टैक्स, ब्याज, जुर्माना आदि से संबंधित मुकदमेबाजी से मुक्ति मिलेगी और उससे भी बड़ी बात कि सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व की प्राप्ति होगी, जिसके लिए कि खास तौर पर इस योजना को लाया गया है।
विवाद से विश्वास योजना से संबंधित प्रश्न उत्तर
विवाद से विश्वास योजना क्या हैं?
विवाद से विश्वास योजना केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण जी के द्वारा शुरू की एक महत्वाकांक्षी योजना हैं। इस योजना के अंतर्गत विवादित टैक्स, कर आदि से जुड़ी समस्याओं को सुलझाया जायेगा।
विवाद से विश्वास योजना कब की गई थी?
विवाद से विश्वास योजना की शुरुआत केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण जी के द्वारा 1 फरवरी 2020 में की गई थी।
विवाद से विश्वास योजना के अंतर्गत टैक्स विवाद निपटाने के लिए कब तक आवेदन कर सकते हैं?
विवाद से विश्वास योजना के अंतर्गत जो करदाता सरकार के साथ पुराने टैक्स विवाद को निपटाना चाहते हैं, वह 31 दिसंबर 2020 तक अपना आवेदन कर सकते हैं।
क्या विवाद से विश्वास योजना में आवेदन करने के लिए कोई शुल्क देना होगा?
जी नही, इस योजना में आवेदन करने और पुराने टैक्स विवादों को निपटाने के लिए आपको कोई भी अतिरिक्त शुल्क देना नहीं होगा।
विवाद से विश्वास योजना आवेदन पोर्टल कौन सा है?
अगर आप सरकार के साथ अपने पुराने टैक्स के विवाद को सुलझाना चाहते है। तो आप इनकम टैक्स की वेबसाइट www.incometax.govt.in पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
अंतिम शब्द
दोस्तों, इस post के जरिए हमने आपको बताया कि विवाद से विश्वास योजना क्या है? इसके लाभ एवं उद्देश्य क्या हैं? व्यापारियों के लिए इसके क्या क्या फायदे हैं? और सरकार के लोग देशों के लिए इस योजना को लेकर आई है? हमें पूरी उम्मीद है कि आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी। अगर इस योजना के संबंध में आपके दिमाग में कोई भी शक या शुबहा है तो उसे आप हमसे clear कर सकते हैं। इसके लिए आपको नीचे दिए गए comment box में comment करके अपनी बात हम तक पहुंचानी होगी।
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