विवाहित महिलाओं के लिए जाति प्रमाण पत्र हेतु आवेदन कैसे करें? | Vivahit mahila jati praman patra online apply

|| विवाहित महिलाओं के लिए जाति प्रमाण पत्र हेतु आवेदन कैसे करें? | Vivahit mahila jati praman patra online apply | क्या विवाहित महिला की शादी के बाद जाति बदल जाती है? | महिला की जाति पिता पर निर्भर करती है या पति पर? ||

Vivahit mahila jati praman patra online apply :- हमारे देश में व्यक्ति की जाति बहुत ही महत्व रखती है। हमें चाहे सरकारी नौकरी चाहिए हो या कोई सरकारी काम करवाना हो, उसमें सबसे पहले हम से हमारी जाति ही पूछी जाती है। अब यह जाति केवल आपके नाम या नाम के पीछे लगे सरनेम से ही नहीं बताई जाती है क्योंकि व्यक्ति तो किसी भी सरनेम का इस्तेमाल कर सकता है। ऐसे में इसके लिए जाति प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है जिसे दिखाने के बाद व्यक्ति विशेष की जाति के बारे में पता चलता (Vivahit mahila jati praman patra in Hindi) है।

अब लोगों के द्वारा अपना जाति प्रमाण पत्र बहुत पहले ही बनाया गया होता है लेकिन बहुत जगह यह देखने में आता है कि एक महिला की विवाह के बाद जाति बदल जाती है अर्थात उसका किसी दूसरी जाति के पुरुष से विवाह हो जाता है। ऐसे में क्या उस विवाहित महिला की जाति में भी बदलाव किया जाना आवश्यक होता है? किसी विवाहित महिला का जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए क्या विधिक कार्यवाही की जाती है, इसके बारे में जानकारी होना जरुरी हो जाता (Caste certificate online apply form married women in Hindi) है।

आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको विवाहित महिलाओं के लिए जाति प्रमाण पत्र बनवाने के ऊपर और उसके लिए आवेदन किस तरह से किया जाता है, इसके बारे में समूची जानकारी देने वाले हैं। आइये जाने किस तरह से विवाहित महिलाओं का जाति प्रमाण पत्र बनवाया जा सकता (Vivahit mahila jati praman patra online apply 2024 in Hindi) है।

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विवाहित महिलाओं के लिए जाति प्रमाण पत्र हेतु आवेदन कैसे करें? (Vivahit mahila jati praman patra online apply)

मान लीजिये कि एक महिला कुर्मी समाज या जाति से है और उसका विवाह जाट समाज के किसी लड़के से कर दिया जाता है तो विवाह के पश्चात उस कुर्मी जाति की महिला की जाति जाट बन जाती है या नहीं, यह प्रश्न उठता है। तो यहाँ हम आपको बता दें कि उस महिला का सरनेम तो बदला जा सकता है लेकिन जाति नहीं। ऐसे में यदि उसका पहले से जाति प्रमाण पत्र बना हुआ है तो वही प्रमाण पत्र मान्य होता है और यदि उसका पहले से जाति प्रमाण पत्र नहीं बना हुआ है तो फिर इसका बनवाया जाना जरूरी होता है ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ उठाया जा (Caste certificate apply of married women in Hindi) सके।

Vivahit mahila jati praman patra online apply

अब वह विवाहित महिला अपना जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कहाँ आवेदन कर सकती है या इसके लिए उसे किस प्रक्रिया का पालन करना होता है, इसका पता लगाया जाना बहुत ही आवश्यक हो जाता है। अब आप यहाँ यह भी जान लें कि भारत में 29 राज्य व 9 केंद्र शासित प्रदेश हैं। हर जगह हर तरह की जाति को मानने वाले लोग रहते हैं। ऐसे में सभी की प्रक्रिया अलग अलग होती (Vivahit mahila jati praman patra online apply in Hindi) है।

कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि आप बिहार राज्य में रहते हैं तो वहां विवाहित महिलाओं के लिए जाति प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया भिन्न होती है तो वहीं हिमाचल प्रदेश राज्य में अलग होती है। ऐसे में वहां की सरकारी वेबसाइट या सरकारी कार्यालय से ही इसके लिए आवेदन किया जा सकता है। तो आइये जाने आप किस तरह से अपने यहाँ के राज्य में अपना जाति प्रमाण पत्र बनवा सकते (Mahila ka jati praman patra online kaise banaye) हैं।

क्या विवाहित महिला की शादी के बाद जाति बदल जाती है?

यह प्रश्न या शंका देश के बहुत से लोगों को होती है कि क्या किसी महिला की जाति विवाह के पश्चात बदल जाती है या नहीं। अब ऊपर हमने आपको कुर्मी जाति की महिला का विवाह जाट जाति के पुरुष से होने का उदाहरण दिया। तो मान लीजिये कि वह महिला विवाह से पहले अपने नाम के पीछे सरनेम के रूप में कुमार लगाती थी और पुरुष चौधरी। ऐसे में जब उस महिला की शादी उस पुरुष से हो जाती है तो महिला अपने नाम के पीछे कुमार हटवा कर चौधरी लगवाने का आवेदन दे सकती है लेकिन उसकी जाति कुर्मी ही रहेगी।

कहने का अर्थ यह हुआ कि विवाह के पश्चात एक महिला का सरनेम बदला जा सकता है और इसमें किसी तरह की समस्या नहीं आती है लेकिन उसकी जाति नहीं बदली जा सकती है। अब यदि उसका जाति प्रमाण पत्र पहले से बना हुआ है या वह विवाह के पश्चात अपना जाति प्रमाण पत्र बनवाए, वहां उसके पिता की जाति अर्थात कुर्मी जाति ही लिखी जाएगी। आइये इसे बेहतर तरीके से समझ लेते हैं।

महिला की जाति पिता पर निर्भर करती है या पति पर?

यह आपके ऊपर वाले प्रश्न का ही विस्तृत और स्पष्ट रूप है। भारतीय संविधान व कानून के द्वारा जो प्रावधान बनाया गया है, उसके अनुसार व्यक्ति की जाति केवल और केवल उसके जन्म के आधार पर तय की जाएगी। फिर चाहे उसका विवाह किसी दूसरे जाति के लड़के, लड़की से हुआ हो या कुछ और कारण हो। अविवाहित या विवाहित महिला की जाति उसके पिता की जाति ही तय करती है, पति की नहीं।

ऐसे में महिला का चाहे विवाह हो चुका हो या नहीं, चाहे उसके एक से अधिक विवाह हो गए हो, चाहे वह तलाकशुदा हो या विधवा, चाहे उसका जाति प्रमाण पत्र पहले से बना हुआ हो या फिर वह विवाह के पश्चात इसके लिए आवेदन करने जा रही हो, उसकी जाति केवल और केवल उसके जन्म के आधार पर अर्थात उसके पिता की जाति के आधार पर तय की जाएगी।

विवाहित महिला के बच्चे की जाति क्या होगी?

अब दूसरा प्रश्न यह उठता है कि यदि कुर्मी जाति की महिला का विवाह जाट जाति के पुरुष से हुआ है तो ऐसे में उन दोनों के जो बच्चे होते हैं, उनकी क्या जाति कही जायेगी। क्या उन्हें कुर्मी समाज का कहा जाएगा या जाट समाज का या फिर दोनों ही जातियां उनकी होगी। तो आपके इस प्रश्न का उत्तर ऊपर ही छुपा हुआ है जहाँ हमने आपको बताया कि विवाहित या अविवाहित महिला की जाति केवल और केवल उसके पिता की जाति पर ही निर्भर करती है।

ऐसे में यदि महिला के संतान होती है, फिर चाहे वह पुत्र हो या पुत्री, उसकी संतान की जाति महिला की जाति के आधार पर नहीं अपितु उसके पति और उन बच्चों के पिता की जाति पर निर्भर करती है। ऐसे में वह बच्चा कुर्मी माता और जाट पिता का होने के बाद जाट जाति का ही जाना जाएगा और कुर्मी जाति से उसका कुछ लेनादेना नहीं होगा।

जाति प्रमाण पत्र क्या होता है? (Jati praman patra kya hota hai)

अब हम आपको बताते हैं कि यह जाति प्रमाण पत्र होता क्या है और इसकी आवश्यकता क्यों पड़ती है। तो जाति प्रमाण पत्र एक ऐसा प्रमाण पत्र होता है जिसमें व्यक्ति के जन्म के समय की जाति लिखी गयी होती है। कहने का अर्थ यह हुआ कि व्यक्ति विशेष ने किस जाति में जन्म लिया है या उसके माता पिता की क्या जाति थी, उसके बारे में बताया गया होता है। वह जाट, राजपुत, अग्रवाल, कायस्थ, मोची, शर्मा इत्यादि किसी भी जाति से हो सकता है।

बहुत लोगों को लग रहा होगा कि इसमें ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य या शुद्र लिखा होता है जबकि यह कोई जाति नहीं बल्कि 4 बड़े वर्ग होते हैं। इन चार वर्गों के अंदर ही सैकड़ों प्रकार की जातियां आती है जिन्हें आप अपना सरनेम भी कह सकते हैं या फिर मुख्य जाति भी। उदाहरण के तौर पर अग्रवाल जाति वैश्य वर्ग की है जबकि अग्रवाल जाति के अंदर कई तरह के सरनेम आते हैं जैसे कि बंसल, जिंदल, गर्ग, मित्तल इत्यादि।

विवाहित महिला अपना जाति प्रमाण पत्र कैसे बनवाए? (Mahilayo ka jati praman patra online kaise banaye)

यदि किसी महिला का विवाह हो चुका है और उसका जाति प्रमाण पत्र नहीं बना हुआ है तो फिर उसे बनवाने के लिए अपने मायके जाना होता है। हालाँकि इसमें आने वाली कई तरह की बाधाओं को देखते हुए इसके लिए कई जगह की राज्य सरकारों ने नियम सरल कर दिए हैं जिसके तहत महिला अपने ससुराल रहकर भी जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन दे सकती है। अब यह तो आपके राज्य और वहां जाति प्रमाण पत्र बनवाने के नियमों पर निर्भर करता है कि आपको मायके जाने की जरुरत पड़ेगी या नहीं।

यदि नहीं तो आप अपने ससुराल रहकर भी इसके लिए आवेदन दे सकती हैं और यदि जरुरत पड़ती है तो जब आप मायके जाएं, तब आप इसके लिए आवेदन दे सकती हैं। हालाँकि इसके लिए आपके पास अपने सभी डाक्यूमेंट्स होने आवश्यक हैं जिसमें आपके पिता के कागजात भी शामिल होंगे क्योंकि उसी के आधार पर ही आपका जाति प्रमाण पत्र बन पायेगा।

इसी के साथ ही आप जाति प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन भी कर सकती हैं यदि उसके लिए आपकी राज्य सरकार ने सुविधा दी हुई है तो। आज के समय में जब सबकुछ डिजिटल हो गया है तो यह सुविधा भी बहुत जगह देखने को मिल रही है। ऐसे में जाति प्रमाण पत्र को ऑनलाइन बनवाने के लिए आपको अपने राज्य की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा और वहीं से ही आपको जाति प्रमाण पत्र ऑनलाइन बनवाने का विकल्प मिल जाएगा।

यहाँ से आप तय प्रक्रिया के तहत अपना जाति प्रमाण पत्र बनवा सकती हैं। यदि आपको इसे ऑफलाइन बनवाना है तो उसके लिए आपको तहसील या सरकारी कार्यालय में जाकर वहां से जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए फॉर्म लेना होगा। उस फॉर्म में पूछी गयी हरेक जानकारी को बहुत ही सावधानी से भरना होगा और उसके बाद उसे उसी कार्यालय में जमा करवा देना होगा। इसमें आपको अपने सभी तरह के डाक्यूमेंट्स भी वहां जमा करवाने होंगे ताकि किसी तरह की दिक्कत ना होने पाए। आइये जाने उसके बारे में भी।

विवाहित महिला जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए जरुरी दस्तावेज (Vivahit mahila jati praman patra documents required in Hindi)

जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि यदि आपको विवाह के पश्चात अपना जाति प्रमाण पत्र बनवाना है तो उसके लिए आपको अपने पिता के भी कागजात उन्हें दिखाने होंगे। हालाँकि इसी के साथ साथ आपको अपने पति के कागजात भी तहसील में जमा करवाने होंगे। ऐसे में यह कौन कौन से डाक्यूमेंट्स हो सकते हैं, आइये उनके बारे में जान लेते हैं।

  • पिता का आधार कार्ड
  • पिता का जाति प्रमाण पत्र
  • स्वयं का आधार कार्ड
  • पति का आधार कार्ड
  • विवाह का प्रमाण पत्र
  • मायके का आवास प्रमाण पत्र
  • ससुराल का आवास प्रमाण पत्र
  • जन्म प्रमाण पत्र इत्यादि।

तो यह सभी दस्तावेज तो आपको जमा करवाने ही होंगे, इनके अलावा भी कुछ अन्य दस्तावेजों को दिखाने को कहा जा सकता है। अब यह पूर्ण रूप से आपके यहाँ के राज्य के नियम और अन्य चीज़ों पर निर्भर करता है। हालाँकि किन्हीं विशेष परिस्थितियों में आप अपने पिता की बजाये पति के नाम का जाति प्रमाण पत्र भी बनवा सकती हैं किन्तु उसके लिए न्यायालय से अनुमति लेनी होती है।

विवाहित महिला के द्वारा जाति प्रमाण पत्र क्यों बनवाया जाता है?

अब अंत में आप यह भी जान लें कि आखिरकार किसी विवाहित महिला के द्वारा या अन्य किसी महिला के द्वारा जाति प्रमाण पत्र बनवाया ही क्यों जाता है या फिर उससे उसे क्या कुछ लाभ देखने को मिलता है। ऐसे में आपको यह तो पता ही होगा कि हमारे देश में सरकारी कामकाज जाति देखकर ही किया जाता है और भारत सरकार सहित राज्य सरकार जो भी योजना बनाती है या किसी चीज़ में कोई सुविधा देती है तो उसमें भी जाति का ही बोलबाला होता है।

उदाहरण के तौर पर कुर्मी या दलित जाति की महिलाओं को स्कूटी मिलेगी या उन्हें फ्री में राशन मिलेगा इत्यादि। ऐसे में यदि महिला का विवाह किसी दूसरे जाति के लड़के से भी हुआ है तो इसका अर्थ यह नहीं होता है कि उसके पिता की जो जाति है, वह उस जाति के नाम पर लाभ नहीं उठा सकती है। यही करण है कि विवाहित महिला के ससुराल वाले भी उसकी जाति के नाम पर लाभ उठाने को सोचते हैं और उसका जाति प्रमाण पत्र बनवा देते हैं।

विवाहित महिलाओं के लिए जाति प्रमाण पत्र हेतु आवेदन कैसे करें – Related FAQs 

प्रश्न: विवाहित महिला का जाति प्रमाण पत्र कैसे बनता है?

उत्तर: विवाहित महिला का जाति प्रमाण बनाना है तो उसकी प्रक्रिया हमने ऊपर के लेख में विस्तार से दी है जो आपको पढ़ना चाहिए।

प्रश्न: शादीशुदा औरत की जाति क्या होती है?

उत्तर: शादीशुदा औरत की जाति उसके पिता की जाति ही होती है।

प्रश्न: मैं शादी के बाद अपनी जाति कैसे बदलूं?

उत्तर: शादी के बाद सरनेम बदला जा सकता है जाति बदलने का कोई प्रावधान नहीं है।

प्रश्न: कानूनी तौर पर जाति कैसे बदलें?

उत्तर: किसी भी व्यक्ति की जाति में बदलाव नहीं किया जा सकता है।

तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने जाना कि विवाहित महिलाओं के लिए जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कैसे कर सकते हैं। साथ ही आपने जाना कि शादी के बाद विवाहित महिलाओं की जाति पति या पिता किस पर निर्भर करती है विवाहित महिला के बच्चे की क्या जाति होती है और विवाहित महिला जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए जरूरी दस्तावेज़ क्या हैं इत्यादि। आशा है कि आपको इस लेख में दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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