एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल क्या होते हैं? ओपिनियन और एग्जिट पोल में क्या अंतर है?

भारत में एक बार फिर से चुनावी मौसम चल रहा है। इस मौसम में ओपिनियन पोल एग्जिट पोल जैसे शब्द सर्वाधिक सुनाई देते हैं। टीवी चैनल की एजेंसी द्वारा किए गए ओपिनियन पोल का प्रसारण भी करते हैं। दोस्तों, क्या आप जानते हैं कि यह ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल क्या होते हैं? ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल में क्या अंतर होता है? भारत में एग्जिट पोल की शुरुआत कब हुई? यदि नहीं, तो आज इस पोस्ट में हम आपको इसी संबंध में विस्तार से जानकारी देंगे। आइए, शुरू करते हैं-

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पोल क्या होता है? (What is poll?)

दोस्तों, आगे बढ़ने से पूर्व सबसे पहले पोल का अर्थ जान लेते हैं। आपको बता दें कि कई लोगों से उनकी राय जानकर जनमत का निर्धारण करने को पोल की संज्ञा दी गई है। पोल (poll) पुराने समय से सिर या सिर के ऊपर के लिए इस्तेमाल किया जाता है। चुनाव के संदर्भ में इसे सिर गिनने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जैसे किसी मुद्दे पर अनेक लोगों से बात-चीत।

एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल क्या होते हैं

ओपिनियन पोल क्या होता है? (What is opinion poll?)

दोस्तों, ओपिनियन (opinion) का हिंदी में अर्थ राय अथवा विचार होता है। जब चुनाव के समय वोटिंग से पूर्व चुनाव, प्रत्याशियों अथवा पार्टी को लेकर मतदाताओं या आम जनता की राय शुमारी की जाती है अथवा उनके विचार जाने जाते हैं तो उसे ओपिनियन पोल (opinion poll) पुकारा जाता है। इसे आप जनमत सर्वेक्षण भी पुकार सकते हैं।

एग्जिट पोल क्या होता है? (What is exit Poll?)

जब मतदाता वोट देकर बाहर आता है तो ऐसे में उससे पूछा जाता है कि उसने किस पार्टी या प्रत्याशी (party/candidate) को वोट दिया। पूछे गए सवाल पर उसका मत एग्जिट पोल (exit Poll) कहलाता है। दूसरे शब्दों में कहें तो एग्जिट पोल भी एक तरह का चुनावी सर्वे है।

इसे मतदान के दिन किया जाता है। इसमें वोट देकर निकले मतदाताओं से पूछा जाता है कि उन्होंने किस पार्टी या प्रत्याशी को वोट दिया है। इस तरह से प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण (data analysis) करके यह अनुमान लगाया जाता है कि चुनावी नतीजा (election results) क्या हो सकता है।

पहला एग्जिट पोल कब और कहां हुआ? (When and Where the first one exit poll was done?)

दोस्तों, आपको जानकारी दे दें की पहला एग्जिट पोल संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) यानी यूएसए (USA) में सन् 1936 में हुआ था। मुख्य रूप से न्यूयॉर्क शहर (newyork city) में जॉर्ज गैलप एवं क्लॉड रॉबिंसन द्वारा एक चुनावी सर्वेक्षण (poll survey) किया गया।

इसमें वोटिंग (voting) के पश्चात बाहर निकले वोटरों (voters) से पूछा गया कि उनके द्वारा राष्ट्रपति पद के लिए किस उम्मीदवार को वोट दिया गया है। इस प्रकार प्राप्त आंकड़ों के विश्लेषण (analysis of data) के आधार पर अनुमान लगाया गया कि फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट (Franklin d ruswelt) चुनाव (election) जीतेंगे। दोस्तों, यह आंकलन बिल्कुल सटीक बैठा।

चुनाव में रूजवेल्ट की ही जीत हुई। यद्यपि यह भी सच था कि एग्जिट पोल (exit Poll) के परिणामों (results) ने चुनावी परिणामों (election results) को प्रभावित किया। दोस्तों, कहना न होगा कि इसके पश्चात एग्जिट पोल की लोकप्रियता ने अन्य देशों को भी अपनी गिरफ्त में ले लिया। यदि ब्रिटेन (Britain) की बात करें तो वहां 1937 में पहला एग्जिट पोल किया गया। वहीं, फ्रांस (France) में सन् 1938 में पहला एग्जिट पोल हुआ।

भारत में एग्जिट पोल की शुरुआत कब हुई? (When did exit polls start in India?)

दोस्तों, अब आप पूछेंगे कि अपने देश भारत में एग्जिट पोल की शुरुआत कब हुई? तो आपको बता दें कि भारत में आज से करीब 28 वर्ष पूर्व यानी सन् 1996 में एग्जिट पोल की शुरुआत हुई थी। इसे सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (Centre for the study of developing societies) यानी सीएसडीएस (CSDS) द्वारा अंजाम दिया गया था।

दोस्तों , आपको बता दें कि भारत के इस पहले एग्जिट पोल में लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की जीत का अनुमान लगाया गया था। यह चुनाव भाजपा के ही पक्ष में रहा। दोस्तों , आपको बता दें भारत में पहला एग्जिट पोल होने के ठीक दो वर्ष पश्चात सन् 1998 में, पहली बार किसी निजी न्यूज चैनल द्वारा एग्जिट पोल का प्रसारण किया गया। इस समय तो भारत में कई एजेंसियां सक्रिय हैं, जो एग्जिट पोल को अंजाम देती हैं।

ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल में क्या अंतर है? (What is the difference between opinion poll and exit Poll?)

दोस्तों, आइए अब यह जान लेते हैं कि ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल में मोटा-मोटा क्या अंतर है-

  • ओपिनियन पोल मतदान से पूर्व किया जाता है, जबकि एग्जिट पोल में मतदान के दिन, वोट देने के तुरंत बाद मतदाताओं से वोट को लेकर सवाल पूछे जाते हैं।
  • ओपिनियन पोल (opinion poll) में सभी तरह के लोगों से बात की जाती है। जबकि एग्जिट पोल में केवल वोटर्स (voters) को शामिल किया जाता है।
  • ओपिनियन पोल का प्रसारण (telecast) चुनाव से पहले होता है, जबकि एग्जिट पोल का प्रसारण मतदान समाप्ति के पश्चात होता है।

ओपिनियन एवं एग्जिट पोल का सबसे सामान्य तरीका क्या है? (What is the general method to do opinion and exit poll?)

दोस्तों, आपको जानकारी दे दें कि चाहे ओपिनियन पोल (opinion poll) हो या फिर एग्जिट पोल (exit Poll), इसका सबसे सामान्य तरीका संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में लोगों की एक सैंपल संख्या लेकर उससे बात करना होता है। जैसे कि मान लीजिए कि किसी निर्वाचन क्षेत्र में एक लाख के आस-पास आबादी है, तो ऐसे में वहां से 2000-3000 लोगों से बात करके वहां के हालात के बारे में जनता की राय जानी जाती है।

इसके अतिरिक्त इन दिनों लोगों को मोबाइल कॉल करके या फिर इंटरनेट (internet) के जरिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स (social media platform) पर पोल जनरेट (poll generate) करके भी जनता की राय ले ली जाती है। जनमत संग्रह कर लिया जाता है। इसके अलावा एक प्रश्नोत्तरी (questionnaire) तैयार कर लोगों से विभिन्न सवालों के जवाब के आधार पर आंकड़े तैयार किए जाते हैं। उनके विश्लेषण के आधार पर नतीजों के अनुमान बताए जाते हैं।

एग्जिट पोल की क्या सीमाएं हैं?(What are the limitations of exit Poll?)

दोस्तों, एग्जिट पोल कई बार परिणाम के नजदीक होता है, तो कई बार इसके अनुमान परिणाम से काफी दूर होते हैं। इसकी वजह यह है कि एग्जिट पोल की कई सीमाएं हैं। जैसे कि अधिकांश सर्वे एजेंसियों द्वारा मतदान के बाद वोटरों से बात की जाती है, लेकिन दिक्कत यह है कि भारतीय मतदाता अमूमन विदेशी वोटरों की तरह सीधे बात करना पसंद नहीं करते। अधिकतर देखा गया है कि वे यह जाहिर नहीं करते कि उन्होंने किस पार्टी या प्रत्याशी को वोट दिया है। ऐसे में कई बार एग्जिट पोल के नतीजे वास्तविक नतीजों (actual results) से दूर होते हैं।

क्या ओपिनियन पोल चुनाव को प्रभावित करते हैं? (Do opinion polls effect the election?)

दोस्तों, आइए अब हम यह जान लेते हैं कि ओपिनियन पोल चुनाव को प्रभावित करते हैं या नहीं। तो आपको बता दें कि अधिकांशतः यह देखने को मिला है कि अधिकतर लोग दूसरों की राय से प्रभावित होकर भी वोट करते हैं। जब ओपिनियन पोल का प्रसारण होता है, तो बहुत से लोग जो किसी दूसरी पार्टी या प्रत्याशी को वोट देने का मन बना रहे होते हैं, वे दूसरों की पसंद को देखकर अपना मन भी उसी को वोट देने का बना लेते हैं।

दोस्तों, यह बिल्कुल उसी तरह होता है कि जैसे आप वोट देने जा रहे हैं और रास्ते में कोई आपसे मिलता है, जो कहता है कि उसने फलां- फलां को वोट दिया है। उससे बेहतर तो कोई है ही नहीं और आप इस राय से प्रभावित होकर उसी प्रत्याशी (candidate) को वोट कर देते हैं। युवा मतदाताओं (youth voters) में तो यह चलन (trend) बहुत देखने को मिलता है। वे साथियों की राय (opinion) से बहुत जल्दी प्रभावित होते हैं।

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पोल क्या होता है?

पोल का पुराना अर्थ सिर गिनने से लगाया जाता है। सामान्य रूप से विभिन्न लोगों से रायशुमारी करना पोल कहलाता है।

ओपिनियन पोल क्या है?

चुनाव से पूर्व लोगों से जनमत संग्रह ओपिनियन पोल कहलाता है।

एग्जिट पोल क्या होता है?

मतदान के दिन वोट देने के पश्चात वोटरों से यह जानना कि उन्होंने किस पार्टी या प्रत्याशी को वोट किया है, एग्जिट पोल कहलाता है।

पहला एग्जिट पोल कब और कहां हुआ?

पहला एग्जिट पोल संयुक्त राज्य अमेरिका में सन् 1936 में हुआ।

भारत में एग्जिट पोल की शुरुआत कब हुई?

भारत में एग्जिट पोल की शुरुआत सन 1996 से हुई।

भारत में पहली बार एक्जिट पोल किसने कराया?

भारत में पहली बार एक्जिट पोल सेंटर फॉर स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसायटीज (सीएसडीएस) ने कराया।

मित्रों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको बताया कि एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल क्या होते हैं? ओपिनियन और एग्जिट पोल में क्या अंतर है? भारत में एग्जिट पोल की शुरुआत कब हुई? यदि यह पोस्ट आपको अच्छी लगी है तो उसे अधिक से अधिक शेयर (share) करें। इस पोस्ट के संबंध में आपका कोई भी सवाल अथवा सुझाव आप हमें नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके भेज सकते हैं। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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