हमारे देश में मई के महीने में लोकसभा के चुनाव प्रस्तावित हैं। कई राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। इसके लिए मतदान केंद्र, पोलिंग बूथ बनाने से लेकर अधिकारियों, कर्मचारियों की तैनाती को लेकर कवायद जारी है। क्या आप जानते हैं कि मतदान केंद्र कैसे बनाए जाते हैं? या मतदान केंद्र बनाने के लिए क्या नियम/प्रावधान हैं? यदि नहीं, तो आज की यह पोस्ट आपके ही लिए है। इस पोस्ट में हम आपको मतदान केंद्र या पोलिंग स्टेशन बनाने से जुड़े नियमों/प्रावधानों की जानकारी विस्तार से देंगे। आइए, शुरू करते हैं-
मत एवं मतदान का क्या अर्थ है? (What is the meaning of vote and voting?)
दोस्तों, यदि मत के अर्थ की बात करें तो किसी व्यक्ति का विचार उसका मत (vote) कहलाता है। इसी प्रकार मतदान (voting) किसी व्यक्ति द्वारा अपना विचार प्रकट करने अथवा निर्णय लेने का एक तरीका/विधि है।
मतदान केंद्र क्या होता है? (What is a polling station?)
दोस्तों, मतदान केंद्र को अंग्रेजी में पोलिंग स्टेशन (polling station) कहकर भी पुकारा जाता है। जैसे कि नाम से स्पष्ट है, यह वह स्थान होता है, जहां मतदाता (voters) मतदान (vote) करते हैं। इस भवन या परिसर में पोलिंग बूथ बनाए जाते हैं, जहां वोट करने संबंधी सारी सुविधा होती है।
एक मतदान केंद्र में कितने पोलिंग बूथ होते हैं? (How many polling booth are there in a polling station?)
दोस्तों, आपको बता दें कि मतदाताओं की संख्या के आधार पर एक पोलिंग स्टेशन (polling station) में कई पोलिंग बूथ (polling booth) हो सकते हैं। दरअसल, पोलिंग बूथ एक कमरे के भीतर एक छोटा सा कॉर्नर होता है। यह तीनों ओर से ढका होता है। यहां एक टेबल पर ईवीएम (EVM) यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (electronic voting machine) रखी होती है। इसमें बटन दबाकर मतदाता अपने मनचाहे प्रत्याशी को वोट करता है।
मतदान केंद्र बनाने के संबंध में क्या नियम हैं? (What are the rules/provisions to make a polling station?)
दोस्तों, आइए अब जान लेते हैं कि मतदान केंद्र बनाने के संबंध में क्या-क्या नियम हैं? सबसे पहले आपको यह बता देते हैं कि मतदान केंद्र यानी पोलिंग स्टेशन को लेकर सन् 1951 के जनप्रतिनिधित्व क़ानून में प्रावधान किया गया है। आबादी में बदलाव होने पर चुनाव आयोग द्वारा भी मतदान केंद्र को लेकर समय-समय पर नए दिशा-निर्देश जारी किए जाते हैं। मतदान केंद्र संबंधी वर्तमान प्रावधान इस प्रकार से हैं-
- डेढ़ हजार से अधिक मतदाताओं पर एक मतदान केंद्र होना चाहिए।
- पोलिंग बूथ पर एक हजार से अधिक मतदाता नहीं होने चाहिए।
- मतदान केंद्र ऐसी जगह बने कि किसी भी चुनाव क्षेत्र में मतदाता को वोट डालने के लिए अपने घर से दो किलोमीटर से अधिक की दूरी न तय करनी पड़े।
- मतदान केंद्र में कम से कम 20 वर्ग मीटर का न्यूनतम क्षेत्र होना चाहिए, ताकि मतदान केंद्र के भीतर कोई भीड-भाड न हो।
- हॉल/कमरे अच्छी तरह से प्रकाशवान हों और इनमें कम से कम दो दरवाजे हों, ताकि एक से ‘प्रवेश’ और दूसरे से निकासी हो सके।
- शहरी क्षेत्रों में एक ही भवन में चार से अधिक तथा ग्रामीण क्षेत्रों में दो से अधिक मतदान केंद्रों की स्थापना न हो।
- मतदान केंद्र किसी भी सरकारी या अर्द्धसरकारी भवन में बन सकता है।
- स्कूल/ कॉलेज, ग्रामीण सामुदायिक भवन, पंचायत भवन या हॉल का इस्तेमाल भी पोलिंग स्टेशन बनाने के लिए किया जा सकता है।
- पुलिस स्टेशन, अस्पताल, मंदिर और अन्य धार्मिक जगहों पर पोलिंग स्टेशन नहीं बनाए जा सकते।
- पोलिंग स्टेशन से 200 मीटर की दूरी तक किसी राजनीतिक दल का दफ़्तर या अस्थायी कार्यालय नहीं होना चाहिए।
- बुजुर्ग, अशक्त एवं दिव्यांग मतदाताओं की सुविधा के लिए मतदान केंद्र निचली मंजिल यानी ग्राउंड फ्लोर (ground floor) पर ही होने चाहिए।
- ऐसे मतदाताओं के लिए मतदान केंद्र में रैंप की व्यवस्था भी हो।
- मतदान केंद्र पर महिला एवं पुरुषों के लिए पृथक शौचालय की व्यवस्था हो।
- मतदान केंद्र पर पेयजल की समुचित व्यवस्था हो।
- मतदान केंद्र पर धूप, बारिश आदि से बचाने के लिए शेड की व्यवस्था हो।
- मतदान केंद्र पर पर्याप्त फर्नीचर एवं रोशनी की व्यवस्था हो।
- मतदान केंद्र में एक हेल्प डेस्क स्थापित हो।
- मतदान केंद्र पर महिलाओं की सुविधा के लिए महिला कर्मी तैनात हों।
पोलिंग स्टेशन को लेकर फैसला किसके द्वारा किया जाता है? (Who makes the decision regarding polling station?)
दोस्तों, आपको जानकारी दे दें कि सामान्य रूप से जिला मजिस्ट्रेट (district magistrate) या जिलाधिकारी ही पोलिंग स्टेशन (polling station) को लेकर फैसला करते हैं। इसकी वजह यह है कि जिलाधिकारी ही ज़िला निर्वाचन अधिकारी (district election officer) भी होता है। लेकिन मतदान केंद्र पर मुहर लगाने से पूर्व इसके लिए चुनाव आयोग (election commission) से इजाजत लेना भी आवश्यक है। ऐसा न करने पर यहां हुआ मतदान मान्य (voting valid) नहीं माना जाता।
क्या किसी निजी इमारत में भी मतदान केंद्र बनाया जा सकता है? (Can polling station be made in a private campus?)
दोस्तों, आपको बता दें कि दूर- दराज रहने वाले मतदाताओं की सुविधा के मद्देनजर कई बार जंगलों और पहाड़ों पर भी पोलिंग स्टेशन बनाए जाते हैं। और दोस्तों, आपको यह भी बता दें कि सरकारी भवन उपलब्ध न होने पर पोलिंग स्टेशन निजी इमारत या फिर अस्थायी ढंग से तैयार किए गए शेड्स में भी बनाए जा सकते हैं, लेकिन आमतौर पर सुरक्षा व अन्य जोखिम को देखते हुए इससे बचा ही जाता है।
मतदान केंद्र पर किन अधिकारियों /कर्मचारियों की तैनाती होती है? (Which officers/employees are deployed in polling stations?)
दोस्तों, बेशक हमारे देश भारत में चुनाव कराने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग यानी इलेक्शन कमीशन (election commission) के ऊपर है। लेकिन यह हकीकत है कि चुनाव संपन्न कराने के लिए उसके पास कर्मचारी नहीं हैं। इसके लिए उसे केंद्र और राज्य सरकारों (central and state government) पर आश्रित रहता पड़ता है। चुनाव में केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के साथ ही पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया जाता है।
दोस्तों, जान लीजिए कि अधिकारियों और कर्मचारियों का कार्य बहुत कठिन होता है। लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सके इसके लिए इन अधिकारियों व कर्मचारियों को दूर-दराज के इलाक़ों तक पहुंचना होता है। इससे पूर्व इन्हें अच्छी खासी ट्रेनिंग दी जाती है। चुनाव के लिए वाहनों का अधिग्रहण किया जाता है। बहुत से दूर-दराज के इलाके ऐसे हैं, जहां अधिकारियों और कर्मचारियों को चुनाव से कई दिन पूर्व मतदान केंद्रों तक पहुंचना होता है।
मतदाता अपने मतदान केंद्र का कैसे पता कर सकते हैं? (How voter can know about their polling station?)
मतदाता मतदान केंद्र पर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकते हैं। लेकिन सवाल यह है कि वह अपनी मतदान केंद्र का कैसे पता लगाएं? दोस्तों, अपने मतदान केंद्र का पता लगाने का सबसे सरल और सहज तरीका मतदान से पूर्व बीएलओ द्वारा दी गई मतदाता पर्चियां होती हैं। इन पर्चियों पर मतदाता यानी वोटर (voter) की जानकारी के साथ ही उसके मतदान केंद्र (polling station) एवं पोलिंग बूथ नंबर (polling booth number) की भी सारी जानकारी लिखी होती है। दोस्तों, इसके अतिरिक्त मतदान केंद्र पता करने के और भी तरीके हैं, जो किस प्रकार से हैं-
- * अपने स्मार्टफ़ोन का में प्ले स्टोर से वोटर हेल्पलाइन ऐप (Voter Helpline) डाउनलोड कर लें। इस एप में Know your polling Station के सेक्शन (section) में जाएं। वहां अपना ब्योरा यानी डिटेल्स details भरकर अपने मतदान केंद्र का पता लगा सकते हैं।
- * आप चुनाव आयोग की वेबसाइट www.eci.gov.in पर जाकर भी अपना मतदान केंद्र पता लगा सकते हैं। इसके दो तरीके हैं –
- मतदाता पहचान पत्र (voter id) पर लिखे ईपीआईसी नंबर (EPIC number) के माध्यम से।
- अपने मोबाइल नंबर (mobile number) के जरिए।
मतदान केंद्र पर वोटिंग की प्रक्रिया कब तक चलती है? (Till when voting process continues in polling station?)
दोस्तों, आपको बता दे कि मतदान केंद्र पर मतदान के लिए सुबह 7:00 बजे दरवाजे खुल जाते हैं और शाम 6:00 बजे तक आमतौर पर मतदान का समय निर्धारित होता है। लेकिन आपको बता दें कि मतदान का समय समाप्त हो जाने के बावजूद जितने भी वोटर वहां लाइन में लगे होते हैं, उन सबको वोटिंग का अवसर दिया जाता है। जब तक कतार का अंतिम मतदाता मतदान नहीं कर लेता, तब तक पोलिंग बूथ खुला रहता है। इसमें चाहे कितना भी समय क्यों ना लगे।
दोस्तों, आपको जानकारी दे दें कि हमारे देश भारत में सन् 1951-52 के दौरान पहले आम चुनाव का आयोजन किया गया था। उस चुनाव में 17 करोड से अधिक मतदाताओं ने शिरकत की थी। लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं के लिए यह चुनाव साथ-साथ हुए थे। इनके लिए पूरे देश में कुल मिलाकर 1,32,560 मतदान केंद्रों की स्थापना की गई थी। औसतन हर 884 मतदाताओं के लिए मतदान केंद्र स्थापित किया गया था।
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मत का क्या अर्थ है?
किसी व्यक्ति का विचार ही उसका मत कहलाता है।
मतदान केंद्र क्या है?
जिस भवन/इमारत में व्यक्ति के मताधिकार का प्रयोग करने के लिए बूथ बनाए जाते हैं, वह मतदान केंद्र कहलाता है।
मतदान केंद्र को लेकर कि कानून में प्रावधान किया गया है?
सन् 1951 के जनप्रतिनिधित्व कानून में मतदान केंद्र को लेकर प्रावधान किया गया है।
कितने मतदाताओं पर एक मतदान केंद्र होना चाहिए?
डेढ़ हजार से अधिक मतदाताओं पर एक मतदान केंद्र होना चाहिए।
पोलिंग बूथ पर कितने मतदाता होने चाहिए?
पोलिंग बूथ पर एक हजार से अधिक मतदाता नहीं होने चाहिए।
देश के पहले आम चुनाव में कुल 1,32,560 मतदान केंद्र बनाए गए थे। औसतन हर 884 मतदाताओं के लिए एक मतदान केंद्र स्थापित किया गया था।
वोटरों के घर से मतदान केंद्र की दूरी कितनी होनी चाहिए?
वोटो के घर से मतदान केंद्र की दूरी 2 किलोमीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए।
क्या बुजुर्गों और दिव्यांगों की सुविधा के लिए मतदान केंद्र पर अलग से व्यवस्था होती है?
जी हां। बुजुर्गों एवं दिव्यांगों की सुविधा के लिए मतदान केंद्र पर अलग से व्यवस्था होती है।
क्या धार्मिक स्थलों पर मतदान केंद्र बनाए जा सकते हैं?
जी नहीं। धार्मिक स्थलों पर मतदान केंद्र नहीं बनाए जा सकते।
दोस्तों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको बताया कि मतदान केंद्र बनाए जाने के क्या प्रावधान/नियम हैं? उम्मीद करते हैं कि इस पोस्ट ने आपकी जानकारी में बढ़ोतरी की होगी। यदि आप इसी प्रकार की रोचक पोस्ट हमसे चाहते हैं तो उसके लिए नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके अपनी बात तक पहुंचा सकते हैं। ।।धन्यवाद।।