इन दिनों इलाज बहुत महंगा है। ऐसे में हर कोई हेल्थ इंश्योरेंस लेकर रखता है। सरकार भी इस संबंध में लोगों को लगातार जागरूक करती रहती है। इसी बीच भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण यानी इरडा द्वारा स्वास्थ्य बीमा से संबंधित कई नियम बदले गए हैं। आज इस पोस्ट में हम आपको यही बताएंगे कि हेल्थ इंश्योरेंस के नियमों में क्या बदलाव किया गया है? आई शुरू करते हैं-
इरडा क्या है? (What is IRDA?)
दोस्तों, इससे पूर्व कि हम हेल्थ इंश्योरेंस संबंधी नियमों के बदलाव के बारे में जानें, आइए सबसे पहले उसे एजेंसी के बारे में जान लेते हैं, जिसके द्वारा ये बदलाव लागू किए गए हैं। दोस्तों, इस एजेंसी का नाम इरडा (IRDAI) है। इसकी फुल फॉर्म इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (Insurance Regulatory and Development Authority of India) होता है।
इसे हिंदी में भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण भी पुकारा जाता है। भारत में इस एजेंसी का सबसे मुख्य कार्य बीमा पालिसी धारकों (insurance policy holders) के हितों की रक्षा करना है। इसके साथ ही यह एजेंसी इंश्योरेंस इंडस्ट्री (insurance industry) यानी बीमा उद्योग का विनियमन, संवर्धन करती है तथा बीमा संबधित तमाम आकस्मिक बिंदुओं पर कार्यवाही करती है।
हेल्थ इंश्योरेंस क्या होता है? (What is health insurance?)
दोस्तों, आइए अब जान लेते हैं कि स्वास्थ्य बीमा यानी हेल्थ इंश्योरेंस क्या होता है? आपको बता दें कि यदि कोई व्यक्ति स्वास्थ्य बीमा लेता है तो यह बीमा बीमा पॉलिसी धारक (insurance policy holder) अथवा उसके आश्रितों (dependents) को धारक की स्वास्थ्य समस्या (health problem), दुर्घटना (accident) अथवा मृत्यु (death) आदि की स्थिति में आर्थिक सहायता (financial help) प्रदान करता है।
दोस्तों, आपको बता दें कि सामान्यत: ज्यादातर स्वास्थ्य बीमा कंपनियां (health insurance companies) बीमा पॉलिसी धारक के साथ उसकी पत्नी व दो बच्चों को एक ही पॉलिसी में कवर कर लेती है। वहीं कुछ पॉलिसी ऐसी भी हैं, जो उसके माता-पिता को भी कवर (cover) करती हैं।
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से पहले क्या ध्यान रखें? (What things should be kept in mind before buying health insurance policy?)
दोस्तों, अब हम आपको बताएंगे कि हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से पहले आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। दोस्तों, सबसे पहले आपको खुद से यह पूछना चाहिए कि आपको हेल्थ इंश्योरेंस क्यों चाहिए। इसके साथ ही आपको यह आंकलन करना चाहिए कि आपको किस मूल्य के बीमा कवर (insurance cover) की आवश्यकता है।
यदि आप किसी गंभीर बीमारी अथवा रोग के लिए बीमा कवर लेना चाहते हों तो पहले यह अवश्य पता कर लें कि आप द्वारा लिए जाने वाले हेल्थ इंश्योरेंस में कौन-कौन सी बीमारियों का कवरेज (coverage) होता है। मूल्य (price) के लिहाज से परिवार के सबसे बड़े सदस्य के लिए अलग से पॉलिसी (policy) ली जा सकती है। ऐसे में स्पिलिट पॉलिसी (split policy) अधिक लाभदायक होती है।
हेल्थ इंश्योरेंस के नियमों में क्या बदलाव किया गया है? (What changes have been made in the rules of Health insurance?)
दोस्तों, आइए अब जान लेते हैं कि इरडा द्वारा हेल्थ इंश्योरेंस (health insurance) के नियमों (rules) में क्या बदलाव किए गए हैं। ये इस प्रकार से हैं-
हेल्थ इंश्योरेंस लेने की अधिकतम सीमा को हटाया :
दोस्तों, आपको बता दें कि इरडा द्वारा हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर सबसे महत्वपूर्ण बदलाव उम्र से संबंधित (age related) किया गया है। अब स्वास्थ्य बीमा खरीदने के लिए अधिकतम उम्र सीमा (maximum age limit) को हटा दिया गया है। दोस्तों, यह तो आप जानते ही होंगे कि अभी तक केवल 65 वर्ष से कम उम्र के लोग ही हेल्थ इंश्योरेंस यानी स्वास्थ्य बीमा खरीद सकते थे।
लेकिन अब उम्र सीमा हटाए जाने के बाद 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोग भी हेल्थ इंश्योरेंस खरीद सकेंगे। इसका मतलब साफ है कि यदि कोई शख्स चाहे तो वह सौ वर्ष की आयु पार करने के उपरांत स्वास्थ्य बीमा ले सकते है। कोई भी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी उसे यह इंश्योरेंस लेने से मना नहीं कर सकती।
मोरेटोरियम अवधि को कम किया गया :
दोस्तों, इरडा द्वारा किया गया एक बड़ा बदलाव मोरेटोरियम पीरियड (moratorium period) को लेकर है। उसके द्वारा द्वारा बीमा क्लेम (insurance claim) करने के लिए मोरेटोरियम अवधि को भी घटा दिया गया है। दोस्तों, आपको बता दें कि बीमा में मोरेटोरियम अवधि को लुक-बैक पीरियड (look-back period) भी पुकारा जाता है। इसी पॉलिसी धारकों के हितों की सुरक्षा के लिए अंतर्निहित किया गया है।
आपको बता दें कि एक बार लुक बैक अवधि समाप्त हो जाने के बाद बीमा कर्ता कंपनी द्वारा गैर-प्रकटीकरण अथवा या गलत बयानी को आधार बनाकर पर किसी बीमा ग्राहक के दावे को अस्वीकार नहीं नहीं किया जा सकता। आपको बता दें दोस्तों कि बीमा क्लेम के लिए पूर्व में मोरटोरियम अवधि 8 वर्ष थी, जिसे अब घटाकर 5 वर्ष कर दिया गया है। इसका अर्थ यह है कि यदि कोई ग्राहक लगातार पांच वर्ष यानी 60 महीनों तक बीमा प्रीमियम (insurance premium) चुका देता है तो कोई भी बीमा कंपनी उसका क्लेम खारिज नहीं कर सकेगी।
मोरेटोरियम अवधि घटाए जाने का फायदा किन बीमा ग्राहकों को होगा? (Which insurance consumer will get benefit by cutting the Moratorium period?)
दोस्तों, जान लीजिए कि मोरेटोरियम अवधि कम किए जाने का लाभ हेल्थ इंश्योरेंस लेने वाले नए एवं मौजूदा दोनों ही प्रकार के ग्राहकों को होगा। दरअसल, अभी तक यह होता है कि कई हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां शुगर/डायबिटीज (sugar/diabetes), हाइपरटेंशन (hypertension), अस्थमा (asthma) जैसी बीमारियों के बारे में जानकारी न देने को आधार बनाकर ग्राहकों का क्लेम खारिज (claim reject) कर देती थी। कई दफा तो वे बीमा पॉलिसी (insurance policy) ही रद्द कर देती थीं। अब ऐसा नहीं हो सकेगा।
हेल्थ इंश्योरेंस के लिए उम्र की अधिकतम सीमा हटाए जाने का सबसे अधिक फायदा किसको होगा? (Who will get the maximum benefit in changes of the rules of Health insurance?)
दोस्तों, इरडा द्वारा हेल्थ इंश्योरेंस लेने के अधिकतम उम्र सीमा को हटा दिया गया है, ऐसे में आप यह अवश्य जाना चाहेंगे कि इस बदलाव का फायदा किन ग्राहकों को होगा? दोस्तों, आपको बता दें कि ऐसे बुजुर्ग अथवा वरिष्ठ नागरिकों (senior citizens) को, जिनके पास कोई स्वास्थ्य सुरक्षा (health security) नहीं है, उन्हें इस नियम में बदलाव से सबसे अधिक लाभ होगा।
यह तो आप जानते ही होंगे कि सरकारी कर्मचारियों को तो सेवानिवृत्ति (retirement) के बाद भी सरकार द्वारा स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न सुविधाएं प्रदान की जाती हैं, लेकिन निजी क्षेत्र (private sector) के कर्मचारियों (employees) के लिए 65 वर्ष के पश्चात यह सुविधा सीमित हो जाती है। ऐसे लोगों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेने की अधिकतम उम्र सीमा (maximum age limit) हटाया जाना बेहद लाभप्रद होगा।
यदि कोई बीमा कंपनी ग्राहक का दावा गलत तरीके से खारिज करे तो वह क्या करे? (What should a consumer do if an insurance company rejects his claim wrongly?)
दोस्तों, बहुत बार बीमा कंपनी द्वारा ग्राहक का सही दवा गलत तरीके से खारिज करने की शिकायत आती है। अब हम आपको बताएंगे कि यदि कोई बीमा कंपनी किसी ग्राहक का दावा गलत तरीके से खारिज करती है तो वह क्या कर सकता है। दोस्तों, इसके लिए उसे सबसे पहले बीमा कंपनी (insurance company) के पास शिकायत दर्ज करानी होगी।
वह बीमा कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट (official website) पर मौजूद ई-मेल एड्रेस (email address) पर अपनी शिकायत (complaint) डाल सकता है। लेकिन यदि 15 दिन में उसकी शिकायत का निवारण नहीं होता तो वह इरडा की आधिकारिक वेबसाइट irda.gov.in पर ऑनलाइन कंप्लेंट (online complaint) कर सकता है। इसके अतिरिक्त इरडा के ऑफिस जाकर भी हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर बीमा कंपनी की शिकायत दर्ज (complaint file) कराई जा सकती है।
IRDA की फुल फॉर्म क्या है?
IRDA की फुल फॉर्म Insurance Regulatory and Development Authority of India है।
IRDA को हिंदी में क्या पुकारा जाता है?
IRDA को हिंदी में भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण पुकारा जाता है।
इरडा द्वारा हेल्थ इंश्योरेंस के नियमों में क्या बदलाव किए गए हैं?
इरडा द्वारा हेल्थ इंश्योरेंस लेने की अधिकतम उम्र सीमा को हटाया गया है। साथ ही मोरेटोरियम अवधि को कम किया गया है।
अभी तक हेल्थ इंश्योरेंस लेने के अधिकतम उम्र सीमा क्या थी?
अभी तक हेल्थ इंश्योरेंस लेने की अधिकतम उम्र 65 वर्ष थी।
हेल्थ इंश्योरेंस की मोरेटोरियम अवधि को घटाकर कितना किया गया है?
हेल्थ इंश्योरेंस की मोरेटोरियम अवधि को 8 वर्ष से घटाकर 5 वर्ष किया गया है।
मोरेटोरियम अवधि 5 वर्ष किए जाने से क्या लाभ होगा?
इसका लाभ यह है कि यदि किसी पॉलिसी होल्डर द्वारा 60 महीने तक इंश्योरेंस प्रीमियम चुकाया जा चुका है तो कोई कंपनी उसका क्लेम खारिज नहीं कर सकती।
इरडा द्वारा हेल्थ इंश्योरेंस के अधिकतम उम्र सीमा संबंधी नियम में हुए बदलाव का सर्वाधिक लाभ किसको मिलेगा?
इस संबंध में हमने आपको ऊपर पोस्ट में विस्तार से जानकारी दी है। आप कहां से देख सकते हैं।
इरडा की आधिकारिक वेबसाइट का एड्रेस क्या है?
इरडा की आधिकारिक वेबसाइट का एड्रेस irdai.gov.in है।
दोस्तों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको बताया कि हेल्थ इंश्योरेंस के नियमों में क्या बदलाव किया गया है? उम्मीद है कि यह पोस्ट आपके लिए बेहद लाभकारी साबित होगी। यदि इस पोस्ट के संबंध में आपका कोई सवाल अथवा सुझाव है तो बेहिचक नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके हमें बताएं। ।।धन्यवाद।।