शपथ पत्र क्या होता है? शपथ पत्र कैसे बनाते हैं? शपथ पत्र का प्रारूप

शपथ पत्र क्या होता है? | शपथ पत्र कैसे बनाते हैं? शपथ पत्र का प्रारूप | What is affidavit? | How it is made? Format of affidavit | शपथ पत्र बनवाने का क्या उद्देश्य होता है? | What is the objective to make an affidavit? | शपथ पत्र का प्रारूप क्या होता है? (What is the format of affidavit? |

मित्रों, सबसे पहले बात शपथ (oath) की कर लेते हैं। यदि साधारण शब्दों में कहें तो यह किसी तथ्य की ऐसी अभिव्यक्ति होती है, जिसके सत्य होने का आश्वासन उसमें किसी पवित्र चीज के उल्लेख के आधार पर किया जाए। जैसे कि मैं गीता की सौगंध लेता हूं कि अमुक काम ईमानदारी से करूंगा। शपथ को हम प्रतिज्ञा अथवा कसम नाम से भी पुकारते हैं। अंग्रेजी में इसे ओथ (oath) कहा जाता है। दोस्तों, अक्सर हम इस मामले में भगवान अथवा किसी अन्य देवता अथवा वस्तु का औपचारिक आहवान करते हैं कि हम जो कुछ कह रहे हैं, वही उसकी सच्चाई का गवाह है।

उदाहरण के लिए- आपने अक्सर फिल्मों में देखा होगा कि कोर्ट में बयान देने से पहले गवाह को गीता पर हाथ रखने को कहा जाता है, जिसके बाद वह कहता है कि वह जो कुछ कहेगा, सच कहेगा, सच के सिवाय कुछ नहीं कहेगा। या कई बार हम अपनी बात की सत्यता को साबित करने के लिए मां की, बहन की कसम खाते हैं, यही शपथ होती है। भारत में सबसे मशहूर शपथ/प्रतिज्ञा के रूप में भीष्म प्रतिज्ञा का जिक्र किया जाता है। वह इसलिए, क्योंकि भीष्म अपनी प्रतिज्ञा पर अटल/अडिग रहे थे।

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शपथ पत्र क्या होता है? (What is an affidavit?)

दोस्तों, हमने आपको शपथ के बारे में बताया। अब आते हैं शपथ पत्र पर। जब भी आप लिखकर किसी बयान के बारे में शपथ लेते हैं तो जिस कागज पर यह शपथ लिखी जाती है, उसे सामान्य शब्दों में शपथ पत्र कहा जाता है। शपथ पत्र को हलफनामा भी कहकर पुकारा जाता है। इसे अंग्रेजी में एफिडेविट (affidavit) भी कहते हैं। यदि शपथ पत्र की परिभाषा (definition) की बात करें तो शपथ पत्र किसी भी व्यक्ति द्वारा विधि द्वारा अधिकृत नोटरी पब्लिक (notary public) अथवा शपथ आयुक्त (oath commissioner) के समक्ष ली गई शपथ अथवा तथ्यात्मक घोषणा है, इसमें वह यह बयान दे देता है कि वह जो भी कुछ जानकारी दे रहा है, वह सच है।

शपथ पत्र क्या होता है

शपथ पत्र बनवाने का क्या उद्देश्य होता है? (What is the objective to make an affidavit?)

साथियों, अब आप यह भी अवश्य सोच रहे होंगे कि आखिर किन कारणों से शपथ पत्र तैयार किया जाता है? (for what reasons affidavit is made?)। आपको बता दें कि यह किसी व्यक्ति द्वारा उसकी बात की सच्चाई का प्रमाण (proof of truth) है। अदालत (court) में इसे कानूनी सुबूत (legal proof) के रूप में पेश किया जा सकता है। इसमें पेश किए गए तथ्यों के असत्य पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति को कानून के तहत दंडित करने का भी प्रावधान किया गया है।

नोटरी पब्लिक कौन होता है? (Who is notary public?)

साथियों, शपथ पत्र तैयार करने में नोटरी पब्लिक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। आपको जानकारी दे दें कि जिस व्यक्ति को सरकार (government) द्वारा कानूनी दस्तावेजों (legal documents) को सत्यापित (verify) करने व हस्ताक्षर (signature) के लिए अधिकृत (authorise) किया जाता है। वह नोटरी पब्लिक (notary public) कहलाता है।

शपथ पत्र कैसे बनाते हैं? (How affidavit is made?)

मित्रों, यदि आप भी शपथ पत्र (affidavit) बनवाने जा रहे हैं तो सबसे पहले इसके नियमों (rules) को जान लें, ताकि आप सही सही शपथ पत्र बनवा सकें। ये नियम इस प्रकार से हैं-

  • प्रत्येक शपथ पत्र प्रथम पुरुष (first person) यानी ‘मैं’ में लिखा जाना चाहिए। जैसे- ‘मैं शपथ लेता हूं’।
  • शपथ पत्र में आवश्यक ब्योरे (details) को छोड़कर अन्य किसी भी बात का कतई उल्लेख न करें। आपकी शपथ एकदम स्पष्ट होनी चाहिए।
  • शपथ में शपथ पत्र (affidavit) देने वाले व्यक्ति का संपूर्ण ब्योरा (full details) होना चाहिए, ताकि किसी प्रकार की ऊहापोह की स्थिति न उत्पन्न हो।
  • शपथ पत्र को पैराग्राफ (paragraph) में बनाएं ताकि प्रत्येक विवरण (details) क्रमबद्ध तरीके से दर्ज (record) किया जा सके। यदि आप इन्हें क्रम संख्या (serial number) दें तो और बेहतर होगा।
  • शपथ पत्र में जिन भी लोगों का उल्लेख हो, उनका सही नाम एवं स्थान का पूरा ब्योरा (full details) देना चाहिए।
  • जब शपथ लेने वाला अपनी जानकारी (knowledge) के आधार पर किसी बात की सत्यता का उल्लेख करता है तो वह सीधे शब्दों में लिखे-मैं पुष्टि करता हूं…।
  • यदि शपथ पत्र देने वाले का कोई तथ्य (factor) किसी अन्य स्रोत (other source) अथवा दस्तावेज (document) पर आधारित हो तो उसे इसका पूरा ब्योरा देना चाहिए।
  • शपथ पत्र केवल उन्हीं तथ्यों तक सीमित हो, जिनके इस्तेमाल का अधिकार शपथ देने वाले को हो।
  • इसके बाद उचित प्राधिकारी के समक्ष शपथ पत्र पर हस्ताक्षर (signature) किए जाएंगे।
  • इसके पश्चात इस पर साक्षी (witness) का नाम एवं उसके द्वारा हस्ताक्षर (signature) किए जाएंगे।
  • इसके पश्चात नोटरी (notary) का पद एवं नाम का उल्लेख होगा।
  • सबसे आखिर में तिथि एवं स्थान का उल्लेख किया जाएगा।

शपथ पत्र का प्रारूप क्या होता है? (What is the format of affidavit?)

दोस्तों, शपथ पत्र का प्रारूप क्या होता है? इसे आज हम आपको एक उदाहरण के माध्यम से समझाएंगे-

मान लीजिए कि आपकी नियुक्ति शिक्षा विभाग में हुई है। ऐसे में आपको अपने शैक्षिक प्रमाण पत्रों के बारे में शपथ पत्र देना होगा। ऐसे में आपके द्वारा सबसे पहले एक सौ रुपए का स्टांप पेपर (stamp paper) खरीदा जाएगा, उस पर यह इबारत लिखी जाएगी-

शपथ पत्र

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समक्ष- श्रीमन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी

मैं…..पुत्र/पुत्री श्री……निवासी-ग्राम/मोहल्ला…..पोस्ट…..जिला…..शपथपूर्वक यह घोषणा करता हूं कि –

1. मेरे द्वारा आनलाइन आवेदन पत्र में भरी गई समस्त सूचनाएं, मूल शैक्षिक एवं अन्य अभिलेख पूर्णतया सही हैं एवं विधि मान्य संस्था से अर्जित किए गए हैं।

2. मैं शपथकर्ता… जनपद……में नियुक्त होने के पश्चात अंतर जनपदीय स्थानांतरण की मांग नहीं करूंगा।

दिनांक…… हस्ताक्षर शपथकर्ता…..

हस्ताक्षर नोटरी पब्लिक…..

क्या शपथ पत्र में संशोधन किया जा सकता है? (Can there be an ammendment in affidavit?)

मित्रों, कई बार शपथ पत्र (affidavit) बना देने के पश्चात शपथ पत्र बनाने वाला अपने तथ्यों (facts) में संशोधन (ammendment) कराना चाहता है। ऐसे में उसके मन में सवाल आता है कि क्या वह शपथ पत्र में संशोधन कर सकता है? तो आपको जानकारी दे दें कि शपथ पत्र में किसी प्रकार का कोई संशोधन नहीं किया जा सकता। यदि किसी व्यक्ति के शपथ पत्र में कोई गलत तथ्य (wrong fact) चला गया है एवं कोई व्यक्ति शपथ पत्र में कोई संशोधन करना चाहता है अथवा कोई तथ्य बढ़वाना चाहता है तो ऐसे में उसे एक नया शपथ पत्र बनवाना और दाखिल करना होगा।

शपथ पत्र की आवश्यकता कहां कहां पड़ती है? (Where affidavit is used?)

मित्रों, आपको किसी बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र बनवाना हो, अपना निवास प्रमाण पत्र बनवाना हो, ऐसे लगभग प्रत्येक कार्य के लिए आपको शपथ पत्र की आवश्यकता पड़ती ही है। आइए, इसके इस्तेमाल जान लेते हैं। ये इस प्रकार से हैं-

  • मैरिज सर्टिफिकेट के लिए।
  • इन्कम सर्टिफिकेट के लिए।
  • जन्म प्रमाण पत्र के लिए।
  • नाम में बदलाव के लिए।
  • अधिवास प्रमाण पत्र के लिए।
  • एजुकेशन लोन के लिए
  • रसोई गैस कनेक्शन के लिए।
  • अखबारों में विज्ञापन देने के लिए।
  • बैंक में दावा निपटान के लिए आदि।
  • डुप्लीकेट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए।

शपथ क्या होती है?

यह एक प्रकार की तथ्य की ऐसी अभिव्यक्ति है, जो कोई भी व्यक्ति अपनी बात को सत्य साबित करने के लिए किसी के समक्ष दर्ज करता है। इसमें कई बार ईश्वर का का भी आह्वान सच्चाई के गवाह के रूप में किया जाता है।

शपथ को और किस नाम से पुकारा जाता है?

शपथ को कसम प्रतिज्ञा के नाम से भी पुकारा जाता है। इसे अंग्रेजी में oath कहा जाता है।

शपथ पत्र क्या होता है?

यह विधि द्वारा प्राधिकृत अधिकारी के सामने आपकी ऐसी लिखित तथ्यात्मक घोषणा होती है, जो आपके बयान/जानकारी/सूचना के सत्य साबित होने की पुष्टि करती है।

शपथ लेने की आवश्यकता क्यों पड़ती है?

शपथ अक्सर इस बात के लिए ली जाती है, ताकि दूसरों को यकीन आए कि हमने जो भी कुछ कहा है, वह सत्य है।

क्या शपथ पत्र को कोर्ट में बतौर सुबूत पेश किया जा सकता है?

जी हां, शपथ पत्र को कोर्ट में बतौर सुबूत पेश किया जा सकता है।

शपथ पत्र का फार्मेट क्या होता है?

शपथ पत्र का फार्मेट हमने आपको ऊपर पोस्ट में उदाहरण के साथ बताया है। इसे आप वहां से देख सकते हैं।

किसकी प्रतिज्ञा सबसे मशहूर है?

भीष्म प्रतिज्ञा सबसे मशहूर है। इसका जिक्र कहावतों में भी किया जाता है।

शपथ पत्र की आवश्यकता कहां कहां पड़ती है?

शपथ पत्र की आवश्यकता आय प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र बनवाते वक्त, निवास प्रमाण पत्र बनवाते वक्त जैसे विभिन्न अवसरों पर पड़ती है।

क्या शपथ पत्र को संशोधित किया जा सकता है?

जी नहीं, शपथ पत्र को संशोधित नहीं किया जा सकता।

यदि किसी शपथ पत्र में कोई गलत तथ्य चला गया है, अथवा इसमें कोई बात बढ़वानी है तो क्या करना होगा?

ऐसी स्थिति में शपथ पत्र देने वाले को नया शपथ पत्र तैयार कराकर दाखिल करना होगा।

मित्रों, हमने आपको इस पोस्ट (post) में जानकारी दी कि शपथ पत्र क्या होता है? शपथ पत्र कैसे बनता है? उम्मीद करते हैं कि अब आप बेहिचक शपथ पत्र बनवा सकते हैं। यदि आपका इस पोस्ट को लेकर कोई सुझाव अथवा सवाल है तो उसे नीचे दिए गए कमेंट बाक्स (comment box) में कमेंट (comment)करके बता सकते हैं। ।।धन्यवाद।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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