सर्वाइकल कैंसर क्या होता है? सर्वाइकल कैंसर के क्या लक्षण हैं? इससे बचाव कैसे हो सकता है?

कैंसर का नाम सुनकर अच्छे-अच्छों की हालत खराब हो जाती है। बेशक शुरुआत में पता चल जाने पर अब कैंसर का ट्रीटमेंट होने लगा है। इसके बावजूद लोगों में कैंसर को लेकर डर अभी गया नहीं है। यदि महिलाओं बात करें तो उन्हें ब्रेस्ट कैंसर (breast Cancer) के बाद सबसे अधिक कैसे सर्वाइकल कैंसर (cervical cancer) के ही सामने आते हैं।

क्या आप जानते हैं कि सर्वाइकल कैंसर क्या होता है? सर्वाइकल कैंसर के क्या लक्षण हैं? इससे बचाव कैसे हो सकता है? यदि नहीं तो आज इस पोस्ट में हम आपको आपके दिमाग में सर्वाइकल कैंसर को लेकर उठने वाले हर सवाल का जवाब देंगे। आइए, शुरू करते हैं

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सर्वाइकल कैंसर क्या है? (What is cervical cancer?)

दोस्तों, आपको बता दें कि गर्भाशय के निचले हिस्से को सर्विक्स (cervix) कहा जाता है। इस हिस्से की कोशिकाओं (cells) की असामान्य बढ़त (abnormal growth) सर्वाइकल कैंसर (cervical cancer) कहलाती है। सही समय पर रोग की पहचान न होने और उपचार न होने से महिलाएं इस कैंसर की वजह से मौत का निवाला बन जाती हैं।

सर्वाइकल कैंसर क्या होता है

महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के क्या लक्षण हैं? (What are the symptoms of cervical cancer?)

दोस्तों, किसी भी बीमारी की पहचान और उसके निदान के लिए उसके लक्षण जानना सर्वाधिक आवश्यक है। आइए, जान लेते हैं कि महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के क्या लक्षण हैं-

  • योनि से असामान्य अथवा सफेद बदबूदार रक्तस्राव।
  • कमर के निचले हिस्से में दर्द रहना।
  • यौन संबंधों के दौरान दर्द होना।

दोस्तों, आपको बता दें कि सर्वाइकल कैंसर के ये सभी सामान्य लक्षण हैं। बेशक ये लक्षण किसी और वजह से भी हो सकते हैं, लेकिन जब भी आपको इस प्रकार के लक्षण (symptoms) दिखें तो डॉक्टर से चेक जरूर करवा लें, ताकि यदि सर्वाइकल कैंसर हो तो उसका उचित समय से निदान किया जा सके।

सर्वाइकल कैंसर के क्या कारण है? (What are the reasons of cervical cancer?)

दोस्तों, अब सर्वाइकल कैंसर (cervical cancer) के कारणों पर बात कर लेते हैं। यह जान लेते हैं कि आखिर सर्वाइकल कैंसर क्यों होता है इसके क्या कारण हैं –

  • यौन संबंध बनाने के दौरान वेजाइनल इंफेक्शन (veginal infection)।
  • ह्यूमन पैपिलोमा वायरस
  • (Human Papilloma virus) यानी (HPV) का लगातार अथवा लंबे समय तक होने वाला इन्फेक्शन।
  • कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता (weak immunity)।
  • कम उम्र में विवाह।
  • गर्भनिरोधक दवाओं का लंबे समय तक इस्तेमाल ।
  • यदि परिवार में सर्वाइकल कैंसर की हिस्ट्री (history) रही हो।

दुनिया भर में सर्वाइकल कैंसर की क्या स्थिति है? (What is the status of cervical cancer in all over the world?)

दोस्तों, कैंसर की बीमारी पूरी दुनिया में तेजी से पैर पसार रही है। यदि महिलाओं में होने वाले सर्वाइकल कैंसर की बात करें तो आपको बता दें कि यह दुनिया में चौथा सबसे कॉमन कैंसर (most common cancer) है। पूरी दुनिया में इसके प्रत्येक वर्ष लगभग पौने छह लाख नए केस आते हैं। दोस्तों, यह भी जान लीजिए कि एशिया (Asia) महाद्वीप में इसके सबसे अधिक केस मिलते रहे हैं। उत्तरी अमेरिका में इसके केस सबसे कम देखने को मिले हैं।

भारत में सर्वाइकल कैंसर इंसिडेंस व डेथ रेट क्या है? (What is the incidence and death rate of cervical cancer in India?)

दोस्तों, यदि भारत (India) की बात की जाए तो आपको बता दें कि हमारे देश की महिलाओं में भी स्तन कैंसर (breast cancer) के बाद सर्वाइकल कैंसर सबसे ज्यादा को मिलता है। यदि भारत में इसके इंसिडेंस और डेथ रेट (incidence and death rate) की बात करें तो प्रति एक लाख पर यह क्रमशः 14.7 और 9.2 है। हालात का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि हमारे देश की महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर को लेकर कोई अधिक जागरूकता नहीं। बगैर किसी लक्षण के वे कभी इससे संबंधित टेस्ट नहीं करातीं, जबकि हम यह स्पष्ट कर चुके हैं कि बहुत सी स्थिति में इसका कोई लक्षण दिखाई भी नहीं देता। लाखों महिलाएं इस कैंसर के रिस्क पर हैं।

सर्वाइकल कैंसर से बचाव कैसे कर सकते हैं? (How to get safe from cervical cancer?)

आपने सुना होगा कि सतर्कता या सावधानी ही बचाव है सर्वाइकल कैंसर के मामले में भी यही कहावत एकदम सही बैठती है।इसके रिस्क फैक्टर्स (risk factors) की जानकारी होना सर्वाधिक आवश्यक है ताकि पहले से ही जागरुक एवं सचेत रहा जा सके। इससे बचाव के यह तरीके हैं –

  • यौन हाईजीन (heigen) यानी यौन अंगों की सफाई रखें।
  • असुरक्षित (unsafe) यौन संबंधों से परहेज़ करें।
  • कम उम्र में विवाह न हो।
  • यदि आपकी उम्र 30 वर्ष से अधिक है तो पैप स्मियर (pap smear) और HPV टेस्ट कराते रहें। इससे रोग की जल्द पहचान संभव होगी।
  • HPV के इन्फेक्शन (infection) से बचाव के लिये वैक्सीन लगवाएं।

HPV का वैक्सीनेशन कहां करवाया जा सकता है? (Where HPV vaccination can be done?)

दोस्तों, आइए अब यह जान लेते हैं कि एचपीवी का वैक्सीनेशन (HPV vaccination) कहां करवाया जा सकता है। आपको बता दें कि सरकारी अस्पतालों में यह मुफ्त यानी फ्री (free) लगती है। केंद्र सरकार (Central government) द्वारा 2024 के लिए पेश किए गए अंतरिम बजट (interim budget) में भी 9 वर्ष से लेकर 14 वर्ष तक की किशोरियों को HPV वैक्सीनेशन की बात कही गई है। यदि कोई चाहे तो वह निजी अस्पतालों (private hospitals) में भी यह वैक्सीन लगवा सकता है। यद्यपि इन अस्पतालों में यह थोड़ी महंगी पड़ती है।

लक्षणों के आधार पर या बगैर लक्षण के भी जांच क्यों आवश्यक है? (Why test is necessary after symptoms are seen or there is no symptoms at all?)

दोस्तों, एक बात तय मान लीजिए कि जितनी जल्दी इसकी पहचान होगी, उतना ही जल्दी इस कैंसर का इलाज शुरू किया जा सकेगा। इसलिए ऊपर बताए गए लक्षण दिखाई देने पर या आने पर भी संबंधित जांच अवश्य कराएं। इस प्रकार मरीज को गंभीर स्थिति में जाने या मौत के मुंह में जाने से बचाया जा सकेगा।

महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के केस किस उम्र में ज्यादा देखने को मिलते हैं? (In which age cervical cancer is seen kore in women?)

दोस्तों, आपको जानकारी दे दें कि अधिकांश महिलाओं में 48 से 50 वर्ष की उम्र में सर्वाइकल कैंसर के मामले अधिक देखने को मिलते हैं। यानी इसकी शिकार महिलाओं की औसत उम्र 50 वर्ष है। यद्यपि यह इसके पूर्व भी अपना शिकार बन सकता है। इसीलिए महिलाओं में 26 वर्ष की उम्र से पहले एचपीवी वैक्सीन पर जोर दिया गया है।

क्या सभी तरह का एचपीवी सर्वाइकल कैंसर करता है? (Does every HPV cause cervical cancer?)

दोस्तों, यदि आप भी बाकी सभी लोगों की तरह यह समझते हैं कि सभी तरह का एचपीवी सर्वाइकल कैंसर करता है, तो आप पूरी तरह से गलत हैं। जी हां दोस्तों, आपको बता दें कि सभी तरह के एचपीवी से सर्वाइकल कैंसर नहीं होता। इसे लेकर दो तरह के एचपीवी को खतरनाक माना गया है, जो कि एचपीवी 16 और 18 हैं। इसका निर्धारण लक्षणों के आधार पर महिला द्वारा कराए गए टेस्ट के बाद ही हो पाता है।

सर्वाइकल कैंसर का क्या उपचार है? (What is the treatment of cervical cancer?)

दोस्तों , आइए अब सर्वाइकल कैंसर के उपचार यानी ट्रीटमेंट (treatment) की बात कर लेते हैं। दोस्तों, आपको बता दे कि मरीज का उपचार उसकी स्थिति और रोग की आवश्यकता को देखते हुए डाक्टर के निर्णय पर निर्भर करता है। सामान्य रूप से सर्वाइकल कैंसर के मरीज का तीन तरह से उपचार किया जाता है। एक उपचार सर्जरी (surgery) के जरिए हो सकता है। रेडिएशन थेरेपी (radiation therapy) के जरिए हो सकता है या फिर कीमोथेरेपी (chemotherapy) के जरिए संभव है।

cervical cancer Related FAQ

सर्विक्स क्या होता है?

गर्भाशय के निचले हिस्से को सर्विक्स पुकारा जाता है।

सर्वाइकल कैंसर क्या होता है?

सर्विक्स की कोशिकाओं की असामान्य बढ़त सर्वाइकल कैंसर कहलाती है।

सर्वाइकल कैंसर के क्या कारण हैं?

ह्यूमन पैपिलोमा वायरस का इंफेक्शन इसका सबसे बड़ा कारण है। इसके अलावा योनि से बदबूदार रक्तस्राव, असुरक्षित यौन संबंध आदि इसके कारण हैं।

क्या सर्वाइकल कैंसर का लक्षण नजर आना जरूरी है?

जी नहीं, इसका बहुत बार कोई लक्षण दृष्टिगोचर नहीं होता।

इससे कैसे बचा जा सकता है?

इसके तरीके हमने आपको ऊपर पोस्ट में बताए हैं। आप वहां से देख सकते हैं।

केंद्र सरकार द्वारा कितनी उम्र की किशोरियों को एचपीवी वैक्सीन लगाए जाने के बाद कही गई है?

केंद्र सरकार द्वारा 9 वर्ष से लेकर 14 वर्ष तक की किशोरियों को एचपीवी वैक्सीन लगाने की बात कही गई है।

एचपीवी वैक्सीनेशन कहां कराया जा सकता है?

एचपीवी वैक्सीनेशन सरकारी अस्पताल में कराया जा सकता है। यद्यपि निजी अस्पतालों में भी सुविधा उपलब्ध है, जो कि थोड़ी महंगी है।

क्या कैंसर के नजरिए से सभी तरह का एचपीवी खतरनाक है?

जी नहीं, कैंसर के नजरिए से सभी तरह का एचपीवी खतरनाक नहीं है।

सर्वाइकल कैंसर का क्या उपचार है?

मरीज की स्थिति के आधार पर सर्वाइकल कैंसर का उपचार सर्जरी, रेडिएशन या फिर कीमोथेरेपी द्वारा होता है।

दोस्तों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको बताया कि सर्वाइकल कैंसर क्या होता है? सर्वाइकल कैंसर के क्या लक्षण हैं? इससे बचाव कैसे हो सकता है? उम्मीद करते हैं कि इस पोस्ट ने सर्वाइकल कैंसर को लेकर आपकी जानकारी में इजाफा किया होगा। इसी प्रकार की जानकारीपरक पोस्ट पाने के लिए हमें नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके भेज सकते हैं। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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