डॉक्सिंग क्राइम क्या है? इसकी शिकायत कैसे दर्ज कराएं?

इंटरनेट की दुनिया ने आम लोगों की जिंदगी में आमूल-चूल बदलाव ला दिया है। अब वे घर बैठे ऑफिस का काम निपटा लेते हैं। दूर देश में रह रहे अपने रिश्तेदारों परिचितों से घर बैठे आमने-सामने वीडियो कॉल के जरिए बात कर लेते हैं। लेकिन इंटरनेट ने जहां लोगों को सुविधा दी है, वही साइबर अपराधों की संख्या में भी जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है।

ऐसे ही अपराधों में एक डॉक्सिंग क्राइम भी है। क्या आप जानते हैं कि डॉक्सिंग क्राइम क्या है? इसकी शिकायत कैसे दर्ज कराएं? यदि नहीं तो चिंता न कीजिए। आज इस पोस्ट में हम आपको इसी संबंध में विस्तार से जानकारी देंगे। आइए, शुरू करते हैं –

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डॉक्सिंग का क्या अर्थ है? (What is the meaning of doxxing?)

दोस्तों, इससे पूर्व कि हम डॉक्सिंग क्राइम के बारे में जानें, आइए सबसे पहले यह जान लेते हैं कि डॉक्सिंग का क्या अर्थ है? दोस्तों, आपको बता दें कि doxxing शब्द अंग्रेजी के dox से लिया गया है। यह documents (दस्तावेज) का संक्षिप्त रुप है।

डॉक्सिंग क्राइम क्या है

डॉक्सिंग क्राइम क्या होता है? (What is doxxing crime?)

दोस्तों, आइए अब डॉक्सिंग क्राइम की बात कर लेते हैं। आपको बता दें कि डॉक्सिंग साइबरबुलिंग (cyberbullying) का ही एक रूप है। इसमें साइबर अपराधियों द्वारा टारगेट किए गए लोगों की व्यक्तिगत जानकारी एवं निजी डाटा जैसे-उनकी फोटो (photo), पता (address), कांटेक्ट लिस्ट (contact list) आदि को बगैर इजाजत इंटरनेट (internet) पर अपलोड (upload) कर सार्वजनिक कर दिया जाता है। डॉक्सिंग के जरिए आसानी से साइबर अपराधियों द्वारा ऑनलाइन धोखा-धड़ी (online fraud) को अंजाम दिया जाता है।

डॉक्सिंग क्राइम का क्या उद्देश्य है? (What is the object of doxxing crime?)

मित्रों, यह तो आप भी जानते होंगे कि कोई भी क्राइम बिना किसी उद्देश्य के नहीं किया जाता। यानी हर क्रीम के पीछे कोई ना कोई मोटो (motto) अवश्य होता है।अब आप पूछेंगे कि डॉक्सिंग क्रीम का क्या उद्देश्य होता है? तो आपको बता दें कि

डॉक्सिंग क्राइम के पीछे साइबर क्रिमिनल्स (cyber criminals) का उद्देश्य किसी खास व्यक्ति का उत्पीड़न करना, उसे वित्तीय नुकसान पहुंचाना या उसे जोखिम में डालना आदि हो सकता है। ज्यादातर डॉक्सिंग क्राइम का मकसद फाइनेंशियल फ्रॉड (financial fraud) करना होता है।

भारत में डॉक्सिंग रोकने संबंधी कौन सा कानून है? (Which law in India restricts doxxing?)

दोस्तों, आपको बता दें कि भारत में सीधे-सीधे (direct) डॉक्सिंग को रोकने अथवा इस संबंध में दंडित करने के लिए कोई कानून नहीं है। हमारे यहां किसी व्यक्ति की अनुमति के बगैर उसकी निजी जानकारी ऑनलाइन करना, उसे बिना बताए वीडियो बनाना या अश्लील चीजों के वितरण एवं प्रकाशन (distribution and publication) के खिलाफ कानून (law) है। ऐसे मामलों में भारतीय दंड संहिता (Indian penal code) की धारा (section) 292 और धारा (section) 354 (डी) के अंतर्गत कार्रवाई की जाती है।

डॉक्सिंग क्राइम के खिलाफ शिकायत कैसे करें? (How to complaint against doxing crime?)

दोस्तों, जहां तक डॉक्सिंग क्राइम की बात है तो आपको बता दें कि यह अपराध हमारे यहां साइबर क्राइम (cyber crime) के तौर पर दर्ज किया जाता है। यदि आप अथवा आपका कोई परिचित डॉक्सिंग क्राइम का शिकार हुआ है तो वह बेखटके अपने नजदीकी साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन (cyber crime police station) में जाकर शिकायत दर्ज (complaint file) कर सकता है।

डॉक्सिंग क्राइम की शिकायत दर्ज करने के लिए आपको किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी? (What documents are required to register complaint against doxxing crime ?)

दोस्तों, आइए, अब जान लेते हैं कि यदि कोई व्यक्ति डॉक्सिंग की शिकायत दर्ज कराना चाहता है तो उसको किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। ये दस्तावेज इस प्रकार से हैं –

  • शिकायतकर्ता व्यक्ति द्वारा घटना का तिथि व समय सहित लिखित ब्योरा (details)।
  • शिकायतकर्ता व्यक्ति की नेशनल आईडी। जैसे-नीचे दिए गए दस्तावेजों में से किसी एक की कॉपी-
  • आधार कार्ड (aadhar card)।
  • वोटर आईडी (voter ID)।
  • ड्राइविंग लाइसेंस (driving licence)।
  • पासपोर्ट (passport)।
  • पैन कार्ड (pan card)।
  • संबंधित व्यक्ति का मोबाइल फोन नंबर (mobile phone number)।
  • संबंधित व्यक्ति की ई-मेल आईडी (email id)।

डॉक्सिंग क्राइम के मामले में ऑनलाइन शिकायत कैसे दर्ज करें? (How to complaint online in case of doxxing crime?)

यदि कोई व्यक्ति डॉक्सिंग क्राइम का शिकार हो गया है और वह साइबर थाना नहीं जाना चाहता है तो वह ऑनलाइन (online) भी अपनी शिकायत दर्ज (complaint register) करा सकता है। इसकी प्रक्रिया (process) इस प्रकार होगी-

  • सबसे पहले www.cybercrime.gov.in लिंक पर जाकर क्लिक करें।
  • अब आपके सामने होमपेज खुल जाएगा।
  • यहां नजर आ रहे बॉक्स में login id डालें।
  • अब mobile phone number डालकर otp के जरिए इसे सत्यापित यानी वेरिफाई (verify) करें।
  • इसके बाद दिए गए बॉक्स (box) में कैप्चा (captcha) दर्ज करें।
डॉक्सिंग क्राइम क्या है इसकी शिकायत कैसे दर्ज कराएं
  • इतना करने के बाद आप login कर लेंगे।
  • अब घटना का डेट और टाइम (date and time) दर्ज करें।
  • इसके बाद घटना का ब्योरा यानी डिटेल्स (derails) लिखें। याद रखें कि यह बुरा केवल 200 अक्षर में हो और इसमें कोई स्पेशल कैरेक्टर (special character) शामिल न हो।
  • अब अपनी किसी भी नेशनल आईडी (national id) की सॉफ्ट कॉपी अपलोड (soft copy upload) करें। याद रखें कि यह जेपीजी (jpg), जेपीईजी (jpeg) या पीएनजी फॉर्मेट (png format) में हो। साथ ही फाइल का साइज़ (file size) 5 एमबी (MB) से अधिक न हो।
  • इतना करने के पश्चात भरी हुई डिटेल (details) को जांच लें और सबमिट (submit) कर दें।
  • दोस्तों, यहां आपको यह भी बता दें कि यदि अपराधी आपका जानने वाला है तो शिकायत दर्ज करते समय वैकल्पिक जानकारी भी आप दर्ज कर सकते हैं। जैसे –
  • संदिग्ध वेबसाइट का यूआरएल (website’s URL )या सोशल मीडिया हैंडल (social media handle)।
  • संदिग्ध का ब्योरा (details)। जैसे –
  • संबंधित व्यक्ति का मोबाइल नंबर (mobile number)।
  • उसकी ई-मेल आईडी (e-mail id)।
  • संबंधित व्यक्ति का बैंक एकाउंट नंबर (bank account number)।
  • संबंधित व्यक्ति का एड्रेस (address)।
  • संदिग्ध व्यक्ति की फोटो (photo)। याद रखें कि यह जेपीजी (jpg), जेपीईजी (jpeg) अथवा पीएनजी फॉर्मेट (png format) में हो इसके साथ ही फाइल का साइज (file size) 5 एमबी से ज्यादा ना हो।
  • संदिग्ध की पहचान (identification) से संबंधित कोई अन्य दस्तावेज (document)।

भारत में डॉक्सिंग क्राइम की क्या स्थिति है? (What is the status of doxxing crime in India?)

दोस्तों, आइए अब जान लेते हैं कि अपने देश भारत में डॉक्सिंग क्रीम की क्या स्थिति है। आपको बता दें कि इंटरनेट (internet) के बढ़ते इस्तेमाल के साथ ही साइबर अपराधों में भी लगातार वृद्धि हुई है। भारत भी इस क्रम में पीछे नहीं है। यहां भी हर साल डॉक्सिंग क्राइम (Doxxing Crime) के शिकार लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। लेकिन जागरूकता का अभाव कह लीजिए या बदनामी का डर, इस अपराध के शिकार लोग अभी भी शिकायत दर्ज कराने के लिए आगे आने से हिचकते हैं।

डॉक्सिंग क्राइम के तहत अधिकांशतः किस तरह के लोगों को निशाना बनाया जाता है? (Which type of people are more targeted under doxxing crime?)

दोस्तों, यूं तो डॉक्सिंग क्रीम का कब, कौन, कैसे शिकार हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है। बहुत से साइबर अपराधी छोटी-छोटी खुन्नस पर भी डॉक्सिंग पर उतर आते हैं। लेकिन आपको बता दें कि आम तौर पर डॉक्सिंग क्रिमिनल्स (doxxing criminals) के निशाने यानी टारगेट (target) पर ज्यादातर सेलिब्रिटीज (celebrities) एवं अन्य प्रतिष्ठित व्यक्ति रहते हैं। लेकिन फिर भी सीधे-सीधे इस संबंध में कुछ भी कह पाना मुश्किल होता है कि साइबर अपराधियों द्वारा किसे टारगेट के रूप में चुना जाता है।

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Doxxing शब्द कहां से आया है?

Doxxing शब्द dox से आया है। यह अंग्रेजी शब्द documents का संक्षिप्त रूप है।

Doxxing crime क्या होता है?

डॉक्सिंग साइबरबुलिंग का ही एक रूप है। इसमें साइबर अपराधियों द्वारा टारगेट किए गए लोगों की व्यक्तिगत जानकारी एवं निजी डाटा जैसे-उनकी फोटो, पता , कांटेक्ट लिस्ट आदि को बगैर इजाजत इंटरनेट पर अपलोड कर सार्वजनिक कर दिया जाता है।

Doxxing crime का क्या मकसद होता है?

Doxxing crime का मकसद अधिकांशतः टारगेट किए गए लोगों का उत्पीड़न, उन्हें वित्तीय नुकसान पहुंचाना, उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाना या उन्हें जोखिम में डालना हो सकता है।

क्या भारत में डॉक्सिंग क्राइम के खिलाफ सीधे-सीधे कोई कानून है?

जी नहीं। हमारे देश भारत में डॉक्सिंग क्राइम के खिलाफ सीधे-सीधे कोई कानून नहीं है।

Doxxing crime के खिलाफ शिकायत कहां दर्ज कराई जा सकती है?

इस अपराध के खिलाफ साइबर क्राइम थाना में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।

Doxxing crime के खिलाफ ऑनलाइन शिकायत कैसे दर्ज करें?

इसकी पूरी प्रक्रिया हमने आपको ऊपर विस्तार से बताई है। आप वहां से देख सकते हैं।

Doxxing crime के खिलाफ ऑनलाइन शिकायत किस वेबसाइट पर दर्ज की जा सकती है?

ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने के लिए वेबसाइट का एड्रेस www.cybercrime.gov.in है।

डॉक्सिंग क्राइम की शिकायत दर्ज कराने के लिए किन डिटेल्स की आवश्यकता होती है?

इसकी जानकारी हमने आपको ऊपर पोस्ट में विस्तार से दी है। आप वहां से देख सकते हैं।

दोस्तों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको डॉक्सिंग क्राइम क्या है? इसकी शिकायत कैसे दर्ज कराएं? के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उम्मीद करते हैं कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। यदि इस पोस्ट के संबंध में आपका कोई सुझाव है तो उसे हमें नीचे देख कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके बता सकते हैं ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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