डीआरडीओ क्या है? | डीआरडीओ की फुल फॉर्म, कार्य, स्थापना व चेयरमैन | What is DRDO in Hindi

What is DRDO in Hindi : – भारत सरकार के अंतर्गत कई तरह के संस्थान व विभाग आते हैं जो देश के लिए निरंतर काम कर रहे होते हैं। इसी में एक विभाग है डीआरडीओ जिसका नाम शायद आपने सुन रखा होगा। हाल के कुछ वर्षों में डीआरडीओ का नाम ज्यादा प्रसिद्ध हुआ है क्योंकि केंद्र की मोदी सरकार ने इनको बहुत काम दिया है और इसके लिए अच्छा खासा बजट भी बनाया गया है। पहले के समय में हम अपने देश की रक्षा करने के ज्यादातर सभी उपकरण बाहर से ही निर्यात किया करते (DRDO kya karta hai) थे।

आज के समय में देश के ज्यादातर हथियार या उनसे संबंधित उपकरणों का निर्माण देश के ही संस्थान डीआरडीओ के द्वारा किया जा रहा है। ऐसे में डीआरडीओ की देश की रक्षा प्रणाली में भूमिका अहम हो जाती है। देश की सेना भी डीआरडीओ पर निर्भर है क्योंकि देश में ही रहकर देश को आधुनिक तकनीक से लैस उपकरण देने का काम डीआरडीओ के द्वारा किया जाता (DRDO ke bare mein bataen) है।

ऐसे में यह डीआरडीओ क्या है और किस तरह से काम करती है, के बारे में जानना आपके लिए आवश्यक हो जाता है। आज के इस लेख में हम आपके साथ डीआरडीओ के बारे में संपूर्ण जानकरी सांझा करने वाले हैं। इस लेख को पढ़कर आपको डीआरडीओ से संबंधित हरेक जानकरी विस्तृत रूप में मिल जाएगी। तो आइये जाने डीआरडीओ क्या होता है और कैसे काम करता (DRDO full details in Hindi) है।

डीआरडीओ क्या है? (What is DRDO in Hindi)

सबसे पहले तो हम डीआरडीओ के बारे में बात कर लेते हैं। बहुत लोग डीआरडीओ को इसरो से संबंधित मान लेते हैं क्योंकि दोनों में ही वैज्ञानिक काम कर रहे होते हैं लेकिन ऐसा नहीं है। जहाँ एक ओर इसरो के द्वारा अंतरिक्ष के क्षेत्र में काम किया जाता है तो वहीं डीआरडीओ का काम इससे बहुत अलग और देश को सैनिक रूप से सक्षम बनाने का है। हालाँकि हमारा यह तात्पर्य नहीं है कि इसरो की भूमिका कम है बल्कि इसरो की भूमिका तो डीआरडीओ से भी ऊपर है क्योंकि उसके द्वारा जो भी कार्य किया जा रहा है, वह देश के हर संस्थान व विभाग को प्रभावित करता (DRDO kya hai) है।

What is DRDO in Hindi

वहीं डीआरडीओ एक अलग भूमिका निभाता है। अब हमारी सेना को कई तरह के हथियार चाहिए होते हैं। इनमें मिसाइल से लेकर सैनिक के साजो सज्जा के सामान, अन्य हथियार इत्यादि होते हैं। उदाहरण के तौर पर रात को देखने वाले चश्मे, मजबूत रक्षा कवच, तकनीक वाले हथियार इत्यादि। तो इन सभी पर काम करना और उसके जरिये हथियारों और रक्षा तकनीक का निर्माण करना ही इस डीआरडीओ का काम होता (What is DRDO with full information in Hindi) है।

पहले के समय में ज्यादातर हथियारों की बिक्री विदेश के देशों से की जाती थी। इसमें दो तरह की दिक्कत आती थी। एक तो हमें दूसरे देशों को उच्च दाम चुकाने होते थे और उसके बाद हमें हथियार उपलब्ध होते थे। दूसरी दिक्कत यह होती थी कि दूसरे देश से जुड़े होने के कारण हमारे पास एकदम उन्नत तकनीक नहीं पहुँच पाती थी या फिर इसमें सुरक्षा से जुड़े कुछ मानदंडों का पालन नहीं किया गया होता था या फिर यूँ कहें कि यह हमारी सुरक्षा से समझौता करने जैसा होता (DRDO kya hota hai) था।

वहीं डीआरडीओ हमारे देश की संस्था है जो भारत सरकार के अंतर्गत रहकर कार्य करती है। ऐसे में डीआरडीओ के द्वारा जो भी काम किया जा रहा है और जो भी हथियार बनाये जा रहे हैं, वह पूर्ण रूप से भारत देश और हमारी सेना के लिए लाभदायक ही होते हैं। यही कारण है कि केंद्र की मोदी सरकार ने डीआरडीओ को इतना अधिक महत्व दिया है। उसे और समर्थ व सक्षम बनाने के लिए नए लोगों की भर्ती की है, उन्हें ज्यादा पैसे व संसाधन उपलब्ध करवाए हैं ताकि डीआरडीओ तेज गति के साथ काम कर (DRDO kya hai puri jankari in Hindi) सके।

डीआरडीओ की फुल फॉर्म क्या है? (DRDO full form in Hindi)

अब जब आपने डीआरडीओ के बारे इतनी जानकारी ले ली है तो साथ ही इसकी फुल फॉर्म भी जान ली जाए तो सही रहेगा। अब जब डीआरडीओ में चार अक्षर हैं तो निश्चित तौर पर इसकी फुल फॉर्म भी चार शब्दों वाली होगी। तो इस तरह से डीआरडीओ की फुल फॉर्म डिफेन्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (Defence Research and Development Organisation) होती है।

वहीं यदि हम इसके हिंदी नाम की बात करें तो डीआरडीओ को हिंदी में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के नाम से जाना जाता (DRDO ki full form kya hai) है। अब यह इसके नाम से ही पता चल जाता है कि डीआरडीओ के क्या कुछ कार्य हो सकते हैं और इसे अपनी दैनिक क्रिया में क्या क्या कार्य करने होते होंगे। डीआरडीओ के प्रतिदिन के कार्यों में रक्षा क्षेत्र से जुड़े अनुसंधान के कार्य करना और उस पर निरंतर विकास कार्य करते रहना सम्मिलित है।

डीआरडीओ का गठन कब हुआ था? (DRDO ka gathan kab hua)

अब यदि हम डीआरडीओ के स्थापना वर्ष की बात करें तो वह आज से बहुत दशकों पहले हो गई थी। जब देश को स्वतंत्र हुए कुछ ही वर्ष बीते थे और तब भारत सरकार को यह अनुभूति हुई थी कि हमारे देश की रक्षा प्रणाली को मजबूती और शक्ति देने के लिए किसी एक संस्थान को बनाये जाने की जरुरत है। तो इसी को ध्यान में रखकर ही बहुत पहले ही डीआरडीओ का गठन कर दिया गया (DRDO ki sthapna kab hui thi) था।

इसके तहत आज से लगभग 65 वर्ष पहले ही सन 1958 में डीआरडीओ की स्थापना कर दी गयी थी। यह संगठन तब से ही काम कर रहा है और देश की रक्षा प्रणाली को और ज्यादा मजबूत कर रहा है। हाल के कुछ वर्षों में इसमें और ज्यादा मजबूती देखने को मिली है क्योंकि भारत सरकार ने डीआरडीओ के बजट को बढ़ा दिया है।

डीआरडीओ का मुख्यालय कहाँ है? (DRDO ka mukhyalay kahan hai)

अब यदि हम डीआरडीओ के मुख्यालय या हेड क्वार्टर की बात करें तो वह देश की राजधानी नयी दिल्ली में स्थित है। इसके लिए डीआरडीओ भवन को चुना गया है और उसे डीआरडीओ का मुख्यालय बनाया गया (DRDO ka headquarter kahan hai) है। कहने का अर्थ यह हुआ कि नयी दिल्ली में डीआरडीओ के मुख्यालय को डीआरडीओ भवन के नाम से ही जाना जाता है। वहीं पर डीआरडीओ के सभी शीर्ष अधिकारी बैठते हैं और आवश्यक दिशा निर्देश देने का काम करते हैं।

डीआरडीओ का मंत्र क्या है?

अब यदि हम डीआरडीओ के मूल मंत्र या Motto के बारे में बात करें तो वह संस्कृत भाषा में रखा गया है। इसके लिए “बलस्य मूलं विज्ञानम्” को मूल मंत्र बनाया गया है। इसका अर्थ यह होता है कि विज्ञान में ही शक्ति है अर्थात विज्ञान से ही बल प्राप्त किया जा सकता है या बल का मूल विज्ञान है। अब डीआरडीओ के अंतर्गत विज्ञान को आधार बनाकर ही बल प्राप्त किया जाता है तो इसी कारण संस्कृत के इस मंत्र को डीआरडीओ का मूल मंत्र बनाया गया है।

डीआरडीओ में कितने लोग काम करते हैं? (DRDO me kitne karmchari hai)

अब यदि हम डीआरडीओ के अंतर्गत काम करने वाले सभी तरह के अधिकारियों और कर्मचारियों का आंकड़ा देखें तो वह 30 हज़ार को भी पार कर जाता है। हालाँकि इसके अंतर्गत ऐसे लोग आते हैं जो तकनीकी रूप से सक्षम होते हैं। इनमें तरह तरह के वैज्ञानिक, इंजीनियर, तकनीशियन इत्यादि आते हैं जो डीआरडीओ के अंतर्गत रहकर काम करते हैं।

इन 30 हज़ार में से भी 5 हज़ार लोग वैज्ञानिक की भूमिका में हैं जो डीआरडीओ के मुख्य अधिकारी कहे जा सकते हैं। इन सभी के अलावा जो लोग होते हैं वे सॉफ्टवेयर इंजीनियर, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर, इलेक्ट्रिकल इंजीनियर, हार्डवेयर इंजीनियर इत्यादि डिग्री लिए हुए और अपने अपने क्षेत्र में पारंगत होते हैं। इसके लिए डीआरडीओ हर वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर एक परीक्षा आयोजित करवाता है जिनमें चयनित होने वाले लोग डीआरडीओ के अंतर्गत रहकर काम करते हैं।

डीआरडीओ किसके अंतर्गत आता है? (DRDO kiske under aata hai)

अब डीआरडीओ के अधिकारी या पूरा विभाग भारत सरकार के किस मंत्रालय के अंतर्गत रहकर काम करता है, उसके बारे में जानना जरुरी हो जाता है। तो वह विभाग है भारत सरकार का रक्षा मंत्रालय। इस तरह से भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधिकारी व सचिव तथा प्रमुख तौर पर रक्षा मंत्री ही डीआरडीओ के सर्वेसर्वा की भूमिका निभाने का काम करते हैं। इसके अलावा अन्य कोई भी विभाग डीआरडीओ को नियंत्रित नहीं कर सकता है।

डीआरडीओ के चेयरमैन कौन हैं? (DRDO ke chairman kaun hai)

अब हम डीआरडीओ के चेयरमैन को लेकर बात कर लेते हैं। हालाँकि वैसे तो डीआरडीओ रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत रहकर काम करता है लेकिन उसका चेयरमैन किसी एक व्यक्ति को बनाया जाता है जो डीआरडीओ के अंतर्गत काम कर रहे सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को आदेश जारी करता है। वर्तमान समय में डीआरडीओ के चेयरमैन का नाम समीर वि कामत है जो मुख्य भूमिका में हैं।

डीआरडीओ के कार्य (DRDO ke karya)

अब आपको डीआरडीओ के द्वारा क्या कुछ कार्य किये जाते हैं और उसकी क्या भूमिका होती है, उसके बारे में भी जान लेना चाहिए। वह इसलिए क्योंकि आपने अभी तक डीआरडीओ के बारे में इतना सब तो जान लिया है लेकिन यदि आपने उसके कार्य ही पता नहीं लगाए तो फिर क्या ही लाभ (DRDO ke karya in Hindi) हुआ। ऐसे में डीआरडीओ की स्थापना जिस उद्देश्य के तहत की गयी थी और उसके क्या कुछ कार्य हो सकते हैं, आइये उन पर एक नज़र डाल लेते हैं।

  • डीआरडीओ का सबसे प्रमुख कार्य तो रक्षा क्षेत्र में तरह तरह के अनुसंधान करना और उनमें खोज करना होता है। इसके तहत देश की रक्षा प्रणाली को किस तरह से मजबूत किया जा सकता है, तकनीक का किस तरह से उपयोग किया जा सकता (DRDO kya kaam karta hai) है, किस क्षेत्र पर ज्यादा ध्यान दिए जाने की जरुरत है, इत्यादि पर काम किया जाता है।
  • अब भारत सरकार व रक्षा मंत्रालय के द्वारा भी समय समय पर डीआरडीओ को कई तरह की जानकारी दी जाती है और उन्हें किसी विशेष प्रोजेक्ट पर काम करने को कहा जाता है। इसके तहत एक समयसीमा निर्धारित की जाती है और उस पर काम करने को कहा जाता है।
  • देश के सैनिकों को किस तरह के आधुनिक हथियार दिए जा सकते हैं जिससे की उनकी रक्षा मजबूत हो सके और हम अन्य देशों की तुलना में प्रगति कर सकें, यह देखना भी डीआरडीओ का ही काम होता (DRDO me kya kaam hota hai) है।
  • देश के अभी के सभी तरह के सैन्य उपकरणों में किस तरह के बदलाव करने की जरुरत है, यदि वे पुराने हो चुके हैं तो उनमें क्या कुछ नया परिवर्तन किया जा सकता है, यह सब देखना और उसे अंतिम रूप देना भी डीआरडीओ का ही काम होता है।
  • देश को साइबर रूप में कैसे मजबूत किया जा सकता है क्योंकि आज के समय में दूसरे देशों या लोगों के द्वारा साइबर अपराध या हमले बहुत बढ़ गए हैं। ऐसे में हथियारों को किस तरह से साइबर रूप से सक्षम बनाया जाए, यह देखना भी डीआरडीओ का ही एक महत्वपूर्ण कार्य बन गया (DRDO kya kaam karti hai) है।
  • एरोनोटिक के क्षेत्र में काम करने का अधिकार डीआरडीओ का होता है ताकि देश की रक्षा पद्धति को और मजबूती दी जा सके।
  • मिसाइल बनाने का काम भी डीआरडीओ के द्वारा देखा जाता है। यहाँ तक कि देश की कई मुख्य मिसाइल जैसे कि अग्नि के सभी अंग डीआरडीओ के द्वारा ही बनाये गए हैं।
  • इन सभी के अलावा नवल सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक्स, लाइफ साइंस, इंजीनियरिंग, आर्मामेंट इत्यादि के क्षेत्रों में काम करने का जिम्मा भी डीआरडीओ के पास ही होता है।

सीधे शब्दों में कहें तो डीआरडीओ के ऊपर देश की रक्षा करने की जिम्मेदारी होती है। ऐसे में देश के सैनिकों सहित संपूर्ण देश के लिए क्या क्या जरुरी उपकरण बनाये जा सकते हैं जो आम नागरिकों सहित देश को मजबूत करने का काम करें, यह देखना, इस पर काम करना और परिणाम लाकर देना डीआरडीओ का ही मुख्य कार्य माना जाता है। इसलिए डीआरडीओ की भूमिका हमारे देश के लिए बहुत ही अहम हो जाती है।

डीआरडीओ क्या है – Related FAQs 

प्रश्न: डीआरडीओ का काम क्या होता है?

उत्तर: डीआरडीओ के कार्यों के बारे में हमने विस्तार से ऊपर जानकारी दी है जो आप पढ़ सकते हो।

प्रश्न: डीआरडीओ के अध्यक्ष कौन बने?

उत्तर: डीआरडीओ के वर्तमान अध्यक्ष का नाम समीर वी कामत है.

प्रश्न: डीआरडीओ की स्थापना कब की गई थी?

उत्तर: डीआरडीओ की स्थापना वर्ष 1958 में की गई थी।

प्रश्न.
डीआरडीओ कहाँ है?

उत्तर: डीआरडीओ का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।

तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने डीआरडीओ के बारे में जानकारी हासिल कर ली है। आपने जाना कि डीआरडीओ क्या है डीआरडीओ का गठन कब हुआ था डीआरडीओ किसके अंतर्गत आता है डीआरडीओ के चेयरमैन कौन है और डीआरडीओ के कार्य क्या हैं इत्यादि। आशा है कि जो जानकारी लेने के लिए आप इस लेख पर आए थे वह आपको मिल गई होगी। फिर भी यदि कोई शंका मन में शेष है तो आप हम से नीचे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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