एरिस क्या है? | इसका कोरोना से क्या संबंध है? | इसके लक्षण क्या हैं?

एरिस क्या है? | इसका कोरोना से क्या संबंध है? | इसके लक्षण क्या हैं? | What is Eris? | What is it’s relation with corona? What are its symptoms? | what is the present condition of corona in India | एरिस के हमले से बचने के लिए क्या करना होगा? | What is Eris In hindi ||

भारत समेत पूरी दुनिया पिछले कुछ समय में कोरोना का तांडव झेल चुकी है। इसके बावजूद इस महामारी से पूरी तरह निजात नहीं मिल सकी है। इसके तरह-तरह के वेरिएंट सामने आ रहे हैं जो की दुनिया के अलग-अलग देश में अलग-अलग तरीके से असर डाल रहे हैं। कुछ दिनों पहले ब्रिटेन में एरिस का बड़े पैमाने पर असर देखने को मिला था।

इसकी आमद भारत में भी रिपोर्ट हुईं हैं। क्या आप जानते हैं कि एरिस क्या है? इसके लक्षण क्या हैं? और कोरोना से इसका क्या संबंध है? यदि नहीं तो आज हम आपको इस पोस्ट में इस संबंध में विस्तार से जानकारी देंगे। आइए, शुरू करते हैं-

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हमारे देश भारत में कोरोना की वर्तमान स्थिति क्या है? (What is the present condition of corona in our country India?)

मित्रों, हम एरिस (Eris) के बारे में आपको जानकारी दें, उससे पहले यह जानना आवश्यक है कि हमारे देश भारत में कोरोना की वर्तमान स्थिति क्या है (what is the present condition of corona in India), आपको बता दें कि कोरोना के सक्रिय मामले देश में फिर से बढ़ रहे हैं। यदि वर्तमान में देश में कोरोना के सक्रिय मामलों (active cases) की बात की जाए तो उसमें महाराष्ट्र (Maharashtra) सबसे ऊपर है।

एरिस क्या है इसका कोरोना से क्या संबंध है

इसके पश्चात पंक्ति में पश्चिम बंगाल (West Bengal), उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) एवं केरल (Kerala) का नाम आता है। आंकड़ों को देखें तो यह सुनकर आपको अवश्य हर्ष होगा कि भारत में कोरोना की रिकवरी दर (recovery rate) 98.81 फीसदी तक जा पहुंची है।

दोस्तों, यदि अब कोरोना महामारी की वजह से हुई मौतों के आंकड़े का जिक्र करें यह तो आंकड़ा निश्चित रूप से किसी को भी विचलित कर सकता है। आपको बता दें दोस्तों कि इस बीमारी की वजह से अब तक कोई सैकड़ों या हजारों नहीं, बल्कि 5,32,023 लोगों ने अपनी जानें गंवाई हैं। हालत यह है कि अब यदि किसी व्यक्ति को मामूली सर्दी, नजला या जुकाम भी होता है तो भी लोग आसानी से उसके पास नहीं फटकते।

उसे अलग-थलग रखने या आइसोलेट (isolate) करने में ही भलाई समझते हैं। इसके साथ ही कोरोना महामारी की वजह से लोगों में मामूली बीमारियों को लेकर भी डॉक्टर के पास जाने और टेस्टिंग (testing) कराने का चलन बढ़ा है। जो कि एक तरह से बेहतर कहा जा सकता है। क्योंकि इससे बीमारियां आसानी से पकड़ में आ जाती हैं और उनका अच्छे से एवं समय से उपचार/इलाज भी होता है।

एरिस क्या है? इसका कोरोना से क्या संबंध है? (What is Eris? What is it’s relation with corona?)

दोस्तों, अब आप जानेंगे कि एरिस क्या है? (What is Eris?) आपको बता दें कि यह कोरोना (corona) का ही एक वैरिएंट (variant) है। इसे ईजी 5.1 (EG 5.1 ) भी पुकारा जाता है। यह ओमिक्रॉन (Omicron) स्‍ट्रेन का ही एक वैरिएंट बताया जाता है। इसकी पहचान मार्च, 2024 में की गई थी।

दोस्तों, यद्यपि भारत में इसका अभी तक एक ही केस मई, 2024 में महाराष्ट्र (Maharashtra) में मिला है, लेकिन ब्रिटेन (Britain) में इसका बड़े पैमाने पर प्रभाव (effect) देखने को मिला है। यह सबसे तेजी से फैलने वाला दूसरा वैरिएंट (variant) बताया जाता है। धीरे-धीरे यह बाकी दुनिया को भी चपेट में ले रहा है। इम्युनिटी की कमी (deficiency of immunity) से लोग आसानी से इसके शिकार हो रहे हैं। इससे दुनिया में एक बार फिर कोरोना महामारी (corona epidemic) फैलने की आशंका जताई गई है।

एरिस के क्या क्या लक्षण हैं? (What are the symptoms of Eris?)

किसी भी बीमारी के उपचार के लिए उसके लक्षणों (symptoms) को जानना बेहद आवश्यक है। लेकिन जैसा कि हम आपको बता चुके हैं कि यह कोरोना का ही एक वेरिएंट है ऐसे में इसके लक्षण कोरोना वाले ही हैं। यह देखने में बहुत गंभीर नहीं लगते, लेकिन कोरोना रूपी बहुत ही गंभीर महामारी को जन्म दे सकते हैं। ये लक्षण इस प्रकार से हैं-

  • नाक बहना
  • सिरदर्द
  • थकान (कम/अधिक)
  • शरीर में दर्द
  • छींकें आना
  • गले में खराश आदि।

दोस्तों, यह आप भी जानते हैं कि यह लक्षण कभी बेहद मामूली माने जाते थे और अक्सर मौसम बदलने पर लोगों में यह लक्षण देखने को मिलते थे लेकिन इन दिनों जिस तरह के वायरस सक्रिय हैं यह लक्षण घातक साबित होते हैं। इन लक्षणों के आधार पर तुरंत डॉक्टर की सलाह ली जानी आवश्यक हो जाती है, ताकि आपको कोरोना का वैरिएंट न धर सके। आपको बता दें दोस्तों कि इसके अलावा बच्चे व बुजुर्ग आदि, यानी कि कुल मिलाकर वे वर्ग जिनकी इम्युनिटी (immunity) कमजोर होती है, वे भी एरिस (Eris) के आसान शिकार हो सकते हैं। यद्यपि इस वैरिएंट के हमले में सांस की दिक्कत अधिकांशतः देखने को नहीं मिल रही है।

एरिस के हमले से बचने के लिए क्या करना होगा? (What one have to do to get rid of the attack of Eris?)

दोस्तों, आपको बता दें कि कोरोना के इस नए वैरिएंट एरिस से बचने के लिए आपको कोई नई सावधानी नहीं बरतनी है। आपको सख्ती से कोरोना प्रोटोकॉल (corona protocol) को अपनाना होगा। इसके अंतर्गत आपको ये सावधानियां आवश्यक रूप से बरतनी होंगी –

  • घर से बाहर निकलने की स्थिति में मुंह पर मास्क लगाएं।
  • हाथों को नियमित धोते रहें व लगातार सेनिटाइज (senitize) करें।
  • सांस की बीमारी वाले मरीजों से दूरी बनाएं।
  • ऊपर बताया कोई भी लक्षण दिखे तो आइसोलेट हो जाएं।
  • डॉक्टर से परामर्श के बाद ही कोई दवा लें।

इसके अतिरिक्त सामूहिक वैक्सीनेशन (group vaccination) भी इससे बचाव का एक प्रभावी उपाय है। दोस्तों, यद्यपि इसके प्रभाव (effect) एवं लोगों को नुकसान पहुंचाने की क्षमता पर अभी कोई विस्तृत अध्ययन (detailed study) उपलब्ध नहीं है, लेकिन ओमिक्रॉन (omicron) की तरह तेज संक्रामक माने जाने के कारण सतर्कता के जरिए ही इससे बचा रहा जा सकता है।

एरिस से लड़ने के लिए अपनी इम्युनिटी को कैसे बढ़ाएं? (How to improve your immunity to fight Eris?)

दोस्तों, अब हम आपको जानकारी देंगे कि आप एरिस से लड़ने के लिए अपनी इम्युनिटी को कैसे बढ़ा सकते हैं? इसे कैसे और बेहतर कर सकते हैं? दोस्तों, यह तो आप जानते ही हैं कि जब हमारे भीतर इम्युनिटी (immunity), जिसे हिंदी में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कहा जाता है, कमजोर होने लगती है तो हमारे शरीर को कई प्रकार की बीमारियां घेरने लग जाती हैं। इसके चलते लोगों को अक्सर नाक बहना, सर्दी-जुकाम, बुखार आदि बीमारियों / मुश्किलों से जूझना पड़ता है। इम्युनिटी कई कर्ण की वजह से कमजोर हो सकती है, लेकिन इसके साथ अच्छी बात यह है कि हम अपने जीवनचर्या और खान-पान मैं

तब्दीली कर अपनी इम्युनिटी को बढ़ा भी सकते हैं। दोस्तों, अब आप पूछेंगे की इम्युनिटी बढ़ाने का तरीका क्या है? तो आपको बता दें कि इसके कई घरेलू उपाय हैं। इसके अलावा कोई ऐसी चीज हैं, जिनके सेवन से इम्यूनिटी बढ़ जाती है। जैसे -शहद, अदरक, तुलसी के पत्ते, अखरोट, बादाम आदि में एंटीऑक्सीडेंट्स (antioxidants) भरपूर मात्रा में होते हैं।

इसके अतिरिक्त नींबू एवं एलोवेरा आदि में विटामिन (vitamin) C प्रचुर मात्रा में मिलता है। अकेले इन दोनों चीजों के सेवन से ही इम्युनिटी बेहतर करने में काफी सहायता मिल जाती है। मित्रों इसके अलावा यदि आप खाने-पीने के दौरान साफ -सफाई का विशेष ख्याल रखें तो आसानी से वायरल एवं बैक्टीरियल इंफेक्शन (viral and bacterial infection) से बच सकते हैं।

कोरोना संक्रमण के पश्चात लोगों में किस प्रकार के लक्षण देखने को मिल रहे हैं? (What types of symptoms are being sin on people after coronary?)

दोस्तों, आपको बता दें कि जिन लोगों में कोरोना का संक्रमण हुआ है उनमें से बहुतों में इसके पश्चात अलग-अलग तरह के लक्षण (symptoms) देखने को मिल रहे हैं। इसे कोरोना का आफ्टर इफेक्ट (corona effect) भी पुकारा जाता है। कोरोना के बाद सामने आए इन लक्षणों में नसों का सुन्न पड़ जाना, अवसाद (depression), भूलने की बीमारी आदि लक्षण सामने आए हैं।

ये लक्षण इस बात की तस्दीक करते हैं कि कोरोना का वायरस (corona virus) मस्तिष्क (brain) एवं तंत्रिका तंत्र पर नकारात्मक असर डाल सकता है। यह तो आपने भी देखा होगा कि कोरोना से पीड़ित होने के दौरान कई मरीजों को ऑक्सीजन (oxygen) की कमी से जूझना पड़ता है। ऐसे में इससे उनके ब्रेन (brain) पर बुरा असर डालता है।

एरिस क्या है?

एरिस कोरोना का ही एक वेरिएंट है।

एरिस को और किस नाम से पुकारा जाता है?

एरिस को ईजी 5.1 कहकर भी पुकारा जाता है।

एरिस की पहचान कब की गई?

31 जुलाई, 2024 को एड्रेस की पहचान हुई।

एरिस के क्या-क्या लक्षण हैं?

नाक बहना, थकान, गले में खराश, शरीर में दर्द आदि एरिस के लक्षण है।

एरिस किस तरह के लोगों को जल्दी अपना शिकार बनाता है?

एरिस कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को जल्द अपना शिकार बनाता है। जैसे- बुजुर्ग और बच्चे।

इससे बचाव के लिए आपको क्या करना होगा?

इससे बचाव के लिए आपको कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना पड़ेगा।

दोस्तों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको एरिस (Eris) के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। उम्मीद है कि यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होगी। इस पोस्ट के बारे में आप अपना किसी भी प्रकार का सवाल अथवा सुझाव (question or suggestion) हमें नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में लिखकर भेज सकते हैं। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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