फेस ब्लाइंडनेस क्या है? इसके लक्षण क्या हैं? फेस ब्लाइंडनेस के क्या कारण हैं? इस बीमारी का क्या इलाज है?

आपने ऐसे लोग जरूर देखे होंगे जो अक्सर किसी के घर रास्ता भूल जाते हैं या उन्हें किसी व्यक्ति का नाम याद नहीं रहता। लेकिन क्या आप कभी किसी ऐसे व्यक्ति से मिले हैं जिनको दूसरे व्यक्ति का चेहरा याद ना रहे या वह अपना ही चेहरा पहचान के लिए दिमाग पर जोर डालने लगे? बेशक आपका जवाब न हो, लेकिन दुनिया की अच्छी खासी आबादी चेहरा भूलने से जुड़े एक डिसआर्डर फेस ब्लाइंडनेस से जुड़ी है।

दोस्तों, क्या आप जानते हैं कि फेस ब्लाइंडनेस क्या है? इसके क्या लक्षण हैं? इसका क्या इलाज है? यदि नहीं तो आज की यह पोस्ट आपके लिए ही है। आपको इस पोस्ट में आपके दिल में उठने वाले हर सवाल का जवाब मिलेगा। आइए, शुरू करते हैं-

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फेस ब्लाइंडनेस क्या है? (What is Face blindness?

दोस्तों, आपको अपनी जिंदगी में कभी ना कभी, कहीं ना कहीं ऐसे लोग जरुर मिले होंगे, जो दूसरे व्यक्ति का चेहरा नहीं पहचान पाते। या वे जिसे भी बहुत कम मिले हैं अगली बार उन्हें उसका चेहरा याद नहीं रहता। यानी वे उसका चेहरा भूल जाते हैं।

फेस ब्लाइंडनेस क्या है

इतना ही नहीं, बहुत से लोग तो अपने परिजनों का चेहरा भी याद नहीं रख पाते। और कई बार में शीशे में खुद को देखकर भी आश्चर्य चकित हो जाते हैं। दोस्तों, यह स्थिति प्रोसोपैग्नोसिया (Prosopagnosia) कहलाती है। इसे फेस ब्लाइंडनेस (Face Blindness) भी पुकारा जाता है। कई दफा इस डिसऑर्डर (disorder) से पीड़ित व्यक्ति अहसास तक नहीं कर पाते कि वे एक बीमारी से ग्रस्त हैं।

फेस ब्लाइंडनेस के क्या लक्षण हैं? (What are symptoms of face blindness?)

मित्रों, प्रत्येक बीमारी की भांति फेस ब्लाइंडनेस (face blindness) के भी कुछ खास लक्षण (symptoms) होते हैं, जिनके आधार पर इस डिसआर्डर (disorder) की पहचान होती है। फेस ब्लाइंडनेस के ये लक्षण इस प्रकार से हैं-

  • फेस ब्लाइंडनेस (face blindness) से पीड़ित व्यक्ति अचानक मिलने वाले लोगों को नहीं पहचान (identify) पाते।
  • कई बार ये अपना खुद का चेहरा भी ढंग से नहीं पहचान पाते।
  • ये सार्वजनिक सभाओं (public meetings) में अकेले रहने से कतराते हैं।
  • ये अक्सर नए दोस्त (new friends) बनाने से बचते हैं।
  • इन्हें फिल्मों अथवा शो (film or show) की कहानी को समझने में मुश्किल आती है।
  • कई बार ये स्वयं को देखे गए शो का हिस्सा मानकर एक्ट (act) करने लगते हैं।

किसी व्यक्ति के फेस ब्लाइंडनेस से पीड़ित होने के क्या कारण हैं? (What are the reasons responsible for a person’s suffering from face blindness?)

दोस्तों, अब सवाल उठता है कि किसी व्यक्ति को यह डिसऑर्डर कैसे हो जाता है? तो आपको बता दें कि यह एक असामान्य बीमारी है। सामान्य रूप से यह प्रोसोपैग्नोसिया नाम का डिसऑर्डर या फेस ब्लाइंडनेस दिमाग के एक हिस्से फ्यूजिफॉर्म गायरस (Fusiform Gyrus) में चोट की वजह से या किसी तरह की क्षति के कारण होता है। इसके अतिरिक्त यह स्ट्रोक (stroke) अथवा किसी न्यूरोडीजेनेरेटिव (neurodegenerative ) तकलीफ की वजह से हो सकता है।

दोस्तों, कई लोग जन्मजात (by birth) ही इस डिसआर्डर (disorder) से पीड़ित होते हैं। एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर (neurological disorder) पर अध्ययन (study) करने वाले एक संस्थान के अनुसार किसी व्यक्ति में प्रोसोपैग्नोसिया आनुवांशिक रूप से (hereditary) भी हो सकता है। यह परिवार के किसी सदस्य में पीढ़ी-दर-पीढ़ी पहुंच सकता है।

फेस ब्लाइंडनेस का क्या इलाज है? (What is the treatment of face blindness?)

दोस्तों, यदि आपको लगता है कि फेस ब्लाइंडनेस का कोई इलाज है तो आपको यह जानकर निराशा होगी कि ऐसा कुछ नहीं है। प्रोसोपैग्नोसिया का अभी कोई खास इलाज (special treatment) उपलब्ध नहीं है। फेस ब्लाइंडनेस (face blindness) से पीड़ित लोगों के लिए ऐसे कई प्रशिक्षण कार्यक्रम (training program) उपलब्ध हैं, जो चेहरे की पहचान (face identification) में सुधार करने में मदद कर सकते हैं।

इन कार्यक्रमों में कई ऐसी रणनीति यानी स्ट्रेटजी (strategy) शामिल हैं, जिनके जरिए किसी व्यक्ति की आवाज़, संबंधित व्यक्ति के कपड़े या उसकी चलने की शैली किसी व्यक्ति का चेहरा याद रखने में मददगार होती है।

कौन बड़े सेलिब्रिटीज फेस ब्लाइंडनेस से पीड़ित हैं?(Which celebrities have been suffering from face blindness?)

दोस्तों, आपको यह सुनकर आश्चर्य होगा की मशहूर हॉलीवुड स्टार (Hollywood star) ब्रैड पिट, मशहूर एक्टर और कॉमेडियन स्टीफन फ्राइ, बरसों से फेस ब्लाइंडनेस (face blindness) से जूझ रहे हैं। इसके अतिरिक्त एप्मपल कंपनी के सह-संस्थापक स्टीव वोजनियाक, मशहूर प्राइमेटोलॉजिस्ट जेन गुडॉल भी इस डिसआर्डर से पीड़ित रहे हैं।

अतिरिक्त बॉलीवुड फिल्म अभिनेता शाहिद कपूर (Shahid Kapoor) की को-एक्टर (co-actor) रहीं शहनाज़ ट्रेजरीवाला भी इस डिसआर्डर से पीड़ित रही हैं। इसके अलावा कोई प्रसिद्ध लोग ऐसे हुए हैं, जिन्हें यह समस्या है। लेकिन वे यह नहीं जानते कि उनकी लोगों का चेहरा भूल जाने की यह आदत मामूली नहीं बल्कि यह फेस ब्लाइंडनेस नाम का एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर (neurological disorder) है।

दुनिया की कितनी आबादी को फेस ब्लाइंडनेस की समस्या है? (How much population of the world is suffered from face blindness?)

दोस्तों, क्या आप जानते हैं कि दुनिया की कितनी आबादी (population) फेस ब्लाइंडनेस से प्रभावित हैं यदि नहीं तो आपको बता दें कि दुनिया भर की करीब 2.5 फीसदी आबादी इस समस्या से जूझ रही है। आपको बता दें दोस्तों कि अमेरिका (America) की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन (national library of medicine) की एक स्टडी (study) के बाद यह बात सामने आई है। इसी से समझा जाता है कि दुनिया के काफी लोग इस डिसऑर्डर से जूझ रहे हैं।

क्या कोरोना ने भी फेस ब्लाइंडनेस के डिसआर्डर में बढ़ोत्तरी की है? (Has corona increased the disorder of face blindness?)

दोस्तों, बेशक कोरोना का फेस ब्लाइंडनेस से सीधे-सीधे कोई संपर्क स्थापित न किया जा सकता है, लेकिन यह अवश्य है कि कोरोना के दौरान बहुत सारे लोगों ने फेस ब्लाइंडनेस (face blindness) की समस्या झेली है। वे स्वाद और गंध (test and smell) के साथ ही लोगों का चेहरा पहचानना भी भूल गए।

इनमें बहुत से ऐसे लोग थे, जो दूसरे लोगों को तो छोड़ दीजिए, वे अपने परिजनों तक को भी नहीं पहचान पा रहे थे। ऐसे में सीधे तौर पर बेशक नहीं, लेकिन यह जरूर कहा जा सकता जा सकता है कि कोरोना वायरस (corona virus) की वजह से न्यूरो डिसऑर्डर (neurological disorder) को कहीं ना कहीं बढ़ाया जरूर मिला है।

किन लोगों को यह डिसआर्डर होने का खतरा अधिक है? (Which people are more prone to this disorder?)

दोस्तों, बहुत से लोगों ने जैसा अनुभव किया है, इस बीमारी में उन्हें चेहरे का थोड़ा सा हिस्सा दिखाई देता है और उन्हें सारे चेहरे एक जैसे नजर आते हैं। चिंताजनक बात यह है कि जो लोग ऑटिज्म (autism) से पीड़ित हैं, उनमें इस बीमारी के पनपने का खतरा आम लोगों के मुकाबले दो से तीन गुना तक अधिक होता है।

दोस्तों, यदि आप अब यह नहीं जानते कि ऑटिज्म क्या होता है तो आपको बता दें कि यह किसी बच्चे में मस्तिष्क के विकास के दौरान होने वाला एक विकार है। इसमें संबंधित व्यक्ति बोतले समय अटकता या हकलाता है। वह रुक-रुक कर बोलता है। इससे पीड़ित व्यक्ति हमेशा असामान्य व्यवहार (abnormal behaviour) करता दिखेगा। ऑटिज्म से प्रभावित लोगों में मानसिक क्षमता (mental ability) का विकास (development) ठीक से नहीं हो पाता।

क्या फेस ब्लाइंडनेस के चलते पीड़ित को कोई शारीरिक समस्या भी होती है? (Is there any physical problem because of face blindness?)

जी नहीं, अभी तक फेस ब्लाइंडनेस से पीड़ित लोगों को इसकी वजह से कोई शारीरिक समस्या देखने को नहीं मिली है। यद्यपि इससे लंबे समय तक प्रभावित होने से मस्तिष्क से जुड़ी समस्याएं देखने को मिल सकती हैं। दोस्तों, आपको बता दें कि यह समस्या लोगों स्थाई यानी परमानेंट (permanent) होती है।

फेस ब्लाइंडनेस क्या है?

इस बीमारी में व्यक्ति दूसरे व्यक्ति का चेहरा याद नहीं रख पाता। यहां तक कि कई बार वह अपना व अपने परिजनों का चेहरा तक याद नहीं रख पाता।

फेस ब्लाइंडनेस कौन सा डिसऑर्डर है?

यह एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जिसे प्रोसोपैग्नोसिया भी पुकारा जाता है।

कौन से सेलिब्रिटी फेस ब्लाइंडनेस से प्रभावित हैं?

हॉलीवुड स्टार ब्रैड पिट एवं बॉलीवुड अभिनेत्री शहजाद ट्रेजरी वाला आदि इस फेस ब्लाइंडनेस नाम के डिसआर्डर से प्रभावित हैं।

क्या फेस ब्लाइंडनेस का कोरोना से कोई संबंध है?

इन दोनों में ऐसा कोई सीधा संबंध नहीं कहा जा सकता। लेकिन कोरोना के दौरान बहुत से लोगों को फेस ब्लाइंडनेस की बीमारी हुई है।

क्या फेस ब्लाइंडनेस का कोई इलाज है?

जी नहीं, फेस ब्लाइंडनेस का फिलहाल कोई इलाज नहीं है।

क्या फेस ब्लाइंडनेस के चलते इसके पीड़ित को कोई शारीरिक समस्या भी होती है?

जी नहीं, अभी तक फेस ब्लाइंडनेस से पीड़ित लोगों को इसकी वजह से कोई शारीरिक समस्या देखने को नहीं मिली है।

किन लोगों को फेस ब्लाइंडनेस होने का खतरा ज्यादा होता है?

जो लोग ऑटिज्म के शिकार हैं हैं, उन्हें फेस ब्लाइंडनेस होने का खतरा दो से तीन गुना तक ज्यादा होता है।

दोस्तों, यदि आपको भी चेहरे पहचानने में परेशानी होती है तो संभव है कि आप फेस ब्लाइंडनेस के शिकार हों। उम्मीद है कि इस पोस्ट (post) में दिए टिप्स (tips) आपको काम आएंगे। यह लेख आपको कैसा लगा? नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके हमें जरूर बताएं। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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