विश्व शतरंज लीग क्या है? यह लीग कब से कब तक होगी?

|| विश्व शतरंज लीग क्या है? | यह लीग कब से कब तक होगी? | इस लीग को कौन करा रहा है? | यह लीग किस फॉर्मेट पर खेली जाएगी? | इसे कराने का क्या उद्देश्य है? | What is global chess league? | From and till when this league will be organised? | Who are the organizers of this league? | What will be the format of league? | What are the objectives behind organising this league? ||

शतरंज को दिमाग वालों का खेल माना जाता है। यह सदियों पुराना खेल है। आपने यदि इतिहास पढ़ा हो तो पाया होगा कि पहले अक्सर राजा महाराजा दिल बहलाने के लिए अक्सर शतरंज खेला करते थे। शतरंज के मोहरों की शह-मात पर कई फैसले टिके होते थे। यहां तक कि शतरंज पर मशहूर फिल्म अभिनेता संजीव कुमार की एक बहुत चर्चित फिल्म ‘शतरंज के खिलाड़ी’ भी बनी है। वर्तमान समय में भी शतरंज के दीवाने कम नहीं है। लेकिन अब इसे और मशहूर करने के लिए वैश्विक स्तर पर शतरंज लीग कराई जा रही है। इस लीग को क्या नाम दिया गया है? यह लीग कब से कब तक होगी? इस लीग को कौन करा रहा है? यह लीग किस फॉर्मेट पर खेली जाएगी? इसे कराने का उद्देश्य क्या है? जैसे आपके दिमाग में उठने वाले विभिन्न सवालों का जवाब आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से देंगे। आइए शुरू करते हैं-

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शतरंज की शुरुआत कहां से हुई? (Where was the chess originated?)

दोस्तों, यह तो आप और हम सभी जानते हैं कि शतरंज दो खिलाड़ियों के बीच खेला जाने वाला एक एक बेहद मनोरंजक खेल है। इसमें अच्छी खासी दिमागी कसरत भी शामिल होती है। यदि भारत में शतरंज के इतिहास और इसकी शुरुआत की बात करें तो यह माना जाता है कि यहां इसकी शुरुआत चतुरंग नाम के बुद्धिमान ब्राह्मण ने की। वह 5वीं-6ठी सदी का समय था।

विश्व शतरंज लीग क्या है यह लीग कब से कब तक होगी

आविष्कार करने वाले के नाम पर ही इस खेल को ‘चतुरंग’ पुकारा गया, जो इसका प्राचीन नाम है। दोस्तों, आपको बता दें कि यह खेल भारत से शुरू होकर अरब होते हुए यूरोप गया था। 15वीं-16वीं सदी में यह खेल पूरे विश्व में बेहद लोकप्रिय था। तब से अब तक यह खेल सदियों का सफर पूरा कर चुका है। यहां तक कि सन् 1900 में इस खेल को ओलंपिक खेलों (Olympic games) में भी शामिल किया गया था।

विश्व शतरंज लीग क्या है? (What is global chess league?)

दोस्तों, आपको बता दें कि शतरंज के खेल को नियंत्रित करने वाली सबसे बड़ी संस्था फिडे (FIDE) के सहयोग से भारतीय कंपनी टेक महिंद्रा (Tech Mahindra) द्वारा वैश्विक स्तर (global level) पर सबसे बड़ी शतरंज लीग (chess league) का आयोजन किया जा रहा है। इसे विश्व शतरंज लीग यानी ग्लोबल चेस लीग (global chess league) का नाम दिया गया है।

इसे संक्षिप्त में जीसीएल (GSL) भी पुकारा जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि FIDE की फुल फॉर्म क्या है? तो आपको बता दें दोस्तों कि इसकी फुल फॉर्म The International Chess Federation or World Chess Federation है। जिसका फ्रेंच उच्चारण (French acronym) FIDE यानी FEE-day Fédération Internationale des Échecs है।

यह स्विट्जरलैंड (Switzerland) स्थित एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है। वहीं, यदि मुख्य आयोजक टेक महिंद्रा की बात करें तो वह 1945 में स्थापित महिंद्रा ग्रुप (Mahindra group) की एक कंपनी है।

ग्लोबल चेस लीग कब से शुरू होगी? (When will the global chess league begin?)

मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि विश्व की पहली शतरंज लीग 21 जून, 2024 से शुरू हो रही है। यह लीग करीब 12 दिन यानी कि 2 जुलाई, 2024 तक चलेगी। इस ग्लोबल चेस लीग की घोषणा टेक महिंद्रा के चेयरमैन आनंद महिंद्रा द्वारा आज से करीब 2 वर्ष पूर्व फरवरी, 2021 में की गई थी। उस समय शतरंज ओलंपियाड (chess Olympiad) का गोल्ड मेडल (gold medal) भारत के पाले में आया था और आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) ने इस प्रकार की एक ग्लोबल शतरंज लीग की इच्छा जताई थी। जिसके संबंध में उन्होंने बाद में घोषणा भी की।

विश्व शतरंज लीग क्या है यह लीग कब से कब तक होगी 1

इस शतरंज लीग जीसीएल का फार्मेट क्या होगा? (What will be the format of GCL?)

मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि जीसीएल राउंड रोबिन बेस (round robin base) पर रैपिड फॉर्मेट (rapid format) में खेली जाएगी। इसमें कुल छह टीमें शिरकत करेंगी। हर टीम में छह खिलाड़ी होंगे। इनमें प्रत्येक में दो महिला खिलाड़ी और एक आइकन खिलाड़ी शामिल होगा। प्रत्येक टीम टूर्नामेंट में सभी छह बोर्डों में रैपिड फॉर्मेट (rapid format) में 10 मैचों में हिस्सा लेगी।

टॉप की दो टीमें 2 जुलाई, 2024 को फाइनल (final) में पहुंचेंगी। और विजेता टीम (winner team) को विश्व चैंपियन फ्रेंचाइजी टीम (world champion frenchise team) का खिताब दिया जाएगा। इसलिए कि सबसे खास बात यह है कि यह फिजिटल (physital) होगी। यानी कि यह ग्लोबल चेस लीग लीग डिजिटल (digital) के साथ ही ऑनबोर्ड (on board) भी खेली जाएगी।

जीसीएल कराए जाने के पीछे क्या उद्देश्य है? (What is the object behind organising GCL?)

मित्रों, अब आप सोच रहे होंगे कि पहली बार इतनी बड़ी शतरंज अली कराए जाने के पीछे क्या उद्देश्य है तो दोस्तों आपको बता दें कि जीसीएल का सबसे बड़ा उद्देश्य विश्व स्तर पर शतरंज के खेल को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही इसका एक उद्देश्य शतरंज जैसे कभी शाही खेल का दर्जा रखने वाले खेल की ओर आम जनता को आकर्षित करना है। आपको बता दें दोस्तों की 5 बार के विश्व शतरंज चैंपियन (world chess champion) रह चुके भारत के विश्वनाथन आनंद (vishvanathan Anand) इस लीग के मेंटर और सलाहकार (mentor and consultant) हैं।

ग्लोबल चेस लीग का लोगो क्या है? (What is the logo of global chess league?)

ग्लोबल चेस लीग (जीसीएल) ने 19 अप्रैल, 2024 को अपना ऑफिशियल लोगो लांच (official logo launch) किया है। दोस्तों, आपको बता दें कि यह लोगो 64 स्क्वायर (square) जैसे एक चेस बोर्ड (chess board) की भांति दिखता है। यह रियल किंग (real king) का प्रतिनिधित्व (representation) करता है। खास बात यह है कि 64 का शतरंज के साथ जोड़ देखते हुए जीसीएल के लोगो को जीसीएल की शुरुआत से ठीक 64 दिन पूर्व लांच किया गया है।

भारत में शतरंज के 79वें ग्रैंड मास्टर कौन हैं? (Who is the 79th chess grand master in india?)

मित्रों, यदि अब आप यह सोच रहे होंगे कि भारत में शतरंज का ग्रैंड मास्टर कौन है? तो आपको बता दें कि 6 जनवरी, 2024 के दिन एम प्रनेश (M. Pranesh) फिडे सर्किट (FIDE circuit) का पहला टूर्नामेंट रिल्टन कप खिताब (rilton cup title) जीतकर भारत के 79वें ग्रैंडमास्टर (grand master) बन गए हैं। दोस्तों, आपको यह भी बता दें कि केवल 16 वर्ष के प्रनेश ने 2500 रेटिंग का आंकड़ा पार कर ग्रैंडमास्टर बनने के तीनों नॉर्म (norms) पूरे किए थे।

F&Q

शतरंज का आविष्कार कहां हुआ?

शतरंज का आविष्कार भारत में हुआ है।

भारत में शतरंज कब से खेला जा रहा है?

भारत में शतरंज 5वीं-6ठी शताब्दी से खेला जा रहा है।

शतरंज का प्राचीन नाम क्या है?

शतरंज का प्राचीन नाम चतुरंग है। जो इसके आविष्कारकर्ता ब्राह्मण चतुरंग के नाम पर रखा गया था।

विश्व शतरंज लीग क्या है?

यह टेक महिंद्रा एवं फिडे द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित होने वाली दुनिया की पहली और सबसे लंबी लीग है।

विश्व शतरंज लीग किस आधार पर खेली जाएगी?

यह लीग राउंड रोबिन आधार पर रैपिड फॉर्मेट में खेली जाएगी।

विश्व शतरंज लीग को कराए जाने का क्या उद्देश्य है?

इसलिए को कराए जाने का उद्देश्य शतरंज के खेल को दुनिया भर में मशहूर करने व आम जनता को भी इस खेल की ओर आकर्षित करने का है।

विश्व शतरंज लीग के मेंटर कौन है?

इसलिए के मेंटर 5 बार के वर्ल्ड चेस चैंपियन रह चुके भारत के विश्वनाथन आनंद हैं।

यह लीग किस फॉर्म में आयोजित की जाएगी?

यह लीग फिजिटल फॉर्म में आयोजित की जाएगी। यानी कि यह डिजिटल एवं ऑन बोर्ड खेली जाएगी।

ग्लोबल चैस लीग में कितनी टीमें हिस्सा लेंगी?

ग्लोबल चैस लीग में कुल 6 टीमें हिस्सा लेंगी। प्रत्येक टीम में कुल 6 खिलाड़ी होंगे। इनमें 2 महिला खिलाड़ी एवं एक आइकन खिलाड़ी भी शामिल होगा।

विश्व शतरंज लीग का लोगो क्या है?

विश्व शतरंज लीग का लोगो 64 स्क्वायर का बोर्ड है जो शतरंज बोर्ड जैसा दिखता है।

जीसीएल का लोगो कब लांच किया गया है?

यह लोगो 19 अप्रैल, 2024 को लांच किया गया है। यह लीग शुरू होने से ठीक 64 दिन पहले लोगों के सामने लाया गया है।

भारत के 79वें शतरंज ग्रांड मास्टर कौन है?

एम प्रनेश भारत के 79वें शतरंज ग्रांड मास्टर हैं।

प्रनेश ने जनवरी में कौन सा खिताब जीतकर ग्रांड मास्टर बनने में कामयाबी हासिल की?

प्रनेश ने 6 जनवरी, 2024 के दिन में रिल्टन कप खिताब जीतकर ग्रांड मास्टर बनने में कामयाबी हासिल की।

दोस्तों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको जीसीएल के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उम्मीद करते हैं कि यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होगी। जानकारी के मद्देनजर इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करें। यदि इस पोस्ट के संबंध में आप कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके पूछ सकते हैं। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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