हवाई जहाज और हेलीकॉप्टर का आज भी आसमान से गुजरना हम सभी को रोमांचित करता है। अभी भी बच्चे आसमान में हेलीकॉप्टर की गड़गड़ाहट सुनते ही बाहर की तरफ भागते हैं। लेकिन इन दिनों इन विमानों से हटकर एक जाइरोकॉप्टर चर्चा में है। अब क्या आप जानते हैं कि जाइरोकॉप्टर क्या है? यदि नहीं तो हमारे साथ बने रहे आज इस पोस्ट में हम आपको जाइरोकॉप्टर के संबंध में विस्तार से जानकारी देंगे। आइए, शुरू करते हैं-
जाइरोकॉप्टर क्या है? (What is gyrocopter?)
दोस्तों, आपको बता दें कि जाइरोकॉप्टर भी एक तरह से एक छोटा हेलीकॉप्टर (small helicopter) ही है। यह बगैर इंजन (without engine) उड़ान भरता है। इसे ऑटोगाइरो (autogyro) या जाइरोप्लेन (gyroplane) कहकर भी पुकारा जाता है। इसमें एक शक्तिशाली रोटर (powerful roter) लगा होता है। यह ऑटो रोटेटर (auto rotator) विमान को उड़ाने में मदद करता है।
दरअसल, हेलीकॉप्टर के ठीक उलट जाइरोकॉप्टर का रोटर सीधे (directly) मोटर द्वारा संचालित नहीं होता बल्कि यह उसके ब्लेड (blade) पर सापेक्ष हवा की गति से घूमता है। दोस्तों, अमूमन एक जाइरोकॉप्टर को ओपन कॉकपिट (open cockpit) द्वारा कंट्रोल (control) किया जाता है। यद्यपि अब बंद दरवाजे वाले जाइरोकॉप्टर भी आ रहे हैं।
जाइरोकॉप्टर में क्या खूबियां होती हैं, जो उसे खास बनाती हैं? (What qualities do a gyrocopter have, that make it special?)
दोस्तों, आइए अब उन खूबियों पर नजर डाल लेते हैं, जो उन्हें पारंपरिक विमानों यानी हेलीकॉप्टरों की तुलना में बेहतर बनाते हैं। ये इस प्रकार से हैं.
- पारंपरिक विमानों की तुलना में कम ईंधन खपत (low fuel consumption)।
- हवाई फोटोग्राफी (Ariel photography), सर्वे एवं निगरानी (survey and monitoring) के लिए कम ऊंचाई पर धीमी गति (low speed) से उड़ान भरने की क्षमता।
- हेलीकॉप्टर के मुकाबले अधिक सुरक्षित (safe)।
- खोज एवं बचाव कार्य (Search and rescue) में उपयोगी।
- चलाने और कंट्रोल (operation and control) करने में आसानी।
- हेलीकॉप्टरों की तुलना में कम शोर यानी कम ध्वनि प्रदूषण (air pollution)।
- ख़राब मौसम (bad (weather) में भी उड़ान संभव।
- उतरने के लिए छोटे रनवे (small runway) की आवश्यकता।
जाइरोकॉप्टर का आविष्कार किसने किया? (Who invented gyrocopter?)
मित्र आपको बता दें कि जाइरोकॉप्टर का आविष्कार सन् 1923 में एक स्पेनिश इंजीनियर (Spanish engineer) जुआन डे ला सिर्वा द्वारा किया गया था। उनका सपना एक ऐसा विमान बनाने का था, जो कि कम स्पीड पर सुरक्षित रूप से उड़ सके।
उनका सपना पूरा हुआ, जब उनके बनाए जाइरोकॉप्टर ने 9 जनवरी, 1923 को मैड्रिड (Madrid) स्थित कुआत्रो विएंटोस हवाई अड्डे से अपनी पहली उड़ान भरी। उन्होंने इसे ऑटोगाइरो नाम दिया। इस नाम को ट्रेडमार्क (Trade mark) भी किया गया। दोस्तों, आपको बता दें कि उस समय जाइरोकॉप्टर सामने लगे इंजन एवं प्रोपेलर (propeller) के साथ किसी फिक्स्ड-विंग विमान (fixed wing plane) जैसा दिखता था।
जाइरोकॉप्टर शब्द पहली बार किसके द्वारा प्रयोग किया गया? (Who used the name gyrocopter for the first time?)
दोस्तों, आपको बता दें कि जाइरोकॉप्टर शब्द की उत्पत्ति हेलीकॉप्टर (helicopter) से ही हुई है। पहली बार इस शब्द का इस्तेमाल ई. बर्क विल्फोर्ड (E Berk willford) द्वारा किया गया था।
दोस्तों, जान लीजिए कि विल्फोर्ड वही व्यक्ति हैं , जिनके द्वारा 20वीं सदी की शुरुआत में रीसेलर क्रेइसर फेदरिंग रोटर से सुसज्जित जाइरोप्लेन (gyroplane) विकसित (develop) किया गया था। जाइरोप्लेन को बाद में बेन्सन एयरक्राफ्ट (Benson aircraft) द्वारा ट्रेडमार्क (trademark) के रूप में भी अपनाया गया।
इन दिनों जाइरोकॉप्टर चर्चा में क्यों है? (Why gyrocopter is in news these days?)
दोस्तों, आइए अब जान लेते हैं कि जाइरोकॉप्टर इन दिनों चर्चा में क्यों बना हुआ है। दरअसल, उत्तराखंड राज्य (uttarakhand state) के पर्यटन विभाग (tourism department) द्वारा पहली हिमालयन सफारी (Himalayan safari) शुरू की जा रही है।
उसका उद्देश्य साहसिक पर्यटन (adventure tourism) को बढ़ावा देना है। खास बात यह है कि इसके लिए ट्रायल (trial) भी संपन्न हो चुका है। उत्तराखंड राज्य के एक शहर हरिद्वार (Hardwar) के बैरागी कैंप (bairagi camp) में जाइरोकॉप्टर का यह ट्रायल (trial) हुआ है। इसे जर्मनी (Germany) के प्रशिक्षित पायलटों (trained pilots) द्वारा अंजाम दिया गया है।
आपको बता दें दोस्तों कि जाइरोकॉप्टर द्वारा एयर सफारी (Air safari) के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (directorate general of civil aviation) यानी डीजीसीए (DGCA) की अनुमति की आवश्यकता होती है। उसके द्वारा इस इसके लिए मंजूरी दे दी गई है। इसके साथ ही प्रदेश में जाइरोकॉप्टर के लिए विशेष हवाई पट्टियां बनाए जाने की भी कवायत शुरू हो गई है।
जाइरोकॉप्टर में कितनी दूर तक उड़ा जा सकता है? (How long one can fly in gyrocopter?)
दोस्तों, अब आप सोच रहे होंगे कि जाइरोकॉप्टर है हवा में कितनी दूर तक उड़ा जा सकता है। तो आपको बता दें कि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आपके पास किस मॉडल का जाइरोकॉप्टर है?, संबंधित जाइरोकॉप्टर में कितने लोग सवार हैं? उसका ईंधन टैंक (fuel tank) कितना बड़ा है? किंतु यदि सामान्य तौर पर देखें तो आप एक फुल फ्यूल टैंक से करीब 130 मील की दूरी तय की जा सकती है। दूसरे शब्दों में कहें तो आप लगभग दो घंटे तक आराम से उड़ान भर सकते हैं।
क्या जाइरोकॉप्टर खराब मौसम में भी उड़ान भर सकता है? (Can a gyrocopter fly in bad weather too?)
जी हां दोस्तों, जाइरोकॉप्टर की सबसे बड़ी खूबी यही है कि यह खराब मौसम (bad weather) में भी उड़ान भर सकता है। यद्यपि इसकी अनुमति प्रदान नहीं की जाती। हवा में उड़ते हुए रोमांचक ढंग से आप धरती की खूबसूरती निहार सकते हैं। वन्य जीव अभ्यारण्य के रोमांचक दृश्य देख सकते हैं। इस तरह न तो वन्य जीवों की आबादी (population) में खलल पड़ेगा और न ही आपको जानवरों का खतरा रहेगा।
क्या भारत में जाइरोकॉप्टर का संचालन वैध है? (Is the operation of gyrocopter is valid in India?)
दोस्तों, आपको बता दें कि भारत में जाइरोकॉप्टर का संचालन एवं स्वामित्व अब वैध है। डीजीसीए (DGCA) ने हाल ही में इस छोटे हेलीकॉप्टर के संचालन को हरी झंडी दी है। लिहाजा, यह कानूनी (legal) है। एक जाइरोकॉप्टर अकेले उड़ाने के लिए आपको एक पीपीएल-जी (PPL-G) यानी प्राइवेट पायलट लाइसेंस (Private Pilot’s Licence -Gyrocopter) की आवश्यकता होगी।
लेकिन दोस्तों यदि यात्रियों संग AR-1 उड़ाने के लिए rotorcraft category / gyroplane class के स्पोर्ट पायलट लाइसेंस (Sport Pilot license) की आवश्यकता होगी। दोस्तों आप यह भी जान लीजिए कि स्पोर्ट पायलट लाइसेंस के लिए संबंधित व्यक्ति को एक लिखित परीक्षा (written exam) एक प्रयोगात्मक उड़ान परीक्षा (practical flying test) पास करनी होगी। इससे पूर्व उसे 40 घंटे प्रशिक्षण उड़ान (flying training) भी पूरी करनी होगी।
दुनिया के किन देशों में जाइरोकॉप्टर का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहा है? (In which countries gyrocopters are being used on large scale?)
दोस्तों, आपको जानकारी दे दें कि अपनी खूबियों की वजह से जाइरोकॉप्टर चीन (China), जर्मनी (Germany), यूएसए (USA), ऑस्ट्रेलिया (Australia), नेपाल (Nepal) आदि देशों में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहे हैं। पोलैंड की एक कंपनी Argo Aero जाइरोकॉप्टर की एक बड़ी निर्माता कंपनी है। यदि भारत की बात करें तो Patliputra Air Charter भारत में इन जाइरोकॉप्टर की डीलर व वितरक (dealer and distributor) है।
हेलीकॉप्टर के मुकाबले जाइरोकॉप्टर को उड़ाना आसान क्यों है? (Why gyrocopter is easy to fly rather than helicopter?)
दोस्तों, हम आपको बता चुके हैं कि हेलीकॉप्टर के मुकाबले जाइरोकॉप्टर को उड़ाना आसान है। लेकिन ऐसा क्यों है? अब हम आपको इसकी जानकारी देंगे। आप जान लीजिए कि ऐसा इसलिए है क्योंकि इनमें केवल तीन फ्लाइट कंट्रोल होते हैं। रडर पैडल (rudder pedals), थ्राॉटल (throttle) और एक कंट्रोल स्टिक (control stick)। ये इसे हेलीकॉप्टर के मुकाबले उड़ाना आसान बनाते हैं।
जिन्होंने कभी प्लान नहीं उड़ाया है उनके लिए भी इसे उड़ाना आसान हो जाता है। दोस्तों आपको बता दे की एक एयरक्राफ्ट अधिकतम 150 mph की अधिकतम स्पीड (maximum speed) पकड़ सकता है। यदि धीमी गति (low speed) की बात करें तो यह 30 mph की स्पीड पर भी उड़ सकता है। यह 900 से लेकर 1,000 पाउंड तक वज़न उठा सकता है। इसमें ईंधन (fuel), मुसाफिरों (passengers) और उनके सामान (luggage) का बोझ भी शामिल है।
जाइरोकॉप्टर क्या होता है?
जाइरोकॉप्टर एक छोटा हेलीकॉप्टर ही होता है, जो बगैर इंजन ऑटो रोटेटर के दम पर उड़ान भरता है।
जाइरोकॉप्टर को दूसरे किन नामों से भी पुकारा जाता है?
जाइरोकॉप्टर को ऑटोगाइरो एवं जाइरोप्लेन कहकर भी पुकारा जाता है।
जाइरोकॉप्टर का आविष्कार किसके द्वारा किया गया?
जाइरोकॉप्टर का आविष्कार सन् 1923 में एक स्पेनिश इंजीनियर (Spanish engineer) जुआन डे ला सिर्वा द्वारा किया गया था।
जाइरोकॉप्टर में क्या-क्या खूबियां होती हैं?
जाइरोकॉप्टर की खूबियों के बारे में हमने आपके ऊपर पोस्ट में विस्तार से बताया है आप उसमें देख सकते हैं।
इन दिनों जाइरोकॉप्टर चर्चा में क्यों है?
उत्तराखंड में पर्यटन विभाग द्वारा प्रस्तावित पहली जाइरोकॉप्टर हिमालयन सफारी की वजह से यह चर्चा में है।
हिमालयन सफारी के लिए जाइरोकॉप्टर का ट्रायल कहां हुआ है?
हिमालयन सफारी के लिए जाइरोकॉप्टर का ट्रायल उत्तराखंड के हरिद्वार में हुआ है।
क्या जाइरोकॉप्टर खराब मौसम में भी उड़ान भर सकता है?
जी हां, जाइरोकॉप्टर खराब मौसम में भी उड़ान भर सकता है
हिमालयन सफारी के लिए जाइरोकॉप्टर को किसके द्वारा मंजूरी दी गई है?
हिमालयन सफारी के लिए जाइरोकॉप्टर को डीजीसीए द्वारा मंजूरी प्रदान की गई है।
डीजीसीए की फुल फॉर्म क्या है?
डीजीसीए की फुल फॉर्म डायरेक्टरेट जनरल ऑफ़ सिविल एविएशन है। इसे हिंदी में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय कहकर भी पुकारा जाता है।
किन देशों में जाइरोकॉप्टर का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहा है?
आस्ट्रेलिया, चीन, नेपाल यूएसए आदि सभी देशों में जाइरोकॉप्टर का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहा है।
हेलीकॉप्टर के मुकाबले जाइरोकाप्टर को उड़ाना अधिक आसान क्यों है?
जाइरोकॉप्टर में महज तीन ही फ्लाइट कंट्रोल होने के कारण इसे हेलीकॉप्टर के मुकाबले उड़ाना आसान है।
सोलो जाइरोकॉप्टर उड़ाने के लिए कौन सा लाइसेंस आवश्यक है?
सोलो जाइरोकॉप्टर उड़ाने के लिए पीपीएल (जी) यानी प्राइवेट पायलट लाइसेंस (जाइरोकॉप्टर) आवश्यक है।
एक जाइरोकॉप्टर कितना वजन उठा सकता है?
एक जाइरोकॉप्टर ईंधन, यात्रियों एवं समान सहित कुल मिलाकर 900 से लेकर 1,000 पाउंड तक वजन उठा सकता है
साथियों, हमने इस पोस्ट (post) में आपको जाइरोकॉप्टर के बारे में जानकारी दी। उम्मीद करते हैं कि इस रोचक पोस्ट से आप जाइरोकॉप्टर के बारे में सब कुछ जान गए होंगे। जाइरोकॉप्टर के बारे में अपना कोई भी सवाल आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके पूछ सकते हैं। ।।धन्यवाद।।