हरियाणा एचआईवी पीड़ित वित्तीय सहायता योजना | लाभ योग्यता, दस्तावेज आदि

पिछले कुछ दशकों में हमारे देश में एचआईवी वायरस की वजह से एड्स महामारी की तरह फैला है। बहुत से राज्यों ने इससे निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं। एचआईवी पॉजिटिव मरीजों को कई प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं। हरियाणा सरकार द्वारा भी एचआईवी पीड़ितों के लिए वित्तीय सहायता योजना चलाई जा रही है। आज इस पोस्ट में हम आपको हरियाणा एचआईवी पीड़ित वित्तीय सहायता योजना के संबंध में विस्तार से जानकारी देंगे। आइए, शुरू करते हैं-

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एचआईवी क्या होता है? (What is HIV?)

दोस्तों, आइए सर्वप्रथम यह जान लेते हैं कि एचआईवी क्या होता है? (What is HIV?) मित्रों , आपको बता दें कि एचआईवी एक अतिसूक्ष्म रोग विषाणु यानी वायरस (virus) है। एचआईवी (HIV) की फुल फॉर्म ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वाइरस (Human immunodeficiency virus) होता है। दोस्तों, आपको बता दें कि एड्स (AIDS) जैसी महामारी के लिए यही विषाणु जिम्मेदार होता है।

हरियाणा एचआईवी पीड़ित वित्तीय सहायता योजना

यह तो आप जानते ही हैं कि एड्स एक ख़तरनाक और संक्रामक यानी एक से दूसरे और दूसरे से तीसरे व्यक्ति को फैलने वाला रोग है। हालांकि किसी को HIV है तो यह आवश्यक नहीं की उसको एड्स भी है। यदि समय रहते इस वायरस का इलाज़ कर दिया जाता है तो एड्स (aids) होने का खतरा कम हो जाता है।

दोस्तों, इस वायरस (virus) का असर यह होता है कि यह मनुष्य की अन्य रोगों से लड़ने की प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी पावर (immunity power) को कम कर देता हैं। इसके शिकार व्यक्ति आम सर्दी जुकाम से ले कर टीबी, कैंसर जैसे खतरनाक रोगों से आसानी से ग्रस्त हो जाता है। अधिकांश केसों में मरीज़ की मृत्यु तक हो सकती है।

हरियाणा एचआईवी पीड़ित वित्तीय सहायता योजना क्या है? (What is Haryana HIV infected financial assistance scheme?)

दोस्तों, आइए अब जान लेते हैं कि हरियाणा एचआईवी पीड़ित वित्तीय सहायता योजना क्या है? जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है इस योजना को हरियाणा सरकार द्वारा चलाया जाता है। दोस्तों, आपको बता दें कि इस योजना की शुरुआत हरियाणा सरकार (haryana government) द्वारा सन् 2021 में की गई थी। इस योजना के अंतर्गत हरियाणा में एचआईवी पीड़ित लोगों को हर महीने 2250 रुपये की आर्थिक सहायता (economic help/economic assistance) प्रदान की जाती है।

हरियाणा एचआईवी पीड़ित वित्तीय सहायता योजना का लाभार्थी कौन हो सकता है? (Who can be the beneficiary of haryana HIV infected financial assistance scheme?)

दोस्तों, अब जान लेते हैं कि हरियाणा एचआईवी पीड़ित सहायता योजना का लाभार्थी कौन हो सकता है। इसके जो मापदंड तय किए गए हैं, वे इस प्रकार से हैं-

  • आवेदक हरियाणा का निवासी हो। इसका अर्थ यह है कि किसी अन्य राज्य के नागरिक (citizen) को हरियाणा सरकार द्वारा चलाई जा रही इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
  • आवेदक का हरियाणा राज्य (haryana state) के किसी एआरटी सेंटर (ART center) में एआरवी ट्रीटमेंट (ARV treatment) चल रहा हो।
  • आवेदक की सालाना आय (annual income) दो लाख रुपए से अधिक न हो। यदि उसकी वार्षिक आय इससे अधिक है तो वह इस योजना के अंतर्गत आवेदन का पात्र नहीं होगा।

हरियाणा एचआईवी पीड़ित वित्तीय सहायता योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज क्या हैं? (What documents are required for Haryana HIV infected financial assistance scheme?)

दोस्तों, आपको बता दें कि यदि आप हरियाणा राज्य के निवासी हैं तथा आप अथवा आपका कोई परिचित एचआईवी से पीड़ित है तो उसे इस योजना का लाभ लेने के लिए कुछ दस्तावेज (documents) आवश्यक रूप से लगाने होंगे, जो कि इस प्रकार से हैं-

  • हरियाणा राज्य का वैध निवास प्रमाण पत्र (residence proof)।
  • लाभार्थी का दो लाख रुपए कम का वार्षिक आय प्रमाण पत्र (income certificate)।
  • लाभार्थी का हरियाणा के एआरटी सेंटर में एआरवी इलाज का प्रमाण पत्र (ARV treatment certificate)।
  • लाभार्थी के बैंक खाते का ब्योरा (bank account details)।

एआरटी सेंटर और एआरवी क्या होता है? (What is ART center and ARV?)

दोस्तों जैसे कि हमने आपको बताया कि हरियाणा एचआईवी पीड़ित योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक का आर्ट सेंटर में आर्मी उपचार लेना आवश्यक है तो भी है जान लेते हैं कि एआरवी (ARV) और एआरटी सेंटर (ART center) क्या होता है? दोस्तों, जहां तक एआरवी (ARV) की बात है, इसकी फुल फॉर्म एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी

(Antiretroviral therapy) होती है। यह थेरेपी एचआईवी पीड़ितों को दी जाती है। दोस्तों, इस थैरेपी से एचआईवी वायरस मरता नहीं है, लेकिन उसकी ग्रोथ (growth) रुक जाती है। यह एचआईवी पीड़ित के जीवन की प्रत्याशा बढ़ा सकती है। अब एआरटी (ART) की बात कर लेते हैं।अस्पतालों में एआरवी थेरेपी के लिए जो सेंटर बनाए गए हैं, वे एआरटी (ART) यानी एंटी रेट्रोवायरल ट्रीटमेंट सेंटर (Anti retroviral treatment centre) कहलाते हैं ।

एचआईवी पीड़ित इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कैसे कर सकते हैं? (How can HIV positive apply to get benefit of this scheme?)

दोस्तों, अब जान लेते हैं कि एचआईवी पीड़ित इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कैसे कर सकते हैं। आपको बता दें कि इसके लिए आवेदक को संबंधित स्थान के सिविल/सरकारी अस्पताल स्थित एआरटी सेंटर में संपर्क करना होगा। वहां योजना का फार्म भरने के साथ ही आवश्यक दस्तावेज अटैच (documents attached) करने होंगे। इसके पश्चात अस्पताल प्रबंधन द्वारा यह फार्म वित्तीय सहायता के लिए अग्रसारित कर दिया जाएगा। फार्म में दी गई जानकारी के सत्यापन (verification) के पश्चात सहायता राशि संबंधित व्यक्ति के खाते में भेज दी जाएगी।

हरियाणा एचआईवी पीड़ित वित्तीय सहायता योजना की राशि लाभार्थी तक कैसे पहुंचेगी? (How the beneficiary will get the amount of financial assistance under the scheme?)

दोस्तों, अब सवाल उठता है कि हरियाणा एचआईवी पीड़ित वित्तीय सहायता योजना की राशि लाभार्थी beneficiary तक कैसे पहुंचेगी? राशि का डीबीटी (DBT) यानी डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर (Direct Bank Transfer) होगा। दूसरे शब्दों में कहें तो यह सहायता राशि (financial assistance) सीधे लाभार्थी के बैंक खाते (bank account) में भेजी जाएगी।

हरियाणा सरकार द्वारा एचआईवी संक्रमण पर रोक लगाने व जागरूकता के लिए क्या किया जा रहा है? (What the government is doing to check the HIV infection and bringing the awareness about HIV?)

हरियाणा सरकार का स्वास्थ्य विभाग स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज (health minister Anil Vij) के निर्देशन में काम कर रहा है। उसके द्वारा एचआईवी की रोक और जागरूकता के लिए विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं। आपको बता दें दोस्तों कि हरियाणा में पहले कुल 16 एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी सेंटर (एआरटी) थे। अब सरकार द्वारा राज्य के सभी 11 मेडिकल कॉलेज (medical College) में भी एआरटी सेंटर खोले गए हैं।

राज्य में 104 आईसीटीसी सेंटर (IRCTC centre) और 542 एफआईसीटीसी सेंटर (FICTC centre) हैं। इन सेंटरों में जाकर मरीज जांच करवा सकते हैं। इसके अतिरिक्त सरकार का जोर एचआइवी और सिफलिस का पता लगाने के लिए सभी गर्भवती महिलाओं की जांच कराए जाने पर है। गांव की आशा कार्यकर्ताओं (ASHA workers) एवं एएनएम (ANM) को इसका जिम्मा सौंपा गया है।

आपको बता दें कि वर्तमान में हरियाणा में नए केस सामने आ रहे हैं, यद्यपि इसकी वजह से होने वाली मौतों की संख्या में कमी आई है। राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (National AIDS control organisation) यानी नाको (NACO) के आंकड़ों पर भरोसा करें तो उनके मुताबिक साल 2010 में एड्स से होने वाली मौतों का आंकड़ा 2059 था, जो वर्ष 2020 में घटकर 610 पर आ गया। वहीं, वर्ष 2022 में यह घटकर 375 तक आ चुका था। दूसरे शब्दों में कहें तो एक दशक

के भीतर एड्स से होने वाली मौतों में 0.05 फीसदी से 0.01 फीसदी तक गिरावट दर्ज की गई। विशेषज्ञ इसकी वजह लोगों में आई जागरूकता को मानते हैं। उनके अनुसार लोग अब अपनी जांच कराने सामने आ रहे हैं, जिससे केस बढ़ रहे हैं, लेकिन पर्याप्त दवा व उपचार से उनकी उम्र बढ़ रही है।

FaQ-

हरियाणा एचआईवी पीड़ित वित्तीय सहायता योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को कितनी राशि प्रदान की जाती है?

इस योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को 2250 रुपए माहवार की सहायता राशि प्रदान की जाती है।

हरियाणा एचआईवी पीड़ित सहायता योजना का लाभार्थी कौन हो सकता है?

कोई भी हरियाणा निवासी जिसका किसी एआरटी सेंटर में एआरवी उपचार चल रहा हो और जिसकी वार्षिक आय ₹2,00,000 से अधिक ना हो, इस योजना का लाभार्थी हो सकता है।

क्या किसी अन्य प्रदेश का निवासी हरियाणा सरकार द्वारा जारी इस योजना का लाभ उठा सकता है?

जी नहीं, किसी अन्य प्रदेश का निवासी हरियाणा सरकार द्वारा जारी इस योजना का लाभ नहीं उठा सकता।

एआरवी की फुल फॉर्म क्या है?

एआरवी की फुल फॉर्म एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी है। इसे एंटी रेट्रोवायरल ट्रीटमेंट भी पुकारा जाता है।

इस योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज कौन-कौन से हैं?

इस योजना के लिए लाभार्थी को वैध निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र और एआरवी उपचार प्रमाण पत्र लगाना होगा।

हरियाणा एचआईवी पीड़ित वित्तीय सहायता योजना की राशि लाभार्थी तक कैसे पहुंचेगी?

यह राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाएगी।

दोस्तों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको हरियाणा एचआईवी पीड़ित वित्तीय सहायता योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उम्मीद करते हैं कि इस पोस्ट से आपकी जानकारी में इजाफा हुआ होगा। यदि इस पोस्ट के संबंध में आपका कोई सवाल अथवा सुझाव है तो उसे नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके हम तक पहुंचा सकते हैं। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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