हॉलीडे हार्ट सिंड्रोम क्या है? सिंड्रोम एवं रोग में क्या अंतर होता है?

किसी भी कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों की सबसे बड़ी तमन्ना यही होती है कि उन्हें अच्छी सैलरी के साथ ही भरपूर छुट्टियां भी मिले, ताकि वे अपनी जिंदगी को इंजॉय कर सकें।लेकिन इन दिनों कई कर्मचारियों में हॉलीडे हार्ट सिंड्रोम देखने को मिल रहा है। क्या आप जानते हैं की हॉलीडे हार्ट सिंड्रोम क्या है? यदि नहीं जानते तो भी चिंता ना करें। आज इस पोस्ट में हम आपको इसी संबंध में विस्तार से जानकारी देंगे। आइए, शुरू करते हैं-

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सिंड्रोम से क्या आशय है? (What is the meaning of syndrome?)

दोस्तों, इससे पूर्व कि हम हॉलीडे हार्ट सिंड्रोम (holiday heart syndrome) की बात करें, आइए पहले यह जान लेते हैं कि सिंड्रोम क्या होता है? (what is syndrome?)। दोस्तों, सामान्य भाषा में बात करें तो जब कई रोगों के लक्षण एक साथ दिखाई पड़ते हैं तो मेडिकल साइंस (medical science) एवं मनोविज्ञान (psychology) में उसे सिंड्रोम (syndrome) कहा जाता है।

हॉलीडे हार्ट सिंड्रोम क्या है

इसे हिंदी में संलक्षण भी पुकारा जाता है। दोस्तों, सिंड्रोम मूलतः एक ग्रीक यानी यूनानी शब्द से निकला है, जिसका अर्थ सहमति या साथ चलना होता है। आपको बता दें कि जब एक सिंड्रोम को एक निश्चित वजह/कारण के साथ जोड़ दिया जाता है तो यह बीमारी/रोग बन जाता है। दरअसल, किसी बीमारी का निदान करते वक्त डॉक्टर एक साथ दिख रहे लक्षणों के समूह (group of symptoms) की तलाश करते हैं। यह समूह जब तक रहस्यमय (mysterious) बना रहता है, इसे एक विशिष्ट सिंड्रोम (specific syndrome) पुकारा जाता है।

सिंड्रोम एवं रोग में क्या अंतर होता है? (What is the difference between syndrome and illness?)

दोस्तों, बहुत से लोग सिंड्रोम और रोग को एक ही समझते हैं, लेकिन यह दोनों दो अलग-अलग चीज हैं। आइए, जान लेते हैं कि सिंड्रोम व रोग में क्या अंतर होता है? दोस्तों, यह तो हम आपको ऊपर बता ही चुके हैं कि सिंड्रोम एक संकेतों तथा लक्षणों (signals and symptoms) का एक समूह होता है। ये एक साथ चलते हैं, लेकिन इनकी कोई स्पष्ट वजह, पाठ्यक्रम अथवा उपचार का तय तरीका नहीं होता। वहीं, रोग एक विकार है, जो किसी व्यक्ति के शरीर के कार्य करने के तरीके को प्रभावित करता है। इसके कारण ज्ञात होते हैं। साथ ही इसका एक, विशिष्ट पाठ्यक्रम व उपचार की अधिक संभावना होती है।

हॉलीडे हार्ट सिंड्रोम क्या है? (What is holiday heart syndrome?)

दोस्तों, आइए सबसे पहले यह जान लेते हैं कि हॉलीडे हार्ट सिंड्रोम क्या है? (What is holiday heart syndrome?)। दोस्तों, हॉलीडे (holiday) का अर्थ होता है छुट्टी और हार्ट (heart) का मतलब होता है दिल। दरअसल, हॉलीडे हार्ट सिंड्रोम में लोगों को छुट्टियों के दौरान लक्षणों (symptoms) के आधार पर दिल से जुड़े रोगों का खतरा सताता है। और वे बजाय छुट्टियों को इंज्वॉय (enjoy) करने के बीमार पड़ जाते हैं।

इन दिनों मेट्रो शहरों (metro cities) में हॉलीडे हार्ट सिंड्रोम (holiday heart syndrome) के बहुत मामले देखने को मिल रहे हैं। खासतौर पर वहां जहां पर विभिन्न कंपनियों के कर्मचारी लंबे सप्ताहांत यानी लॉन्ग वीकेंड्स (long weekends) पर जाते हैं। ये लोग अपनी सप्ताह भर के काम की थकान इन छुट्टियों पर जाकर एंजॉय करके या जश्न मना कर दूर करना चाहते हैं। लिहाजा वे सब कुछ भूल कर मदिरापान और खाने-पीने के ताल में डूब जाते हैं। उनका शरीर इतनी अनियमितता झेल नहीं पाता। लिहाजा यह कई दफा उनके लिए नुकसानदायक साबित होता है।

हॉलीडे हार्ट सिंड्रोम होने के पीछे मुख्य वजहें क्या हैं? (What is the main reason behind holiday heart syndrome?)

दोस्तों, आइए अब हॉलीडे हार्ट सिंड्रोम की मुख्य वजह जान लेते हैं। यह तो आप जानते ही हैं कि छुट्टियों के दौरान लोग आम तौर पर पार्टी करना पसंद करते हैं। अपने खान-पान एवं दिनचर्या में लापरवाही बरतते हैं। वे आम तौर पर असंतुलित भोजन (imbalance diet) लेते हैं। अल्कोहल (alcohol), जंक फूड (junk food) आदि पर उनका कोई कंट्रोल (control) नहीं रहता। ऐसे में हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट (High blood pressure and heart) से जुड़ी दिक्कतें बढ़ जाती हैं।

छुट्टियों के दौरान लोगों का स्लीपिंग पैटर्न (sleeping pattern) भी बदल जाता है। वे देर रात (late night) तक जागकर पार्टी करते रहते हैं और सुबह देर से उठते हैं। एक्सरसाइज (exercise) का नाम तक भूल जाते हैं। इस तरह की अनियमित दिनचर्या से लोगों को सीने में दर्द, हार्ट बीट (heart beat) बढ़ना और चक्कर आने जैसी दिक्कतें होती हैं, जो दिल से संबंधित परेशानियां खड़ा कर देती हैं। लोग छुट्टियों के दिनों में ही बीमार पड़ जाते हैं। कई बार वे दिल के रोगों के साथ ही एंग्जाइटी या डिप्रेशन (anxiety /depression) आदि मानसिक रोगों से भी ग्रस्त हो जाते हैं।

हॉलीडे हार्ट सिंड्रोम के लक्षण क्या हैं? (What are the symptoms of holiday heart syndrome?)

दोस्तों, अब हम आपको हॉलीडे हार्ट सिंड्रोम के लक्षण (symptoms of holiday heart syndrome) बताएंगे, जो कि इस प्रकार से हैं-

  • ह्रदय गति तेज होना।
  • थकावट महसूस होना।
  • अत्यधिक पसीना आ जाना।
  • सांस लेने में दिक्कत होना।
  • कमजोरी महसूस होना।

दोस्तों, आपको बता दे कि यह हॉलीडे हार्ट सिंड्रोम के मुख्य लक्षण हैं। इनके अलावा भी लोगों में कई अन्य तरह की परेशानियां देखने को मिल सकती हैं।

हॉलीडे हार्ट सिंड्रोम से कैसे बचा जा सकता है? (How one can be safe from holiday heart syndrome?)

दोस्तों, यदि हॉलीडे हार्ट सिंड्रोम से बचाव की बात करें तो इसके लिए आपको कुछ टिप्स (tips) को फॉलो (follow) करना होगा, जो कि इस प्रकार से हैं-

  • छुट्टियों के दौरान खान-पान पर संयम रखें। खास तौर पर एल्कोहल एवं असंतुलित भोजन से बचें, क्योंकि तौर पर दिल परेशान हो सकता है
  • छुट्टियों में भी दिनचर्या को संतुलित (balance) रखें। आराम के चक्कर में एक्सरसाइज को स्किप (skip) ना करें।
  • छुट्टियों में भी अपने स्लीपिंग पैटर्न (sleeping pattern) को ठीक बनाए रखें। देर से सोने और देर तक जागने की जगह एक निश्चित समय पर सोएं और जागें।
  • छुट्टियों में मौज-मस्ती के चक्कर में शरीर पर अतिरिक्त दबाव extra (pressure) न डालें। जैसे देर रात तक दोस्तों के साथ आउटिंग या हैंग आउट (outing/hangout) करने से बचें।
  • बहुत अधिक शोर-शराबे डीजे (DJ) आदि के शोर के चलते भी कई बार हार्ट बीट अनियंत्रित (heart beat uncontrolled) हो जाती हैं। यह बेहद नुकसानदायक हो सकता है। इन सारे पहलुओं को देखकर ही छुट्टियों में मौज मस्ती करें।

हॉलीडे हार्ट सिंड्रोम की वजह से किसी की तबियत बिगड़ जाए तो क्या करें? (What to do if someone has got suffered by holiday heart syndrome?)

दोस्तों, अधिकांशतः इस हॉलीडे हार्ट सिंड्रोम का असर 12 से 24 घंटे तक होता है। और उसके बाद यह ठीक हो जाता है। लेकिन कई बार स्थिति गंभीर भी हो जाती है यह तो आप जानते ही हैं कि बुरे पल कभी कहकर नहीं आते।

यदि हॉलीडे हार्ट सिंड्रोम की वजह से किसी व्यक्ति की तबियत बिगड़ जाए तो कतई देर न करें। संबंधित व्यक्ति को तुंरत अस्पताल में भर्ती कराएं। इससे उसे समय पर इलाज मिल सकेगा और किसी अप्रिय और अप्रत्याशित स्थिति से बचा जा सकेगा। यदि कोई व्यक्ति पहले से ह्रदय रोगी यानी दिल का मरीज है तो उसके लिए छुट्टियों में अधिक सावधानी बरतना बेहतर होगा।

क्या हॉलीडे हार्ट सिंड्रोम का कोई तय उपचार भी है? (Is there any specific treatment of holiday heart syndrome?)

दोस्तों, आपको बता दें कि हॉलिडे हार्ट सिंड्रोम का कोई तय उपचार (fixed treatment) नहीं है। कोई भी डॉक्टर इस सिंड्रोम से ग्रसित संबंधित व्यक्ति के लक्षणों (symptoms) के आधार पर उसका उपचार (treatment) करता है। यह हम आपको ऊपर पोस्ट में बता ही चुके हैं कि प्रत्येक व्यक्ति में हॉलीडे हार्ट सिंड्रोम (holiday heart syndrome) के अलग-अलग लक्षण देखने को मिलते हैं।

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हॉलीडे हार्ट सिंड्रोम क्या है?

इसमें छुट्टी पर जाने वाले लोगों को उनकी दिनचर्या की वजह से दिल के रोगों का खतरा सताता है और वे छुट्टियों में भी बीमार पड़ जाते हैं।

किन शहरों में इस सिंड्रोम के शिकार लोग अधिक देखने को मिल रहे हैं?

मेट्रो शहरों में इस सिंड्रोम के शिकार अधिक देखने को मिल रहे हैं।

हॉलीडे हार्ट सिंड्रोम के क्या लक्षण हैं?

इस सिंड्रोम के सारे लक्षणों की जानकारी हमने आपको ऊपर पोस्ट में दी है। आप वहां से देख सकते हैं।

हॉलीडे हार्ट सिंड्रोम की मुख्य वजह क्या है?

इसकी मुख्य वजहें छुट्टियों के दौरान अनियंत्रित खान-पान, स्लीपिंग पैटर्न का बदल जाना, अनियमित दिनचर्या आदि हैं।

इस‌ सिंड्रोम से बचाव के क्या क्या उपाय हैं?

नियमित दिनचर्या, नियंत्रित खान-पान, अधिक अल्कोहल से बचना, भरपूर नींद आदि इस सिंड्रोम से बचाव के उपाय हैं।

छुट्टियों के दौरान किस व्यक्ति को अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है?

जो व्यक्ति पहले से ही दिल का रोगी है, उसे छुट्टियों के दौरान अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है।

क्या हॉलीडे हार्ट सिंड्रोम का कोई तयशुदा उपचार है?

जी नहीं। इस सिंड्रोम का कोई तयशुदा उपचार नहीं है।

दोस्तों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको हॉलीडे हार्ट सिंड्रोम (holiday heart syndrome) के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उम्मीद करते हैं कि सेहत से जुड़ी यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। यदि आप इसी प्रकार की रोचक जानकारी से परिपूर्ण पोस्ट हमसे चाहते हैं तो उसके लिए हमें नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) से कमेंट (comment) करके बता सकते हैं। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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