आपने हाइब्रिड कारों के बारे में सुना होगा। आपने कॉरपोरेट कंपनियों में हाइब्रिड वर्किंग मॉडल के बारे में भी सुना होगा, लेकिन क्या आपने क्रिकेट में हाइब्रिड मॉडल के बारे में सुना है? यदि नहीं तो आज यह पोस्ट आपके लिए ही है। आज इस पोस्ट में हम आपको इसी संबंध में विस्तार से जानकारी देंगे। आइए, शुरू करते हैं-
हाइब्रिड से क्या तात्पर्य है? (What is the meaning of hybrid?)
दोस्तों, आइए सबसे पहले हाइब्रिड का अर्थ जान लेते हैं। आपको बता दें कि हाइब्रिड लैटिन शब्द हाइब्रिडा से लिया गया है। जिसका अर्थ होता है दो भिन्न जानवरों की संतानें। आरंभ में यह शब्द दो पशुओं या जीवों की संकर प्रजातियों के लिए इस्तेमाल किया जाता था। इसके पश्चात वनस्पति, कृषि जगत में भी फूलों, फसलों की संकर प्रजातियों के लिए इस शब्द का इस्तेमाल किया गया। इसके बाद दो विविध पृष्ठभूमि, संस्कृतियों या परंपराओं के मिश्रण वाले व्यक्तियों, कारों आदि तमाम चीजों में उन्नत किस्म के लिए हाइब्रिड शब्द का इस्तेमाल होने लगा, जो आज बेहद आम है।
दूसरे शब्दों में आप यह भी कह सकते हैं कि जब किसी वस्तु को दो चीज़ों से मिलाकर बनाया जाता है तो उसे हाइब्रिड पुकारा जाता है। जैसे कारों के मामले में हाइब्रिड का अर्थ दो तरह के फ्यूल (hybrid) से चलने वाली कार से होता है। इसी प्रकार यदि कॉर्पोरेट (corporate) में वर्किंग मॉडल (working model) की बात करें तो वहां भी ऑफिस एवं घर दोनों जगहों से काम कराए जाने के मॉडल को हाइब्रिड (hybrid) पुकारा जाता है।
क्रिकेट में हाइब्रिड मॉडल क्या है? (What is hybrid model in cricket?)
दोस्तों, हमने आपको हाइब्रिड का अर्थ बता दिया है। आइए अब क्रिकेट के हाइब्रिड मॉडल (hybrid model) पर बात कर लेते हैं और इसका अर्थ जान लेते हैं। आपको बता दें कि जब एक ही क्रिकेट टूर्नामेंट के मैचों का आयोजन घरेलू के साथ ही अलग-अलग देश में किया जाता है तो इससे क्रिकेट में हाइब्रिड मॉडल पुकारा जाता है।
क्रिकेट में हाइब्रिड मॉडल कब अपनाया जाता है? (When hybrid model used in cricket?)
दोस्तों, अब सवाल यह उठता है कि आखिर क्रिकेट में हाइब्रिड मॉडल कब अपनाया जाता है? तो आपको बता दे कि जब किसी भी कारणवश किसी देश की टीम किसी दूसरे देश में जाकर खेलने में असहज होती है या असमर्थता जताती है तो ऐसे में क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए हाइब्रिड मॉडल अपनाया जाता है। संबंधित टीम उसे देश में न जाकर किसी अन्य देश या न्यूट्रल वेन्यू (neutral venue) पर मैच खेलती है।
यदि किसी क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए हाइब्रिड मॉडल अपनाए जाने के पीछे की मुख्य वजह की बात की जाती है तो दोस्तों इसमें सबसे ऊपर राजनीतिक यानी सियासी कारण ही सामने आते हैं, जिनकी वजह से एक देश की टीम किसी खास देश में जाकर खेलने में असमर्थता जताती है। जैसे भारत एवं पाकिस्तान के बीच खेले जाने वाले क्रिकेट टूर्नामेंट आदि।
हाल फिलहाल किस क्रिकेट टूर्नामेंट में हाइब्रिड मॉडल का इस्तेमाल किया गया है? (Is there any example of hybrid model in cricket?)
जी हां दोस्तों। क्रिकेट में हाइब्रिड मॉडल के कई उदाहरण देखने को मिलते हैं। जैसे आप एशिया क्रिकेट कौंसिल (Asia cricket council) यानी एसीसी (ACC) आयोजित एशिया कप टूर्नामेंट को देख सकते हैं। इस टूर्नामेंट का आयोजन पाकिस्तान द्वारा किया गया था। लेकिन सियासी कारणों से भारत द्वारा पाकिस्तान जाने से मना कर दिया गया, जिसके बाद इस टूर्नामेंट के मैचों को पाकिस्तान के साथ ही श्रीलंका में आयोजित किया गया।
इसका लाभ यह हुआ कि भारत को पाकिस्तान भी नहीं जाना पड़ा और उसने टूर्नामेंट में शिरकत भी कर ली। आपको बता दें दोस्तों कि इस टूर्नामेंट का फाइनल 17 सितंबर, 2023 को खेला गया था। इसमें भारत का मुकाबला श्रीलंका से हुआ था। श्रीलंका 50 रन पर ऑल आउट हो गई थी और भारत ने 51 रन बनाकर इस मैच के साथ ही यह टूर्नामेंट भी अपने नाम कर लिया था।
हाइब्रिड पिच क्या होती है? (What is hybrid pitch?)
दोस्तों, हमने आपको क्रिकेट में हाइब्रिड मॉडल के बारे में जानकारी दी। आइए, अब जान लेते हैं कि हाइब्रिड पिच क्या होती है? दोस्तों, हाइब्रिड पिचों को सिलाई की हुई पिच भी पुकारा जाता है। इनमें सामान्य रूप से प्लास्टिक (plastic) के हरे या बैज रंग के फाइबर (fibre) होते हैं।
इन्हें 20 मिलीमीटर x 20 मिलीमीटर ग्रिड के नियमित पैटर्न (controlled pattern) में 90 मिलीमीटर की गहराई तक सिला जाता है। आपको बता दें कि ये रेशे पिच पर मौजूद घास की लंबाई के ही समान ही होते हैं। इन्हें एक स्पेशल मशीन (special machine) के जरिए फिक्स किया जाता है। यह रेशों को सुई से जमीन में दबा देती हैं। यह बेहतरीन टर्फ पिच (turf pitch) मानी जाती है।
हाइब्रिड पिच की क्या-क्या खूबियां होती हैं? (What are the specialities of a hybrid pitch?)
- दोस्तों, आइए अब एक नजर हाइब्रिड पिच की खूबियों पर डाल लेते हैं, जो कि इस प्रकार से हैं-
- हाइब्रिड पिचों की रेजिस्टेंस पावर (resistance power) अधिक होती है।
- इन पिचों को मरम्मत व मेंटिनेंस (repair and maintenance) की कम आवश्कता होती है।
- इन पिचों पर अधिक खेलों की मेजबानी की जा सकती है।
- प्राकृतिक घास (natural grass) के रेशों के कारण इस्तेमाल के बाद पिचें अधिक तेजी से ठीक होती हैं।
- हाइब्रिड पिचों में बेहतर और गहरी जल निकासी (water extinction) की व्यवस्था होती है। इससे बेहतर अंकुरण होता है।
- हाइब्रिड पिचें समान ग्राउंड कवर (equal ground cover) एवं कम घिसाव के चलते आवश्यक गति एवं उछाल (speed and bounce) बनाए रखती हैं।
हाइब्रिड पिच स्थापित करने में कितना खर्च आता है? (How much cost it takes to install a hybrid pitch?)
दोस्तों, आइए अब जान लेते हैं कि आमतौर पर एक हाइब्रिड पिच को स्थापित करने में कितना खर्च आता है? आपको बता दें कि इस प्रक्रिया में करीब £500,000 पाउंड स्टर्लिंग, जो कि रुपए में करीब 5 करोड़, 23 लाख बनते हैं, का खर्च आएगा।
दोस्तों , जान लीजिए कि एक हाइब्रिड पिच की कीमत (price) कई कारकों के आधार पर तय होती है और अलग भी होती है। इन कारकों में क्रिकेट पिच का आकार (pitch size), क्रिकेट खेल के नियम (rules of playing cricket), जल निकासी, सिंचाई व हाइब्रिड शैली (hybrid style) जैसे -सिलाई, कालीन बिछाना व खेलना आदि शामिल हैं।
क्या भारत में भी हाइब्रिड पिच स्थापित की गई है? (Has there been any hybrid pitch installed in India too?)
दोस्तों, आपको बता दें कि भारत में हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) स्थित धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम (Dharamsala cricket stadium) में हाइब्रिड पिच बनाई जा रही है। दोस्तों , क्रिकेट जानकारों द्वारा इसके ऐसी भारत की पहली हाइब्रिड क्रिकेट पिच (hybrid cricket pitch) होने का दावा किया जा रहा है।
क्रिकेट में हाइब्रिड मॉडल कितना लाभकारी होता है? (How much beneficial the hybrid model in cricket is?)
दोस्तों, आपको बता दे की क्रिकेट में हाइब्रिड मॉडल विभिन्न देशों के क्रिकेट बोर्ड्स (cricket boards), क्रिकेट खिलाड़ियों (cricket players) और इस खेल के दर्शकों (viewers of play) लगभग सभी के लिए लाभकारी होता है। जैसे कि विभिन्न देशों के क्रिकेट बोर्ड को क्रिकेट मैच के आयोजन से कमाई होती है। मैच खेले जाते हैं तो खिलाड़ियों को उनकी मैच फीस मिलती है। वहीं दर्शकों को ऐसे टूर्नामेंट देखने का लुत्फ मिलता है, जिन पर सियासी अथवा किसी अन्य कारण से किसी विशेष स्थान पर न आयोजित किए जाने या रद्द किए जाने का खतरा मंडरा रहा होता है।
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हाइब्रिड शब्द कहां से लिया गया है?
हाइब्रिड शब्द लैटिन के हाइब्रिडा से लिया गया है।
हाइब्रिड का क्या अर्थ है?
सामान्यत: दो गुणों/चीजों को मिलाकर एक वस्तु बनाई जाती है उसे हाइब्रिड पुकारा जाता है। जैसे हाइब्रिड कार आदि।
क्रिकेट में हाइब्रिड मॉडल क्या है?
जब किसी क्रिकेट टूर्नामेंट के मैच अलग-अलग देशों में या न्यूट्रल वेन्यू पर कराए जाते हैं तो उसे हाइब्रिड मॉडल पुकारा जाता है।
हाल- फिलहाल किस टूर्नामेंट में हाइब्रिड मॉडल का इस्तेमाल किया गया है?
वर्ष 2023 में हुए एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट में हाइब्रिड मॉडल का इस्तेमाल किया गया है।
हाइब्रिड पिच क्या होती है?
हाइब्रिड पिच को सिलाई की हुई पिच भी पुकारा जाता है। इनमें सामान्य रूप से प्लास्टिक के हरे या बैज रंग के फाइबर होते हैं। इन्हें 20 मिलीमीटर x 20 मिलीमीटर ग्रिड के नियमित पैटर्न (controlled pattern) में 90 मिलीमीटर की गहराई तक सिला जाता है।
क्या भारत में हाइब्रिड पिच का भी कांसेप्ट आ गया है?
जी हां। विदेश के बाद अब भारत में भी हाइब्रिड पिच का कांसेप्ट आ गया है।
एक हाइब्रिड पिच बनाने में कितना खर्च आता है?
एक हाइब्रिड पिच बनाने में करीब साढ़े पांच करोड़ से अधिक का खर्च आता है।
हाइब्रिड पिच की क्या-क्या खूबियां हैं?
इन खूबियों के संबंध में हमने आपको ऊपर पोस्ट में विस्तार से जानकारी दी है। आप वहां से देख सकते हैं।
भारत में हाइब्रिड पिच कहां बन रही है?
भारत में हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम में हाइब्रिड पिच बनाई जा रही है।
दोस्तों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको बताया कि क्रिकेट में हाइब्रिड मॉडल क्या है। उम्मीद करते हैं कि इस पोस्ट से आपकी जानकारी में बढ़ोतरी हुई होगी। यदि इस पोस्ट के संबंध में आपका कोई भी सवाल आपका सुझाव है तो आप हमें नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके भेज सकते हैं। ।।धन्यवाद।।