विरासत कर क्या है? यह इन दिनों चर्चा में क्यों है?

यह तो आप जानते हैं कि हमारे देश में कई प्रकार के टैक्स लागू है जैसे इनकम टैक्स, प्रॉपर्टी टैक्स सर्विस टैक्स आदि। इन दिनों हमारे देश में चुनाव चल रहा है और इन्हेरिटेंस टैक्स यानी विरासत कर को लेकर बहुत चर्चा हो रही है। क्या आप जानते हैं कि विरासत कर क्या है? यदि नहीं, तो आज इस पोस्ट में हम आपको इसी संबंध में विस्तार से जानकारी देंगे। आइए, शुरू करते हैं-

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विरासत कर क्या है? (What is inheritance tax?)

दोस्तों, आइए जान लेते हैं कि विरासत कर क्या है? (What is inheritance tax?)। विरासत कर विरासत यानी हेरिटेज (heritage) एवं कर यानी टैक्स (tax) दो शब्दों को मिलाकर बना है। ऐसे में यदि सामान्य रूप से देखें तो विरासत कर किसी व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात उसके उत्तराधिकारियों को विरासत में मिली संपत्ति पर लगाया जाने वाला कर है।

विरासत कर क्या है

दोस्तों, लाभार्थी द्वारा प्राप्त विरासत के मूल्य पर यह विरासत कर लगाया जाता है तथा इसका भुगतान (payment) लाभार्थी (beneficiary) द्वारा किया जाता है। जान लीजिए कि जब किसी व्यक्ति के उत्तराधिकारी को विरासत में कोई संपत्ति मिलती है तो उसे इस संपत्ति के ट्रांसफर (transfer of property) से पहले इस टैक्स को काट लिया जाता है।

विरासत कर को लगाने का क्या उद्देश्य है? (What is the object to impose inheritance tax?)

दोस्तों, आइए अब जान लेते हैं कि विरासत कर लगाए जाने का क्या उद्देश्य है? आपको बता दें कि वैसे तो यह एक समाजवादी विचार (socialist idea) माना गया है। जिसके तहत सरकार द्वारा अमीरों की मृत्यु के पश्चात उनके पैसे, संपत्ति का एक हिस्सा ले लिया जाता है। एक निश्चित संपत्ति से अधिक हिस्से से इसकी वसूली की जाती है। इसके पीछे समाज में विषमता (imbalance in society) दूर करने में सहायता मिलने का हवाला दिया जाता है। कहा जाता है कि यह टैक्स लगने से अगली पीढ़ी को मेहनत करनी होगी।

वरना कुछ लोग पीढ़ियों तक बेहद अमीर रहेंगी और गरीब नुक़सान में रहेंगे। यद्यपि टैक्स लगाने से विषमता दूर होने के सवाल पर बहस यथावत जारी है। इसका दूसरा और सबसे सशक्त पहलू यह है कि इस टैक्स (tax) के जरिए सरकारों के राजस्व यानी रेवेन्यू (revenue) में बढ़ोतरी होती है। और यह बढ़ोतरी कोई कम नहीं होती। आप इसी से समझ सकते हैं कि विकसित देशों जैसे -अमेरिका, ब्रिटेन एवं जापान आदि देशों में यह टैक्स 40 से 50% तक लगाया जाता है।

इन दिनों विरासत कर चर्चा में क्यों है? (Why inheritance tax is in news these days?)

दोस्तों, देश में लोकसभा चुनाव यानी आम चुनाव (general election) का दौर चल रहा है। हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (prime minister Narendra Modi) द्वारा एक जनसभा में कहा गया कि यदि कांग्रेस (congress) सत्ता में आएगी तो वह देशवासियों पर विरासत कर थोप देगी। इसके बाद से ही इस टर्म विरासत कर यानी इनहेरिटेंस टैक्स (inheritance tax) को लेकर चर्चाओं एवं बहस -मुबाहिसों का दौर जारी है।

दरअसल, 24 अप्रैल, 2024 को इंडियन ओवरसीज कांग्रेस (indian overseas congress) के अध्यक्ष सैम पित्रोदा (Sam pitroda) द्वारा शिकागो (Chicago) में विरासत टैक्स टर्म को दिलचस्प बताया गया था और कहा गया था कि इस पर और चर्चा होनी चाहिए। उनका कहना था कि कानून कहता है, आपने अपने जीवन में जो भी संपत्ति बनाई है, जब आप इस दुन‍िया से जाते हैं तो आपको इस संपत्ति का आधा ह‍िस्‍सा जनता के लिए छोड़ना चाह‍िए।

उन्होंने इसे एक निष्पक्ष कानून है बताते हुए भारत में भी यह टैक्स लगाए जाने की पैरवी की थी। कहा था कि अमेरिका में 55 प्रतिशत विरासत टैक्स वसूला जाता है, जबकि भारत में ऐसा कुछ नहीं है। भारत में यद‍ि क‍िसी व्यक्ति के पास 10 अरब की संपत्ति है और वह मर जाता है तो उसके बच्‍चों को पूरी प्रॉपर्टी म‍िल जाती है। इसमें जनता को कुछ नहीं मिलता है। इसके बाद से ही विरासत टैक्स पर बवाल मचा हुआ है।

क्या भारत में विरासत कर लागू है? (Has there been inheritance tax in India?)

दोस्तों, यदि वर्तमान समय की बात की जाए तो आपको बता दें कि फिलहाल भारत में विरासत में मिली संपत्ति पर किसी प्रकार का कोई कर नहीं लगाया जाता है। यह संपत्ति (property) किसी व्यक्ति को चाहे वसीयत के जरिए मिली हो या फिर बिना वसीयत के उत्तराधिकार के जरिए। आपको बता दें दोस्तों कि सन् 2019 में नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) ने इसे वापस लाने की भरपूर कोशिश की थी। अरुण जेटली से लेकर जयंत सिन्हा तक ने इस टैक्स (tax) का समर्थन किया था।

यहां यह भी जान लीजिए कि हमारे देश भारत में पूर्व में विरासत कर (inheritance tax) हुआ करता था। यह टैक्स 50 हज़ार रुपये की संपत्ति से लगना शुरू होता था एवं इसके पश्चात इसमें वृद्धि होती चली जाती थी। यदि कोई व्यक्ति अपने परिवार के लिए विरासत में संपत्ति छोड़ता था तो उसे 5% से लेकर 85% तक टैक्स चुकाना पड़ता था। 20 लाख रुपए या इससे अधिक की संपत्ति होने पर 85% टैक्स लगाए जाने का प्रावधान था। साफ है कि 20 लाख रुपए की संपत्ति पर सरकार 17 लाख रुपए से बतौर टैक्स वसूल लेती थी। परिवार को केवल 3 लाख रुपए मिलते थे।

दोस्तों, आपको बता दें कि आज से करीब 39 वर्ष पूर्व सन् 1985 में तत्कालीन राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) सरकार इस विरासत टैक्स को समाप्त कर दिया गया। उस समय विश्वनाथ प्रताप सिंह (Vishwanath Pratap Singh) देश के वित्त मंत्री (finance minister) थे। दरअसल, ऐसे तमाम टैक्स वसूलने में केंद्र सरकार को आय से अधिक का खर्च करना पड़ रहा था।

इसकी प्रशासनिक प्रक्रिया (administrative process) बहुत खर्चीली थी। सरकार द्वारा समाज में निष्पक्षता को बढ़ावा देने के लिए गिफ्ट टैक्स (gift tax), प्रॉपर्टी टैक्स (property tax), एस्टेट ड्यूटी (estate duty) जैसे विभिन्न उपाय भी किए गए, लेकिन आपको बता दें दोस्तों कि प्रॉपर्टी टैक्स को आज से करीब नौ वर्ष पूर्व सन् 2015 में हटा लिया गया, जबकि गिफ्ट टैक्स को उससे भी 17 साल पहले सन् 1998 में ही समाप्त कर दिया गया था।

वर्तमान में विरासत कर कहां लागू है? (At present where the inheritance tax is levied?)

दोस्तों, आपको बता दें कि वर्तमान में विरासत कर अमेरिका के छह राज्यों में वसूला जा रहा है।अमेरिका के यह राज्य लोवा (Iowa), केंचुकी (Kentucky), मेरीलैंड (Maryland), नबार्सका (Nebraska), न्यूजर्सी (New Jersey) एवं पेनसिलवेनिया (Pennsylvania) शामिल हैं। यह भी जान लीजिए कि इसमें संपत्ति मलिक की विरासत पाने वाले पर टैक्स लगता है। लेकिन पत्नी और बच्चों पर यह टैक्स लागू नहीं होता। किसी और को मिले तभी यह टैक्स देना होता है। इसके अतिरिक्त यह टैक्स विश्व के अनेक देशों में लागू है। इन देशों के नाम एवं वहां लगाए जाने वाले विरासत टैक्स की दर इस प्रकार से है –

  • अमेरिका (America) 40 प्रतिशत
  • जापान (Japan) 55 फीसदी
  • फ्रांस (France) 45 प्रतिशत
  • दक्षिण कोरिया (South Korea) 55 प्रतिशत
  • ब्रिटेन (Britain) 40 प्रतिशत
  • स्पेन (Spain) 34 प्रतिशत
  • आयरलैंड (Ireland) 33 प्रतिशत
  • बेल्जियम (Belzium) 30 प्रतिशत
  • जर्मनी (Germany) 30 प्रतिशत
  • चिली (Chili) 25 प्रतिशत
  • ग्रीस (Greece) 20 प्रतिशत
  • नीदरलैंड (Netherlands) 20 प्रतिशत
  • फिनलैंड (Finland) 19 प्रतिशत
  • डेनमार्क (Denmark) 15 प्रतिशत
  • आइसलैंड (Iceland) 10 प्रतिशत
  • पोलैंड (Poland) 7 प्रतिशत
  • स्विट्जरलैंड (Switzerland) 7 प्रतिशत
  • इटली (Italy) 4 प्रतिशत

अधिकांश लोग विरासत कर के विरोध में क्यों हैं? (Why most of the people are opposing inheritance tax?)

दोस्तों, आपको बता दें कि विरासत टैक्स पर चर्चा के बीच भारत के ज्यादातर लोग विरासत टैक्स के विरोध में हैं। वे इसे सही नहीं ठहराते। उनका मानना है कि उनके बाप-दादा जो संपत्ति बहुत मेहनत एवं समय लगाकर खड़ी की गई है, उस पर विरासत कर लगाया जाना जायज नहीं। वे भारत में इस टैक्स के फिर से लगाए जाने के विचार के भी पूरी तरह से खिलाफ नजर आते हैं।

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विरासत कर क्या है?

सामान्य रूप से विरासत कर एक मृत व्यक्ति से विरासत में मिली संपत्ति पर लगाया जाने वाला कर है।

विरासत कर कहां लागू है?

विरासत कर अमेरिका के छह राज्यों समेत कई देशों में लागू है। इन देशों के नाम हमने आपको ऊपर पोस्ट में बताए हैं। साथ ही विरासत टैक्स की दर भी बताई है।

विरासत कर लगाए जाने के पीछे क्या उद्देश्य है?

सामान्य रूप से विरासत कर लगाए जाने के पीछे उद्देश्य समानता लाना और विषमता को दूर करना बताया जाता है, लेकिन तल्ख सच यह है कि इससे सरकारों को राजस्व की प्राप्ति होती है।

क्या भारत में विरासत कर लागू है?

जी नहीं। इस कर को आज से करीब 39 वर्ष पूर्व सन् 1985 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में समाप्त किया जा चुका है।

विरासत टैक्स खत्म किए जाते वक्त भारत के वित्त मंत्री कौन थे?

उसे समय विश्वनाथ प्रताप सिंह भारत के वित्त मंत्री थे।

विरासत कर इन दिनों चर्चा में क्यों है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कांग्रेस के सत्ता में आने पर विरासत कर थोप देने संबंधी बयान को लेकर यह टैक्स चर्चा में है।

विरासत टैक्स का जिक्र कांग्रेस के किस नेता द्वारा उठाया गया?

विरासत टैक्स का जिक्र इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा द्वारा उठाया गया था।

दोस्तों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको जानकारी दी कि विरासत कर क्या है? उम्मीद करते हैं कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। यदि इस पोस्ट के संबंध में आपका कोई सवाल अथवा सुझाव है तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके हमें बताएं। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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