|| मिशन आदित्य क्या है? | यह कब लॉन्च होगा? | इसका सूरज से क्या संबंध है? | What is Mission Aditya? | When it will be launched? | What’s its relation with the Sun? | आदित्य एल1 मिशन पर कितना खर्च होगा? | अंतरिक्ष को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा क्या घोषणा की गई है? | What is Mission Aditya In Hindi ||
चंद्रयान-3 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लॉन्च हो चुका है इससे पूरे भारत में उत्साह का माहौल बना हुआ है। 19 अप्रैल, 1975 को भारत का पहला उपग्रह आर्यभट्ट अंतरिक्ष में भेजे जाने के पश्चात यह भारत का 124 वां अंतरिक्ष मिशन था।
अब भारत की नजर भविष्य पर है। इसरो अब मिशन आदित्य की तैयारी में जुट गया है। अब आप पूछेंगे यह मिशन आदित्य क्या है? तो आपको इस सवाल का जवाब पाने के लिए आज इस पोस्ट को बेहद ध्यान से पढ़ना होगा। इस पोस्ट में हम आपको इस मिशन के संबंध में विस्तार से छोटी से छोटी जानकारी प्रदान करेंगे। आइए, शुरू करते हैं-
आदित्य का क्या अर्थ है? (What is the meaning of Aditya?)
दोस्तों, इससे पहले कि हम मिशन आदित्य (Mission Aditya) के बारे में जानें, सबसे पहले यह जान लेते हैं कि आदित्य का क्या अर्थ है? (What is the meaning of Aditya?)। दोस्तों, सामान्य रूप से आदित्य का अर्थ सूर्य होता है। इसे अंग्रेजी में sun भी पुकारा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार सूर्य का नाम आदित्य उनकी माता अदिति के नाम पर रखा गया। आपको बता दें दोस्तों दे कि सूर्य (Surya) को महर्षि कश्यप एवं अदिति (maharishi kashyap and Aditi) का पुत्र कहा जाता है। अदिति दक्ष प्रजापति की सबसे बड़ी पुत्री थीं।
मिशन आदित्य क्या है? (What is mission Aditya?)
मित्रों, जैसा कि नाम से स्पष्ट है, मिशन आदित्य सूर्य मिशन का नाम है। आदित्य एल1 (Aditya L1) पहला भारतीय अंतरिक्ष मिशन होगा, जो सूर्य का अध्ययन करेगा। अब आप सोच रहे होंगे कि इसरो ने चांद से जुड़े मिशन का नाम चंद्रयान रखा था तो सूरज से जुड़े मिशन का नाम सूर्य मिशन क्यों नहीं रखा? दोस्तों, इसरो के अनुसार भारत का यह मिशन सूरज पर उतरने नहीं जा रहा है, लिहाजा, इसलिए इसके नाम में सूरज या सौर्य शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है।
यद्यपि हम ऊपर बता चुके हैं कि आदित्य का अर्थ भी सूर्य ही हैं। ऐसे में यह मिशन के नाम को सार्थक करता है। दोस्तों, मिशन आदित्य के तहत आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान सिर्फ सूरज की कक्षा (orbit) में लैग्रेंज बिंदु (langraz point-1) पर सैटेलाइट (satellite) के रूप में सूरज के चारों तरफ चक्कर लगाएगा। दोस्तों , यही वजह है कि इसके नाम के साथ L1 शब्द को जोड़ा गया है।
आदित्य एल1 क्या अध्ययन करेगा? यह किन बातों का पता लगाएगा? (What the Aditya L1 will study? Which things It will expose?)
दोस्तों, आइए अब एक नजर आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान की गतिविधियों पर डाल लेते हैं और यह जानते हैं कि यह अंतरिक्ष यान क्या करेगा? यह किन बातों का पता लगाएगा? दोस्तों, आपको बता दें कि इस अंतरिक्ष यान के जरिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian space research organisation) यानी इसरो (ISRO) यह पता लगाने की कोशिश करेगा कि सूरज की किरणें (rays) अंतरिक्ष (space) में होने वाली गतिविधियों (activities) को किस प्रकार प्रभावित (effect) करती हैं।
आदित्य एल-1 सूरज के फोटोस्फीयर (photosphere), क्रोमोस्फीयर (chromosphere), बाहरी सतह (external surface) यानि कोरोना (corona) पर भी निगाह रखेगा। इसके अतिरिक्त यह आस-पास मौजूद कणों का अध्ययन भी करेगा। इसके द्वारा सूर्य से उत्पन्न होने वाले इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कणों (electromagnetic particles) एवं चुंबकीय क्षेत्र (magnetic area) का अध्ययन भी किया जाएगा।
मिशन आदित्य कब लॉन्च किया जाएगा? (When Mission Aditya will be launched?)
मित्रों, भारत के पहले सूर्य मिशन मिशन आदित्य की लॉन्चिंग अब अधिक दूर नहीं रह गई है। इस मिशन को 2 सितंबर, 2024 को लॉन्च (launch) किया जाएगा। यान को श्री हरि कोटा (Sri Hari kota) सतीश धवन स्पेस सेंटर (Satish Dhawan space center) से प्रक्षेपित किया जाएगा।
आदित्य एल-1 को पीएसएलवी रॉकेट (PSLV) से लॉन्च किया जाएगा। वैज्ञानिकों के साथ ही आम आदमी की भी इस मिशन में बेहद दिलचस्पी है। चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद उनकी इसरो (ISRO) और वैज्ञानिकों (scientists) से उम्मीदें और भी ज्यादा बढ़ गई हैं। फिलहाल वे मिशन की लॉन्चिंग का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। आपको लगे हाथों यह जानकारी भी दे दें दोस्तों कि श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से अब तक पीएसएलवी के जरिए सफलतापूर्वक 37 लॉन्चिंग (launching) हो चुकी हैं।
आदित्य एल1 को सूरज की कक्षा में एल1 प्वाइंट तक जाने में कितने दिन लगेंगे? (How much days Aditya L-1 take to reach in the orbit of sun?)
साथियों, आपको जानकारी दें कि चंद्रयान-3 को लॉन्च होने के बाद उसकी सफल लैंडिंग (landing) में करीब 40 दिन का समय लगा था, लेकिन सूरज की कक्षा (sun’s orbit) में एल1 प्वाइंट तक पहुंचने में इससे करीब तीन गुना अधिक समय लगेगा। जी हां दोस्तों, पृथ्वी (earth) से इसकी दूरी (distance) करीब 15 लाख किलोमीटर है। ऐसे में आदित्य एल1 को सूरज की कक्षा में एल1 प्वाइंट तक पहुंचने में कुल 110 दिन का समय लगेगा।
आदित्य एल1 मिशन पर कितना खर्च होगा? (How much it costs on Aditya L1 mission?)
दोस्तों, अब बात कर लेते हैं आदित्य एल1 मिशन पर आने वाले खर्च की। आपको बता दें कि इस मिशन पर चंद्रयान-3 मिशन (chandrayaan -3 mission) का करीब आधा खर्च आएगा। यह तो आप जानते ही हैं कि चंद्रयान मिशन पर करीब साढ़े 615 करोड़ रुपए का खर्च आया है। इसरो के इस महत्वाकांक्षी और महत्वपूर्ण आदित्य-एल1 मिशन पर कुल 378 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है।
आदित्य एल1 मिशन कितने समय काम करेगा? (What is the time span of Aditya L1 mission?)
दोस्तों, आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान को एक निश्चित समय के लिए अंतरिक्ष में रहकर सूरज का अध्ययन करना है। इसरो द्वारा बताया गया है कि आदित्य-एल1 मिशन के अंतर्गत यान के सूरज की कक्षा में L प्वाइंट पर पहुंच जाने के पश्चात यह करीब 5 वर्ष तक सूरज से निकलने वाली किरणों का अध्ययन करेगा। विशेष बात यह है दोस्तों कि इसके लिए आदित्य-एल 1 में 7 पेलोड्स लगाए गए हैं।
अंतरिक्ष को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा क्या घोषणा की गई है?(what declaration has been done by PM Narendra Modi regarding space?)
मित्रों, चंद्रयान मिशन 3 की सफलता के बाद जहां पूरा देश खुशी से झूम रहा है, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस कामयाबी से बेहद उल्लसित और उत्साहित हैं। उन्होंने घोषणा की है कि 23 अगस्त, जिस दिन की चंद्रयान-3 ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग की थी, को हर साल नेशनल स्पेस डे (National Space Day) के रूप में मनाया जाएगा। इसके अतिरिक्त उन्होंने यह भी घोषणा की की जिस जगह चंद्रयान-3 द्वारा लैंडिंग की गई, उस जगह को शिव शक्ति (shiv shakti) के नाम से जाना जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 23 अगस्त को नेशनल स्पेस डे के रूप में मनाए जाने की घोषणा किए जाने के बाद से हमारे देश भारत के वैज्ञानिक तबके में खुशी का माहौल है। उनके अनुसार इससे उन्हें और अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरणा मिलेगी। इसके साथ ही यह कदम भारत में अंतरिक्ष में रुचि को प्रोत्साहित करने की दिशा में भी कारगर साबित होगा। दरअसल, इस दिन बच्चों में अंतरिक्ष के प्रति दिलचस्पी को बढ़ावा देने के लिए देश भर के विद्यालयों एवं संस्थानों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। यह अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत को और आगे ले जाएगा।
मिशन आदित्य एल1 क्या है?
यह पहला भारतीय अंतरिक्ष मिशन है, जो सूर्य का अध्ययन करेगा।
इस मिशन में क्या होगा?
इस मिशन में यान को सूरज की कक्षा में एल1 प्वाइंट तक ले जाया जाएगा। जहां वह सेटेलाइट के रूप में चक्कर लगाते हुए सूर्य की किरणों का अध्ययन करेगा।
मिशन आदित्य एल1 किन बातों का पता लगाएगा?
यह मुख्य रूप से इस बात का पता लगाएगा कि सूरज की किरणें अंतरिक्ष में होने वाली गतिविधियों को किस प्रकार प्रभावित करती हैं।
मिशन आदित्य एल1 कब लॉन्च होगा?
मिशन आदित्य एल1 2 सितंबर, 2024 को लॉन्च होगा।
यह मिशन कितने समय का होगा?
यह मिशन कुल 5 वर्ष का होगा।
मिशन आदित्य एल1 पर कितना खर्च आएगा?
इस मिशन पर करीब 378 करोड रुपए खर्च होंगे।
आदित्य का क्या अर्थ है?
आदित्य का अर्थ सूर्य से लगाया जाता है।
सूर्य को आदित्य क्यों कहा जाता है?
पौराणिक कथाओं के अनुसार सूर्य को आदित्य उनकी मां अदिति के नाम पर कहा जाता है।
मिशन आदित्य को कहां से लांच किया जाएगा?
मिशन आदित्य को श्रीहरि कोटा स्थित स्पेस सेंटर से लांच किया जाएगा।
इसका प्रक्षेपण किस रॉकेट के जरिए होगा?
इसका प्रक्षेपण पीएसएलवी के माध्यम से किया जाएगा।
नेशनल स्पेस डे कब मनाया जाएगा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रत्येक वर्ष 23 अगस्त को नेशनल स्पेस डे बनाने की घोषणा की गई है।
जिस स्थान पर चंद्रयान-3 द्वारा लैंडिंग की गई उसे किस नाम से जाना जाएगा?
जिस स्थल पर चंद्रयान-3 द्वारा लैंडिंग की गई, उसको शिव शक्ति के नाम से जाना जाएगा।
दोस्तों, हमने इस पोस्ट (post) में आपको आदित्य मिशन के बारे में जानकारी दी। उम्मीद करते हैं कि इस जानकारी से आपके ज्ञान में वृद्धि हुई होगी। यदि आप इसी प्रकार की जानकारीपरक पोस्ट हमसे चाहते हैं तो उसके लिए नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके अपनी बात हम तक पहुंचा सकते हैं।।।धन्यवाद।।