मोहल्ला क्लीनिक क्या है? मोहल्ला क्लीनिक की शुरुआत कब हुई? यहां कितनी जांच मुफ्त की जाती हैं?

यह तो आपने खूब देखा होगा कि चुनाव के वक्त ज्यादातर पार्टियों के नेता अपने वोटरों के आगे वादों की बरसात कर देती हैं। इनमें से कुछ पूरे होते हैं, लेकिन ज्यादातर सिर्फ वादे रह जाते हैं। दिल्ली में 2015 में विधानसभा चुनाव हुए तो आम आदमी पार्टी यानी आप के अगुआ अरविंद केजरीवाल ने भी चुनाव जीतने पर मोहल्ला क्लीनिक खोले जाने का वादा किया, लेकिन वह इसे भूले नहीं। और इसे पूरा करने की भी प्रतिबद्धता उन्होंने दिखाई। लोगों को सुविधा को देखते हुए इस मोहल्ला क्लीनिक को उन्होंने बहुत कारगर भी माना। दोस्तों, आपके मन में निश्चित रूप से यह सवाल उठ रहा होगा कि मोहल्ला क्लीनिक क्या है? तो आइए जानते हैं इसके बारे में-

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मोहल्ला क्लीनिक क्या है? What is Mohalla Clinic In Hindi?

मोहल्ला क्लीनिक क्या है? मोहल्ला क्लीनिक की शुरुआत कब हुई? यहां कितनी जांच मुफ्त की जाती हैं?

यह दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार का महत्त्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। यह क्लीनिक आज से पांच साल पहले यानी सन् 2015 में शुरू हुए थे। यहां जब अरविंद केजरीवाल की सरकार सत्ता में आई तो उन्होंने गरीबों की मदद और बड़े अस्पतालों की भीड़ कम करने के लिए मोहल्ला क्लीनिक की शुरुआत की। इसका सबसे बड़ा उदे्दश्य यह था कि लोगों को उनके दरवाजे पर ही स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराई जा सके, ताकि उन्हें अस्पतालों की ओर न भागना पड़े। वहां भी भीड़ कम रहे और वहां आ रहे लोगों का इलाज ठीक प्रकार से हो सके। इस क्लीनिक में निर्धन वर्ग के लोगों को मुफ्त जांच, दवाओं और परामर्श की सुविधा उपलब्ध कराई गई।

मोहल्ला क्लीनिक में कितनी जांच मुफ्त करा सकतें हैं?

दोस्तो, आपको बता दें कि मोहल्ला क्लीनिक में 212 तरह की जांच मुफ्त की जाती हैं। इसके अलावा यह व्यवस्था भी की गई है कि यदि किसी मरीज को अल्ट्रासाउंड की आवश्यकता महसूस होती है तो डॉक्टर के लिखने पर किसी निजी लैब में वह जांच की जाएगी। ऐसे में यह मोहल्ला क्लीनिक निर्धन और अन्य वर्गों के लिए बेहद लाभकारी साबित हो रहे हैं।

सबसे ज्यादा महिलाएं जाती हैं – Mohalla Clinic

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि मोहल्ला क्लीनिक जाने वाले मरीजों में 50 प्रतिशत महिलाएं हैं और 30 फीसदी बुजुर्ग और बच्चे। बीते साल सितंबर में जारी आंकड़ों की बात करें तो यहां 1,62,46000 मरीजों का ओपीडी में इलाज किया जा चुका है, जबकि 15,32,298 मरीजों की इन क्लीनिकों में जांच की जा चुकी है। दोस्तों, आपको बता दें कि सभी मोहल्ला क्लीनिकों के पास अपनी इमारत या भवन नहीं हैं। इस वक्त जितने मोहल्ला क्लीनिक संचालित हो रहे हैं, उनमें से बहुत से मोहल्ला क्लीनिक किराये की इमारतों में चल रहे हैं। सरकार की तैयारी इमारतों की व्यवस्था कर जल्द ही मोहल्ला क्लीनिकों की शुरुआत उन मोहल्ला में करने की भी है, जहां अभी तक यह संचालित नहीं हो रहे हैं।

मोहल्ला क्लीनिक की वजह से झोपाछाप डॉक्टर गायब

दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिकों के खुलने का सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि यहां से झोला छाप डॉक्टर एकदम गायब हो गए हैं। पहले गरीब लोग घर के पास सस्ता इलाज मिलने की वजह से झोलाछाप डॉक्टरों के चक्कर में पड़ते थे। अब दिल्ली से कम से कम यह परेशानी दूर हो गई है। जुकाम, बुखार जैसी बीमारी के लिए कम से कम मरीजों की अस्पतालों के चक्कर काटने की जरूरत बिल्कुल खत्म हो गई है।

इससे सरकार का झोलाछाप डॉक्टरों को चिन्हित करने, उनका सर्वे करने, टीम तैयार करने और छापा मारी जैसी कार्रवाई करने से भी पीछा छूटा है। दूसरे, स्वास्थ्य सेवाओं का हाल सुधरा है। बड़े अस्पतालों में मरीजों की संख्या घटने से वहां उपकरणों और मौजूद सुविधाओं का बेहतर इस्तेमाल हो पाना संभव हो रहा है। कई स्थानों पर प्रबंध संस्थानों में डिब्बा वाला की तर्ज पर ही मोहल्ला क्लीनिक पर भी स्टडी कराई जा रही है।

कोरोना संक्रमण काल में मोहल्ला क्लीनिक चर्चा में क्यों आया

हाल ही में मोहल्ला क्लीनिक अचानक बेहद चर्चा में रहा। दरअसल, कोरोना संक्रमण काल के दौरान बीते मार्च के महीने में मोहल्ला क्लीनिक के एक डॉक्टर को कोरोना संक्रमण होने की पुष्टि हुई। पता चला कि डॉक्टर के पास सऊदी अरब की एक महिला इलाज कराने के लिए आई थी। इसके बाद डॉक्टर की पत्नी और बेटी में भी कोरोना के लक्षण पाए गए थे, जिसके बाद इन सब के साथ ही इनके संपर्क में आने वाले करीब दो हजार लोगों को भी क्वारंटीन कर दिया गया।

कोरोना संक्रमण से बचने के कोई उपाय न किए जाने की बात को लेकर भी इस मामले में सरकार की काफी आलोचना हुई। हालांकि, प्रदेश में हर जगह से इसी तरह के मरीजों के सामने आने का सिलसिला चल निकला। लॉकडाउन की वजह से सड़क पर विरोध जैसी कोई चीज देखने को नहीं मिली। और दोस्तों, यह हर कोई जानता है कि देश के किसी भी दूसरे राज्य की तरह कोरोना के मरीज यहां भी लगातार बढ़ते ही रहे हैं।

मोहल्ला क्लीनिक की वजह से केजरीवाल को क्यों मिला नोटिस

आइए, अब आपको मोहल्ला क्लीनिक से जुड़ी वह बात बताएं, जिस पर सियासत चरम पर रही। दोस्तों, दिल्ली विधानसभा के दौरान अरविंद केजरीवाल एक चुनावी सभा के दौरान मोहल्ला क्लीनिक से जुड़े एक बयान की वजह से विवादों के घेरे में आ गए थे। इस मामले में निर्वाचन आयोग की ओर से उन्हें नोटिस भी तामील कराया गया था। दरअसल, जनसभा के दौरान अरविंद केजरीवाल ने बार और हाईकोर्ट में भी मोहल्ला क्लीनिक खोले जाने की बाबत कहा था। उनका कहना था कि अगर परिसर में उन्हें जगह मिल जाती है तो वह वहां भी मोहल्ला क्लीनिक खोल सकते हैं।

आपको बता दें कि चुनावी समय था, ऐसे में आचार संहिता लागू थी और ऐसे में इस तरह का कोई भी बयान चुनाव के वक्त फायदा लेने का तरीका माना जाता है। ऐसे में अरविंद केजरीवाल उस वक्त मुश्किल में फंस गए थे। हालांकि उस वक्त इस पर केजरीवाल ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया था।

कितनी शिफ्टों में चल रहे मोहल्ला क्लीनिक?

आम जनता की सुविधा को देखते हुए मोहल्ला क्लीनिक दो शिफ्टों में चल रहे हैं। एक शिफ्ट सुबह से दोपहर तक और दूसरी दोपहर से शाम तक चलती है। इससे फायदा यह होता है कि एक तो भीड़ से निजात मिलती है और दूसरे लोग अपनी सुविधा के अनुसार अपनी जांच या इलाज के लिए जा सकते हैं। अलबत्ता, कई मोहल्ला क्लीनिकों में पिछले 3 महीने से तनख्वाह न मिलने की चर्चा गरम है।

शाहदरा को ले लीजिए या दिल्ली की अन्य मोहल्ला क्लीनिक को। कई जगह डॉक्टरों का आरोप है कि वह कोरोना संक्रमण काल में पूरी लगन से अपनी ड्यूटी को अंजाम दे रहे हैं, लेकिन उन्हें तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। भाजपा के कपिल मिश्रा, जो कि कभी खुद आम आदमी पार्टी यानी आप के हिस्से थे, इस मामले को लेकर कई बार अरविंद केजरीवाल सरकार पर निशाना साध चुके हैं।

मोहल्ला क्लीनिक कितने खुलें हैं? कितने खुलने थे?

अब हम आपको बताएंगे कि दिल्ली में कितने मोहल्ला क्लीनिक खोले जाने की घोषणा हुई थी और खुले कितने। आपको बता दें कि जिस वक्त दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मोहल्ला क्लीनिक खोले जाने की शुरुआत की थी, उस वक्त उन्होंने एक हजार मोहल्ला क्लीनिक खोले जाने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक करीब साढ़े चार सौ मोहल्ला क्लीनिक ही खोले जा सके हैं। दिल्ली में तीसरे विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जनवरी में अरविंद केजरीवाल ने 152 मोहल्ला क्लीनिक खोले हैं।

घर के दरवाजे पर बेहतर सुविधा से लोगों को राहत

बेशक उतने क्लीनिक नहीं खुल पाए, जितनी घोषणा की गई थी, लेकिन इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि अपने मोहल्ले में घर के दरवाजे बेहतर सुविधा मिलने से लोगों ने कम से कम राहत की सांस ली है। वह उन दिनों को भी याद करते हैं, जब वह दूर दूर अस्पतालों की दौड़ लगाते थे। इस बीच भीड़ की वजह से कई बार इलाज न मिलने पर मरीजों को बैरंग भी लौटना पड़ता था।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप का बड़ा एजेंडा था मोहल्ला क्लीनिक

केजरीवाल की दिल्ली में तीसरी बार सरकार बनने में मोहल्ला क्लीनिकों की योजना का भी अहम रोल बताया गया। यही वजह थी कि जब केजरीवाल चुनाव जीतकर बैठक के लिए पहुंचे तो उनके एजेंडे में मोहल्ला क्लीनिकों को विस्तार प्रमुखता से शामिल थे। यहां मिलने वाली सुविधाओं में सुधार भी उनकी प्राथमिकता में शामिल था। आपको बता दें कि कुछ समय पहले दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने मोहल्ला क्लीनिकों का निरीक्षण किया था। शिकायत थी कि दवाओं की उपलब्धता नहीं। ऐसे में उन्होंने दवाओं की उपलब्धता की निगरानी किए जाने की बात कही थी। मेडिकल जांच के लिए हाथ से मिलने वाली पर्ची में बदलाव की जरूरत बताई थी। उसे मैनुअल से डिजिटल किए जाने की बात उठी थी।

मोहल्ला क्लीनिक रहे हैं विपक्ष के निशाने पर –

विपक्ष कई बार मोहल्ला क्लीनिकों में अव्यवस्था का मसला उठा चुका है। इसे लेकर सरकार पर निशाने साध चुका है। वह भी समझ रहा है कि आप की जीत में यह मुद्दा प्रभावी रहा है। ऐसे में वह इस मुद्दे को निष्प्रभावी करने की कोई कोशिश बेकार नहीं होने देना चाहते। दरअसल, दिल्ली में कांग्रेस एकदम बेजान अवस्था में है और मुख्य विपक्ष भाजपा के पास ऐसा अपना कोई मुद्दा नहीं, जिसे हथियार बनाकर वह केजरीवाल को टक्कर दे सके।

ऐसे में मोहल्ला क्लीनिकों पर निशाना साधना ही उसकी प्रमुख रणनीति रहती है। यह अलग बात है कि उसे इसका चुनाव में फायदा नहीं मिलता। और इस बार तो केजरीवाल भी बदले अंदाज में नजर आए। उन्होंने बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर वार के अपनी योजनाओं को चुनाव में अपना अहम मुद्दा बनाया। और दोस्तों यह आपके सामने है कि इसका अरविंद केजरीवाल को लाभ भी भरपूर मिला। दिल्ली में वह तीसरी बार सत्ता के शीर्ष पर पहुंचे।

FAQ

मोहल्ला क्लीनिक क्या है?

मोहल्ला क्लीनिक दिल्ली सरकार के द्वारा शुरू की गई एक योजना है। जिसके अंतर्गत राज्य में जगह – जगह क्लीनिक की स्थापना कर प्रदेशवासियों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

मोहल्ला क्लीनिक की शुरुआत किसने की है?

मोहल्ला क्लीनिक की शुरुआत 2015 में अरविंद केजरीवाल जी के द्वारा की गई थी।

मोहल्ला क्लीनिक का उद्देश्य क्या है?

मोहल्ला क्लीनिक को शुरु करने का मुख्य उद्देश्य गरीब प्रदेशवासियों के लिए मुफ्त में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है।

क्या मोहल्ला क्लीनिक पर जांच फ्री होगी?

जी हाँ, मोहल्ला क्लीनिक पर 212 की क़ीमत की फ़्री जांच करने की सुविधा मिलती है। जिसका लाभ राज्य का कोई भी ग़रीब व्यक्ति ले सकता हैं।

दिल्ली में कितने मोहल्ला क्लीनिक है?

वर्तमान समय मे दिल्ली में 450 से भी ज्यादा मोहल्ला क्लीनिक खोले जा चुके है। जिन पर सरकार की तरफ फ्री स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

साथियों, आपने देखा कि इस पोस्ट के जरिए हमने मोहल्ला क्लीनिक से जुड़ी तमाम बारीक जानकारी आपको मुहैया कराई। हमारा विश्वास है कि आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी। अगर आप मोहल्ला क्लीनिक क्या है? मोहल्ला क्लीनिक की शुरुआत कब हुई? यहां कितनी जांच मुफ्त की जाती हैं? से जुड़े किसी अन्य बिंदु पर हमसे जानकारी पाना चाहते हैं तो उसके लिए नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट करके हमें अवगत करा सकते हैं। इसके अलावा यदि किसी अन्य विषय पर आप हमसे कुछ जानना चाहते हैं तो उसेके लिए भी नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर अपनी बात हम तक पहुंचा सकते हैं। हम आपको आपके मनपसंद विषय पर जानकारी देने का पूरा पूरा प्रयास करेंगे। हमें आपकी प्रतिक्रियाओं का इंतजार है। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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