मोसाद क्या है? इसका इजराइल से क्या संबंध है? | What is MOSSAD? What’s its relation with Israel? | मोसाद को अन्य किस नाम से पुकारा जाता है? | मोसाद की स्थापना कब हुई? | मोसाद का मुख्यालय कहां है? ||
यह हम सभी जानते हैं कि हमास के इजराइल पर हमले के पश्चात अब इजराइल गाजा पट्टी में कहर बरपा रहा है। दुनिया भर इस मामले में दो पक्षों में विभाजित हो गई है। यद्यपि लोगों में इस बात को लेकर आश्चर्य है कि मोसाद को हमास के इस हमले की पहले से जानकारी कैसे नहीं हो सकी? दोस्तों, क्या आप जानते हैं कि मोसाद क्या है? इसका इजराइल से क्या संबंध है? यदि नहीं तो आप बिल्कुल सही जगह पर हैं। आज हम आपको मोसाद के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। आइए, शुरू करते हैं-
मोसाद क्या है? इसका इजराइल से क्या संबंध है? (What is MOSSAD? What is it’s relation with Israel?)
दोस्तों, आपको बता दें कि मोसाद (MOSSAD) इज़राइल (Israel) की खुफिया एजेंसी (secret agency) है। इसकी स्थापना 13 दिसंबर, 1949 में हुई थी। इसकी स्थापना का मुख्य उद्देश्य इंटेलिजेंस (intelligence) यानी खुफिया सूचनाओं का संग्रह (collection) करना, सीक्रेट ऑपरेशंस (secret operations) को अंजाम देना एवं आतंकवाद (terrorism) से मुकाबला (counter) व उसका सफाया करना था। आपको बता दें दोस्तों कि स्थापना के दो ही वर्ष के भीतर मार्च, 1951 में इसे पुनर्गठित किया गया।
इसे प्रधानमंत्री कार्यालय (prime minister office) यानी पीएमओ (PMO) का एक हिस्सा बनाया गया। दोस्तों, आपको यह जानकर हैरत होगी कि मोसाद इजराइल के खिलाफ कदम उठाने वालों को दुनिया के किसी भी कोने से खोजकर खत्म कर देती है। लिहाजा, इसे किलिंग मशीन (killing machine) भी पुकारा जाता है। यह खुफिया एजेंसी इजराइल सरकार के अन्य खुफिया विभागों एवं एजेंसियों से भी समन्वय बनाकर काम करती है।
मोसाद की फुल फॉर्म क्या है? (What is the full form of word MOSSAD?)
दोस्तों, यह तो अपनी जान ही लिया कि मोसाद इजराइल की खुफिया एजेंसी है, लेकिन आपको इसकी फुल फॉर्म नहीं मालूम होगा। तो अब हम आपकी जिज्ञासा दूर करते हैं और आपको बताते हैं कि मोसाद शब्द की फुल फॉर्म क्या है? दोस्तों, हिब्रू में इसकी फुल फॉर्म हा-मोसाद ले-मोदीइन उले-तफकिदिम मेयुहादिम है। इसे अंग्रेजी में Central institute of intelligence and special operations है एवं हिंदी में केंद्रीय खुफिया एवं विशेष अभियान संस्थान पुकारा जाता है।
मोसाद अस्तित्व में कैसे आई? (How did MOSSAD came in to existence?)
दोस्तों, अब एक नजर मोसाद के सफर पर डालते हैं और यह जान लेते हैं कि मोसाद अस्तित्व में कैसे आई? आपको यह नहीं पता होगा कि मोसाद की यात्रा इजराइल के बनने से पहले ही प्रारंभ हो गई थी। 20वीं सदी के तीसरे -चौथे दशक यानी 1930 से 1940 के बीच की बात है।
उस वक्त जर्मनी का कुख्यात नाजी शासक हिटलर (Hitler) जियूस (jiyus) के नरसंहार में लगा हुआ था। हिटलर से दो-दो हाथ करने के लिए जियूस लोगों ने कई मिलेट्री संगठन (millitary organisation) बनाए। इनकी अलग-अलग खुफिया एजेंसी थीं। इन्हीं में से एक संगठन का नाम हग्गाना था। उसकी ख़ुफ़िया एजेंसी शाई -शाई (Shai-Shai) थी, जिसे 1940 में गया था।
बाद में यही इजरायल की खुफिया एजेंसी बनी। 13 दिसंबर 1949 को इसका नाम बदलकर central institution for coordination किया गया। इसके पश्चात अंततः सन् 1951 में इसे मोसाद (MOSSAD) में परिवर्तित कर दिया गया।
वर्तमान में मोसाद का मुख्यालय कहां है? (Where is the headquarter of MOSSAD at present?)
दोस्तों, हम आपको बताएंगे कि मोसाद का मुख्यालय कहां है? जैसा कि आप जान चुके हैं कि यह इजराइल की खुफिया एजेंसी है, इसका मुख्यालय यानी हेडक्वार्टर (headquarter) तेल अवीव (Tel aviv) में है। वर्तमान में इसके निदेशक यानी डायरेक्टर (director) डेविड बार्ने David (Barney) हैं। उन्होंने आज से दो वर्ष पूर्व सन् 2021 में अपना कार्यभार ग्रहण किया था। दोस्तों, लगे हाथों आपको बता दें कि मोसाद (MOSSAD) को अमेरिका (America) की खुफिया एजेंसी सीआईए (CIA) के बाद दुनिया की सबसे ताकतवर ख़ुफ़िया एजेंसी (intelligence agency) माना जाता है।
मोसाद ने किन-किन देशों में खुफिया आपरेशंस को अंजाम दिया? (In which countries MOSSAD operated it’s operations?)
दोस्तों, मोसाद ने दुनिया के तमाम देशों में अपनी गतिविधियों का संचालन किया है। लेकिन इसने कुछ देशों में खास ऑपरेशंस को अंजाम दिया है। ये देश एवं आपरेशंस इस प्रकार से हैं-
जर्मनी
जर्मनी में मोसाद ने ऑपरेशन रैथ ऑफ गॉड को अंजाम दिया। उसका यह ऑपरेशन Black September का बदला था। वह सितंबर, 1972 था, जब वक्त जर्मनी के म्यूनिख में ओलंपिक गेम्स हो रहे थे। पांच सितंबर की रात फिलिस्तीन के चरमपंथी संगठन Black September के आठ आतंकी खिलाड़ियों की पोशाक में उस अपार्टमेंट में घुस गए, जिसमें इजराइली एथलीट ठहरे थे। आतंकियों ने दो एथलीटों की उसी समय हत्या कर बाकी नौ को बंधक बना लिया। इन्हें छोड़ने के एवज में उन्होंने 200 फिलिस्तीनी चरमपंथियों को छोड़ने की मांग रखी, जो इजराइली की जेलों में बंद थे।
जर्मन सुरक्षाबलों की कोशिश से आतंकी भड़क गए। उन्होंने बंधक बनाए सभी नौ इजराइली खिलाड़ियों को मौत के घाट उतार दिया। इसी हत्याकांड में शामिल सारे लोगो को मार गिराने के लिए मोसाद ने Black September और फिलीस्तीनी मुक्ति संगठन (palestine liberation organization यानी पीएलओ (PLO) के खिलाफ ऑपरेशन चलाया।
उरुग्वे
सन् 1965 में मोसाद लातवियाई नाजी के सहयोगी ह्यूबट चुकरुस की हत्या की की गई। बताया जाता है कि इस मिशन में खुफिया एजेंसी मोसाद के एक जासूस ने नकली व्यवसायी बन उसे साथ में व्यापार करने का लालच दिया। वह चुकरुस को अपने साथ उरुग्वे के एक खुफिया ठिकाने पर लाया, जहां मोसाद के कुछ एजेंटों ने चुकरुस की हत्या कर उसकी लाश को एक बड़े संदूक में बंद कर छोड़ दिया।
इटली
मोसाद ने सन् 1986 में उसके परमाणु कार्यक्रम को एक्सपोज करने वाले शख्स मोरदीची वनुनु पकड़ने के लिए ऑपरेशन चलाया। इसके लिए उसने हनी ट्रैप (honey trap) का इस्तेमाल किया। इसके लिए उसने अपनी महिला जासूस सिंडी (नकली नाम) को लगाया था। वनुनु इस ट्रैप में फंस गया, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर वापस इजराइल ले जाया गया था।
सीरिया
इजराइल की ओर से सीरिया में जासूसी करने के लिए मोसाद के एक एजेंट को लगाया गया, जिसका नाम एली कोहेन था। उसका काम सीरिया की सेना के राज जानना था। एली कोहेन कामेल अमीन बनकर इस काम को अंजाम दिया। उसने पहले अर्जेंटीना (Argentina) की राजधानी ब्यूनस आयर्स स्थित सीरिया के दूतावास में वहां के राजदूतों से पहचान बनाई। उसी पहचान के बूते सीरिया में उसने अपना फर्नीचर का नकली व्यवसाय बनाया। आपको बता दें कि एली कोहेन को दुनिया भर के बेहतरीन जासूसों में शुमार किया जाता है।
युगांडा
मोसाद द्वारा युगांडा में ऑपरेशन थंडरबोल्ट को अंजाम दिया गया था। मामला फ्रांस के एक हवाई जहाज के चार आतंकियों द्वारा अपहरण से शुरू हुआ था। इस जहाज में 106 यहूदी सवार थे। हवाई जहाज को युगांडा के हवाई अड्डे पर उतार दिया गया। वहां का तानाशाह ईदी अमीन आतंकवादियों का समर्थक था। ऐसे में मोसाद की स्पेशल कमांडो फोर्स द्वारा ऑपरेशन थंडरबोल्ट (operation thunderbolt) चलाया गया।
सभी बंधको को सुरक्षित इजराइल ले जाया गया। दोस्तों, आपको लगे हाथों यह भी बता दें कि सबसे हैरतअंगेज माने जाने वाले इस ऑपरेशन में इजराइल के वर्तमान प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बड़े भाई कॉलोनेल योनाथन नेतन्याहू शहीद हो गए थे।
दुबई
मोसाद के एजेंट्स ने दुबई में हमास के लिए हथियारों की खरीद -बिक्री करने वाले महमूद अल मबूह की हत्या 19 जनवरी, 2010 को दुबई के एक होटल में हत्या कर दी। दुबई पुलिस को ये निश्चित करने में कि ये मर्डर ही है, पूरे 10 दिन लग गए। पहले सभी इसको प्राकृतिक मृत्यु यानी नेचुरल डेथ (natural death) मानकर चल रहे थे। लेकिन इसके बाद सामने आया कि अल मबूह के पैर में एक इंजेक्शन दिया गया था. जिससे उसे पैरालिसिस हो गया।
इसके बाद उसके मुंह पर तकिया रखकर उसे मार दिया गया। मोसाद ने अल मबूह से 21 वर्ष पुराना बदला लिया था। दरअसल मबूह पर 1989 में दो इजराइली सैनिकों को मारने का आरोप था। इस काम में मोसाद के 33 एजेंट लगे थे। मोसाद के एजेंट अलग-अलग जगहों से दुबई पहुंचे थे, जहां ये मबूह को मारकर चलते बने। दुबई पुलिस को हत्या का पता चलने तक ये इजराइल पहुंच चुके थे।
बेल्जियम
मोसाद को ही बेल्जियम में कनाडा के इंजीनियर की हत्या के लिए दोषी माना जाता है। मोसाद ने उस इंजीनियर को काफी बेरहमी से मारा था। यद्यपि बाद मे यह भी कहा गया कि इंजीनियर की हत्या मोसाद ने नहीं बल्कि सीआईए ने की थी
इराक
मोसाद द्वारा ऑपरेशन डायमंड भी चलाया गया। इसका मकसद लक्ष्य सोवियत संघ निर्मित मिकोयान-गुरेविच मिग-21 विमान पर कब्जा करना था। वह उस समय का सबसे अपग्रेड सोवियत लड़ाकू विमान था। इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद द्वारा 6 साल तक यह ऑपरेशन चलाया गया। आखिरकार सन् 1966 में मिग-21 विमान को इराक से चुराकर इजराइल लाया गया। यहां इजराइल ने मिग-21 का नाम बदलकर 007 रख दिया।
क्या मोसाद के ऑपरेशंस पर आधारित कोई फीचर फिल्म भी बनी है? (Is there any feature film made on the base of MOSSAD operations too?)
जी हां दोस्तों, मोसाद द्वारा अंजाम दिए गए विभिन्न ऑपरेशंस पर आधारित कई फिल्में समय-समय पर बनी हैं। कुछ सीरियल और वेब सीरीज भी इनमें शुमार हैं। इन फिल्मों में मोसाद के एजेंटों की कार्य प्रणाली भी देखने को मिलती है। यदि मोसाद द्वारा अंजाम दिए गए ऑपरेशंस पर आधारित फिल्मों की बात करें तो ऐसी कुछ मुख्य फिल्में इस प्रकार से हैं-
- The red sea diving resort -2019
- Operation finale-2018
- The angel-2018
- Sabina hijacking -my version- 2015
- Kidon- 2013
- The debt-2010
- Munich-2005
- The Patriots-1994
- The impossible spy -1990
- Raid on entebee -1977
मोसाद क्या है?
मोसाद इजराइल की खुफिया एजेंसी का नाम है।
मोसाद की स्थापना कब हुई?
मोसाद की स्थापना 13 दिसंबर 1949 में हुई।
मोसाद का मुख्यालय कहां है?
मोसाद का मुख्यालय तेल अवीव में है।
मोसाद के निदेशक कौन हैं?
मोसाद के निदेशक डेविड बर्ने हैं।
मोसाद कितनी ताकतवर है?
अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए के बाद इजरायल के मोसाद को ही दुनिया की सबसे ताकतवर ख़ुफ़िया एजेंसी का दर्जा प्राप्त है।
मोसाद को अन्य किस नाम से पुकारा जाता है?
मोसाद को किलिंग मशीन के नाम से भी पुकारा जाता है।
दोस्तों, हमने आपको इस पोस्ट (post) में मोसाद के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उम्मीद है कि इससे आपकी जानकारी में वृद्धि हुई होगी। यदि आप इसी प्रकार की ज्ञानवर्धक पोस्ट हमसे चाहते हैं तो उसके लिए नीचे दिए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके हमें बता सकते हैं। ।।धन्यवाद।