आपने पब्लिक सेक्टर की कंपनी और प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों के बारे में खूब सुना होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नवरत्न कंपनी क्या होती है? कोई कंपनी नवरत्न कंपनी कब कहलाती है? यदि नहीं, तो चिंता न करिए। आज इस पोस्ट में हम आपको इसी संबंध में विस्तार से जानकारी देंगे। आपको बताएंगे कि नवरत्न कंपनी क्या होती है? नवरत्न कंपनी का दर्जा प्राप्त करने के लिए आवश्यक पात्रता क्या है? वर्तमान में भारत में कितनी नवरत्न कंपनियां हैं? आइए, शुरू करते हैं-
केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम कौन से होते हैं? (Which are the central public sector enterprises?)
दोस्तों, इससे पूर्व कि हम नवरत्न कंपनी के बारे में जानें, हमारे लिए केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों के बारे में जानना आवश्यक है कि ये उद्यम कौन से होते हैं? आपको बता दें कि जिन कंपनियों में भारत की केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 51% या उससे अधिक होती है, उन्हें केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम पुकारा जाता है।
आपको बता दें कि ये उद्यम सार्वजनिक उद्यम विभाग (department of public enterprises) के अंतर्गत आते हैं। इनका प्रबंधन (management) भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय (ministry of heavy industries and public sector enterprises) द्वारा किया जाता है। इन उद्यमों को तीन श्रेणियों यानी कैटेगरी (category) में रखा गया है, जो कि इस प्रकार से हैं–
- महारत्न (Maharatna)
- नवरत्न (Navaratna)
- मिनीरत्न (Miniratna)
दोस्तों, आप यह सोच रहे होंगे कि नवरत्न का क्या मतलब है? तो आपको बता दे नवरत्न दो शब्दों नव व रत्न से मिलकर बना है। नव का मतलब होता है नौ और रत्न का अर्थ होता है उत्तम। ऐसे में उत्तम नौ को नवरत्न कहा जाता है। दोस्तों, यदि आप इतिहास में दिलचस्पी रखते हैं तो आप यह अवश्य जानते होंगे कि बादशाह अकबर ने भी राज-काज में मदद के लिए अपने दरबार में नवरत्न नियुक्त किए थे। ये अपने-अपने क्षेत्र के नौ माहिर यानी उत्तम या श्रेष्ठ लोग थे। इसी प्रकार यदि कंपनियों की बात करें तो नवरत्न कंपनियों का आशय नौ श्रेष्ठ कंपनियों से है।
दोस्तों, आइए अब जान लेते हैं कि नवरत्न कंपनी क्या होती है? आपको बता दें कि नवरत्न कंपनी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी होती है। एक नवरत्न कंपनी को 1000 करोड़ रुपये तक निवेश (investment) करने की वित्तीय स्वायत्तता (financial autonomy) होती है। यानी कि इसके लिए इसे केंद्र सरकार (central government) की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होती।
दोस्तों, अब आपके दिमाग में सवाल उठ रहा होगा कि केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को नवरत्न कंपनी का दर्जा प्राप्त करने के लिए आवश्यक पात्रता क्या है? तो आपको बता दें कि इसके लिए किसी उद्यम को इन शर्तों पर खरा उतरना होगा –
- संबंधित कंपनी के पास मिनी रत्न श्रेणी (Miniratna category) का दर्जा (status) हो।
- वह केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों की शेड्यूल ए लिस्ट (shedule A list) में सूचीबद्ध हो।
- पिछले पांच में तीन साल तक कंपनी ने कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम (contract) के तहत उत्कृष्ट या बहुत अच्छी रेटिंग (rating) हासिल की हो।
- कंपनी के निदेशक मंडल में चार स्वतंत्र निदेशक (independence directors) होने चाहिए
- इन छह परफॉर्मेंस स्टैंडर्ड (performance standards) की गणना (calculation) करते समय इसका ओवरऑल स्कोर (overall score) 60 या उससे अधिक हो-
- नेट वर्थ से नेट प्रॉफिट
- उत्पादन (production) या सेवाओं की लागत (service cost) पर लगी जनशक्ति लागत (manpower cost)
- नियोजित पूंजी के रूप में सकल मार्जिन (gross margin)
- टर्नओवर (turnover) के रूप में सकल लाभ (gross profit)
- प्रति शेयर आय (per share income)
- अंतर-क्षेत्रीय प्रदर्शन तुलना (inter regional performance comparison)
दोस्तों, अब आप पूछेंगे कि एक नवरत्न कंपनी को यह दर्जा प्राप्त होने का क्या लाभ होता है? आपको बता दें दोस्तों कि नवरत्न कंपनी होने के कई लाभ हैं, जो कि इस प्रकार से हैं–
- इन कंपनियों को अधिक वित्तीय एवं परिचालन स्वायत्तता (financial and operational autonomy) मिलती है।
- नवरत्न कंपनियों द्वारा केंद्र सरकार से किसी भी प्रकार की मंजूरी या अनुमति के बगैर एक ही परियोजना (project) पर 1000 करोड़ रुपये या अपनी कुल संपत्ति (total assets) का 15% तक निवेश (investment) किया जा सकता हैं।
- एक नवरत्न कंपनी द्वारा एक पूरे साल में अपनी कुल संपत्ति का 30% तक भी निवेश किया जा सकता है, लेकिन यह निवेश 1000 करोड़ रुपए की सीमा से अधिक न हो।
- नवरत्न कंपनियों को संयुक्त उद्यम (joint venture) में प्रवेश करने, कोलैबोरेशन (collaboration) करने एवं विदेशों में सहायक कंपनियां (subsidiary companies) बनाने की आजादी होती है।
दोस्तों, आपको बता दें कि भारत सरकार द्वारा आज से करीब 28 वर्ष पूर्व यानी सन् 1996 में नवरत्न कार्यक्रम की घोषणा की। उसके द्वारा सन् 1997 में 9 सार्वजनिक क्षेत्र के इकाइयों का चुनाव कर उन्हें नवरत्न घोषित कर दिया । इस कार्यक्रम का उद्देश्य उदारवादी वातावरण में सार्वजनिक इकाइयों की कार्यक्षमता बढ़ाने, उनके मैनेजमेंट में प्रोफेशनलिज्म लाने एवं उनकी प्रतियोगी क्षमता (competitive efficiency) में प्रभावी सुधार (effective improvement) लाना था।
दोस्तों, आपको बता दें कि वर्तमान में भारत में 17 नवरत्न कंपनियां हैं। आइए, अब इन कंपनियों के बारे में विस्तार से जान लेते हैं-
1. भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (Bharat Electronics Limited) :
दोस्तों, आपको बता दें कि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) की स्थापना आज से करीब 70 वर्ष पूर्व सन् 1954 में सीएसएफ, फ्रांस (CSF, France) के सहयोग से हुई थी। इसका मुख्यालय कर्नाटक राज्य (Karnataka state) के बंगलुरु (bangluru) में है।
इस कंपनी की स्थापना का उद्देश्य भारतीय रक्षा सेवा को विशेष इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की आवश्यकताओं पूर्ति करना था। वर्तमान में यह कंपनी रक्षा, संचार, हथियार प्रणाली, नौसेना, टैंक इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स, दूरसंचार एवं प्रसार आदि विभिन्न क्षेत्रों में उपकरण बनाती है। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (electronic voting machine) इसी के नागरिक उत्पादों में से एक है।
2. कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (container corporation of India limited) :
दोस्तों, आपको बता दें कि नवरत्न कंपनी भारतीय कंटेनर निगम लिमिटेड (Indian container corporation limited) यानी कॉनकॉर (concore) का गठन कम्पनी एक्ट (company act) के तहत आज से करीब 36 वर्ष पूर्व मार्च, 1988 में किया गया। इसने भारतीय रेल (Indian railways) के 7 अन्तर्देशीय कंटेनर डिपो (international container depot) को लेकर इसके अगले वर्ष नवंबर, 1989 से कार्य की शुरुआत की।
वर्तमान में इसका देश में 61 टर्मिनलों (terminal) का सबसे बडा नेटवर्क (network) है। अब यह कंटेनरों के लिए रेल मार्ग से अंतर्देशीय परिवहन (international transport) उपलब्ध कराने के साथ ही पत्तन प्रबंधन, एयर कार्गो परिसर, कोल्ड चेन स्थापना (cold chain establishment) तक के कार्य में संलग्न है।
3. इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (engineers India limited) :
दोस्तों, अब नवरत्न कंपनी इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (Engineers India Ltd) यानी ईआईएल (EIL) की बात कर लेते हैं। दोस्तों, आपको बता दे कि यह है ग्लोबल इंजीनियरिंग कंसलटेंसी कंपनी (global engineering consultancy company) है, जो EPC Engineering, procurement व consultancy सेवाएं भी प्रदान करती है। इसकी स्थापना आज से 59 वर्ष पूर्व सन् 1965 में हुई थी। इसका प्राथमिक फोकस तेल एवं गैस (oil and gas) के साथ ही पेट्रो रसायन उद्योगों (petro chemical industries) पर है।
4. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (Hindustan aeronautics limited) :
दोस्तों, आपको जानकारी दे दें कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड यानी एचएएल (HAL) हेलीकॉप्टर, लड़ाकू जेट, जेट इंजन, एवियोनिक्स, समुद्री गैस टरबाइन इंजन आदि के साथ ही भारतीय सैन्य विमानों के अपग्रेडेड डिजाइन एवं मैन्युफैक्चरिंग (upgraded manufacturing and design) में शुमार है। दोस्तों, आपको बता दें कि इसकी स्थापना आज से लगभग 84 वर्ष पूर्व दिसम्बर, सन् 1940 में मैसूर (Mysore) के प्रतिष्ठित उद्यमी सेठ वालचन्द हीराचन्द के सहयोग से बंगलुरु (Bangluru) में हुई थी। वर्तमान में कंपनी विशेष रूप से भारत की रक्षा विमानन जरूरतों को पूरा करने के साथ की सभी अधिक देशों में निर्यात (export) करती है।
5. महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (Mahanagar telephone Nigam limited) :
दोस्तों, महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड भी नवरत्न की श्रेणी (navratna category) में है। आपको बता दें कि केंद्र सरकार के स्वामित्व वाली इस कंपनी की स्थापना आज से लगभग 38 वर्ष पहले सन् 1986 में हुई थी। आपको बता दें दोस्तों कि आज से लगभग 24 साल पहले यानी सन् 2000 तक देश में इसका एकाधिकार था, लेकिन इसके पश्चात टेलीकॉम (telecom) यानी दूरसंचार क्षेत्र को निजी ऑपरेटरों (private operators) के लिए भी खोल दिया गया। वर्तमान में यह कंपनी दिल्ली के साथ ही मुंबई (Mumbai), नवी मुंबई (Navi Mumbai) तथा ठाणे (Thane) आदि क्षेत्रों में दूरसंचार सुविधाएं दे रही है।
6. नेशनल एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (National aluminium company limited) :
दोस्तों, नेशनल एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड, जिसे नाल्को (NALCO) के नाम से भी पुकारा जाता है, की इसकी स्थापना आज से लगभग 43 वर्ष पूर्व 7 जनवरी, सन् 1981 में हुई थी। आपको बता दें दोस्तों कि नाल्को को भारत का बॉक्साइट-एलुमिना एल्युमिनियम पावर कंपलेक्स (power complex) पुकारा जाता है।
7. नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (National mineral Development corporation):
दोस्तों, यह एनडीएमसी भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र का एक उपक्रम है। इसकी स्थापना आज से करीब 66 वर्ष पूर्व सन् 1958 में हुई थी। यह मुख्य रूप से लौह अयस्क, तांबा, हीरा, जिप्सम, रॉक फॉस्फेट, चूना पत्थर, डोलोमाइट, टिन , टंगस्टन, ग्रेफाइट, कोयला आदि की खोज के कार्य में संलग्न है। इसे भारत का सबसे बड़ा लौह अयस्क उत्पादक एवं निर्यातक भी पुकारा जाता है।
यह छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में तीन मशीनीकृत खदानों से 35 मिलियन टन से भी अधिक लौह अयस्क का उत्पादन करता है। आपको बता दें दोस्तों कि एनएमडीसी द्वारा ही मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पन्ना (Panna) में देश की एकमात्र मैकेनाइज्ड हीरा खदान का भी संचालन किया जाता है। एनएमडीसी का मुख्यालय हैदराबाद में है।
8.. राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (National Steel corporation limited) :
दोस्तों, आपको बता दें कि भारत की पहचान बन चुके राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड की स्थापना आज से करीब 42 साल पहले 18 फरवरी, सन् 1982 में हुई थी। यह केंद्र सरकार के इस्पात मंत्रालय के अंतर्गत आता है । इस नवरत्न कंपनी को वाइजाग स्टील (Vizag Steel) के नाम से भी पहचान हासिल है। इसके इस्पात यानी स्टील के उत्पाद (steel products) विश्व विख्यात हैं
9. शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (shipping corporation of India)
दोस्तों, आपको बता दें कि शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया की स्थापना आज से करीब 63 वर्ष पूर्व अक्टूबर, सन् 1961 में हुई थी। उस वक्त ईस्टर्न शिपिंग कॉर्पोरेशन (west shipping corporation) एवं वेस्टर्न शिपिंग कॉर्पोरेशन (west shipping corporation) के विलय किया गया था। आपको बता दें कि शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा केवल 19 जहाजों के साथ एक बॉर्डर लाइनर शिपिंग कंपनी (border liner shipping company) के रूप में आगाज किया गया था। आज यह हमारे देश भारत की सबसे बड़ी शिपिंग कंपनी (largest shipping company) है।
10. ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ONGC Videsh limited) :
दोस्तों, ओएनजीसी विदेश लिमिटेड महारत्न कंपनी ओएनजीसी यानी ऑयल एंड नेचुरल गैस कमीशन (oil natural gas commission) की सब्सिडियरी कंपनी है। यह यूएनसी के विदेश में होने वाले एक्सप्लोरेशन प्रोजेक्ट्स को संभालती है। वर्तमान में यह 15 देशों के 35 तेल एवं गैस प्रोजेक्ट्स में शामिल है। इन देशों में अज़रबैजान (Azerbaijan), बांग्लादेश (Bangladesh), ब्राजील (Brazil), कोलंबिया (Colombia), ईरान (Iran), इराक (Iraq), लीबिया (Libya), मोजेंबिक (Mozambique), म्यांमार (Myanmar), रूस (Russia), दक्षिणी सूडान (South Sudan), सीरिया (Syria), यूएई (UAE), वेनेजुएला (Venezuela) व वियतनाम (Vietnam) शामिल हैं।
11.रेल विकास निगम लिमिटेड (rail Vikas Nigam limited) :
दोस्तों इस संक्षिप्त में आरवीएनएल (RVNL) भी पुकारा जाता है। केंद्र सरकार द्वारा 19 दिसंबर, सन् 2002 को इसकी स्थापना को मंजूरी दी गई थी। कंपनी एक्ट के तहत 24 जनवरी, 2003 इसका रजिस्ट्रेशन किया गया। दोस्तों, आपको बता दें कि रेविनिलि का सृजन निम्नलिखित प्रयोजनों और अधिदेश के लिए किया गया है विकास निगम लिमिटेड
रेविनिलि राष्ट्रीय रेल विकास योजना के अधीन आने वाली स्वर्णिम चतुर्भुज और अन्य बैंक ग्राह्य परियोजनाओं के क्षमता विस्तार संबंधी कार्य करेगी। इस कार्यक्रम में स्वर्णिम चतुर्भुज और इसकी भुजाएं, अंतिम मील पत्तन संपर्क और पश्य क्षेत्र गलियारों की क्षमता विस्तार संबंधी परियोजनाएं शामिल
12. इरकॉन इंटरनेशनल (Ircon international) :
मित्रों, इरकॉन इंटरनेशनल की स्थापना आज से लगभग 48 वर्ष पूर्व 28 अप्रैल, सन् 1976 में हुई थी। इसका शुरुआती नाम इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (Indian railway construction company limited) था। दोस्तों, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है यह कंपनी कंस्ट्रक्शन (construction) के काम से जुड़ी है। वर्तमान में देश के साथ ही विदेशों में भी इसका कारोबार है। इन देशों में मलेशिया (Malaysia), नेपाल (Nepal), बांग्लादेश (Bangladesh), मोजांबिक (Mozambique), इथोपिया (Ethiopia), अफगानिस्तान (Afghanistan), श्रीलंका (Sri Lanka) आदि शामिल हैं।
13. राइट्स लिमिटेड (RITES limited) :
दोस्तों आपको जानकारी दे दें कि इस कंपनी की स्थापना आज से लगभग 50 वर्ष पूर्व 26 अप्रैल, 1974 को हुई थी। वर्तमान में यह कंपनी देशभर में इंजीनियरिंग और कंसल्टेंसी (engineering and consultancy) के काम को अंजाम देती है। आपको बता दें कि भारत सरकार के कई बड़े प्रोजेक्ट्स को कामयाब बनाने के पीछे इसी कंपनी का हाथ है।
14. बिल्डिंग कंस्ट्रक्शंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (building constructions corporation limited) :
दोस्तों, जान लीजिए कि इस कंपनी की स्थापना आज से लगभग 64 वर्ष पूर्व सन् 1960 में नई दिल्ली (New Delhi) में हुई थी। दोस्तों, यह कंपनी मुख्य रूप से प्रोजेक्ट मैनेजमेंट और कंसल्टेंसी (project management and consultancy) का कार्य करती है। इसके अलावा रियल एस्टेट डेवलपमेंट (real estate development) और इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (engineering procurement and construction) के काम में भी इसका दखल है।
15. राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (Rashtriy chemicals and fertilizers limited) :
दोस्तों, इसे संक्षिप्त में आरसीएफ (RCF) भी पुकारा जाता है। आपको बता दें कि इस कंपनी की स्थापना आज से लगभग 46 साल पहले सन् 1978 में हुई थी। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है यह कंपनी केमिकल यानी रसायन एवं फर्टिलाइजर्स यानी उर्वरक के काम से जुड़ी है। वर्तमान में मुंबई में इसकी ट्रॉम्बे और थल यूनिट सक्रिय हैं।
16. नेवेली लिग्नाइट कॉरपोरेशन लिमिटेड (Neyveli lignite corporation limited) :
इसे संक्षिप्त में NLC भी पुकारा जाता है। एनर्जी सेक्टर (energy sector) की इस बड़ी कंपनी का गठन आज से लगभग 68 वर्ष पूर्व सन् 1956 में किया गया था। तमिलनाडु में किया गया था। वर्तमान में यह कंपनी रिन्यूएबल एनर्जी (renewable energy) के क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर सक्रिय है। इसका कार्पोरेट कार्यालय तमिलनाडु (Tamilnadu) में है।
17. इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी लिमिटेड (Indian renewable energy Development agency limited) :
दोस्तों, इसे संक्षिप्त में इरेड़ा (IREDA) भी पुकारा जाता है। आपको बता दें कि इस कंपनी को हाल ही में नवरत्न कंपनी का दर्जा प्राप्त हुआ है। नवरत्न का दर्जा पाते ही इस कंपनी के शेयरों ने जबर्दस्त उछाल भरी। दोस्तों, आपको बता दें कि इस एजेंसी का गठन आज से लगभग 37 वर्ष पूर्व सन् 1987 में हुआ। यह भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम (public sector enterprise) है।
यह ऊर्जा (energy) के नवीकरणीय स्रोतों (renewable sources) और ऊर्जा दक्षता / संरक्षण (energy efficient/ conservation) से संबंधित परियोजनाओं (projects) को वित्तीय सहायता (financial services) और अन्य सेवाएं (other services) प्रदान करता है।
FaQ
नवरत्न दो शब्दों नव और रत्न से मिलकर बना है। नव का अर्थ नौ, जबकि रत्न का अर्थ श्रेष्ठ होता है। इस प्रकार श्रेष्ठ 9 नवरत्न कहे जाते हैं।
भारत में नवरत्न कार्यक्रम की शुरुआत आज से 27 वर्ष पूर्व सन् 1997 में हुई।
वर्तमान में भारत में कुल 17 नवरत्न कंपनियां हैं।
इन 17 कंपनियों के बारे में हमने आपको ऊपर पोस्ट में विस्तार से बताया है। आप वहां से देख सकते हैं।
संबंधित कंपनी के पास मिनी रत्न श्रेणी का दर्जा (status) होना आदि नवरत्न कंपनी का स्टेटस पाने के लिए आवश्यक पात्रता हैं।
नवरत्न कंपनी का सबसे बड़ा लाभ यह है कि कंपनी को वित्तीय स्वायत्तता होती है। यह कंपनी 1000 करोड रुपए तक का निवेश बगैर सरकार की मंजूरी के कर सकती है।
केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को कितनी श्रेणी में रखा जाता है?
इन उद्योगों को तीन श्रेणियों में रखा जाता है।
यह तीन श्रेणियां कौन-कौन से हैं?
यह तीन श्रेणियां मिनी रत्न, नवरत्न और महारत्न है।
एक नवरत्न कंपनी द्वारा साल भर में अपनी संपत्ति का 30 प्रतिशत तक भी निवेश किया जा सकता है। लेकिन यह निवेश किसी भी सूरत में 1000 करोड़ रुपए से अधिक नहीं होना चाहिए।
एक नवरत्न कंपनी में चार स्वतंत्र निदेशक होने चाहिए।
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड नवरत्न कंपनी का नागरिक उत्पाद है।
इस कंपनी का नाम इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी लिमिटेड है।
दोस्तों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको बताया कि नवरत्न कंपनी क्या होती है? नवरत्न कंपनी का दर्जा प्राप्त करने के लिए आवश्यक पात्रता क्या है? वर्तमान में भारत में कितनी नवरत्न कंपनियां हैं? उम्मीद करते हैं कि इस पोस्ट से आपकी जानकारी में इजाफा हुआ होगा। इसी प्रकार की रोचक और ज्ञानवर्धक पोस्ट के लिए आप हमें नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके बता सकते हैं। ।।धन्यवाद।।