एनडीआरएफ क्या है? | एनडीआरएफ की फुल फॉर्म, कार्य व स्थापना | What is NDRF in Hindi

What is NDRF in Hindi : हमारा प्राकृतिक आपदाओं पर कोई बस नहीं चलता है और यह कभी भी किसी भी समय और कहीं भी आ सकती है। हमारे देश में कई तरह की प्राकृतिक आपदाएं आती हैं जैसे कि तेज वर्षा का होना, सुनामी आना, बाढ़ आ जाना, भूकंप, बवंडर, रेत का तूफ़ान, बर्फ का तूफ़ान, भूस्खलन, चक्रवात इत्यादि। इन आपदाओं के कारण मानवीय जीवन पर संकट उत्पन्न होता है और वहां जल्द से जल्द सहायता का पहुँचाया जाना सरकार की प्राथमिकता में से एक होता (National disaster response force in Hindi) है।

अब किसी राज्य में प्राकृतिक आपदा आती है तो प्राथमिक दायित्व वहां की राज्य सरकार का बनता है जो अपने राज्य के नागरिकों की रक्षा करने और उनकी हरसंभव सहायता करने का कार्य करती है। किन्तु जब संकट बहुत बड़ा हो अर्थात प्राकृतिक आपदा राज्य के प्रबंधन से बाहर हो जाए तो फिर केंद्र सरकार की भूमिका आती है। केंद्र सरकार के द्वारा उस राज्य के लोगों की सहायता करने के लिए कई तरह की टीम को भेजा जाता है जिसमें से एनडीआरएफ की टीम प्रमुख होती (NDRF kya hai in Hindi) है।

वह इसलिए क्योंकि एनडीआरएफ को इसलिए ही शुरू किया गया है या बनाया गया है ताकि वह देश के किसी भी राज्य के किसी भी कोने में आने वाली प्राकृतिक आपदा का सामना कर सके। ऐसे में आज आपका एनडीआरएफ के बारे में पूरी जानकारी लेना बहुत जरुरी है ताकि आपको भी पता चल सके कि आखिरकार यह एनडीआरएफ होती क्या (What is NDRF in India in Hindi) है।

एनडीआरएफ क्या है? (What is NDRF in Hindi)

सबसे पहले हम एनडीआरएफ की परिभाषा के बारे में बात कर लेते हैं। तो एनडीआरएफ भारत सरकार की सेनाओं में एक ऐसी सेना है जो सभी तरह के हथियारों से तो लैस होती ही है लेकिन इसका मुख्य कार्य देश के किसी भी भूभाग में आयी प्राकृतिक आपदा से लोगों की सुरक्षा करना और उन्हें पूरी सहायता पहुँचाना होता है। हालाँकि इसके लिए वह किसी राज्य सरकार के आदेश पर रहकर कार्य नहीं करती है, उन्हें तो केंद्र सरकार का आदेश ही मानना होता (NDRF kya hai) है।

एनडीआरएफ क्या है एनडीआरएफ की फुल फॉर्म, कार्य व स्थापना What is NDRF in Hindi

कहने का अर्थ यह हुआ कि यह भी भारतीय सेना, CRPF इत्यादि की भांति ही केंद्रीय संस्था या विभाग है। इस पर राज्य सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होता है और ना ही वह इन्हें किसी तरह का आदेश पारित कर सकता है। यदि देश के किसी भी भूभाग में किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा आ जाती है तो भारत सरकार के आदेश पर एनडीआरएफ को उस भूभाग या क्षेत्र में भेजा जाता है। वहां पहुँच कर उसे अपने उच्च अधिकारियों के दिशा निर्देश पर कार्य करना होता (NDRF kya hota hai) है।

वह उस क्षेत्र के लोगों की पूरी सहायता करती है, उन्हें वहां से बाहर निकालने, मेडिकल सुविधा देने, उन तक खाना पहुंचाने तथा अन्य आवश्यक चीज़ों की आपूर्ति करने का काम करती है। इसके बारे में हम आपको नीचे विस्तार से बतायेंगे ताकि आपको पता चल सके कि आखिरकार एनडीआरएफ का काम क्या कुछ होता है।

एनडीआरएफ की फुल फॉर्म क्या है? (NDRF full form in Hindi)

अब हम बात करेंगे एनडीआरएफ की फुल फॉर्म के बारे में। तो एनडीआरएफ को हिंदी में तो कई तरह के नाम से बुला लिया जाता है लेकिन अंग्रेजी में इसका एक ही नाम है। ऐसे में यदि हम एनडीआरएफ की फुल फॉर्म की बात करें तो वह नेशनल डिजास्टर रेस्पोंस फाॅर्स (National Disaster Response Force) के नाम से जानी जाती है।

वहीं यदि हम एनडीआरएफ के हिंदी नाम की बात करें तो उसे हम राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल या राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल या राष्ट्रीय आपदा मोचन बल इत्यादि नामो से जानते (NDRF ki full form kya hai) हैं। हालाँकि आधिकरिक रूप से इसका जो नाम सबसे ज्यादा प्रचलन में है वह पहले वाला अर्थात राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल है। ऐसे में यदि आपसे एनडीआरएफ की फुल फॉर्म पूछी जाए तो आप राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल या फिर National Disaster Response Force बताएँगे।

एनडीआरएफ की स्थापना कब हुई थी? (NDRF ki sthapna kab hui thi)

अब आपको यह भी जान लेना चाहिए कि आखिर कब एनडीआरएफ की स्थापना हो गयी थी। तो एनडीआरएफ की स्थापना का वर्ष 2006 था और यह ज्यादा पुरानी नहीं है। उससे एक वर्ष पहले ही हमारे देश में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण या अधिनियम बना था जिसे अंग्रेजी में National Disaster Management Authority (NDMA) कहा जाता है। इसके तहत ही भारत सरकार ने एनडीआरएफ की स्थापना की थी।

तो यह जो अधिनियम और उसके तहत प्राधिकरण या अथॉरिटी बनी थी उसके अध्यक्ष भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री होते हैं। वहीं इसके तहत एक बल बनाया गया था जिसे आज हम एनडीआरएफ के नाम से जानते हैं। इस तरह से एनडीआरएफ की स्थापना 19 जनवरी 2006 को की गयी थी और उसके बाद सतत रूप से यह देश के विभिन्न हिस्सों में लोगों को प्राकृतिक आपदा से सुरक्षा प्रदान कर चुकी है।

एनडीआरएफ का मुख्यालय कहाँ है? (NDRF ka mukhyalay kahan hai)

अब यदि हम एनडीआरएफ के मुख्यालय की बात करें तो वह देश की राजधानी नयी दिल्ली में स्थित है। इसके लिए देश की रजधानी को ही इसलिए चुना गया है क्योंकि इससे समनव्य स्थापित करने और देश की सरकार के साथ काम करने में कोई समस्या नहीं होती (NDRF ka headquarter kaha hai) है। नयी दिल्ली के अन्त्योदय भवन में एनडीआरएफ के मुख्यालय की स्थापना की गयी है और वहीं पर इसके शीर्ष अधिकारी बैठते हैं।

एनडीआरएफ में कितने लोग हैं?

अब आपको यह भी जान लेना चाहिए कि देश के लोगों की आपदा से रक्षा करने के लिए भारत सरकार के द्वारा कितने लोगों को इसके तहत काम पर रखा गया है। तो वर्तमान समय में यह आंकड़ा 16 हज़ार से ऊपर भी चला जाता है जबकि इसमें समय और परिस्थिति को देखते हुए भारतीय सेना तथा अन्य सेनाओं से सम्बन्धित लोगों को भी लिया जा सकता है।

कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि आपदा बहुत ही भीषण है और उसका क्षेत्रफल व्यापक है तो उस समय भारत सरकार के द्वारा एनडीआरएफ के साथ साथ उनकी सहायता करने के लिए अन्य सशस्त्र बलों जैसे कि भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना, CRPF इत्यादि को भी मोर्चे पर उतार दिया जाता है। यह भी देश के लोगों को आपदा से निकालने का कार्य करते हैं।

एनडीआरएफ का बजट कितना है? (NDRF ka budget kitna hai)

भारत सरकार के द्वारा हर वित्त वर्ष में सभी संस्थाओं, विभागों और योजनाओं के लिए एक बजट घोषित किया जाता है। ऐसे में उनके द्वारा एनडीआरएफ के लिए भी बजट घोषित किया जाता है जो वर्तमान में 1600 करोड़ का है। इसे समय के साथ घटाया या बढ़ाया भी जा सकता है और यह भारत देश के वित्त मंत्री और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों पर निर्भर करता है।

एनडीआरएफ किसके अधीन आता है? (NDRF kiske under aata hai)

आपने यह तो जान लिया है कि एनडीआरएफ को केंद्र सरकार के अधीन रहकर कार्य करना होता है लेकिन केंद्र सरकार का कौन सा विभाग एनडीआरएफ के काम को देखता है, इसके बारे में भी जान लेना सही रहता है। तो एनडीआरएफ को मुख्य रूप से भारत देश का गृह मंत्रालय देखता है और वही इसको सभी जरुरी दिशा निर्देश देता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि गृह मंत्रालय के ऊपर ही देश को सही से संचालित करने और नागरिकों को सुरक्षा देने का अधिकार व दायित्व होता है। इसी को देखते हुए ही एनडीआरएफ को भी गृह मंत्रालय के ही अधीन रखा गया है।

एनडीआरएफ के महानिदेशक कौन हैं? (NDRF ke mahanideshak kaun hai)

अब हम बात करते हैं वर्तमान समय में एनडीआरएफ के महानिदेशक अर्थात जनरल डायरेक्टर कौन हैं। तो यहाँ आप यह जान लें कि एनडीआरएफ के अध्यक्ष के रूप में केंद्र के पुलिस अधिकारी की नियुक्ति की जाती है अर्थात वह अधिकारी जो आईपीएस के पद पर तैनात होते हैं। वर्तमान में एनडीआरएफ के महानिदेशक का उत्तरदायित्व अतुल करवाल के द्वारा निभाया जा रहा है।

एनडीआरएफ के कार्य (NDRF ke karya)

अब हम बात करते हैं एनडीआरएफ के कार्यों के बारे में अर्थात एनडीआरएफ को किस उद्देश्य के तहत बनाया गया था और उसका निर्वहन यह किस रूप में करती है, उसके बारे (NDRF ka kya kaam hota hai) में। तो यह तो आप सभी ने जान ही लिया है कि एनडीआरएफ के द्वारा देश के लोगों की प्राकृतिक आपदा से रक्षा करने और उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने में सहायता करने के लिए काम किया जाता है लेकिन वह किस किस रूप में होता है और किस तरह से, आइये उस पर एक नज़र डाल लेते हैं।

  • एनडीआरएफ के द्वारा जहाँ कहीं भी प्राकृतिक आपदा आयी है, उस पर लोगों की रक्षा कैसे की जानी है और किस रूप में की जानी है, इसके लिए पूरा रोडमैप तैयार किया जाता है और मौसम विभाग से पूरी जानकारी एकत्रित की जाती है। इसके बाद ही एनडीआरएफ के द्वारा संबंधित क्षेत्र में ऑपरेशन शुरू किया जाता है।
  • ऑपरेशन शुरू करने के बाद पहले तो उन्हें उन लोगों को उस जगह से हटाना होता है जहाँ पर प्राकृतिक आपदा आ सकती है या उस पर प्रभाव पड़ सकता है। वह इसलिए क्योंकि ज्यादा लोगों तक इसका प्रभाव ना हो और उन्हें कम क्षेत्र में ही लोगों की सहायता करनी पड़े, इसके प्रयास किये जाते हैं।
  • अब जो लोग प्रभावित क्षेत्र में हैं और फंस गए हैं तो उन्हें अलग अलग माध्यम से किस तरह से बाहर निकाला जा सकता है, उसकी व्यवस्था की जाती है। इसके लिए हेलीकॉप्टर, जहाज इत्यादि संभावित वाहनों की सहायता ली जाती है।
  • जिन लोगों को निकालने में देरी हो रही है या वहां तक पहुँचने में समय लग सकता है तो उन लोगों तक आवश्यक खाने पीने की वस्तुएं पहुँचाना भी एनडीआरएफ का प्रमुख कार्य होता है। इसके लिए भोजन के पैकेट व पानी की बोतल को उन क्षेत्रों में गिराया जाता है ताकि लोगों को यह मिल सके और वे अपना पेट भर सकें।
  • इसी के साथ ही लोगों को आवश्यक चिकित्सीय सुविधाएँ उपलब्ध करवाना और उन्हें जल्द से जल्द अस्पताल तक पहुँचाना भी एनडीआरएफ का ही कार्य होता है। इसके तहत लोगों को सभी तरह की मेडिकल फैसिलिटी उपलब्ध करवायी जाती है।
  • लोगों तक गलत सूचना फैलने से रोकना और भ्रम की स्थिति पर अंकुश लगाना भी एनडीआरएफ का ही कार्य क्षेत्र हो जाता है। दरअसल प्राकृतिक आपदा के समय बहुत बार भ्रम की स्थिति फैलती है जो लोगों के मौत का कारण बन सकती है।
  • देश के अन्य राज्यों या क्षेत्रों से जो भी सुविधा आ रही है, उन्हें सही तरीके से मैनेज करना भी एनडीआरएफ का ही काम होता है। अब जहाँ भी आपदा आयी है, उसके आसपास के क्षेत्रों से लोग मदद करने के लिए तरह तरह के सामान को भेजते हैं जो लोगों की सहायता करने के काम आते हैं।
  • जो लोग इस आपदा में अपना जीवन खो चुके हैं, उनके शरीर को सही स्थिति में सही जगह तक पहुँचाना और उनका पोस्ट मार्टम करने के लिए डॉक्टर को देना भी एनडीआरएफ का काम होता है।

इस तरह से जिस भी क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा आयी हुई है और लोगों का जीवन संकट में आ खड़ा हुआ है तो वहां पर केंद्र सरकार व गृह मंत्रालय के आदेश पर एनडीआरएफ की टीम को भेजा जाता है। अब यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपदा कितनी बड़ी है और उससे कितने लोगों का जीवन संकट में आ खड़ा हुआ है और उसके लिए कितने लोगों को सहायता करने के लिए भेजे जाने की आवश्यकता है।

एनडीआरएफ क्या है – Related FAQs 

प्रश्न: एनडीआरएफ का क्या काम होता है?

उत्तर: एनडीआरएफ के कार्य हमने ऊपर के लेख में बताए हैं जो आप पढ़ सकते हो।

प्रश्न: NDRF के वर्तमान निदेशक कौन है?

उत्तर: NDRF के वर्तमान निदेशक अतुल करवाल जी हैं।

प्रश्न: एनडीआरएफ का मतलब क्या होता है?

उत्तर: एनडीआरएफ का पूरा नाम राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल है।

प्रश्न: एनडीआरएफ की स्थापना कब हुई थी?

उत्तर: एनडीआरएफ की स्थापना 19 जनवरी 2006 को की गयी थी।

तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने एनडीआरएफ के बारे में जानकारी हासिल कर ली है। आपने जाना कि एनडीआरएफ क्या है एनडीआरएफ की स्थापना कब हुई थी एनडीआरएफ का मुख्यालय कहां है एनडीआरएफ के महानिदेशक कौन हैं और एनडीआरएफ के कार्य क्या हैं इत्यादि। आशा है कि जो जानकारी लेने के लिए आप इस लेख पर आए थे वह आपको मिल गई होगी। फिर भी यदि कोई प्रश्न आपके मन में शेष है तो आप हम से नीचे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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