भारत की नई विदेश व्यापार नीति क्या है? यह नीति कब घोषित की गई है?

|| भारत की नई विदेश व्यापार नीति क्या है? | यह नीति कब घोषित की गई है? | भारत की नई विदेश व्यापार नीति के मुख्य बिंदु | What is new foreign trade policy of India? | When did this policy declared? | main points of India’s new foreign trade policy ||

हमारा देश सदियों से दूसरे देशों के साथ व्यापार करता रहा है। यह तो आप जानते ही हैं कि देश में जिन वस्तुओं का अधिक उत्पादन होता है, उनका निर्यात करके विदेशी मुद्रा अर्जित करने में सहायता मिलती है। इस विदेशी मुद्रा का इस्तेमाल देश के विकास में किया जाता है। साथ ही इससे दो देशों के बीच पारस्परिक सहयोग (mutual co-operation) बढ़ता है। इसके अतिरिक्त संकट (emergency) के समय दो देश एक दूसरे की सहायता करते हैं। भारत द्वारा अपनी नई विदेश व्यापार नीति की घोषणा की गई है। आज इस पोस्ट में हम आपको भारत की नई विदेश व्यापार नीति से जुड़े सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं की जानकारी देंगे। आइए, शुरू करते हैं –

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विदेश व्यापार का क्या अर्थ होता है? (What is the meaning of foreign trade?)

साथियों, इससे पहले कि हम विदेशी व्यापार नीति की बात करें यह सबसे पहले जान लेते हैं कि विदेश व्यापार का क्या अर्थ होता है? (What is the meaning of foreign trade?) यदि भारत की बात करें तो भारत के विदेश व्यापार के अंतर्गत भारत से होने वाले सभी निर्यात (export) एवं विदेशों से भारत में आयात (import) सभी सामानों से है। इसमें सेवाओं एवं प्रत्यक्ष विदेशी (foreign direct investment) निवेश को शामिल नहीं किया जाता। अलग बात है कि सामान्य रूप से भारत का आयात (import) उसके निर्यात (export) की अपेक्षा काफी अधिक होता है।

भारत की नई विदेश व्यापार नीति क्या है यह नीति कब घोषित की गई है

विदेश व्यापार नीति क्या होती है? (What is the meaning of foreign trade policy?)

दोस्तों, अब सबसे पहले जान लेते हैं कि विदेश व्यापार नीति क्या होती है? (What is foreign trade policy?) यदि सामान्य शब्दों में कहें तो विदेश व्यापार नीति (foreign trade policy) भारत सरकार द्वारा जारी एक कानूनी दस्तावेज (legal document) है। यह विदेश व्यापार नीति ही है, जो सीमा-पार व्यापार नियमों (trade rules) को निर्धारित करती है। यह नीति विदेश व्यापार (विकास और विनियमन) अधिनियम (foreign trade act)-1992 के अंतर्गत लागू की जाती है।

आपको बता दें दोस्तों कि वर्ष 1991 के आर्थिक सुधारों (economic reforms) के बाद से पुनरीक्षित एवं अधिसूचित (revised and sheduled) विदेश व्यापार नीति पंचवर्षीय रूप से सभी हितधारकों (stake holders) के लिये मार्गदर्शक रही है।

विदेश व्यापार नीति का क्या उद्देश्य होता है? (What is the objective of foreign trade policy?)

दोस्तों, अब आते हैं विदेश व्यापार नीति के मुख्य उद्देश्य पर। यदि सीधे शब्दों में कहें तो विदेश व्यापार नीति का मुख्य उद्देश्य लेन-देन (transactions), पारगमन लागत (transit cost) एवं समय (time) को कम करके विदेशी व्यापार को सुविधाजनक बनाना होता है। विदेशी व्यापार नीति के अनुसार ही कोई भी देश अन्य देशों के साथ व्यापार करता है। यह आपने देखा होगा कि युद्ध या अन्य किसी संकट काल में दो देशों का एक दूसरे से व्यापार ठप हो जाता है, जिससे दोनों ही देशों को विदेशी मुद्रा (foreign currency) के स्तर पर झटका लगता है। यह आगे चलकर इन देशों की उन्नति के काम में भी बाधा बनता है।

भारत की नई विदेश व्यापार नीति की घोषणा कब हुई है? (When was India’s new foreign trade policy declared?)

मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि केंद्र सरकार (Central government) द्वारा 31 मार्च, 2024 को नई विदेश व्यापार नीति (new foreign trade policy) की घोषणा कर दी गई है। उद्योग मंत्री पीयूष गोयल द्वारा विदेश व्यापार नीति की घोषणा की गई थी। इसके साथ ही यह नई नीति 1 अप्रैल, 2024 से प्रभावी (effective) भी हो गई है। आपको बता दें दोस्तों कि इससे पूर्व वित्त वर्ष 2021-22 भारत के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार (international trade) के लिये बेहतर रहा है। इस दौरान कोरोना वायरस (corona virus) से उत्पन्न हुई महामारी के संकट के बावजूद भारतीय निर्यात (Indian export) में 419.65 बिलियन डॉलर (billion dollar) की रिकॉर्ड राजस्व (record revenue) वृद्धि भी दर्ज की गईं।

नई विदेश व्यापार नीति के मुख्य बिंदु क्या हैं? (What are the main features of new foreign trade policy?)

साथियों, हमने आपको अभी जानकारी दी है कि भारत की नई विदेश व्यापार नीति 31 मार्च, 2024 को घोषित की गई है। आइए, अब इसके मुख्य बिंदु पर चर्चा कर लेते हैं, जो कि इस प्रकार से है

  • * नई विदेश व्यापार नीति में निर्यात को बढ़ाने पर विशेष जोर (special focus) दिया गया है।
  • * इसमें डॉलर की ही तरह रुपए को वैश्विक मुद्रा (global currency) बनाने की बात कही गई है।
  • * नई विदेश व्यापार नीति में देश के निर्यात को सन् 2030 तक दो ट्रिलियन डालर (trillian dollar) तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
  • * नई विदेश व्यापार नीति में रोक प्रोत्साहन के बजाय छूट और पात्रता आधारित अर्थव्यवस्था को अपनाया जाएगा।
  • * निर्यात बढ़ाने को भारत के विभिन्न राज्यों, जिलों के साथ ही भारत के विभिन्न देशों में स्थित दूतावासों के बीच सहयोग को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
  • * नई विदेश व्यापार नीति के माध्यम से लेन-देन लागत (transactions cost) को घटाने और निर्यात केंद्र (export centre) विकसित (develop) करने पर जोर दिया जाएगा।
  • * सेवा निर्यात (service export) की जगह वस्तु निर्यात (goods/commodity export) पर जोर दिया जाएगा।
  • * भारतीय निर्यातकों को वैश्विक स्तर (global level) पर प्रतिस्पर्धी (competitive) बनाया जाएगा।
  • * भारतीय निर्यातकों के लिए कारोबार को आसान बनाया जाएगा।
  • * देश की आर्थिक ताकत (economic strength) में वृद्धि करना।

पिछली विदेश व्यापार नीति कब अधिसूचित की गई थी? (When did last foreign trade policy was scheduled?)

मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि पिछली विदेश व्यापार नीति आज से करीब 8 वर्ष पूर्व सन् 2015 में अधिसूचित की गई थी। उस नीति में निर्यात के अनुपात में ड्यूटी-क्रेडिट स्क्रिप (Duty-Credit Scrips) यानी डीसीएस (DCS) जारी कर निर्यात (export) को प्रोत्साहित किया गया था। इसके पश्चात नई विदेश व्यापार नीति अप्रैल, सन् 2020 में पेश की जानी थी, लेकिन उस वक्त कोरोनावायरस के दुनिया भर को अपनी चपेट में ले लेने से इसे आगे की अवधि के लिए बार-बार डाला जाता रहा।

विदेश व्यापार नीति का क्या महत्व है? (What is the importance of foreign trade policy?)

मित्रों, अब एक नजर विदेश व्यापार नीति के महत्व पर भी डाल लेते हैं। दरअसल, विदेश व्यापार नीति के जरिए ही

वैश्विक स्तर पर भारत के रुख को स्पष्ट किया जा सकता है। भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही लोकल फॉर ग्लोबल (local for global) के साथ ही पीएलआई (PLI) यानी Production Linked Incentive जैसी योजनाओं, भारत की निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं को लेकर विश्व व्यापार संगठन (world Trade organisation) के फैसलों, विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) योजनाओं, भारत के अन्य विदेशी व्यापार संघों (foreign trade associations) के निहितार्थों के संबंध में भारत की स्थिति स्पष्ट होगी।

विदेश व्यापार क्या होता है?

दो देशों के बीच होने वाले निर्यात एवं आयात को विदेश व्यापार की संज्ञा दी जाती है। इसमें सेवाएं एवं प्रत्यक्ष विदेशी निवेश शामिल नहीं होता।

विदेश व्यापार नीति क्या होती है?

यह एक कानूनी दस्तावेज है। इसी के आधार पर किसी भी देश के सीमा पार व्यापार के नियम निर्धारित होते हैं।

विदेश व्यापार नीति का क्या उद्देश्य होता है?

विदेश व्यापार नीति का उद्देश्य खासतौर पर विदेशों से होने वाले व्यापार को सुविधाजनक बनाना होता है।

नई नीति से विदेश व्यापार कैसे सुगम बनेगा?

नई विदेश व्यापार नीति के माध्यम से विदेश व्यापार को सुगम बनाने के लिए लेन-देन लागत (transactions cost) को घटाने और निर्यात केंद्र (export centre) विकसित (develop) करने पर जोर दिया जाएगा।

भारत द्वारा नई विदेश व्यापार नीति की घोषणा कब की गई है?

भारत द्वारा 31 मार्च 2024 को नई विदेश व्यापार नीति की घोषणा की गई है।

भारत के नए विदेश व्यापार नीति की घोषणा किसने की है?

भारत की नई विदेश व्यापार नीति की घोषणा उद्योग मंत्री पीयूष गोयल द्वारा की गई है।

भारत में नई विदेश व्यापार नीति कब से प्रभावी होगी?

भारत में नई विदेश व्यापार नीति 1 अप्रैल, 2024 से प्रभावी हो गई है।

सन 2030 तक भारत के निर्यात को कहां तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है?

सन् 2030 तक भारत के निर्यात को 2 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।

नई विदेश व्यापार नीति में किस चीज पर जोर दिया गया है?

नई विदेश व्यापार नीति में निर्यात को बढ़ाने पर जोर दिया गया है।

भारत द्वारा किस मुद्रा को डालर की तरह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बनाने की तैयारी की जा रही है?

भारत द्वारा रुपए को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा बनाने की तैयारी की जा रही है।

क्या नई विदेश व्यापार नीति से भारतीय निर्यातकों द्वारा कारोबार करना सुगम होगा?

जी हां, भारत की केंद्र सरकार द्वारा नहीं विदेश व्यापार नीति के माध्यम से इस दिशा में प्रयास किया जा रहा है।

नई विदेश व्यापार नीति में किस तरह की अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने की बात की गई है?

नई विदेश व्यापार नीति में छूट एवं पात्रता आधारित अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने की बात की गई है।

दोस्तों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको बताया कि भारत की नई विदेश व्यापार नीति क्या है? उम्मीद करते हैं कि इस नीति के सभी बिंदु आपको स्पष्ट हो गए होंगे। यदि इस पोस्ट के संबंध में आपका कोई सवाल अथवा सुझाव है तो उसे नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके हम तक पहुंचा सकते हैं। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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