ओएनडीसी क्या है? What is ONDC?

|| ONDC In Hindi, ओएनडीसी क्या है? What is ONDC? ONDC Full Form ||

इन दिनों इंटरनेट (internet) का जमाना है। लोग खरीदारी करने के लिए भी बजाय बाजार जाने के घर से ही विभिन्न शाॅपिंग साइट्स (shopping sites) से आर्डर करना पसंद करते हैं। अमेजन (Amazon), फ्लिपकार्ट (Flipkart), मंत्रा (Mantra), मीशो (Meesho) जैसी ऐसी अनेकों ई-कामर्स साइट्स (e-commerce sites) हैं, जो लोगों की खरीदारी (purchasing) एवं प्रोडक्ट्स (products) की होम डिलीवरी (Home delivery) की आवश्यकता को पूरा कर रही हैं।

हालत यह है कि ई-कामर्स मार्केट (e-commerce market) पर अमेजन, फ्लिपकार्ट दोनों मिलकर राज कर रही हैं। मार्केट रिटेलर्स (market retailers) इन ई-कामर्स कंपनियों (e-commerce companies) के खिलाफ लगातार मुखर रहते हैं। अब इन्हें चुनौती देने के लिए हमारी केंद्र सरकार (Central Government) एक नई पहल ओएनडीसी (ONDC) लेकर आ रही है।

आज इस पोस्ट में हम आपको ओएनडीसी के विषय में विस्तार से बताएंगे। जैसे-ओएनडीसी क्या है? इसको लाने के पीछे सरकार क्या उद्देश्य है? यह नेटवर्क (network) छोटे व्यापारियों की किस प्रकार मदद करेगा? आदि। आइए, शुरू करते हैं-

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ओपन सोर्स एवं ई-काॅमर्स क्या अर्थ है? (What is the open source and e-commerce?)

मित्रों, ओएनडीसी (ONDC) के बारे में जानने से पहले आइए, सबसे पहले ओपन सोर्स एवं ई-काॅमर्स (open source and e-commerce) का अर्थ जान लेते हैं। आपको बता देंते हैं कि किसी साॅफ्टवेयर (software) अथवा किसी प्रक्रिया (process) के ओपन सोर्स (open source) होने का मतलब यह है कि उसके कोड (code) अथवा प्रक्रिया के चरणों को दूसरों के इस्तेमाल (use), पुनर्वितरण re (distribution) एवं संशोधन (modification) के लिए स्वतंत्र रूप से उपलब्ध कराया जा सकता है।

ओएनडीसी क्या है? What is ONDC?

जैसे-गूगल (Google) का एंड्रायड आपरेटिंग सिस्टम (android operating system) ओपन सोर्स (open source) है। लिहाजा, कई स्मार्ट फोन निर्माता कंपनियां इसे विशेष संशोधनों के साथ इस्तेमाल करते हैं। वहीं,एपल के आईफोन का आपरेटिंग सिस्टम क्लोज्ड सोर्स (closed source) है। इसका अर्थ यह है कि इसे कानूनी रूप से (legally) संशोधित नहीं किया जा सकता।

इसमें कोई बदलाव नहीं किया जा सकता। अब आते हैं ई-काॅमर्स (e-commerce) पर। आपको बता दें कि यह एक व्यवसाय माडल (business model) है, जो विभिन्न लोगों एवं कंपनियों को इंटरनेट के जरिए चीजें खरीदने एवं बेचने की सुविधा देता है। स्मार्टफोन (smartphone) के लगातार बढ़ते इस्तेमाल के साथ ही 4जी नेटवर्क ने ई-कामर्स के बाजार को कई बिलियन डालर्स तक पहुंचा दिया है।

ओएनडीसी क्या है? इसका क्या उद्देश्य है? (What is ONDC? What is it’s purpose?)

दोस्तों, अब आते हैं ओएनडीसी पर। सबसे पहले ओएनडीसी की फुल फाॅर्म (full form of ONDC) जान लेते हैं। इसकी फुल फाॅर्म है-ओपन नेटवर्क फाॅर डिजिटल काॅमर्स (open network for digital commerce)। आपको बता दें कि यह ओपन प्रोटोकाॅल (open protocol) पर आधारित एक तकनीकी नेटवर्क है।

यह केंद्र सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय (ministry of commerce and industry) के अंतर्गत उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग की एक पहल है। इसका उद्देश्य इलेक्ट्रानिक नेटवर्क (electronic network) के जरिए वस्तुओं एवं सेवाओं (goods and services) के लेन-देन एवं खरीद-बेच के सभी पहलुओं के लिए एक खुले मंच को प्रोत्साहित करना है, जिसका इस्तेमाल सभी आनलाइन रिटेल विक्रेता (online retail seller) कर सकें।

इसके साथ ही इसका उद्देश्य वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीद-बेच पर डिजिटल मोनोपाॅली (digital monopoly) को खत्म करना है।

सरकार ई-काॅमर्स कंपनियों की मोनोपाॅली क्यों खत्म करना चाहती है? (Why government wants to end monopoly of e-commerce companies?)

साथियों, अब आपको यह जानकारी देंगे कि केंद्र सरकार ई-कामर्स कंपनियों की मोनोपाॅली को खत्म क्यों करना चाहती है। ई-कामर्स रिटेलर इसका विरोध क्यों कर रहे हैं।

इसकी एक बड़ी वजह यह है कि बड़ी ई-कामर्स कंपनियों के खिलाफ लगातार शिकायत आ रही थी कि वे मार्केट में अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल कर रही हैं। अनुचित लाभ हासिल करने के लिए बड़ी छूट दे रही हैं।

ओएनडीसी से क्या लाभ होगा? (What will be the advantages of ONDC?)

मित्रों, माना जा रहा है कि इस ओएनडीसी (ONDC) नेटवर्क से छोटे व्यापारियों को बहुत लाभ होगा एवं बड़ी ई-कामर्स कंपनियों की आनलाइन मार्केट (online market) पर मोनोपाॅली नहीं रह जाएगी।

केंद्र सरकार अमेजन, फ्लिपकार्ट जैसी ई-काॅमर्स कंपनियों को चुनौती देने एवं छोटे व्यापारियों की मदद को यह प्लेटफार्म (platform) लेकर आई है। आपको बता दें दोस्तों कि ओएनडीसी की शुरूआत में उद्योगपति एवं इंफोसिस (Infosys) के सह-संस्थापक/गैर कार्यकारी अध्यक्ष नंदन नीलेकणि (Nandan Nilekani) की अहम भूमिका मानी जा रही है।

वे इस ओपन नेटवर्क (open network) को अपनाने के लिए आवश्यक उपायों पर केंद्र सरकार को सलाह देने वाली नौ सदस्यीय सलाहकार परिषद (advisory council) का हिस्सा हैं।

इसके अतिरिक्त इस समिति में मैंकिंसे के पूर्व प्रमुख आदिल जैनलभाई एवं नेशनल हेल्थ अथारिटी (national health authority) यानी एनएचए (NHA) के सीईओ (CEO) आरएस शर्मा भी बतौर सलाहकार शामिल हैं।

ओएनडीसी कैसे काम करता है? (How ONDC works?)

आपको बता दें कि यह एक ओपन सोर्स नेटवर्क (open source network) है। यह एक नेटवर्क इनेबल्ड एप्लिकेशन (network enabled application) के जरिए ग्रासरी (grocery), फूड आर्डर एवं डिलीवरी (food order and delivery), होटल बुकिंग एवं यात्रा (hotel booking and traveling) आदि सेग्मेंट्स (segments) में अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच पहुंचाकर स्थानीय व्यापार (local commerce) को मदद करता है।

इस पर भी एकीकृत भुगतान प्रणाली (integrated payment system) यानी यूपीआई (UPI) के माध्यम से भुगतान हो सकेगा। यह तो आप भी जानते होंगे कि इस वक्त अमेजन, फ्लिपकार्ट जैसी ई-काॅमर्स कंपनियों की ई-रिटेल मार्केट में करीब 80 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।

पहले चरण में यह नेटवर्क कितने शहरों में लांच हुआ है? (How many cities this network have been launched?)

पहले चरण में यह नेटवर्क बतौर पायलट प्रोजेक्ट (pilot project) देश के पांच शहरों में लांच किया गया है। इन शहरों में दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR), बंगलूरू (bengluru), भोपाल (bhopal), शिलांग (shillong) एवं कोयंबटूर (coimbatore) शामिल हैं। इन पांच शहरों में यह ओएनडीसी लांच करने के पीछे वजह यह है कि केंद्र सरकार ने जियोग्राफिकल फैलाव को ध्यान में रखा है।

इन पांच शहरों में इन आनलाइन कंपनियों का ट्रेडर बेस (trader base) है। अपने अभी तक के अनुभव के आधार पर यह ओएनडीसी पर लेन-देन की बारीकियों एवं मुश्किलों को आसानी से समझ सकता है। पायलट प्रोजेक्ट (pilot project) के तौर पर सफल रहने पर ओएनडीसी (ONDC) को देश के दूसरे शहरों में भी लांच किए जाने पर फेसला किया जाएगा।

बड़ी ई-कामर्स कंपनियों से सबसे अधिक खतरा किसको? (Who had the big problem with these big e-commerce companies?)

इस बात को आसानी से समझा जा सकता है। बड़ी ई-कामर्स कंपनियों से सबसे अधिक खतरा किराना व्यापारियों (kirana merchants) को सता रहा है। उन्हें डर है कि वालमार्ट की फ्लिपकार्ट, अमेजन जैसी कंपनियां बाहर के स्थापित घरानों के साथ मिलकर उनका धंधा चौपट कर देंगी।

उनके पास डिस्काउंट (discount) एवं होम डिलीवरी (home delivery) जैसे अनेक आप्शन (option) हैं, जिसका लाभ वे ग्राहकों (customers) को लुभाने के लिए करेंगी। और अभी भी कर रही हैं। यही वजह है कि 80 प्रतिशत ई-कामर्स मार्केट उन्होंने कब्जा लिया है। यदि कहीं से चुनौती नहीं मिली तो छोटे व्यापारियों के लिए बेहद मुश्किल हो जाएगी।

हालिया डिपार्टमेंटल स्टोर कल्चर (departmental Store culture) ने मोहल्ले के दुकानदारों की दुकानदारी पर तगड़ा असर डाला है। यही सब बातें उन्हें डरा रही हैं। उनकी इसी चिंता ने सरकार को अपना ई-कामर्स इकोसिस्टम (e-commerce ecosystem) विकसित करने के लिए विवश किया है।

छोटे व्यापारियों को ओएनडीसी ई-कामर्स प्लेटफार्म से कैसे मदद मिलेगी? (How small merchants will get help from ONDC?)

सरकार द्वारा तैयार किए जा रहे ई-कामर्स इको सिस्टम ओएनडीसी (ONDC) के जरिए पान वाले, चाटवाले, छोटे भटूरे वाले अपने प्राडक्ट्स आनलाइन बेच सकेंगे। कस्टमर उन्हें आनलाइन आर्डर और भुगतान (online order and payment) कर सकेंगे। आपको बता दें दोस्तों कि यह सरकार का एक नाट फार प्राफिट सिस्टम (not for profit system) होगा।

यानी कि वह लाभ के पीछे नहीं भागेगी। सुविधा प्रदान करने पर उसका फोकस रहेगा। सरकार के सामने 2016 में लाया गया यूपीआई सिस्टम सफलता का एक मानक बनकर सामने है। यद्यपि इन छोटे व्यापारियों के लिए आईटी प्रक्रिया (IT process) को पूरा करना सरकार के लिए भी एक बड़ी चुनौती होगी।

यद्यपि उसने इस क्षेत्र के विशेषज्ञों से सलाह के पश्चात ही इस क्षेत्र में कदम आगे बढ़ाए हैं। यह प्रोजेक्ट भी उन्हीं की देखरेख, सलाह एवं निगरानी में आगे बढ़ रहा है।

ओएनडीसी की फुल फाॅर्म क्या है?

ओएनडीसी की फुल फार्म ओपन नेटवर्क फाॅर डिजिटल काॅमर्स है।

ओएनडीसी क्या है?

यह केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया जा रहा एक ओपन नेटवर्क है, जो ई-कामर्स के लिए एक ओपन प्लेटफार्म मुहैया कराएगा, जहां वस्तुओं की खरीद बेच हो सकेगी।

ओएनडीसी का उद्देश्य है?

इसका उद्देश्य छोटे व्यापारियों को लाभ पहुंचाना एवं बड़ी ई-कामर्स कंपनियों की मोनोपाॅली खत्म करना है।

सरकार बड़ी कंपनियों की मोनोपाॅली क्यों खत्म करना चाहती है?

सरकार ऐसा इसलिए चाहती है, क्योंकि इन कंपनियों द्वारा मार्केट से अनुचित लाभ लिए जाने की शिकायतें सामने आई हैं।

इस समय ई-कामर्स मार्केट पर किन कंपनियों का कब्जा है?

इस वक्त भारत में ई-कामर्स मार्केट में 80 प्रतिशत के करीब की हिस्सेदारी अकेले अमेजन एवं फ्लिपकार्ट कंपनियों की है। मंत्रा, मीशो जैसी ई-कामर्स कंपनियां भी ई-कामर्स मार्केट में संचालित हो रही हैं, जिनके माध्यम से ग्राहक प्राडक्ट्स आर्डर करते हैं और होम डिलीवरी कराते हैं।

ओएनडीसी पहले चरण में कितने शहरों में लागू होगा?

ओएनडीसी को पहले चरण में पांच शहरों में लांच किया जाएगा। इन शहरों दिल्ली-एनसीआर, बंगलूरू, शिलांग, भोपाल एवं कोयंबटूर शामिल हैं।

क्या ओएनडीसी को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लांच किया गया है?

जी हां, ओएनडीसी को अभी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लांच किया गया है।

यह केंद्र सरकार के किस विभाग की पहल है?

यह केंद्र सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग की एक पहल है।

ओपन नेटवर्क पर सरकार को सलाह देने वाली सलाहकार परिषद में कितने सदस्य हैं?

इस सलाहकार परिषद में नौ सदस्य हैं। इनमें इंफोसिस के सह संस्थापक नंदन नीलेकणि भी हैं। उनकी इस नेटवर्क को लांच कराने में महती भूमिका है।

ओएनडीसी को देश भर में कब लांच किया जाएगा?

पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ओएनडीसी के इस प्रोजेक्ट के पांच शहरों में कामयाबी के बाद ही इसे देश भर में लांच करने पर कोई भी फैसला सरकार द्वारा लिया जाएगा।

दोस्तों, हमने आपको इस पोस्ट (post) में ओएनडीसी (ONDC) के विषय में विस्तार (details) से बताया। उम्मीद है कि आपके लिए यह पोस्ट उपयोगी साबित होगी। यदि आप इसी प्रकार की अन्य जानकारीपरक पोस्ट हमसे चाहते हैं तो उसके लिए हमें नीचे दिए गए कमेंट बाक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके बता सकते हैं। ।।धन्यवाद।।

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प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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