आपने तमाम तरह के बुखार जैसे मलेरिया, डेंगू आदि का नाम तो जरूर सुना होगा, लेकिन इन दिनों तोता बुखार इन सभी बुखारों से अधिक चर्चा मैं है। दोस्तों, क्या आप जानते हैं कि यह तोता बुखार क्या है? यह कैसे फैलता है? इस रोग से कैसे बचा जा सकता हैं? यदि नहीं, तो आज इस पोस्ट में हम आपको तोता बुखार के ही संबंध में विस्तार से जानकारी देंगे। आइए, शुरू करते हैं-
तोता बुखार क्या है? (What is parrot fever?)
दोस्तों, आपको जानकारी दे दें कि तोता बुखार यानी पैरट फीवर (parrot fever) एक संक्रामक रोग है। इसे सिटाकोसिस भी पुकारा जाता है। यह रोग क्लैमाइडिया नाम के जीवाणु यानी बैक्टीरिया (bacteria) के संक्रमण से होता है। दोस्तों, जान लीजिए कि ये जीवाणु तोते, कबूतर आदि समेत कई अन्य पक्षियों को संक्रमित करता है। इन पक्षियों के माध्यम से मनुष्यों तक यह संक्रमण पहुंच जाता है।
यद्यपि, दोस्तों हैरतअंगेज बात यह है कि पक्षियों पर इस बीमारी का कोई असर देखने को नहीं मिलता। यदि दूसरे शब्दों में कहें तो यह एक जूनोटिक रोग है। इसका प्रचलित अर्थ यह है कि यह रोग पक्षियों में फैलना शुरू होता है और मनुष्यों को भी संक्रमित कर सकता है। ऐसे में इससे बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है।
तोता बुखार के क्या-क्या लक्षण हैं? (What are the symptoms of parrot fever?)
दोस्तों, इन दिनों जो रोग सामने आ रहे हैं, उनमें अधिकांश एक ही प्रकार के लक्षण देखने को मिल रहे हैं। आइए एक नजर तोता बुखार के लक्षणों पर डाल लेते हैं, जो कि इस प्रकार से हैं-
- सिरदर्द।
- सूखी खांसी।
- बुखार।
- उल्टी या मंत्री आना।
- गला बैठना।
- बोलने में दर्द होना।
- मांसपेशियों में दर्द या खिंचाव।
- थकान होना।
- ठंड लगना।
दोस्तों, कुछ लोगों को केवल हल्के फ्लू (light flu) जैसी बीमारी का अनुभव हो सकता है। कुछ को लग सकता है कि उन्हें कोई बीमारी ही नहीं है। कई में यह निमोनिया या सांस फूलने या सांस का संक्रमण (infection) भी फैला सकता है। चिंताजनक बात यह है कि यदि रोगी का उपचार न किया जाए, तो रोग गंभीर हो सकता है और यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है। विशेषकर वृद्ध लोगों को इस रोग को लेकर अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। क्योंकि शरीर की प्रतिरक्षा या प्रतिरोधक प्रणाली (immune system) कमजोर हो जाने के चलते वे आसानी से इस रोग का शिकार बन सकते हैं।
तोता बुखार नाम की यह बीमारी कैसे फैलती है? (How does the parrot fever spread?)
दोस्तों, अब यह सवाल खड़ा होता है कि तोता बुखार कैसे फैलता है? आपको बता दें कि जब भी कोई व्यक्ति किसी क्लैमाइडिया बैक्टीरिया (bacteria) से संक्रमित पक्षी या उसके मल अथवा सांस के संपर्क में आता है तो वह भी इससे संक्रमित हो जाता है। तोता बुखार के लक्षण हमने आपको ऊपर बताए हैं। वे लक्षण दिखाई देने पर फौरन विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करें। उनसे सलाह लें और उनके द्वारा दिए गए निर्देशों (instructions) का अक्षरशः पालन करें।
तोता बुखार का खतरा सर्वाधिक किसे होता है? (Who is on most risk due to parrot fever?)
दोस्तों, अब आपको सवाल मथेगा की तोता बुखार का खतरा सर्वाधिक किसे होता है? मित्रों, जैसा कि स्पष्ट है इस बीमारी का खतरा सर्वाधिक पक्षी व्यापारियों, पक्षी प्रजनकों के साथ ही पोल्ट्री कर्मचारियों एवं पशु प्रेमियों को अधिक होता है। इसकी वजह यह होती है कि यही लोग पक्षियों के संपर्क में अधिक आते हैं। यद्यपि लोग भी इसकी शिकार हो सकते हैं। इसीलिए इस रोग के प्रति सतर्कता बरतने की बात बार-बार दोहराई जा रही है।
क्या संक्रमित पक्षियों को खाने से भी तोता बुखार होता है? (Does parrot fever happen if someone eats infection bird?)
दोस्तों, बहुत से लोग इस रोग के पक्षियों से संबंधित होने के चलते यह मानकर चलते हैं कि यह रोग पक्षियों को खाने से भी होता है। लेकिन दोस्तों यह पूरी तरह सच नहीं है। यदि अमेरिकी स्वास्थ्य संगठन (American health organization) सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (centre for desease control and prevention) की मानें तो संक्रमित पक्षियों को खाने से इस रोग का ताल्लुक नहीं है। यह उन्हें खाने से नहीं फैलता।
तोता बुखार से कैसे बचा जा सकता है? (How to become safe from parrot fever?)
दोस्तों, हम आपको बता चुके हैं कि तोता बुखार को लेकर बेहद सतर्कता आवश्यक है। आइए जान लेते हैं कि तोता बुखार से कैसे बचा जा सकता है-
- सबसे पहली सलाह पक्षी पालकों के लिए है कि वे अपने पिंजरों को साफ करें। दोस्तों, ज़रूरी है कि वे कारगर कीटाणुनाशकों से पिंजरों को साफ करें। क्योंकि बैक्टीरिया पक्षी के गिरे हुए पंखों एवं मल-मूत्र में कई माह तक जीवित रह सकता है।
- आवश्यक है कि संक्रमण से बचने के लिए पिंजरों की सफाई करते समय मास्क एवं दस्ताने पहने जाएं।
- पशुपालक या पशु प्रेमी अपने पालतू जानवरों को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर कतई न ले जाएं।
- जहां तक हो सके, पक्षियों के संपर्क में आने से बचें।
- संक्रमित पक्षियों का कम से कम एक महीने तक बेहतर एंटीबायोटिक (antibiotic) दवाओं से इलाज करें।
तोता बुखार कैसे चर्चा में आया? (How parrot fever came in to news?)
दोस्तों, आपको बता दें कि यूरोपीय देशों (European countries) में लोग इस बीमारी से प्रभावित हैं। सन् 2023 से इस बीमारी का यूरोप में प्रसार या फैलना शुरू हुआ है। यहां तक का इस बीमारी से अब तक कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। दोस्तों, आपको बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (world health organization) यानी डब्ल्यूएचओ (WHO) की ओर से भी इस बीमारी को लेकर सतर्कता बरतने की अपील की गई है।
अभी तक किन देशों में तोता बुखार के प्रभावित सामने आए हैं? (Till now in how many countries effect of parrot fever has been seen?)
दोस्तों, जान लीजिए कि पिछले साल यानी सन् 2023 में तोता बुखार (parrot fever) के जर्मनी (Germany) एवं ऑस्ट्रिया (Austria) में 14-14 मामले सामने आए थे। दोस्तों, यदि इस वर्ष की बात करें तो ऑस्ट्रिया में इस साल अभी तक तोता बुखार के कुल 4 मामले देखने को मिले हैं। डेनमार्क (Denmark) में इस वर्ष फरवरी तक तोता बुखार के कुल 23 मामले सामने आ चुके थें दोस्तों, नीदरलैंड (Netherlands) जैसे देश में भी इस बीमारी के कुल 21 मरीज मिले चुके हैं।
कुल मिलाकर यूरोप (Europe) में तोता बुखार की वजह से होने वाली मौतों ने सारी दुनिया में चिंता पैदा कर दी है। दिक्कत वाली बात यह है कि इस बीमारी के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जो कि बेहद चिंताजनक है। भारत जैसे देश में भी, जहां लोग कोरोना जैसी महामारी के दंश को भुगत चुके हैं। उनमें तोता बुखार के जिक्र से भय व्याप्त है। इसकी वजह यह है कि बीमारियां कभी भी देशों की सरहद देखकर वार नहीं करतीं। विशेषकर जो लोग तोता या कबूतर जैसे पक्षी पलते हैं अथवा उनके संपर्क में आते हैं, वे लोग तोता बुखार को लेकर सतर्क हो गए हैं।
तोता बुखार का क्या इलाज है? (What is the treatment of parrot fever?)
दोस्तों, आपको जानकारी दे दें कि इस तोता बुखार नाम की बीमारी का उपचार/इलाज लक्षणों के आधार पर किया जा सकता है। अधिकांश चिकित्सा तोते के बुखार के इलाज (treatment) के लिए एंटीबायोटिक दवाइयों (antibiotic medicines) का सहारा लेते हैं। दोस्तों, आपको बता दें कि इस रोग के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सर्वाधिक आम एंटीबायोटिक दवा डॉक्सीसाइक्लिन एवं एरिथ्रोमाइसिन हैं। लेकिन आपको बता दें कि तोता बुखार के ऐसे गंभीर मामले जहां निमोनिया विकसित (develop) हो गया है, वहां संबंधित रोगी को दवा एवं देखभाल के लिए अस्पताल में भर्ती होना आवश्यक होगा।
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तोता बुखार क्या है?
तोता बुखार एक संक्रामक रोग है। इसे सिटाकोसिस भी पुकारा जाता है।
यह रोग किस बैक्टीरिया के संक्रमण से होता है?
यह रोग क्लैमाइडिया नाम के जीवाणु यानी बैक्टीरिया (bacteria) के संक्रमण से होता है।
तोता बुखार के क्या-क्या लक्षण हैं?
तोता बुखार में सिरदर्द, गले में दर्द आदि जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।
तोता बुखार से कैसे बचा जा सकता है?
इसके टिप्स हमने आपको ऊपर पोस्ट में बताए हैं। आप वहां से देख सकते हैं।
फिलहाल इस बीमारी का प्रसार कहां देखने को मिल रहा है?
फिलहाल इस बीमारी का प्रसार यूरोपीय देशों में अधिक देखने को मिल रहा है।
किस संगठन द्वारा इस बीमारी को लेकर सतर्कता बरतने की अपील की गई है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ द्वारा इस बीमारी को लेकर सतर्कता बरतने की अपील की गई है।
तोता बुखार का खतरा सर्वाधिक किसे हो सकता है?
तोता बुखार का सर्वाधिक खतरा पक्षी पालकों, चिड़ियाघरों के कर्मचारियों, पक्षी प्रजनकों आदि को हो सकता है।
क्या संक्रमित पक्षियों को खाने से भी तोता बुखार होता है?
जी नहीं, अभी तक ऐसा कोई मामला देखने को नहीं मिला है।
दोस्तों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको बताया कि तोता बुखार क्या है? यह रोग कैसे फैलता है? इस बीमारी से कैसे बच सकते हैं? उम्मीद करते हैं कि यह पोस्ट आपकी जानकारी में इजाफा करेगी। इसी प्रकार की अन्य रोचक पोस्ट पाने के लिए आप हमें नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) कर सकते हैं। ।।धन्यवाद।।