देश में आम चुनाव मई में प्रस्तावित हैं। इससे पूर्व अप्रैल, 2024 में खाली होने वाली राज्यसभा सीटों के चुनाव के लिए गहमा-गहमी चल रही है। अधिकांश लोग लोकसभा और राज्यसभा चुनाव के बीच अंतर को लेकर कन्फ्यूज रहते हैं। वे राज्य सभा की चुनावी प्रक्रिया से वाकिफ नहीं होते। वे नहीं जानते कि राज्यसभा चुनाव कैसे होते हैं। यदि आप भी ऐसे ही लोगों में है तो चिंता ना करें।
आज इस पोस्ट में हम आपको राज्यसभा चुनाव को लेकर आपके मन में उठने वाले सभी सवालों के जवाब देंगे। आपको बताएंगे कि राज्यसभा क्या होती है? भारत में राज्य सभा चुनाव कब हैं? राज्यसभा की कितने राज्यों में कितनी सीटों पर मतदान होगा? राज्यसभा चुनाव की प्रक्रिया व फार्मूला क्या है? आदि। आइए, शुरू करते हैं –
राज्यसभा क्या होती है? (What is rajyasabha?)
दोस्तों, आइए सबसे पहले यह जान लेते हैं कि राज्यसभा क्या है? (What is rajyasabha)? दोस्तों, आपको बता दें कि भारत की संसद के दो सदन हैं। पहला राज्य सभा और दूसरा लोकसभा। राज्य सभा को उच्च सदन यानी अपर हाउस (upper house) पुकारा जाता है।
राज्यसभा एक स्थायी सदन (permanent house) होता है। राज्यसभा लोकसभा की भांति भंग नहीं होती। देश के उपराष्ट्रपति (vice president) राज्यसभा के पदेन सभापति होते हैं। यदि वर्तमान की बात करें तो इस समय यह जिम्मेदारी जगदीप धनखड़ (jagdeep dhankhad) उठा रहे हैं। हरिवंश नारायण सिंह वर्तमान में इसके उप-सभापति हैं।
राज्यसभा में कुल कितनी सीटें हैं? (How many seats are there in rajyasabha?)
दोस्तों, अब सवाल उठता है कि राज्य सभा में कुल कितनी सीटें हैं? तो आपको जानकारी दे दें कि राज्य सभा में लोकसभा के मुकाबले कम सीटें होती हैं। भारत के संविधान (constipation of India) के अनुच्छेद 80 के मुताबिक राज्यसभा में सांसदों की कुल संख्या 250 तक हो सकती है। आपको बता दें दोस्तों कि वर्तमान में इसकी सदस्य संख्या 245 है। इनमें से 233 सदस्य राज्यों अथवा केंद्र शासित प्रदेशों से चुनकर आए हैं। बाकी 12 सांसद राष्ट्रपति द्वारा नामित किए गए हैं। ये देश के ऐसे प्रतिष्ठित व्यक्ति हो होते हैं, जिन्होंने कला, विज्ञान, साहित्य, चिकित्सा या किसी अन्य क्षेत्र में ख्याति अर्जित की हो।
राज्यसभा सदस्य का कार्यकाल कितना होता है? (What is the term of a rajya sabha member?)
दोस्तों, जहां भारतीय संसद में लोकसभा सदस्य का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है, वहीं इसके ठीक विपरीत राज्यसभा के सदस्य 6 वर्ष के लिए चुने जाते हैं। इस बीच किसी राज्यसभा सांसद के निधन पर या उसके इस्तीफा देने पर अथवा उसकी सदस्यता किसी कारणवश समाप्त कर दिए जाने पर जो सीटें खाली होती रहती हैं। उसके लिए बाद में उप चुनाव (bye election) कराए जाने का प्रावधान किया गया है। लेकिन यहां आपको यह भी स्पष्ट कर दें दोस्तों कि नया चुनकर आया सदस्य नियम के अनुसार 6 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर सकेगा, बल्कि उसको पूर्व सदस्य का बचा कार्यकाल ही पूरा करना होगा।
दोस्तों, आपको बता दें कि भारत में वर्तमान में राज्यसभा चुनाव 27 फरवरी, 2024 को कराए जाएंगे। राज्यसभा के लिए 15 फरवरी तक नामांकन दाखिल (nomination file) किए जा सकते हैं। 20 फरवरी, 2024 नाम वापसी की अंतिम तिथि (last date ) घोषित की गई है। आपको बता दें दोस्तों कि राज्यसभा चुनाव को लेकर तकरीबन सभी पार्टियों द्वारा अपने उम्मीदवारों (candidates) के नाम घोषित किए जा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janata party), कांग्रेस (congress) समाजवादी पार्टी (samajwadi party), आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi party), तृणमूल कांग्रेस (Trinmool congress) आदि तमाम पार्टियों द्वारा अपने उम्मीदवारों की घोषणा की गई है।
दोस्तों, जैसा कि हम आपको बता चुके हैं, राज्यसभा सांसद का कार्यकाल छह साल का होता है। ऐसे में यहां प्रत्येक दो वर्ष में 33 प्रतिशत राज्यों से सांसदों के लिए चुनाव होते हैं। बता दें कि वर्तमान में 15 राज्यों की 56 सीटों के लिए चुनाव होने जा रहे हैं। इन 15 राज्यों में यह राज्य सम्मिलित हैं –
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)
- बिहार (Bihar)
- हरियाणा (Haryana)
- राजस्थान (Rajasthan)
- मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh)
- हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh)
- उत्तराखंड (uttarakhand)
- छत्तीसगढ़ (chattisgarh)
- गुजरात (Gujarat)
- महाराष्ट्र (Maharashtra)
- पश्चिम बंगाल (West Bengal)
- कर्नाटक (Karnataka)
- आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh)
- ओडिशा (odisha)
- तेलंगाना (Telangana)
दोस्तों, जहां लोकसभा चुनाव में सीधे जनता वोट करती है और अपना प्रतिनिधि चुनती है, वहीं, राज्यसभा चुनाव की प्रक्रिया (election process of rajyasabha) आम चुनाव से बिल्कुल अलग होती है। राज्यसभा में जाने वाले सांसदों का चुनाव जनता नहीं करती। इन सांसदों का चुनाव जनता द्वारा चुने गए राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों के विधायकों द्वारा वोटिंग (voting) के जरिए किया जाता है। जी हां दोस्तों। इसे सीधे शब्दों में कहें तो राज्यसभा सदस्यों के लिए जनता द्वारा सीधे वोट नहीं किया जाता। इसमें
एकल हस्तांतरणीय वोट (single transferable vote) यानी एसटीवी (STV) के साथ आनुपातिक प्रतिनिधित्व (Proportional representation) प्रणाली को अपनाया जाता है। इससे छोटी पार्टियों के लिए भी उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो जाता है। इसकी प्रक्रिया इस प्रकार से है –
दोस्तों, आम चुनाव की भांति ही राज्यसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग (election commission) द्वारा अधिसूचना (notification) जारी की जाती है। उसके द्वारा प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव के लिए सीटों की संख्या, चुनाव कार्यक्रम एवं नामांकन प्रक्रिया जारी की जाती है।
2. नामांकन दाखिल करना (filing the nomination) :
अब विभिन्न पार्टियों के उम्मीदवारों अपना नामांकन चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त रिटर्निंग अधिकारी (returning officer) के पास निर्धारित राशि के साथ दाखिल किया जाता है। अब रिटर्निंग अधिकारी द्वारा उम्मीदवार की जमा राशि एवं नामांकन की वैधता (validity of nomination) की जांच की जाती है।
3. नाम वापसी (stand down the name) :
चुनाव में कई बार यह भी होता है कि नामांकन दाखिल करने के बाद उम्मीदवार नाम वापस लेना चाहता है। ऐसे में चुनाव आयोग द्वारा निम वापसी के लिए एक निर्दिष्ट समय सीमा (time limit) निर्धारित की जाती है। इस तिथि तक उम्मीदवार नाम वापस ले सकता है। जैसे – वर्तमान राज्यसभा चुनाव के लिए नाम वापसी की अतिथि 20 फरवरी, 2024 रखी गई है।
नाम वापसी के बाद राज्य सभा के विभिन्न पार्टियों के उम्मीदवार अपने चुनाव प्रचार (election campaign) में लग जाते हैं। जिस प्रकार लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार जनता के बीच जाकर अपना प्रचार करते हैं, ठीक उसी तरह राज्यसभा चुनाव में विभिन्न पार्टियों के उम्मीदवारों द्वारा विभिन्न पार्टियों के विधायकों (MLAS’) के बीच प्रचार किया जाता है।
5. मतदान (voting)
दोस्तों, अब मतदान की बारी आती है। यह हम आपको बता ही चुके हैं कि विधायक एकल हस्तांतरणीय वोट प्रणाली यानी सिंगल वोट ट्रांसफर (single vote transfer) का इस्तेमाल करके अपना वोट (vote) डालते हैं। हम आपको यह भी बता चुके हैं कि यह गुप्त मतदान नहीं होता।
6. मतगणना (counting)
मतदान के पश्चात मतगणना की बारी आती है। आपको बता दें दोस्तों कि राज्य सभा सीट पर विजेता (winner) का निर्धारण करने के लिए एसटीवी नियमों (STV rules) के आधार पर ही वोटों की गिनती यानी काउंटिंग (counting) की जाती है।
7. नतीजा (Result)
मतदान के पश्चात चुनाव परिणामों की घोषणा की बारी आती है। एसटीवी नियमों के आधार पर वोटों की गणना के बाद रिटर्निंग अधिकारी (returning officer) निर्वाचित उम्मीदवारों (elected Candidates) की घोषणा करता है। राज्यसभा सदस्य को चुने जाने का क्या फार्मूला है? (What is the formula of electing rajya sabha member?)
दोस्तों, आप यह भी जान लीजिए कि राज्यसभा सांसद का चुनाव एक तय फॉर्मूले के तहत होता है। इसमें एक सांसद को कितने वोटों की जरूरत है, ये भी पहले से तय होता है। यह फार्मूला (formula) इस प्रकार से है-
विधानसभा के कुल विधायकों की संख्या x 100/(राज्यसभा की सीटें+1)= +1
इसे इस प्रकार समझिए। एक विधानसभा के कुल विधायकों की संख्या को 100 से गुणा किया जाता है। इसके पश्चात प्राप्त संख्या को राज्य की कुल राज्यसभा सीटों में +1 जोड़कर भाग किया जाता है। अब जो संख्या प्राप्त होती है, उसमें एक जोड़ने के बाद, वो एक राज्य में राज्यसभा सीट जीतने के लिए वोट की संख्या होती है।
दोस्तों, यह तो हम सभी जानते हैं कि भारत में विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (electronic voting machine) यानी एवं ईवीएम (evm) के जरिए गुप्त (secret) चुनाव होता है। अब मत पत्रों यानी बैलेट पेपर (ballot paper) से चुनाव गुजरे जमाने की बात हो चुकी है। लेकिन यदि राज्यसभा चुनाव की बात करें तो राज्यसभा चुनाव में कोई गुप्त मतदान नहीं होता। न ही इसमें ईवीएम का प्रयोग होता। जी हां दोस्तों।
यहां हर उम्मीदवार के नाम के आगे एक से चार तक का नंबर लिखा होता है। विधायकों को वरीयता के आधार पर उस पर निशान लगाना होता है। यानी वोटर उम्मीदवारों के लिए अपनी वरीयता/प्राथमिकताओं को क्रमबद्ध करते हैं। यदि कोई उम्मीदवार जीतने के लिए पर्याप्त वोट/कोटा प्राप्त कर लेता है तो उसके अतिरिक्त वोट मतदाताओं की वरीयता के आधार पर अन्य उम्मीदवारों को स्थानांतरित यानी ट्रांसफर (transfer) कर दिए जाते हैं। सीटों के भर जाने तक यह क्रम जारी रहता है।
भारत में राज्यसभा सदस्य बनने की न्यूनतम योग्यता क्या है? (What is the minimum qualification of becoming rajya sabha member in India?)
- वह भारत का नागरिक (citizen of India) हो।
- उसकी आयु न्यूनतम (minimum age) 30 वर्ष हो।
- वह केंद्र या राज्य सरकार, अथवा उनके नियंत्रण के अधीन किसी लाभ के पद पर आसीन न हो।
- वह पागल अथवा दिवालिया न हो।
FaQ
राज्यसभा क्या है?
राज्यसभा भारत की संसद का उच्च सदन हैं।
राज्यसभा सदस्य का कार्यकाल कितना होता है?
एक राज्यसभा सदस्य का कार्यकाल छह वर्ष का होता है।
राज्यसभा का सभापति कौन होता है?
देश का उप-राष्ट्रपति राज्यसभा का सभापति होता है।
वर्तमान संसद में राज्यसभा की कितनी सीटें हैं?
वर्तमान संसद में राज्यसभा की 245 सीटें हैं। इनमें 233 पर निर्वाचित, जबकि 12 सीटों पर राष्ट्रपति द्वारा नामित सदस्य हैं।
राज्यसभा के कितने सदस्यों को राष्ट्रपति द्वारा नामित किया जाता है?
राज्यसभा के 12 सदस्यों को राष्ट्रपति द्वारा नामित किया जाता है।
वर्तमान में 27 फरवरी, 2024 को राज्यसभा चुनाव हैं।
वर्तमान में 15 राज्यों की कुल 56 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होगा।
राज्यसभा चुनाव की प्रक्रिया के बारे में हमने आपको ऊपर पोस्ट में विस्तार से बताया है। आप वहां से देख सकते हैं।
यह फार्मूला इस प्रकार है- विधानसभा के कुल विधायकों की संख्या x 100/(राज्यसभा की सीटें+1)= +1
जी नहीं। राज्यसभा चुनाव आम चुनाव की तरह ईवीएम से नहीं होता।
भारत में राज्यसभा सदस्य बनने की न्यूनतम योग्यता क्या है?
इसके लिए न्यूनतम योग्यता संबंधित व्यक्ति का भारत का नागरिक होना, उसकी आयु न्यूनतम 30 वर्ष होना आदि निर्धारित की गई है।
जी नहीं। राज्यसभा चुनाव में गुप्त मतदान नहीं होता है।
राज्यसभा के किसी सदस्य द्वारा इस्तीफा दिए जाने पर या उसकी मृत्यु हो जाने पर अथवा किसी कारणवश उसकी सदस्यता समाप्त कर दिए जाने पर संबंधित सीट पर उप चुनाव कराए जाने की नौबत आती है।
राज्यसभा चुनाव में एकल मत हस्तांतरण यानी सिंगल वोट ट्रांसफर प्रणाली का इस्तेमाल किया जाता है।
राज्यसभा चुनाव में काउंटिंग एसटीवी नियमों के आधार पर होती है।
दोस्तों, इस पोस्ट में हमने आपको राज्य सभा चुनाव के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी दी। उम्मीद करते हैं कि यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होगी। यदि इसी प्रकार की जानकारीपरक पोस्ट आप हमसे चाहते हैं तो उसके लिए नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके हमें भेज सकते हैं। ।।धन्यवाद।।