स्वास्थ्य का अधिकार क्या है? इसके क्या प्रावधान हैं? इसे किस राज्य में लागू किया गया है?

|| स्वास्थ्य का अधिकार क्या है? | इसके क्या प्रावधान हैं? | इसे किस राज्य में लागू किया गया है? | What is right to health? | What are its main provisions? | In which state it has been implemented? |

आपने शिक्षा का अधिकार यानी राइट टू एजुकेशन और सूचना का अधिकार यानी राइट टू इंफॉर्मेशन के बारे में जरूर सुना होगा। लेकिन क्या आपने स्वास्थ्य का अधिकार यानी राइट टू हेल्थ (Right to Health) का नाम सुना है? यदि नहीं तो भी कोई बात नहीं। आज इस पोस्ट में हम आपको राइट टू हेल्थ यानी स्वास्थ्य का अधिकार के बारे में जानकारी देंगे। आइए, शुरू करते हैं –

Contents show

स्वास्थ्य का अधिकार क्या है? (What is right to health?)

दोस्तों, यदि साधारण शब्दों में कहें तो स्वास्थ्य का अधिकार (right to health) प्रत्येक निवासी तक सरकार द्वारा चलाई जा रही स्वास्थ्य योजनाओं की सुविधा एवं पहुंच सुनिश्चित करता है। स्वास्थ्य का अधिकार जीवन के अधिकार की संवैधानिक गारंटी (constitutional guarantee) का अभिन्न अंग है। यह कहता है कि स्वास्थ्य सेवा (health service) चाहने वाले किसी भी व्यक्ति को पहुंच और सामर्थ्य के आधार पर इससे वंचित नहीं किया जाना चाहिए।

स्वास्थ्य का अधिकार क्या है इसके क्या प्रावधान हैं इसे किस राज्य में लागू किया गया है

दूसरे शब्दों में कहें तो यह स्वास्थ्य योजनाओं (health schemes) की कानूनी गारंटी (legal guarantee) है। स्वास्थ्य का अधिकार किसी भी नागरिक को स्वास्थ्य संस्थान को आवश्यक शुल्क (fee) या शुल्क के पूर्व भुगतान के बगैर (without prior fee payment) आपातकालीन उपचार (emergency treatment) एवं देखभाल (care) का अधिकार देता है।

हाल ही में किस सरकार ने स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक पास किया है? (Which government has passed right to health bill recently?)

साथियों, आपको जानकारी दे दें कि हाल ही में 21 मार्च, 2024 को राजस्थान (rajasthan) की कांग्रेस (congress) नीत अशोक गहलोत सरकार (Ashok gehlot government) ने स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक पास किया है। आपको बता दें दोस्तों कि अपने राज्य वासियों को स्वास्थ्य का अधिकार देने वाला राजस्थान (rajasthan) देश का पहला राज्य है। राजस्थान की इस पहल से देश के अन्य राज्यों के नागरिकों में भी स्वास्थ्य का अधिकार पाने की ललक देखी जा सकती है।

वहां इस अधिकार पर बात होने लगी है। दोस्तों, आपको बता दें कि स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक में जनमानस को निशुल्क स्वास्थ्य योजनाओं (free health schemes) की कानूनी गारंटी (legal guarantee) प्रदान करने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। यह कानून संविधान (construction) के अनुच्छेद (section) 45 और 21 के अनुरूप स्वास्थ्य के अधिकार (right to health) की गारंटी (guarantee) देता है।

स्वास्थ्य का अधिकार के तहत क्या प्रावधान किए गए हैं? (What provisions have been made under right to health?)

मित्रों, आइए अब एक नजर स्वास्थ्य का अधिकार के तहत प्रदान किए गए प्रावधानों (provisions) पर डाल लेते हैं, जो कि इस प्रकार से हैं-

  • * सरकारी के साथ ही एवं डेजिग्नेटिड निजी चिकित्सा (designated private medical institute) संस्थानों में ओपीडी (OPD), आईपीडी (IPD), परामर्श (consultancy), दवा (medicine), जांच (test), परिवहन (transport), भर्ती प्रक्रिया (admit process), आपातकालीन केयर (emergency care) निशुल्क प्रदान की जाएगी।
  • * यदि डेजिग्नेटिड अस्पताल में आपातकालीन उपचार (emergency treatment) के बाद मरीज अस्पताल के बिल का भुगतान (payment) नहीं कर पाता तो यह बिल (Bill) सरकार भरेगी। इसके लिए एक अलहदा कोष बनाया जाएगा।
  • * दवा (medicine) लेने अथवा जांच (test) करने के स्थान को चुनने का मरीज (patients) को पूरा अधिकार (right) होगा।
  • * यदि अस्पताल को पुलिस रिपोर्ट (police report) प्राप्त नहीं होती तो इसके बगैर भी मरीज का इलाज किया जा सकेगा।
  • * मरीज को अपने इलाज (treatment) के बारे में पूरी जानकारी लेने का अधिकार होगा। * मरीज अथवा उसके परिजनों को उसके इलाज के बारे में किसी दूसरे डॉक्टर अथवा अस्पताल से राय (advise) लेने का पूरा अधिकार होगा।
  • * स्वास्थ्य का अधिकार के तहत शिकायत निवारण तंत्र (grievance redressal system) का भी प्रावधान किया गया है। इसके जरिए बिल सेवाओं (bill services) से इनकार और अधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ शिकायतें सुनी जाएंगी। शिकायत दर्ज करने के लिए एक वेब पोर्टल (web portal) और हेल्पलाइन केंद्र (helpline center) भी स्थापित किया जाएगा। खास बात यह है कि शिकायत का जवाब देने के लिए संबंधित अधिकारी के पास 24 घंटे का समय होगा। जिला स्वास्थ्य प्राधिकरण (district health authority) इस समय सीमा से अधिक तक अनसुलझी रही शिकायतों पर कार्रवाई कर रिपोर्ट (report) 30 दिनों के भीतर वेब पोर्टल पर अपलोड (upload) करेगा।
  • * यदि जिला स्वास्थ्य प्राधिकरण 30 दिनों के भीतर शिकायत का समाधान नहीं करता है, तो संबंधित शिकायत को राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण (state health authority) को भेजा जाएगा। वही डिस्ट्रिक्ट अथॉरिटी के फैसलों के खिलाफ अपील (appeal) सुनेगी।
  • * डेजिग्नेटिड अस्पतालों को समय पर भुगतान (timely payment) के लिए ऑटो अप्रूवल (auto approval) का प्रावधान रहेगा।
  • * मरीज को स्वास्थ्य प्राधिकरण (health authority) के फैसले के खिलाफ सिविल कोर्ट (civil court) में जाने का भी अधिकार होगा।
  • * स्वास्थ्य का अधिकार में शामिल डेजिग्नेटिड निजी चिकित्सा संस्थानों का दायरा चरणबद्ध (phase wise) तरीके से बढ़ाया जाएगा।

स्वास्थ्य का अधिकार से क्या लाभ होगा? (What will be the benefits of right to health?)

आइए, अब जान लेते हैं कि स्वास्थ्य का अधिकार से राजस्थान प्रदेश के रहने वालों को क्या लाभ होंगे-

  • नागरिकों को सभी निशुल्क स्वास्थ्य योजना की सुनिश्चितता की गारंटी होगी।
  • सभी मरीजों का सरकारी एवं डेजिग्नेटेड अस्पतालों में इलाज सुनिश्चित होगा।
  • निजी अस्पतालों की मनमानी पर रोक लगेगी।
  • अस्पताल मरीजों के इलाज में बेईमानी नहीं कर सकेंगे।
  • पैसे के अभाव में किसी मरीज को इलाज से वंचित नहीं रहना पड़ेगा।

स्वास्थ्य का अधिकार की आवश्यकता क्यों है? (What is the necessity of right to health?)

भारत जैसे देश में जहां स्वास्थ्य सेवाओं का घोर अभाव है, ऐसे में कानूनी गारंटी ना होने से लोग स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में दम तक तोड़ जाते हैं। कई बार यह होता है कि उन्हें सरकार द्वारा उनके लिए चलाई जा रही निशुल्क स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पाता। निजी अस्पताल मरीजों के इलाज का दावा करते हैं, लेकिन कई बार मरीजों को इस बात का पता तक नहीं चलता डॉक्टर द्वारा उसका क्या इलाज किया जा रहा है। उसे कोई विशेष दवा क्यों खिलाई जा रही है।

कई बार एक डॉक्टर के परामर्श को दूसरा डॉक्टर मानने को तैयार नहीं होता। मरीज को नए सिरे से सारे टेस्ट कराने के लिए मजबूर किया जाता है। निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों के महंगे ट्रीटमेंट से कन्नी काटी जाती है। कई बार इलाज का पैसा न होने पर मरीजों को अस्पताल से जाने तक नहीं दिया जाता। इन सभी स्थितियों को देखते हुए राजस्थान सरकार ने अपने नागरिकों के हित के लिए स्वास्थ्य का अधिकार लाने की पहल की है। जिसे राज्य के नागरिकों की दृष्टि से एक बहुत अच्छा कदम माना जा सकता है।

स्वास्थ्य का अधिकार लागू होने की राह में क्या चुनौतियां हैं? (What are the challenges in the way of implementation of right to health?)

मित्रों, ऐसा नहीं है कि केवल स्वास्थ्य का अधिकार लागू करके ही राज्य के नागरिकों की स्वास्थ्य संबंधी सभी समस्याओं का हल हो जाएगा। इसके सख्ती से लागू होने में कई तरह की चुनौतियां होंगी। जैसे-प्रदेश में स्वास्थ्य ढांचा (health structure) कैसा है अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या व स्थिति कैसी है। वहां पर्याप्त डॉक्टर उपलब्ध है कि नहीं हैं।

निजी अस्पतालों और का कमीशनखोरों का नेक्सस कहां तक फैला है। दवाओं की उपलब्धता क्या है आदि। यद्यपि यह अच्छी बात है कि राजस्थान सरकार द्वारा अपने बजट का 60% हिस्सा चिकित्सा पर खर्च किया जा रहा है। इससे नागरिकों को वृहद रूप से चिकित्सा सेवाओं (medical facilities) का लाभ मिल पा रहा है।

फिलहाल राजस्थान में कौन-कौन सी निशुल्क स्वास्थ्य योजनाएं संचालित की जा रही हैं? (At present which free health schemes are being implemented in Rajasthan?)

मित्रों, यहां बात स्वास्थ्य का अधिकार की चल रही है तो लगे हाथों यह भी जान लेते हैं कि राजस्थान प्रदेश में सरकार द्वारा कौन-कौन सी स्वास्थ्य योजनाएं फिलहाल संचालित की जा रही हैं, जिनका यहां के नागरिक निशुल्क लाभ उठा सकते हैं। दोस्तों, राजस्थान की प्रदेश सरकार द्वारा अपने नागरिकों की स्वास्थ्य कवरेज (health coverage) सुनिश्चित करने के लिए कुछ योजनाएं चलाई जा रही है।

मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना (mukhyamantri chiranjeevi health insurance scheme) इसी प्रकार की एक योजना है। आपको बता दें कि इस योजना के तहत पूरे राजस्थान में 1,550 से भी अधिक सार्वजनिक व निजी अस्पतालों (public and private hospitals) में स्वास्थ्य कवरेज प्रदान की जाती है। इसमें कई प्रकार के इलाज (treatment) के लिए बीमा कवरेज (insurance coverage) प्रदान की जाती है।

right to health Related F&Q

स्वास्थ्य का अधिकार क्या है?

यह स्वास्थ्य योजनाओं की कानूनी गारंटी (legal guarantee) है। स्वास्थ्य का अधिकार किसी भी नागरिक को स्वास्थ्य संस्थान को आवश्यक शुल्क या शुल्क के पूर्व भुगतान के बगैर आपातकालीन उपचार (emergency treatment) एवं देखभाल (care) का अधिकार देता है।

स्वास्थ्य का अधिकार को संक्षेप में क्या कहा जाता है?

स्वास्तिक का अधिकार को संक्षेप में RTH कहा जाता है। इसकी फुल फॉर्म राइट टू हेल्थ (right to health) है।

स्वास्थ्य का अधिकार कहां की सरकार लाई है?

स्वास्थ्य का अधिकार राजस्थान की कांग्रेस नीत अशोक गहलोत सरकार लाई है।

स्वास्थ्य का अधिकार लाने वाला राजस्थान देश का कौन सा राज्य है?

ऐसा करने वाला राजस्थान हमारे देश भारत का पहला राज्य बना है।

स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक राजस्थान विधानसभा में कब पास हुआ?

राजस्थान विधानसभा में यह विधेयक 21 मार्च 2024 को पास हुआ है।

स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक के मुख्य मुख्य प्रावधान क्या हैं?

इन प्रावधानों के बारे में हमने आपको ऊपर पोस्ट में सारी जानकारी विस्तार से दी है। आप आसानी से वहां से देख सकते हैं।

दोस्तों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको स्वास्थ्य का अधिकार के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी दी। इस अधिकार के समस्त प्रावधानों के बारे में बताया। यदि इस पोस्ट के संबंध में आपका कोई भी सवाल अथवा सुझाव है तो उसे आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके हम तक पहुंचा सकते हैं ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
[fluentform id="3"]

Leave a Comment