गैस लाइटिंग का क्या अर्थ है? गैस लाइटिंग का पहला इस्तेमाल कब हुआ?

|| गैस लाइटिंग का क्या अर्थ है? | गैस लाइटिंग का पहला इस्तेमाल कब हुआ? | इन दिनों गैसलाइटिंग शब्द चर्चा में क्यों है? | गैस लाइटिंग के क्या-क्या प्रभाव देखने को मिलते हैं? | What is the meaning of gas lighting? | When the word gas lighting was used first? | Why the gaslight word is in the news these days? | What the effects of gas lighting are seen on a person? ||

यदि आप सामान्य रूप से किसी व्यक्ति के आगे गैसलाइट या गैसलाइटिंग शब्द का इस्तेमाल करेंगे तो उसे लगेगा कि शायद आप किचन की गैस को लाइट करने की बात कर रहे हैं। लेकिन आप यह जानकर चौंक जाएंगे कि इस शब्द का किचन से कोई लेना-देना नहीं, बल्कि यह मनोविज्ञान की दुनिया मे इस समय सबसे अधिक चल रहा शब्द है। यह एक ऐसा शब्द है, जिसने इन दिनों सामान्य लोगों का भी बड़े पैमाने पर ध्यान खींचा है। गैसलाइटिंग क्या होती है? इस शब्द का इस्तेमाल सबसे पहले कहां हुआ है? इसके क्या-क्या प्रभाव पड़ते हैं? जैसे विभिन्न सवालों पर आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से जवाब देने की कोशिश करेंगे। आइए शुरू करते हैं-

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गैस लाइटिंग का क्या अर्थ है? (What is the meaning of gas lighting?)

मित्रों, सबसे पहले गैसलाइटिंग के अर्थ की बात करते हैं। सामान्य रूप से किसी व्यक्ति के साथ छल करके उसे उसे वास्तविकता से भ्रमित करने एवं उस पर सवाल करने को गैसलाइटिंग (Gaslighting) पुकारा जाता है।इसका मतलब किसी व्यक्ति के वास्तविक दृष्टिकोण में हेरफेर के जरिए बदलाव लाने से लगाया जाता है। सामान्यतः गैसलाइटिंग को (Gaslighting) एक भावनात्मक दुरुपयोग (emotional misuse) की भी संज्ञा दी जाती है। यदि प्रेम संबंधी मामलों में इस प्रकार का व्यवहार (Behavior) किया जाता है तो संबंधित व्यक्ति पूरी तरह टूट जाता है। वह स्वयं को मानसिक रूप से प्रताड़ित (Mentally Tortured) भी महसूस करता है।

गैस लाइटिंग का क्या अर्थ है गैस लाइटिंग का पहला इस्तेमाल कब हुआ

क्योंकि गैसलाइटिंग के जरिए मनोवैज्ञानिक तरीके से उससे बात करते हुए उसके फैसलों, अनुभवों, अनुभूतियों आदि पर सवाल खड़े किए जाते हैं। गैस लाइटिंग को समय के साथ किसी व्यक्ति में आने वाले मनोवैज्ञानिक बदलाव (psychological change) के रूप में भी परिभाषित किया जाता है। इसमें कोई व्यक्ति अथवा समूह जानबूझकर किसी व्यक्ति को मनोवैज्ञानिक तिकड़म के जरिए उसके विवेक अथवा समझदारी पर शक करने को मजबूर कर देता है.

दोस्तों, आपको बता दें कि यह आम तौर पर धीमे जहर की तरह होती है। व्यक्ति को यह पता लगाना मुश्किल होता है कि वह वास्तव में इसका शिकार बन रहा है, क्योंकि गैसलाइटिंग के शिकार व्यक्ति को खुद की काबिलियत को लेकर शक होता है। वह खुद को शक्ति हीन महसूस करता है। उसे खुद की ही याददाश्त (memory), भावनाओं (feelings) व इंद्रियों (senses) पर भरोसा नहीं रह जाता। इसका बुरा असर उसकी मानसिक एवं शारीरिक सेहत पर भी पड़ता है।

गैस लाइटिंग को एक उदाहरण के द्वारा कैसे समझें? (How to know gas lighting through an example?)

मित्रों, अब हम आपको कुछ उदाहरणों से स्पष्ट करेंगे कि गैसलाइटिंग क्या है। जैसे कि यदि कोई आपको बता रहा है कि लोगों की नजर में आप समझदारी खो रहे हैं। या वे आपको पागल समझते हैं। चीजों और वस्तुओं को आपसे छिपाना, और बाद में इसके बारे में जानने से इनकार करना भी गैसलाइटिंग का एक अच्छा उदाहरण है, जैसे कि- आप अपनी नज़र का चश्मा फिर से नहीं ढूंढ पा रहे हैं?

यह काफी चिंताजनक है। आपसे बात करना एवं बाद में संबंधित बात से इनकार करना भी गैसलाइटिंग का ही नमूना है। जैसे -बैंक में पैसे जमा करने की बात कहकर भी कहे- मैंने यह नहीं कहा कि मैं बैंक में पैसा जमा करूंगा। क्या आप ऐसा लग रहा है? यह दावा करना कि आप एक निश्चित स्थान पर थे अथवा नहीं थे भी गैसलाइटिंग का ही उदाहरण है।

ये सब उदाहरण सामान्य तौर पर भ्रम, आत्मविश्वास एवं आत्मसम्मान की कमी, किसी को भावनात्मक अथवा मानसिक स्थिरता की अनिश्चितता की ओर ही ले जाते हैं। यदि गैसलाइटिंग के लंबे वक्त तक रहने वाले बुरे प्रभावों की बात करें तो इनमें, एंग्जाइटी, डिप्रेशन, ट्रामा आदि शामिल हैं। ऐसे में वे उस गलत व्यक्ति पर ही निर्भरता महसूस करने लगते हैं, जो उनकी इस स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं।

कैसे जानें कि आपके साथ गैसलाइटिंग हो रही है? (How to know that you are becoming a victim of gas lighting?)

मित्रों, अब आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर यह कैसे जाना जाए कि आपके साथ गैसलाइटिंग हो रही है? तो आपको बता दें कि यह जानने के कई तरीके हैं। जैसे- किसी ने आपको कार्यालय, घर या किसी और जगह इस प्रकार की बात कहीं कि आप चीजें भूल जाते हैं, जबकि आपको पूरा भरोसा है कि आपकी याददाश्त सही काम कर रही है।

अथवा कोई आपकी बात समझ में आने के बावजूद कन्फ्यूज होने का दिखावा करे तो समझ जाइए कि आप गैसलाइटिंग(Gaslighting) के शिकार बन रहे हैं। दोस्तों, यह एक ऐसी स्थिति है, जो धीरे-धीरे आपको अपनी गिरफ्त में ले लेती है। आपके लिए यह पता लगाना भी मुश्किल हो जाता है कि आप इसके शिकार हो चुके हैं। जब तक आप इस संबंध में जान पाते हैं, तब तक ये आपका बहुत नुकसान कर चुकी होती है।

गैस लाइटिंग शब्द का पहला इस्तेमाल कहां देखने को मिलता है? (Where was the word gas lighting used very first?)

मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि गैसलाइटिंग शब्द का इस्तेमाल सबसे पहले वर्ष 1938 में पैट्रिक हैमिल्टन के नाटक गैस लाइट में देखने को मिलता है। इस नाटक का कथानक एक ऐसे व्यक्ति के इर्द-गिर्द घूमता है, जो अपनी पत्नी को यह भरोसा दिलाने की कोशिश में जुटा रहता है कि वह पागल हो रही है। वह अपने घर की गैस लाइट की रोशनी कम कर देता है और पत्नी को भ्रमित कर यह सोचने पर मजबूर कर देता है कि उसे रोशनी को लेकर भ्रम हो गया है। इस नाटक के करीब 20 वर्ष पश्चात यानी सन् 1960 में गैसलाइटिंग शब्द का बोलचाल की भाषा में इस्तेमाल होने लगा।

इस समय गैसलाइटिंग शब्द चर्चा में क्यों है? (Why gas lighting world is in news these days?)

दोस्तों, आपको बता दें कि अमेरिका (America) के सबसे पुराने शब्दकोश अथवा डिक्शनरी (dictionary) के प्रकाशक मेरियम-वेबस्टर द्वारा गैसलाइटिंग को वर्ष के शब्द (word of the year) के रूप में चुना गया है। आपको बता दें कि बीते वर्ष यानी सन् 2022 में इस शब्द की सर्च में कोई कम नहीं, बल्कि 1,740% की बढ़ोतरी दर्ज की गईं है। इसीलिए यह शब्द इन दिनों चर्चा में है इसके अतिरिक्त गैसलाइट नाम से एक बॉलीवुड मूवी भी इन दिनों आ रही है, जिसमें गैसलाइटिंग की शिकार नायिका की कहानी को दर्शकों के सामने लाया जा रहा है।

गैसलाइटिंग की क्या-क्या तकनीकें हैं? (What are the techniques of gas lighting?)

गैसलाइटिंग किस-किस तरीके से होती है? इसकी क्या-क्या तकनीकें हैं, अब हम इस पर बात करेंगे। मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि इसके लिए कई तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे कि काउंटरिंग (countering), विदहोल्डिंग (withholding), डिनायल (Denial), स्टीरियोटाइप आदि। इनमें से स्टीरियोटाइप तकनीक का सर्वाधिक इस्तेमाल होता है। इसमें कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी अन्य व्यक्ति के लिंग, जाति, नस्ल, कामुकता, राष्ट्रीयता अथवा उम्र संबंधी नकारात्मक स्टीरियोटाइप का इस्तेमाल कर गैसलाइटिंग करता है।

गैसलाइटिंग के क्या-क्या प्रभाव देखने को मिलते हैं? (What effects are seen of gas lighting on a person?)

अब आपके दिमाग में सवाल उठ रहा होगा कि गैसलाइटिंग के कौन-कौन से प्रभाव देखने को मिलते हैं? तो अब हम उन्हें प्रभाव की बात करेंगे, जो कि इस प्रकार से हैं-

  • * गैसलाइटिंग में दुर्व्यवहार करने वाले एवं इसका शिकार होने वाले के बीच शक्ति का असंतुलन देखने को मिलता है।
  • * दुर्व्यवहार करने वाले अक्सर लिंग, नस्ल, राष्ट्रीयता/वर्ग आदि से संबंधित रूढ़ियों/कमजोरियों आदि का फायदा उठाते हैं।
  • * गैसलाइटिंग से अनिश्चितता व आत्म-संदेह को बढ़ावा मिलता है। * गैसलाइटिंग संबंधित व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य के लिये हानिकारक होती है।
  • * गैसलाइटिंग का शिकार व्यक्ति आत्मविश्वास की कमी, चिंता, अवसाद, भटकाव आदि का अनुभव करता है।
  • इसके अतिरिक्त गैसलाइटिंग के कुछ प्रमुख प्रभाव इस प्रकार से हैं-

गोधूलि क्षेत्र प्रभाव (Twilight Zone Effect)-

इस स्थिति में गैसलाइटिंग के शिकार अक्सर स्वयं को उनके जीवन के बाकी हिस्सों से अलग स्थिति में महसूस करते हैं। वे ऐसी स्थिति में अतिशयोक्ति अथवा दिखावा जैसा करते हैं। साथ ही, वे किसी के साथ संवाद करने के पश्चात स्वयं को भ्रमित एवं शक्तिहीन महसूस करते हैं।

आइसोलेशन जोन प्रभाव (Isolation zone Effect):

इस स्थिति में गैसलाइटिंग करने वाले पीड़ितों को उनके मित्रों, परिवार वालों और अन्य सहायता नेटवर्क (help network) से अलग करने अथवा दूर करने का प्रयास करते हैं। इससे पीड़ित के सामाजिक जीवन पर प्रभाव पड़ता है। इससे संबंधित व्यक्ति खुद को अस्थिर महसूस करता है। वह सभी से अलग होकर आइसोलेशन में जा सकता है। उसमें अपनों से दूर होने का भय व्याप्त हो जाता है।

टोन पाॅलिसिंग (Tone Policing):

गैसलाइटिंग करने वाला व्यक्ति टोन पॉलिसिंग के जरिए भी व्यक्ति को पीड़ा पहुंचाता है। यदि कोई व्यक्ति उन्हें किसी बात पर चुनौती देता है तो वह इस युक्ति के जरिए उसके लहज़े की आलोचना करता है। आपको बता दें दोस्तों कि इस युक्ति का इस्तेमाल सामान्य रूप से स्क्रिप्ट को बदलने के लिए किया जाता है। गैसलाइटिंग के शिकार व्यक्ति को यह महसूस कराया जाता है कि गाली देने वाले के स्थान पर वह स्वयं दोषी है। एक ही संवाद में गैस लाइटर वैकल्पिक रूप से मौखिक दुर्व्यवहार (oral misbehave) एवं प्रशंसा दोनों कर सकता है।

गैस लाइटिंग किन क्षेत्रों में अधिक व्याप्त है? (In which fields gaslighting more preveils?)

दोस्तों, आपको बता दें कि इस समय ऐसा कोई क्षेत्र नहीं जो गैसलाइटिंग से अछूता हो। आप सर्वाधिक व्याप्त सूचना के क्षेत्र के ही बात करें तो गलत सूचना,

फेक न्यूज (fake news), ट्विटर ट्रोल (Twitter troll) के लिए गैसलाइटिंग का बहुत इस्तेमाल किया जाता है। कुछ महिलाओं को उनके डॉक्टरों द्वारा गैसलाइट किया जाता है। वे एक महिला रोगी को बताते हैं कि वास्तव में उसके साथ कुछ भी गलत नहीं हुआ है। एक गैसलाइटर किसी ट्रांसजेंडर को यह समझाने की कोशिश कर सकता है कि उसे मानसिक स्वास्थ्य विकार है।

यदि कानून की बात करें तो कई दफा गैसलाइटर महिलाओं के बारे में तर्कहीन चित्रण करते हैं। दोस्तों, कोई व्यक्ति अपने कार्यक्षेत्र में भी गैसलाइटिंग का शिकार हो सकता है। ऊंचे पद पर आसीन किसी व्यक्ति द्वारा उसे उसकी क्षमता पर संदेह उत्पन्न कराया जा सकता है। मित्रों, यदि बात राजनीति की करें तो किसी नेता द्वारा उसके राजनीतिक संगठन के लिए सार्वजनिक बातचीत को विषय से भटकाने अथवा किसी विशेष दृष्टिकोण के पक्ष में या उसके खिलाफ राय में हेर-फेर करने की रणनीति के रूप में भी गैसलाइटिंग की जाती है।

गैसलाइटिंग की क्या वजह होती है? (What is the reason of gas lighting?)

अब गैस लाइटिंग की वजह पर एक नजर डाल लेते हैं। दोस्तों, जान लीजिए कि लोग रिलेशनशिप (Relationship) के दौरान अलग-अलग कारणों से एक प्रकार के नियंत्रण (Control) एवं शक्ति (Power) के तलबगार होते हैं। इस वजह से वे आपकी वास्तविकता पर सवाल उठाते हैं। झूठ बोलते हैं। आप पर भरोसा न करने का दिखावा करते हैं। गैसलाइटिंग (Gaslighting) के पीछे हर किसी के अलग-अलग तर्क होते हैं। समय के साथ-साथ गैसलाइटिंग (Gaslighting) के शिकार व्यक्ति खुद पर ही भरोसा नहीं करते। उन्हें यह भी लगता है कि वे मानसिक रूप से कमजोर हैं।

गैस लाइटिंग के क्या-क्या लक्षण हैं? (What are the symptoms of gas lighting?)

साथियों, यह बहुत महत्वपूर्ण जानकारी है। अब हम आपको बताएंगे कि गैसलाइटिंग के क्या-क्या लक्षण हैं। इनका ब्योरा इस प्रकार से है-

  • व्यक्ति का पहले की तुलना में कम आत्मविश्वासी होना।
  • व्यक्ति को पहले जैसा महसूस न होना।
  • किसी बात को लेकर खुद को बार-बार अपराधी मानना व अक्सर माफ़ी मांगना।
  • आपका बेहद संवेदनशील हो जाना।
  • चीजों के गलत होने के लिए स्वयं को जिम्मेदार ठहराना।
  • यह महसूस करना कि आप जो कुछ भी करते हैं ,वह गलत है। किसी कार्य को करने से पहले यह सोचना कि वह गलत हो जाएगा।
  • यह महसूस करना कि कुछ गलत है, लेकिन यह पहचानने में सक्षम न होना कि क्या गलत है।
  • दोस्तों व परिवार से अलग-थलग महसूस करना।
  • अपने साथी के व्यवहार के लिए दूसरों के लिए बहाना बनाना।
  • अपने साथी के संबंध में किसी भी प्रकार के टकराव से बचने के लिए परिजनों/दोस्तों को जानकारी देने से कतराना।
  • मन में घोर निराशा की भावना जाग जाना।
  • जिन गतिविधियों में आप पहले आनंद लेते थे, उनमें कोई रुचि न रह जाना।
  • किसी भी संबंध में निर्णय लेना अधिक कठिन प्रतीत होना।

क्या रिलेशनशिप छोड़ने के बाद भी गैसलाइटिंग का प्रभाव दृष्टिगोचर होता है? (Is there any effect of gas lighting seen even after giving up the relationship?)

यदि आप किसी प्रेम संबंध में हैं और आपको यह लग रहा है कि गैसलाइटिंग केवल रिलेशनशिप के दौरान ही व्यक्ति की स्थिति को खराब करती है तो आप बिल्कुल गलत सोच रहे हैं। गैसलाइटिंग करने वाले व्यक्ति से रिलेशनशिप खत्म करने के पश्चात भी इसका प्रभाव दृष्टिगोचर हो सकता है। अपनी स्वयं की बनाई हुई धारणाओं पर ही संदेह करते हुए संबंधित व्यक्ति उसे मुश्किल में डालने वाले फैसले ले सकता है।

गैस लाइटिंग के मुख्य रूप से क्या क्या नुकसान होते हैं? (What are the main disadvantages of gas lighting?)

गैसलाइटिंग के कई नुकसान है जिसमें से कुछ प्रमुख नुकसान इस प्रकार से हैं-

  • * गैसलाइटिंग से मानसिक स्वास्थ्य (mental health) के खराब होने जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। स्वयं पर भ्रम हो सकता है। आत्म-सम्मान को ठेस लगी सकती है। मानसिक तनाव की स्थिति भी रह सकती है।
  • * गैस लाइटिंग से कुछ लोग अन्य लोगों पर भरोसा करने से कतराते हैं। लोगों के प्रति अविश्वास की भावना पाल सकते हैं। वे खुद को दोषी ठहराते हैं। दूसरों पर विश्वास न करने से उनके अन्य रिश्ते भी प्रभावित हो सकते हैं।
  • * गैसलाइटिंग के असर से कुछ लोग अपने आस-पास के लोगों को अधिक खुश रखने का प्रयास करते हैं। ऐसे में उन्हें उनसे नुकसान हो सकता है। कुछ अन्य लोग ऐसे समय में उनका फायदा उठाकर ऐसा फिर कर सकते हैं।

गैसलाइटिंग से बचने के लिए क्या करें? (What to do to prevent gas lighting?)

गैसलाइटिंग के नुकसान के बारे में हमने आपको बिंदुवार जानकारी दी। लेकिन हम आपको बताएंगे कि इससे बचने के लिए क्या करें- * आपके साथ जो भी हुआ हो, उसे एक डायरी में नोट करें। किसी विश्वासपात्र अथवा काउंसलर को इस संबंध में बताएं। उसकी सलाह पर चलें।

  • * यदि कोई फोटो हो तो संभाल कर रखें, ताकि आपके पास आपके सही होने का सुबूत रहे।
  • * यदि सुविधा हो तो अपने और गैसलाइटिंग करने वाले की सारी बातें रिकॉर्ड करें।
  • * सभी सुबूत किसी सीक्रेट जगह रखें।
  • * जब आप इस्तेमाल न कर रहे हों तो अपना फोन लॉक कर के रखें। * यदि गैसलाइटिंग शारीरिक हिंसा में तब्दील हो जाए तो सहन न करें, फौरन पुलिस/भरोसेमंद व्यक्ति/संगठन की मदद लें।
  • * यदि गैसलाइटिंग से आपका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हुआ हो तो किसी प्रोफेशनल एवं अनुभवी काउंसलर/डाक्टर से सलाह लें। एक सही डाक्टर ही आपको उन मान्यताओं/विचारों आदि से एवं उस व्यक्ति से अलग करने में मदद कर सकता है, जो आपकी गैसलाइटिंग कर रहा है।
  • * यकीन करें कि आप एक अनोखे इंसान हैं। याद रखें कि हम सभी के पास एक रिश्ते के बाद एक खुशहाल जीवन जीने एवं शुरू करने का विकल्प है। अपनी आंतरिक आवाज को और मजबूत बनाएं।

gas lighting related FAQ

गैस लाइटिंग क्या होती है?

सामान्य रूप से किसी व्यक्ति के साथ छल करके उसे उसे वास्तविकता से भ्रमित करने एवं उस पर सवाल करने को गैसलाइटिंग (Gaslighting) पुकारा जाता है।

गैसलाइटिंग शब्द का इस्तेमाल सबसे पहले कहां हुआ?

इस शब्द का सबसे पहले इस्तेमाल 1938 में पैट्रिक हैमिल्टन के नाटक गैस लाइट में देखने को मिलता है।

गैसलाइटिंग शब्द का आम बोल-चाल की भाषा में कब इस्तेमाल शुरू हुआ?

इस शब्द का आम बोल-चाल की भाषा में इस्तेमाल सन् 1960 में शुरू हुआ।

गैसलाइटिंग के लक्षण क्या-क्या हैं?

इस संबंध में हमने आपको ऊपर पोस्ट में विस्तार से जानकारी दी है। आप वहां से देख सकते हैं।

गैसलाइटिंग किन-किन क्षेत्रों में देखने को मिलती है?

प्रेम संबंधों के अलावा राजनीति के क्षेत्र, कार्यस्थल आदि तमाम क्षेत्रों में गैसलाइटिंग देखने को मिलती है।

गैसलाइटिंग के सबसे बड़े नुकसान क्या हैं?

इसकी वजह से व्यक्ति का खुद पर भरोसा कम हो जाता है। वह हर समस्या के लिए स्वयं को दोषी मानने लगता है। बार-बार माफी मांगने लगता है आदि।

गैसलाइटिंग से कैसे बचें?

इसके बारे में हमने आपको ऊपर पोस्ट में विस्तार से बताया है। आप वहां से देख सकते हैं।

दोस्तों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको गैस लाइटिंग के बारे में जानकारी दी। उम्मीद है कि इस जानकारी से आपको गैसलाइटिंग के सभी बिंदु स्पष्ट हो गए होंगे। यदि आपको इस पोस्ट पर कोई सवाल अथवा हो सुझाव है तो उसे नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके हम तक भेज सकते हैं। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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