स्नोलीगोस्टर का क्या अर्थ है? इन दिनों यह शब्द चर्चा में क्यों है?

कई बार राजनीति या किसी अन्य क्षेत्र में ऐसे शब्दों का प्रयोग कर दिया जाता है, जिनका अर्थ आम लोगों को नहीं पता होता। इन दिनों सियासत में स्नोलीगोस्टर शब्द बहुत तेजी से प्रचलित हो रहा है। क्या आप जानते हैं कि स्नोलीगोस्टर क्या होता है? यदि नहीं, तो आज की यह पोस्ट आपके बेहद काम की है। आज इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि स्नोलीगोस्टर का क्या अर्थ है? इन दिनों यह शब्द चर्चा में क्यों है? आइए, शुरू करते हैं-

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स्नोलीगोस्टर का क्या अर्थ है? (What is the meaning of snollygoster?)

दोस्तों, यदि स्नोलीगोस्टर शब्द के सामान्य अर्थ की बात करें तो इसका मतलब एक चतुर, लेकिन सिद्धांतहीन/बेईमान/धूर्त व्यक्ति होता है। आपको बता दें दोस्तों कि यह शब्द आम तौर पर राजनीतिज्ञों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ऐसा क्यों है? इसके बारे में हम आगे आपको इस पोस्ट में विस्तार से बताएंगे।

स्नोलीगोस्टर का क्या अर्थ है इन दिनों यह शब्द चर्चा में क्यों है

स्नोलीगोस्टर शब्द की उत्पत्ति कहां से हुई है? (Where the word snollygoster originated from?)

दोस्तों, आइए अब आपको बता दें कि स्नोलीगोस्टर शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई? साथियों, आपको जानकारी दे दें कि इस संबंध में भरोसे के साथ कुछ नहीं कहा जा सकता। कुछ विद्वान मानते हैं कि स्नोलीगोस्टर की उत्पत्ति स्नॉलीगस्टर शब्द से हुई है। आपको बता दें दोस्तों कि स्नॉलीगस्टर को एक पौराणिक प्राणी माना जाता है। मैरीलैंड में पाया जाने वाला यह प्राणी आधा सरसृप एवं आधा पक्षी होता है।

कहा जाता है कि यह मुर्गियों व बच्चों का शिकार करता है। लेकिन यह उद्धरण इसलिए सही प्रतीत नहीं होता, क्योंकि इसका सबसे पहला ज्ञात उदाहरण सन् 1940 में देखने को मिलता है। जबकि स्नोलीगोस्टर शब्द को पहली बार सन् 1845 में मैरियन काउंटी, इंडियाना में छापा जा चुका था। यही इसका पहला ज्ञात उपयोग है।

स्नोलीगोस्टर के साथ-साथ और कौन से शब्द चलन में आए? (Which words came in to existence with snollygoster?)

दोस्तों, जैसा कि हम आपको बता चुके हैं कि 1850 के दशक के आस-पास स्नोलीगोस्टर शब्द का इस्तेमाल मिलता है, ऐसे में अनेक ऐसे शब्द हैं, जो अंग्रेजी में इसके साथ चलन में आए। इन शब्दों में पिकअप (pickup), कीवर्ड (keyword), बैराज (barrage), बॉयलर प्लेट (boilerplate), लेवाबो (lavabo) आदि शब्द शामिल थे।

स्नोलीगोस्टर शब्द का इस्तेमाल किस लिए किया जाता था? (For which snollygoster word used earlier?)

दोस्तों, जैसा कि हम आपको ऊपर बता चुके हैं कि स्नोलीगोस्टर शब्द का अर्थ एक चतुर लेकिन बेईमान व्यक्ति (विशेष रूप से राजनीतिज्ञ) से लगाया जाता है। ऐसे में सन् 1850 के दशक तक, इसका इस्तेमाल दक्षिण अमेरिका (South America) में राजनेताओं को व्यंग्यात्मक तरीके से संदर्भित करने के लिए किया जाता था। इसमें मजाक के साथ ही अपमान का भी पुट रहता था।

स्नोलीगोस्टर शब्द को कब बढ़ावा मिला? (When did this snollygoster word get encouragement?)

दोस्तों, स्नोलीगोस्टर शब्द बेशक 19वीं शताब्दी में चलन में आ गया था, लेकिन कहा जाता है कि इसे तब अधिक बढ़ावा मिला, जब हैरी एस. ट्रूमैन द्वारा अपने एक भाषण में इस शब्द का प्रयोग किया गया। उन्होंने यह भाषण सन् 1952 में वेस्ट वर्जीनिया स्थित पार्कर्सबर्ग में दिया था। इसमें उनके द्वारा रिपब्लिकन स्नोलीगोस्टर्स की निंदा करने के पश्चात चुटकी ली गई कि काश इनमें (रिपब्लिकन) में से कुछ स्नोलीगोस्टर न्यू टेस्टामेंट पढ़ते और इसी के अनुसार प्रदर्शन करते।

यद्यपि आपको बता दें दोस्तों कि मरियम-वेबस्टर डिक्शनरी द्वारा लगातार इस्तेमाल में न होने के चलते इस शब्द को सन् 2003 में अपनी संक्षिप्त कॉलेजिएट डिक्शनरी (small collegiate dictionary) से हटा दिया गया था।

दोस्तों, आपको बता दें कि पत्रकार (journalist), कॉलमिस्ट (columnist) एवं राजनीतिक टिप्पणीकार (political commentator) बिल ओ’रेली द्वारा इस शब्द का बहुधा इस्तेमाल किया गया, उनके द्वारा इसके शब्द को निरूपित किया गया। जिसके बाद इस डिक्शनरी द्वारा आज से लगभग सात वर्ष पूर्व फरवरी, 2017 में एक बार फिर स्नोलीगोस्टर शब्द को वापस अपने कोष में शामिल कर लिया गया।

इन दिनों स्नोलीगोस्टर शब्द चर्चा में क्यों है? (Why snollygoster word is in news these days?)

दोस्तों, जैसा कि आप जानते हैं, कांग्रेस (congress) के अंग्रेजीदां नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) अपनी अंग्रेजी की वजह से आमतौर पर चर्चा में रहते हैं। इस बार वे स्नोलीगोस्टर शब्द को लेकर आए हैं। उनके द्वारा बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (chief minister Nitish Kumar) के लिए यह शब्द इस्तेमाल किए जाने की वजह से यह बेहद चर्चा में है।

यह तो आप जानते ही हैं कि नीतीश कुमार ने राजद का साथ छोड़कर भाजपा के साथ हाथ मिला लिया है और नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। दोस्तों, ऐसा नहीं है कि शशि थरूर द्वारा पहली बार नीतीश कुमार के लिए इस शब्द का इस्तेमाल किया गया हो। आज से करीब 7 वर्ष पूर्व 26 जुलाई, वर्ष 2017 में शशि थरूर द्वारा नीतीश कुमार के पाला बदलकर भाजपा के साथ जाने के संदर्भ में यह शब्द ट्वीट (tweet) किया गया था।

आपको बता दें दोस्तों कि उस वक्त नीतीश कुमार बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (rashtriya Janata dal) यानी राजद (RJD) एवं कांग्रेस (congress) की साझेदारी से बने महागठबंधन से अलग होकर फिर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ हो गए थे। जबकि दोनों लंबे समय तक एक दूसरे को गरियाते रहे थे। इसके पश्चात आज से करीब चार वर्ष पूर्व यानी सन् 2019 में उन्होंने इस स्नोलीगोस्टर शब्द को फिर से ट्वीट किया।

यह वो वक्त था, जब भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta party) के नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra fadanvis) ने महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की। आपको बता दें दोस्तों कि इस समय राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (nationalist Congress party) के नेता अजित पवार द्वारा इस सरकार का समर्थन किया गया था।

शशि थरूर द्वारा नवंबर, 2022 में रंग -बिरंगे खंभे पर चढ़ते रंग बदलते गिरगिट का वीडियो पोस्ट कर स्नोलीगोस्टर शब्द का इस्तेमाल किया गया। आप समझ ही गए होंगे कि इस पोस्ट के जरिए उनके द्वारा भारत में दल-बदल करने वाले विभिन्न पार्टियों के नेताओं पर कटाक्ष किया गया था।

स्नोलीगोस्टर शब्द को राजनेताओं के लिए मुख्य रूप से इस्तेमाल करने की क्या वजह है? (What is the reason behind using snollygoster word for mainly political leaders?

दोस्तों, यह तो आप जानते ही हैं की राजनीति इन दिनों केवल अवसरवादिता का खेल कही जाती है। इसमें सिद्धांत कोई मायने नहीं रखते हैं। अधिकांश नेता लोगों की सेवा के नाम पर सत्ता में आते हैं, और केवल अपने व्यक्तिगत स्वार्थों की सिद्धि करते हैं।

इस क्रम में सेवा व सिद्धांत उनके लिए कोई मायने नहीं रखते। लिहाजा, उन्हें ही मुख्य रूप से स्नोलीगोस्टर यानी चतुर किंतु सिद्धांतहीन व्यक्ति कहकर पुकारा जाता है। पूर्व में हैम और बिल ओरैली द्वारा भी इन्हें इसी रूप में निरूपित किया गया है।

दोस्तों, आपको बता दें कि नीतीश कुमार को अकेला स्नोलीगोस्टर पुकारा जाना उचित नहीं, क्योंकि हमारे देश में राजनीति का इतिहास सेवा की बजाय व्यक्तिगत स्वार्थों को प्राथमिकता देने वाले इस प्रकार के पलटी मार नेताओं के उदाहरणों से भरा पड़ा है।

सभी के लिए सिद्धांत के स्थान पर सत्ता प्रमुख हैं, जिसके लिए वे बेहद चतुराई भरी बिसात बिछाते हैं। कई बार वे राजनीति में किसी पद के लोभ में अथवा अधिकांशतः कभी अपने संतान प्रेम के चलते धूर्तता करने पर उतर आते हैं। सही अर्थों में वे लोक सेवक नहीं, सत्ता लोलुप होते हैं। दोस्तों, ऐसा नहीं कि इस प्रकार के नेताओं की पहचान जनता को नहीं होती।

उन्हें इनकी पहचान अवश्य होती है। किंतु जब चुनाव आते हैं और वोट देने की बारी आती है तो अच्छे विकल्पों का अभाव उन्हें इसी प्रकार के नेताओं को चुनने को विवश करता है। इस तरह की स्थितियों के बदलने की संभावना तभी पैदा हो सकती है, जबकि अच्छे लोग राजनीति में आएं।

स्नोलीगोस्टर शब्द का क्या अर्थ है?

इस शब्द का अर्थ चतुर किंतु सिद्धांतहीन व्यक्ति है।

स्नोलीगोस्टर शब्द बहुधा किन लोगों के लिए इस्तेमाल किया जाता है?

यह शब्द बहुधा राजनेताओं के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

वर्तमान में स्नोलीगोस्टर शब्द चर्चा में क्यों है?

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक बार फिर पलटी मार कर भाजपा के साथ हाथ मिला लेने के बाद शशि थरूर द्वारा उनके लिए यह शब्द इस्तेमाल करने से स्नोलीगोस्टर एक बार फिर चर्चा में है।

क्या शशि थरूर द्वारा नीतीश कुमार के लिए इस शब्द का इस्तेमाल पहली बार किया गया है?

जी नहीं। इससे पूर्व 2017 में भी नीतीश कुमार के महागठबंधन तोड़कर भाजपा के साथ हाथ मिला लेने पर शशि थरूर द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री के लिए यह शब्द इस्तेमाल किया गया था।

स्नोलीगोस्टर शब्द का पहला ज्ञात उपयोग कब से मिलता है?

इस शब्द का पहला ज्ञात उपयोग सन् 1845 में मिलता है।

स्नोलीगोस्टर के साथ-साथ और कौन कौन से शब्द चलन में आए?

इन शब्दों के बारे में हमने आपको ऊपर पोस्ट में बताया है। आप वहां से देख सकते हैं।

दोस्तों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको बताया कि स्नोलीगोस्टर का क्या अर्थ है? इन दिनों यह शब्द चर्चा में क्यों है? उम्मीद करते हैं कि इस पोस्ट से आपकी जानकारी में वृद्धि हुई होगी। यदि ऐसी ही और भी रोचक पोस्ट आप हमसे पाना चाहते हैं तो उसके लिए नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके हमें बता सकते हैं। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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