एनपीएस निकासी का नया नियम क्या है?

|| एनपीएस निकासी का नया नियम क्या हैं? | What is the new rule to withdraw NPS? | एनपीएस की फुल फाॅर्म क्या है? | What is the full form of NPS? | पीएफआरडीए क्या है? | नए नियम के तहत दस्तावेज अपलोड करने की प्रक्रिया क्या है? ||

समय के साथ-साथ लोग भविष्य को लेकर प्लानिंग करने को भी खासी तवज्जो दे रहे हैं। वह अपनी आमदनी से अपनी वर्तमान आवश्यकताओं की पूर्ति तो कर ही रहे हैं, इसके साथ ही भविष्य के लिए भी कुछ पैसा बचा रहे हैं। खास तौर पर अपने बच्चों की उच्च शिक्षा, उनकी शादी अथवा घर बनाने जैसी जरूरतें उनकी प्राथमिकताओं में शुमार हैं। इसके लिए वे विभिन्न योजनाओं में निवेश करते हैं। एनपीएस भी एक ऐसी ही निवेश योजना है। हाल ही में एनपीएस निकासी के नियम में बदलाव हुआ है। आज इस पोस्ट में हम आपको इसी नियम के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। आइए शुरू करते हैं-

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एनपीएस की फुल फाॅर्म क्या है? (What is the full form of NPS?)

दोस्तों, एनपीएस (NPS) में निवेश (investment) करने वाले इसकी फुल फाॅर्म (Full form) और इसके अर्थ से वाकिफ हैं, लेकिन यदि आप नहीं जानते हैं तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एनपीएस की फुल फाॅर्म नेशनल पेंशन सिस्टम (National pension system) है।

एनपीएस निकासी का नया नियम क्या है

एनपीएस की शुरुआत कब हुई? (When did NPS start?)

आपको बता दें दोस्तों कि एनपीएस (NPS) एक वाल्यंटरी रिटायरमेंट सेविंग स्कीम (voluntary retirement savings scheme) है। इस स्कीम (scheme) को केंद्र सरकार (Central government) के वित्त मंत्रालय (finance ministry) द्वारा केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए 22 दिसंबर, 2003 को शुरू किया गया था।

एनपीएस का क्या उद्देश्य है? (What is the objective of NPS?)

मित्रों, अब जान लेते हैं कि एनपीएस का उद्देश्य क्या है? आपको बता दें कि एनपीएस का उद्देश्य नागरिकों में सेवानिवृत्ति के पश्चात (after retirement) बचत की आदत (habit of saving) को प्रोत्साहित करना है। अच्छे रिटर्न (good return) की वजह से लोग इस स्कीम में निवेश करने को बेहतर समझते हैं। इस स्कीम का एक प्रमुख उद्देश्य वृद्धावस्था में आय सुरक्षा (income security) एवं एनपीएस निवेशकों के हितों की रक्षा करना भी है।

एनपीएस में कौन निवेश कर सकता है? (Who can invest in NPS?)

साथियों, आपको जानकारी दे दें कि इस सिस्टम (system) के तहत टियर-1 व टियर-2 (tier-1 and tier-2) में निवेश (investment) किया जा सकता है। वर्तमान में इस स्कीम में 18 साल की उम्र से लेकर 60 वर्ष तक के कर्मचारी/नागरिक निवेश कर सकते हैं। इस स्कीम के साथ अच्छी बात यह है कि इसमें परंपरागत टैक्स सेविंग प्लान (traditional tax saving plan) जैसे-इसमें पीपीएफ (PPF), एफडी (FD) आदि से अच्छा रिटर्न (return) मिलता है।

एनपीएस में कितना न्यूनतम निवेश किया जा सकता है? (How much minimum investment can be done in NPS?)

मित्रों, आपको बता दें कि एनपीएस में कोई भी व्यक्ति एक वर्ष में न्यूनतम 6 हजार रुपए एवं एक माह में न्यूनतम (minimum) 500 रुपए का अंशदान (contribution) कर सकता है, जबकि इसके लिए कोई अधिकतम सीमा (maximum limit) निर्धारित नहीं की गई है।

एनपीएस निकासी का नया नियम क्या हैं? (What is the new rule of NPS withdrawal?)

साथियों, हाल ही में पेंशन फंड नियामक संस्था पीएफआरडीए (PFRDA) द्वारा एनपीएस से निकासी के लिए नया नियम लागू किया है। इस नए नियम के अनुसार अब एनपीएस निकासी एवं एन्यूटी (withdrawal and annuity) के लिए केवाईसी (KYC) यानी नो योर कस्टमर (know your customer) की प्रक्रिया (process) को अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अंतर्गत एनपीएस निवेशक (NPS investor) को एनपीएस से पैसा निकालने के लिए केवाईसी संबंधित दस्तावेजों (kyc related documents) को अपलोड (upload) करना होगा।

इससे भौतिक रूप से (physically) दस्तावेज (documents) जमा करने की बाध्यता खत्म हो जाएगी। इसके साथ ही मौजूदा समय में एनपीएस निकासी (NPS withdrawal) में लगने वाले समय में भी कमी आएगी। लिहाजा इसके सदस्यों को सुविधा होगी। दोस्तों, आपको बता दें कि वर्तमान समय में रिटायरमेंट के बाद एनपीएस निकासी की प्रक्रिया (NPS withdrawal process) में करीब एक माह का समय लग जाता है। इसके साथ ही एन्यूटी लेने एवं उसके बदले पेंशन (pension) लेने की पूरी प्रक्रिया में लगभग दो से तीन माह का समय लगता है। एनपीएस निकासी (NPS withdrawal) के नए नियम से दोनों प्रक्रिया एक साथ ही पूरी हो जाएंगी। इससे एनपीएस होल्डर्स (NPS holders) को कोई अधिक भाग-दौड़ करने की आवश्यकता भी नहीं रह जाएगी।

पीएफआरडीए क्या है? (What is PFRDA?)

दोस्तों, एनपीएस से जुड़े नए बदलाव पीएफआरडीए द्वारा किए गए हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि यह क्या है? तो यहां आपको बता दें कि पीएफआरडीए की फुल फार्म पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथाॅरिटी (pension fund regulatory and development authority) है। आपको बता दें इसकी स्थापना पीएफआरडीए एक्ट (PFRDA act)-2013 द्वारा एक फरवरी, 2014 को की गई थी।

एनपीएस निकासी के लिए कौन से दस्तावेज अपलोड करने अनिवार्य होंगे? (What documents are to be uploaded necessarily to withdraw NPS?)

मित्रों, हमने आपको एनपीएस निकासी के नए नियम के बारे में जानकारी दी। अब जान लेते हैं कि वे कौन से दस्तावेज (documents) हैं, जिन्हें बतौर केवाईसी एनपीएस से पैसा निकालने के लिए अनिवार्य रूप से अपलोड (upload) करना होगा। ये इस प्रकार से हैं-

  • एनपीएस निकासी फाॅर्म।
  • इस फाॅर्म में दिए दर्ज की गई पहचान एवं पते का कोई प्रूफ।
  • बैंक खाते का प्रूफ।
  • प्रान कार्ड की स्कैन की गई काॅपी।

प्रान कार्ड क्या होता है? (What is PRAN card?)

मित्रों, अब आप पूछेंगे कि यह प्रान कार्ड (Pran card) क्या होता है? तो आपको बता दें कि यहां PRAN का तात्पर्य परमानेंट रिटायरमेंट एकाउंट नंबर (permanent retirement account number) से है। आपको बता दें कि यह एक यूनिक एवं पोर्टेबल नंबर (unique and portable number) होता है, जो कि एनपीएस के सब्सक्राइबर (subscriber) को प्रदान किया जाता है।

एनपीएस निकासी के लिए दस्तावेज अपलोड करते वक्त किन बातों का ध्यान रखें? (What things should be kept in mind while uploading the document for NPS withdrawal?)

दोस्तों, यदि आप एनपीएस निकासी करने जा रहे हैं तो संबंधित दस्तावेज अपलोड करते वक्त आपको कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना होगा, जो कि इस प्रकार से हैं-

  • अपलोड किए जाने वाले दस्तावेज स्पष्ट हों।
  • दस्तावेज अपलोड करने से पूर्व आवेदक का नाम (name), जन्म-तिथि (date of birth), नाॅमिनी (nominee) का नाम अवश्य जांच लें।
  • पूरी प्रक्रिया डिजिटल रूप से (digitally) करने हेतु एसएमएस एवं ईमेल (sms and email) के जरिए ओटीपी वेरिफिकेशन (OTP verification) अथवा आधार (aadhar) के जरिए ई-साइन (e-sign) का आप्शन चुनें।

नए नियम के तहत दस्तावेज अपलोड करने की प्रक्रिया क्या है? (What is the process of uploading new documents under new rule?)

अब आपको नए नियम के तहत दस्तावेज अपलोड करने की प्रक्रिया की जानकारी देंगे, जो कि इस प्रकार से है-

  • सबसे पहले सीआरए सिस्टम (CRA system) (पीएफआरडीए में एनएसडीएल एवं कार्वी को सेंट्रल रिकार्ड कीपिंग एजेंसी नियुक्त किया गया है) में लाॅग-इन (login) करें।
  • यहां आनलाइन एनपीएस निकासी (online NPS withdrawal) के लिए रिक्वेस्ट (request) करें।
  • रिक्वेस्ट करते वक्त ई-साइन (e-sign) अथवा ओटीपी वेरिफिकेशन (OTP verification) कराएं।
  • इस प्रक्रिया में आपका पता (Address), बैंक खाते का ब्योरा (Bank account details), नाॅमिनी का ब्योरा (details of nominee) एनपीएस एकाउंट (NPS account) से स्वतः ले लिया जाएगा।
  • अब आवश्यक दस्तावेज अपलोड (necessary documents upload) करने होंगे।
  • आपकी रिक्वेस्ट (request) के पश्चात नोडल कार्यालय (Noida office) सभी दस्तावेजों (documents) की जांच करेगा एवं इसके पश्चात संबंधित व्यक्ति को इस संबंध में जानकारी दे देगा।

एनपीएस निकासी का नया नियम कब से लागू होगा? (From when new rule of NPS withdrawal will be implemented?)

मित्रों, अब आप यह जरूर जानना चाहते होंगे कि एनपीएस निकासी का नया नियम कब से लागू होगा? तो आपको जानकारी दे दें कि इसी साल यानी 2024 की एक अप्रैल से यह नियम लागू हो जाएगा। अभी भी बहुत से एनपीएस सदस्यों को इस नियम के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। सरकार इस नियम के प्रचार-प्रसार पर फोकस कर रही है।

एनपीएस से कितना पैसा निकाला जा सकता है? (How much money can be withdrawn from NPS?)

मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि एनपीएस (NPS) यानी नेशनल पेंशन सिस्टम (national pension system) के सदस्यों को मैच्योरिटी (maturity) यानी परिपक्वता अवधि (maturity period) से पूर्व अथवा तीन वर्ष पूरे होने के बाद ही समय से पहले निकासी (withdrawal) की इजाजत है।

यहां यह बात भी ध्यान रखने वाली है कि एनपीएस से निकासी की राशि कुल योगदान के 25 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती है। यानी कि इससे अधिक पैसा इससे नहीं निकाला जा सकता। यहां यह भी शर्त रखी गई है कि एनपीएस से मैच्योरिटी से पूर्व निकासी जिन कारणों के लिए की जा सकती है, उनमें बच्चे की उच्च शिक्षा (higher education), बच्चे की शादी (marriage), गंभीर बीमारियों के इलाज (treatment of serious illness), घर की खरीद/निर्माण आदि शामिल हैं।

वर्तमान में निवेशक एनपीएस में निवेश करना क्यों पसंद करते हैं? (Why investors like to invest their money in NPS?)

एनपीएस में निवेश करना इन दिनों लोग बहुत पसंद करते हैं। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि इसमें महज 500 रूपए के निवेश से ही शुरुआत की जा सकती है। दूसरे इसमें निवेशकों (investors) को अच्छा रिटर्न (return) प्राप्त होता है। अन्य निवेश योजनाओं की अपेक्षा इसे सुरक्षित (safe) भी माना जाता है।

एनपीएस क्या है?

एनपीएस की फुल फाॅर्म नेशनल पेंशन सिस्टम है। यह एक रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है।

एनपीएस का नया नियम क्या है?

अब एनपीएस निकासी के लिए केवाईसी को अनिवार्य कर दिया गया है।

एनपीएस के नए नियम से क्या सुविधा होगी?

इस नियम के बाद एनपीएस धारकों का पेंशन निकालने में लगने वाला समय बचेगा। इसके अतिरिक्त उन्हें प्रूफ को भौतिक रूप से जमा करने की आवश्यकता नहीं रहेगी।

एनपीएस का नया नियम कब से लागू होगा?

एनपीएस का यह नया नियम एक अप्रैल, 2024 से लागू होगा।

एनपीएस नियामक संस्था कौन है?

एनपीएस नियामक संस्था पीएफआरडीए है।

एनपीएस में न्यूनतम कितने रुपए के साथ निवेश किया जा सकता है?

एनपीएस में न्यूनतम 500 रुपए के साथ निवेश की सुविधा प्रदान की गई है।

पीएफआरडीए की फुल फार्म क्या है?

इसकी फुल फाॅर्म पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथाॅरिटी है।

पीएफआरडीए की स्थापना कब हुई थी,

इसकी स्थापना आज से करीब नौ वर्ष पूर्व सन् 2014 में हुई थी।

प्रान कार्ड की फुल फाॅर्म क्या है?

प्रान कार्ड की फुल फाॅर्म परमानेंट रिटायरमेंट एकाउंट नंबर है।

वर्तमान समय में रिटायरमेंट के बाद एनपीएस निकासी की प्रक्रिया में कितना समय लग जाता है?

वर्तमान समय में रिटायरमेंट के पश्चात एनपीएस निकासी की प्रक्रिया में करीब एक माह का समय लग जाता है।

दोस्तों, हमने इस पोस्ट (post) में आपको एनपीएस निकासी के नए नियम की जानकारी दी। उम्मीद करते हैं कि यह नियम आपको पूरी तरह से स्पष्ट हो गया होगा। यदि आप इसी प्रकार की जानकारीपरक पोस्ट हमसे चाहते हैं तो उसके लिए हमें नीचे दिए गए कमेंट बाक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके भेजें।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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