यूपीआई ब्लॉक फैसिलिटी क्या है? शेयर बाजार में यह व्यवस्था कब से लागू होगी? | What is upi block facility? | when this arrangement will be implemented in share market? | यूपीआई क्या है? | शेयर मार्केट में यह व्यवस्था कब से लागू होगी? | यूपीआई ब्लॉक की क्या लिमिट होगी? ||
इन दोनों एक अतिरिक्त आय के लिए शेयर मार्केट का रुख करने वालों की कमी नहीं है। क्या आप भी शेयर मार्केट में पैसा लगाते हैं यदि हां, तो भविष्य में आपको भी आईपीओ की तरह यूपीआई ब्लॉक फैसिलिटी मिलने लगेगी। इन दिनों इसकी बड़ी चर्चा है। यह यूपीआई ब्लॉक फैसिलिटी क्या है? यह व्यवस्था शेयर मार्केट में कब से लागू होगी? आदि जैसे आपके मन में उठने वाले अनेक सवालों का जवाब आज हम आपको इस पोस्ट में देने की कोशिश करेंगे। आइए, शुरू करते हैं –
यूपीआई क्या है? (what is a UPI?)
दोस्तों, इससे पूर्व कि हम यूपीआई ब्लॉक फैसिलिटी पर बात करें आइए जान लेते हैं कि यूपीआई क्या है? पहले यूपीआई (UPI) की फुल फॉर्म जान लेते हैं। यह यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (Unified Payment Interface) है।
यदि सामान्य शब्दों में कहे तो यह एक ऐसा सिस्टम (system) है, जिससे तुरंत पेमेंट (payment) होता है। इस प्लेटफॉर्म की मदद से, मोबाइल प्लेटफ़ॉर्म (mobile platform) पर दो पक्ष एक-दूसरे को पैसे ट्रांसफ़र (transfer) कर सकते हैं। दोस्तों, एक और बात आपको बता दें कि गूगल पे (Google Pay) के साथ बैंक खाता (bank account) जोड़ने के लिए यह आवश्यक है कि आपके बैंक में यूपीआई की सुविधा उपलब्ध हो।
यूपीआई ब्लॉक फैसिलिटी क्या है? (What is UPI block facility?)
दोस्तों, यदि आप शेयर बाजार में पैसा लगाते हैं तो आपने एप्लिकेशन सपोर्टेड बाय ब्लॉक्ड अमाउंट (Application supported by blocked amount) यानी अस्बा (ASBA) के बारे में निश्चित रूप से सुना होगा। जब भी हम किसी आईपीओ (IPO) अथवा एफपीओ (FPO) के लिए आवेदन (apply) करते हैं तो हमारे अकाउंट (account) से आवेदन राशि (application amount) कटती नहीं है, बल्कि ब्लॉक (block) हो जाती है।
आप जानते होंगे कि शेयर एलॉट (share allotment) होने पर ही अकाउंट से पैसे कटते हैं। अब कुछ इसी प्रकार की व्यवस्था सेकंडरी मार्केट (secondary market) यानी लिस्टेड शेयरों (listed shares) की खरीद-बिक्री (sale-buy) में देखने को मिलेगी। इसे ट्रेडिंग सपोर्टेड बाय ब्लॉक्ड अमाउंट (Trading supported blocked amount) यानी टीएसबीए (TSBA) पुकारा जाता है।
दोस्तों, नई व्यवस्था में इसे यूपीआई से जोड़ा जाएगा। इसलिए इसे यूपीआई ब्लॉक फैसिलिटी (UPI block facility) नाम दिया गया है। नई व्यवस्था में पैसे तो निवेशक (investors) के अकाउंट में ही रहेंगे, लेकिन क्लियरिंग कॉरपोरेशन के लिए ब्लॉक हो जाएंगे। आपको बता दें कि ब्लॉक के निर्धारित दिन खत्म होने, क्लियरिंग कॉरपोरेशन (clearing corporation) के ब्लॉक हटाने अथवा सौदा पूरा होने तक यह पैसे ब्लॉक ही रहेंगे।
मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड आफ इंडिया (securities exchange board of India) यानी सेबी (SEBI) के बोर्ड ने मार्च, 2024 में यूपीआई ब्लॉक फैसिलिटी के प्रस्ताव (proposal) को मंजूरी दी थी। शेयर मार्केट में नई व्यवस्था 1 जनवरी, 2024 से लागू होगी। साथियों, आपको बता दें कि शुरू में इसे इक्विटी कैश सेगमेंट (equity cash segment) में लागू किया जाएगा।
इसके पश्चात इसे क्लियरिंग कॉरपोरेशन (clearing corporation) द्वारा अन्य सेगमेंट (segment) में भी लागू किया जा सकेगा। दोस्तों, आपको बता दें कि यूपीआई ब्लॉक फैसिलिटी को लागू करने के लिए स्टॉक एक्सचेंज stock (exchange), क्लियरिंग कॉरपोरेशन (clearing corporation) एवं डिपॉजिटरी (depository) को नियमों में आवश्यक संशोधन के निर्देश (instructions) दिए गए हैं। इस संबंध में भारतीय शेयर बाजार (share market) के रेगुलेटर सेबी ने एक सर्कुलर भी जारी किया जा चुका है।
क्या निवेशकों व ब्रोकरों को यूपीआई ब्लॉक फैसिलिटी अनिवार्य रूप से अपनानी होगी? (Will it be mandatory to have upi block facility for investors and brokers?)
मित्रों, यदि आप यह सोचते हैं कि यूपीआई ब्लॉक फैसिलिटी निवेश को एवं ब्रोकर को अनिवार्य रूप से अपनानी होगी तो आपको बता दें कि फिलहाल यूपीआई ब्लॉक फैसिलिटी की यह व्यवस्था निवेशकों तथा ब्रोकरों (investors and brokers) के लिए वैकल्पिक यानी ऑप्शनल (optional) होगी।
स्टॉक एक्सचेंज (stock exchange), क्लियरिंग कॉरपोरेशन (clearing corporation), डिपॉजिटरी (depository), नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (national payment corporation of India) यानी एनपीसीआई (npci) एवं स्टॉक ब्रोकर्स (stock brokers) को इसकी तैयारी के लिए छह महीने का समय प्रदान किया गया है।
यूपीआई ब्लॉक फैसिलिटी को लाए जाने के पीछे क्या उद्देश्य है? (What is the object behind bringing upi block facility?)
दोस्तों, मुख्य रूप से यूपीआई ब्लॉक फैसिलिटी लाने का मकसद अथवा उद्देश्य निवेशकों को ब्रोकर के डिफॉल्ट (default) करने अथवा फंड के दुरुपयोग (misuse of fund) से बचाना माना जा रहा है। यह तो आप जानते ही होंगे दोस्तों कि अभी तक आम निवेशक जो शेयर खरीदना चाहते हैं, उसके लिए वे अपने ब्रोकर से कहते हैं और उसे पैसे ट्रांसफर करते हैं।
ब्रोकर ही एक्सचेंज में शेयर खरीदने का ऑर्डर प्लेस करता है। नई व्यवस्था में फंड एवं सिक्युरिटीज (शेयर) fund and securities (share) का सेटलमेंट (settlement) क्लियरिंग कॉरपोरेशन ही करेगा। फंड एवं शेयरों की हैंडलिंग में स्टॉक ब्रोकर की कोई भूमिका नहीं होगी।
जहां तक स्टॉक ब्रोकर की भूमिका (stock brokers role) का सवाल है तो उन्हें यूपीआई ब्लॉक फैसिलिटी के अनुसार अपने सिस्टम को अपडेट (system update) करना पड़ेगा। यद्यपि शेयर बाजार (share market) में निवेश (investment) को बढ़ावा देने एवं कंप्लायंस (compliance) जैसे मामलों में उनकी भूमिका पहले की ही तरह अहम रहेगी।
यूपीआई ब्लॉक की क्या लिमिट होगी? (What will be the limit of upi block?)
मित्रों, आपको जानकारी दें कि क्लियरिंग कॉरपोरेशन द्वारा यूपीआई ब्लॉक फैसिलिटी का इस्तेमाल करने वाले निवेशकों (investments) के अकाउंट का प्रतिदिन सेटलमेंट (daily settlement) किया जाएगा। इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि यदि निवेशक को किसी रकम का भुगतान होना है तो वह सेटलमेंट के दिन ही हो जाएगा।
दोस्तों आपको बता दें कि अभी तक यूपीआई आधारित शेयर खरीद (upi based share buying) में एक बार में 5 लाख रुपए की सीमा है। ऐसे में यही सीमा यूपीआई ब्लॉक की भी होगी। दोस्तों, यहां यह भी स्पष्ट कर दें कि एक साथ कई ब्लॉक (block) हो सकते हैं, लेकिन कुल मिलाकर इनकी सीमा (limit) 5 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
इसके अतिरिक्त एक निवेशक को कई ब्रोकर के पास ट्रेडिंग अकाउंट (trading account) रखने की इजाजत होती है, ऐसे में यदि निवेशक चाहे तो अपनी सुविधा के अनुसार कुछ ब्रोकर के साथ यूपीआई ब्लॉक एवं कुछ ब्रोकर के पास बिना यूपीआई ब्लॉक के ट्रेडिंग कर सकता है।
दोस्तों, जान लीजिए कि सभी कैश कोलैटरल (cash co-llateral) यूपीआई ब्लॉक के जरिए ही होंगे। सिर्फ वही सिक्युरिटीज बतौर कोलैटरल रखी जा सकेंगी, जिनका नाम क्लियरिंग कॉरपोरेशन की लिस्ट में होगा।
यूपीआई ब्लाक फैसिलिटी का लाभ उठाने के लिए एक निवेशक को क्या करना होगा? (What investor has to do to avail the benefit of upi block facility?)
दोस्तों, अब जान लेते हैं कि यूपीआई ब्लॉक फैसिलिटी का लाभ उठाने के लिए एक निवेशक को क्या करना होगा-
- * दोस्तों, सबसे पहले यूपीआई ब्लॉक सुविधा का इस्तेमाल करने के इच्छुक निवेशकों को इसके बारे में अपने ब्रोकर को बताना होगा।
- * ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज को यह जानकारी देगा।
- * अब स्टाक एक्सचेंज यूनिक क्लायंट कोड सिस्टम (unique client code system) में उपलब्ध जानकारी के आधार पर निवेशक के बैंक और डीमैट अकाउंट (bank and De-Mat account) को वैलिडेट (validate) करेगा।
- * वैलिडेशन (validation) के पश्चात स्टाक एक्सचेंज द्वारा यह जानकारी क्लियरिंग कॉरपोरेशन को दे दी जाएगी।
- * निवेशक को यूपीआई एप (app) के जरिए ब्लॉक क्रिएट करना होगा। यह ब्लॉक क्लियरिंग कॉरपोरेशन के नाम होगा। इसमें सिक्युरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (securities transactions tax) यानी एसटीटी (stt) एवं स्टांप ड्यूटी (stamp duty) आदि भी शामिल होंगे।
मित्रों, हमने आपको यूपीआई ब्लॉक फैसिलिटी के बारे में तो बता दिया। अब आपको बताते हैं कि शेयर खरीदने पर सौदे की राशि कैसे कटेगी? दोस्तों, आपको बता दें कि शेयर खरीदने की स्थिति में कोलैटरल एवं सौदे की राशि इसी ब्लॉक रकम से काटी जाएगी। निवेशकों द्वारा ब्लॉक की गई रकम से उसकी एक्सपायरी होने तक उसमें से अलग-अलग सौदों के लिए छोटी-छोटी राशि निकाली जा सकती है। इसे सिंगल ब्लॉक-मल्टीपल डेबिट (single block multiple debit) भी पुकारा जाता है।
बता दें कि निवेशक द्वारा ब्रोकर (broker) के एप (app) के जरिए ब्लॉक रिलीज (block release) करने का भी अनुरोध किया जा सकता है। वह यह अनुरोध क्लियरिंग मेंबर को एवं उसके द्वारा क्लियरिंग कॉरपोरेशन को किया जाएगा। अब क्लियरिंग कॉरपोरेशन द्वारा ब्लॉक रिलीज (block release) करने के बाद निवेशक (investment) का बैंक (bank) उसके अकाउंट (account) में पड़ी राशि )amount) से फ्रीज (freeze) हटा लेगा। उसकी ओर से इस संबंध में निवेशक को भी एक नोटिफिकेशन (notification) भी भेजा जाएगा।
यूपीआई ब्लॉक फैसिलिटी से निवेशकों को क्या लाभ होगा? (What benefits will investors get through this upi block facility?)
मित्रों, आइए अब जान लेते हैं कि यूपीआई ब्लॉक फैसिलिटी से निवेशकों को क्या लाभ होगा?
विशेषज्ञ मानते हैं कि यूपीआई ब्लॉक फैसिलिटी से ट्रेडिंग एवं इन्वेस्टमेंट के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेंगे। इस फैसिलिटी से निवेशकों को होने वाले कुछ लाभ इस प्रकार से हैं-
- * सेकेंडरी मार्केट में अधिक संख्या में निवेशक आएंगे।
- * इससे निवेशकों की एसेट्स की सुरक्षा होगी।
- * निवेशकों (investors) का जोखिम (risk) कम होगा।
- * सौदा पूरा होने तक निवेशकों की रकम ब्लॉक होने से उन्हें अतिरिक्त सुरक्षा प्राप्त होगी।
- * ट्रेडिंग की प्रक्रिया (trading process) अधिक स्ट्रीम लाइन (streamline) होगी।
यूपीआई की फुल फॉर्म क्या है?
यूपीआई की फुल फॉर्म यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस है।
यूपीआई ब्लॉक फैसिलिटी क्या है?
यह व्यवस्था सेकेंडरी मार्केट के लिए लाई गई है। इसमें सौदे की राशि क्लियरिंग कॉरपोरेशन में ब्लॉक रहेगी।
शेयर मार्केट में यूपीआई ब्लॉक फैसिलिटी कब से लागू होगी?
शेयर मार्केट में यूपीआई ब्लॉक फैसिलिटी 1 जनवरी, 2024 से लागू होगी।
यूपीआई ब्लॉक लिमिट क्या रहेगी?
यूपीआई ब्लॉक लिमिट 5 लाख रुपए तक रहेगी।
यूपीआई ब्लॉक फैसिलिटी लाने का क्या मकसद है?
यूपीआई ब्लॉक फैसिलिटी लाने का मकसद निवेशकों को के जोखिम को कम करना, उन्हें सुरक्षित रखना एवं ब्रोकर द्वारा फंड के दुरुपयोग पर रोक लगाना है।
सेबी के बोर्ड में यूपीआई ब्लॉक फैसिलिटी के प्रस्ताव को मंजूरी कब दी थी?
सेबी की बोर्ड द्वारा यूपीआई ब्लॉक फैसिलिटी को मार्च 2024 में मंजूरी दी गई थी।
कोई निवेशक यूपीआई ब्लॉक फैसिलिटी का लाभ कैसे उठा सकता है?
इसकी जानकारी हमने आपको ऊपर पोस्ट में विस्तार से दी है। आप वहां से देख सकते हैं।
दोस्तों, हमने आपको इस पोस्ट (post) में यूपीआई ब्लॉक फैसिलिटी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। उम्मीद करते हैं कि इस फैसिलिटी से जुड़े सभी बिंदु आपको स्पष्ट हो गए होंगे। यदि इस पोस्ट के संबंध में आपका कोई सवाल है तो उसे हमें नीचे दे कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके बता सकते हैं। हम उसका जवाब देने का पूरा प्रयास करेंगे। ।।धन्यवाद।।