हमारे देश में करोड़ों लोग ईपीएफओ से जुड़े हैं। ईपीएफओ अपने सदस्य कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं को क्रियान्वित कराने के साथ ही लोगों को बचत करने के लिए भी प्रोत्साहित करता है। अब ईपीएफओ द्वारा इसके एक नियम में बड़ा बदलाव किया गया है। क्या आप इस बदलाव के बारे में जानते हैं? यदि नहीं, तो आज यह पोस्ट आप ही के लिए है। ईपीएफओ के ताजे बदलाव को ठीक से समझने के लिए आपको इस पोस्ट को शुरू से अंत तक ध्यान से पढ़ना होगा। आइए, शुरू करते हैं-
ईपीएफओ क्या है? (What is EPFO?)
दोस्तों, आइए सबसे पहले जान लेते हैं कि ईपीएफओ क्या है? दोस्तों, यदि ईपीएफओ (EPFO) की फुल फॉर्म की बात करें तो यह Employee provident fund organisation है। इसे हिंदी में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन भी पुकारा जाता है। दोस्तों, आपको बता दें कि ईपीएफओ केंद्र सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय (labour and employment ministry) के तहत काम करने वाला एक वैधानिक निकाय है।
इसकी स्थापना कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 (ईपीएफ और एमपी अधिनियम) के अंतर्गत आज से करीब 72 वर्ष पूर्व 4 मार्च, 1952 को नई दिल्ली (New Delhi) में हुई थी। आपको बता दें दोस्तों कि 20 या इससे अधिक कर्मचारियों को रोजगार देने वाले विशिष्ट अनुसूचित कारखाने एवं प्रतिष्ठान इसके दायरे में आते हैं।
ईपीएफओ क्या करता है? (What are the functions of EPFO?)
मित्रों, अब आप पूछेंगे कि ईपीएफओ क्या करता है? तो आपको बता दें दोस्तों कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) का कार्य कर्मचारी भविष्य निधि के तहत निर्धारित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं (social security schemes) का क्रियान्वयन (implement) करना है। इस योजना के तहत लोगों को भविष्य निधि (provident fund), पेंशन (pension) एवं बीमा (insurance) संबंधी लाभ प्रदान किए जाते हैं। कुछ महीने पूर्व के एक आंकड़े के अनुसार संगठन के 6 करोड़ से भी अधिक रजिस्टर्ड सदस्य थे।
EPFO के नियम में क्या बड़ा बदलाव हुआ है? (What major change has been made in the rules of EPFO?)
दोस्तों, अब जान लेते हैं कि ईपीएफओ के नियम में क्या बड़ा बदलाव हुआ है। यह तो आप जानते ही हैं कि अभी तक ईपीएफओ द्वारा आधार कार्ड (Aadhaar card) को जन्म तिथि (date of birth) के प्रमाण (proof) के बतौर इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा।
ऐसा इसलिए क्योंकि अब आधार कार्ड को जन्म तिथि को अपडेट या मॉडिफाई (update or modify/correction) कराने के लिए मान्य दस्तावेजों (eligible documents) की सूची से बाहर कर दिया गया है। ईपीएफओ (EPFO) द्वारा Aadhaar removal के संबंध में 16 जनवरी, 2024 को एक सर्कुलर (circular) जारी किया गया है।
इसमें साफ कर दिया गया है कि बेशक आधार कार्ड में कार्ड होल्डर की जन्मतिथि अंकित होती है, लेकिन अब आधार कार्ड को जन्म तिथि यानी डेट आफ़ बर्थ (DoB) के लिए प्रूफ नहीं माना जाएगा।
ईपीएफओ द्वारा किसकी पहल पर यह कदम उठाया गया? (On whom initiative EPFO took this step?)
मित्रों, अब यह जान लेते हैं कि ईपीएफओ द्वारा यह कदम किसकी पहल पर उठाया गया है? आपको बता दें कि कुछ समय पहले इससे पहले unique identification authority of India यानी UIDAI द्वारा एक लेटर जारी किया गया था। इसमें उसके द्वारा जन्म तिथि में बदलाव के लिए आधार मान्य नहीं होने की बात कही गई थी। साथ ही इसे लिस्ट ऑफ डॉक्यूमेंट्स (list of documents) से हटा दिए जाने को कहा गया था। दोस्तों, इसी के बाद EPFO ने आधार कार्ड को लिस्ट से हटाने का फैसला लिया।
अब ईपीएफओ में जन्म तिथि के अपडेट-करेक्शन के लिए कौन से दस्तावेज मान्य होंगे? (How to documents will be valid to update/correct date of birth in EPFO?)
दोस्तों, ईपीएफओ द्वारा जन्म तिथि के अपडेट-करेक्शन के लिए मान्य दस्तावेजों की सूची से बाहर किए जाने के बाद अब इसके लिए कौन से दस्तावेज मान्य होंगे? यदि यही सवाल आपके दिमाग में भी उठ रहा है तो आपको बता दें कि कोई ऐसा दस्तावेज (documents) जिस पर आपका नाम एवं जन्मतिथि (Name and date of birth) अंकित हो वह इसके लिए मान्य होगा। EPFO के मुताबिक ये दस्तावेज (documents) इस प्रकार से हैं-
- जन्म प्रमाणपत्र (Birth Certificate)।
- किसी सरकारी बोर्ड (government board) या यूनिवर्सिटी की मार्कशीट (marksheet)।
- स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (school leaving certificate)।
- स्कूल ट्रांसफर सर्टिफिकेट (school transfer certificate)।
- सिविल सर्जन द्वारा जारी मेडिकल सर्टिफिकेट (Medical certificate)।
- पासपोर्ट (Passport)।
- पैन नंबर (PAN number)। सरकारी पेंशन सर्टिफिकेट (pension certificate)।
- मेडिक्लेम सर्टिफिकेट (mediclaim certificate)।डोमिसाइल सर्टिफिकेट (domicile certificate)।
आधार कार्ड का इस्तेमाल किस रूप में जारी रहेगा? (In which form the use of adhaar card will continue?)
दोस्तों, यह तो आप जानते ही हैं कि आधार कार्ड एक 12 अंकों का यूनिक पहचान पत्र (unique identification card) होता है। आधार कार्ड हमारे देश में किसी नागरिक की पहचान एवं उसके स्थायी निवास के सुबूत या प्रमाण के तौर पर मान्य है। ऐसे में
UIDAI द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि आधार कार्ड को आइडेंटिटी प्रूफ (पहचान पत्र) एवं एड्रेस प्रूफ (address proof) के तौर पर ही इस्तेमाल किया जाना वैध (valid) होगा।
इस संबंध में बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा क्या कहा गया है? (What has been said in this regard by Bombay highcourt?)
दोस्तों, आपको बता दें कि कुछ समय पूर्व बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा भी इस संबंध में फैसला सुनाया जा चुका है। महाराष्ट्र (Maharashtra) बनाम UIDAI एवं अन्य के एक केस में कोर्ट द्वारा कहा गया था कि आधार कार्ड नंबर को केवल पहचान पत्र (identity card) के बतौर इस्तेमाल किया जाए। जन्म प्रमाण पत्र (birth certificate) की तरह नहीं। इसके पश्चात UIDAI द्वारा एक सर्कुलर जारी कर इस संबंध में स्पष्टीकरण दिया गया था।
ईपीएफओ में यूएएन क्या है? (What is UAN in EPFO?)
दोस्तों, आपको बता दें कि प्रत्येक ईपीएफओ सदस्य (EPFO member) को एक परमानेंट नंबर (permanent number) दिया जाता है। यह नंबर 12 अंकों (digits) का होता है। इसे यूएएन (UAN) यानी यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (universal account number) पुकारा जाता है। इसे आप हिंदी में सार्वभौमिक खाता संख्या भी पुकार सकते हैं।
आपको बता दें कि एक ईपीएफओ सदस्य के सभी पीएफ खाते (PF accounts) उसके UAN से जुड़े होते हैं। यदि आप ईपीएफओ के पोर्टल (portal) के जरिए संगठन की ऑनलाइन सेवाओं (online services) का लाभ उठाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको यूएएन (UAN) को अपने आधार कार्ड एवं पैन कार्ड (aadhar card and Pan Card) से आवश्यक रूप से लिंक (link) करना होगा। आपको ईपीएफओ पोर्टल (EPFO portal) पर लॉगिन (login) करने के लिए हर बार अपने यूएएन की आवश्यकता होगी।
ईपीएफओ की कौन कौन सी सेवाएं आनलाइन प्राप्त की जा सकती हैं? (Which services of EPFO can be availed online?)
दोस्तों, इन दोनों ऑनलाइन का जमाना है। ऐसे में ईपीएफओ द्वारा भी अपनी कई सेवाएं (services) अपने सदस्यों को ऑनलाइन (online) प्रदान की जा रही हैं। जैसे कि ईपीएफओ का यूएएन धारी (UAN holder) कोई भी सदस्य अपनी पीएफ पासबुक ऑनलाइन (pf passbook online) देख सकता है। वह अपने पीएफ के लिए आनलाइन (online) ही आवेदन (apply) या क्लेम (claim) कर सकता है।
इसके साथ ही वह आनलाइन ही अपने क्लेम को ट्रैक (claim tracking) भी कर सकता है। दोस्तों, ईपीएफओ द्वारा यह सुविधाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराने के बाद से पीएफ सदस्यों को बहुत आसानी हो गई है। अब उन्हें पीएफ देखने या निकालने के लिए ईपीएफओ के ऑफिस के चक्कर काटने की आवश्यकता नहीं रह गई है। वे घर बैठे अपने इन कार्यों को अंजाम दे सकते हैं।
इसके साथ ही वे अपनी किसी भी तरह की शिकायत (complaint) को भी ऑनलाइन दर्ज (online register) कर सकते हैं। शिकायत पर क्या कार्रवाई (action) हुई है? इसे भी वे आनलाइन ट्रेस (online trace) कर सकते हैं। दोस्तों , यह तो आप जानते ही होंगे कि इससे पूर्व कर्मचारियों को अपना पीएफ लेने में कई महीने लग जाते थे। अब ऑनलाइन पीएफ अप्लाई (online pf apply) करने के कुछ ही दिन बाद पीएफ संबंधित कर्मचारी के खाते में ट्रांसफर (transfer) कर दिया जाता है।
FaQ
EPFO की फुल फॉर्म क्या है?
EPFO की फुल फॉर्म employees provident fund organisation है।
EPFO को हिंदी में क्या पुकारा जाता है?
EPFO को हिंदी में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन पुकारा जाता है।
EPFO की स्थापना कब हुई?
EPFO की स्थापना आज से करीब 72 वर्ष पूर्व 4 मार्च, 1952 को नई दिल्ली में हुई थी।
ईपीएफओ किस मंत्रालय के तहत वैधानिक निकाय है?
ईपीएफओ केंद्र के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के तहत वैधानिक निकाय है।
ईपीएफओ के नियम में क्या बदलाव किया गया है?
अब ईपीएफओ में जन्मतिथि के अपडेट/करेक्शन (update/correction) के लिए मान्य दस्तावेजों (recognised documents) की सूची से आधार कार्ड को बाहर कर दिया गया है।
अब ईपीएफओ में जन्मतिथि के अपडेट/करेक्शन के लिए कौन से दस्तावेज मान्य रहेंगे?
इन मान्य दस्तावेजों की सूची हमने आपको ऊपर पोस्ट में दे दी है। आप वहां से देख सकते हैं।
दोस्तों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको जानकारी दी कि EPFO के नियम में क्या बड़ा बदलाव हुआ है? उम्मीद करते हैं कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। यदि इस पोस्ट के संबंध में आपका कोई भी सवाल हो तो उसे हमें नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके भेज सकते हैं। ।।धन्यवाद।।