पोस्ट ऑफिस में निवेश संबंधी नियम में क्या बदलाव हुआ है?

हमारे देश में करोड़ों लोग डाकघर यानी पोस्ट ऑफिस (post office) की विभिन्न बचत योजनाओं (savings scheme) में निवेश (investment) करते हैं। इनके जरिए निवेशकों (investors) को अच्छा-खासा ब्याज (interest) मिलता है। इसके साथ ही पैसा भी सामान्य तौर पर सुरक्षित रहता है। हाल ही में पोस्ट ऑफिस में निवेश संबंधी नियम में बदलाव किया गया है। क्या आप जानते हैं कि यह बदलाव क्या है? यदि नहीं तो आज इस पोस्ट में हम आपको इस बदलाव के बारे में जानकारी देंगे। आइए, शुरू करते हैं –

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भारत में कुल कितने पोस्ट ऑफिस हैं? (How many post offices are there in India?)

दोस्तों, इससे पूर्व कि हम आगे बढ़ें। सबसे पहले जान लेते हैं कि भारत में कितने पोस्ट ऑफिस यानी डाकघर हैं। दोस्तों, आपको बता दें कि भारत में इस समय कुल 1,56,721 पोस्ट ऑफिस हैं। इस वृहद नेटवर्क (big network) के साथ यह दुनिया का सबसे बड़ा डाक नेटवर्क है।

पोस्ट ऑफिस में निवेश संबंधी नियम में क्या बदलाव हुआ है

आपको बता दें कि सन् 1727 में कोलकाता (Kolkata) में पहला डाकघर स्थापित किया गया था। इसके पश्चात कोलकाता प्रेसीडेंसी ( 1774), चेन्नई प्रेसीडेंसी (1786) एवं मुम्बई प्रेसीडेंसी (1793) में जनरल पोस्ट ऑफिस (General post office) यानी जीपीओ (GPO) की स्थापना को अंजाम दिया गया था।

पोस्ट ऑफिस में निवेश संबंधी नियम में क्या बदलाव हुआ है?? (What change has been made in the rule of investment in post office?)

दोस्तों, यह तो आपको पता ही होगा कि पोस्ट ऑफिस की किसी भी स्कीम में निवेश करने के लिए पैन कार्ड (pan card) और आधार कार्ड (aadhar card) की जानकारी देना आवश्यक है। लेकिन अब नए नियम के अनुसार पोस्ट ऑफिस (post office) आयकर विभाग (income tax department) से ग्राहक की जानकारी की पुष्टि करेगा। वह पता लगाएगा कि आधार कार्ड (adhaar card) पर दर्ज नाम (name) और निवेशक की जन्म की तारीख (date of birth) समान है अथवा नहीं।

यदि दोनों कार्ड पर दी गई डिटेल्स क्रॉस चेक (details cross check) में मैच (match) नहीं करती तो ग्राहक निवेश नहीं कर सकेगा। दोस्तों, आपको बता दें कि पैन कार्ड के मान्यकरण के लिए सीबीएस (CBS) कोर बैंक सॉल्यूशन सिस्टम (core bank solution system) को प्रोटीन ई-गॉव टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (protean e-gov tech ltd) के साथ जोड़ा गया है।

इस प्रक्रिया (process) से जो जानकारी मिलती है, उसके आधार पर पैन कार्ड को फिनेकल (finacle) में वैध (valid) किया जाता है। आपको बता दें कि पिछले दिनों डाकघर ने एक अधिसूचना (notification) जारी की थी। इसके अनुसार, पैन वेरिफिकेशन (pan verification) संबंधित सिस्टम (system) में 1 मई, 2024 को संशोधन (change) किया गया है।

फिनेकल क्या है? (What is finacle?)

दोस्तों, अब फिनेकल (finacle) के बारे में जान लेते हैं। आपको बता दें कि फिनेकल इंफोसिस (Infosys) द्वारा विकसित एक बैंकिंग सॉफ्टवेयर (banking software) है। यह क्लाउड बेस्ड बैंकिंग सॉल्यूशन सिस्टम (cloud based banking solution system) है। यह सीधे-सीधे प्रसंस्करण यानी प्रोसेसिंग (processing) को सक्षम बनाता है।

फिनेकल नियमों एवं एपीआई (API) द्वारा संचालित होता है। इसे इन-हाउस आरपीए प्लेटफॉर्म द्वारा सपोर्ट मिलता है। कुल मिलाकर यह डिजिटल बैंकिंग (digital banking) के विभिन्न पहलुओं के मद्देनजर वित्तीय निगमों की सहायता करता है। इसकी महत्ता इसी से जान लीजिए कि वर्तमान में 100 से अधिक देशों में बैंकिंग इंडस्ट्री (banking industry) एक बिलियन से भी अधिक ग्राहकों को सेवा प्रदान करने के लिए फिनेकल का इस्तेमाल करती हैं।

आधार कार्ड को पैन से लिंक न कराने के क्या नुकसान हैं? (What are the losses of not linking aadhar card with pan card?)

दोस्तों, बहुत से लोग आधार कार्ड को पैन कार्ड से लिंक नहीं कराते, जबकि ऐसा न करके उन्हें कई प्रकार के नुकसान झेलने पड़ सकते हैं। ये इस प्रकार से हैं-

  • यदि आधार कार्ड पैन कार्ड से लिंक नहीं होगा तो सरकारी योजनाओं (government schemes) का लाभ नहीं मिलेगा।
  • आधार कार्ड के पैन कार्ड से लिंक न होने पर बीमा (insurance), म्यूचुअल फंड (mutual fund) या अन्य स्कीम (scheme) में निवेश (invest) नहीं किया जा सकता।
  • यदि आप इनकम टैक्स रिटर्न (income tax return) भरते हैं तो आधार कार्ड के पैन से लिंक (link) न होने पर रिफंड (refund) भी खाते (account) में जमा नहीं होगा।

वर्तमान में पोस्ट आफिस की बेहतर ब्याज वाली कौन सी योजनाएं हैं? (What schemes of post office offer better interest?)

दोस्तों, आइए अब जान लेते हैं कि वर्तमान समय में पोस्ट ऑफिस की वे कौन सी योजनाएं हैं, जो बेहतर ब्याज दे रही हैं। 7 % से अधिक ब्याज ऑफर करने वाली इस लघु बचत योजनाओं यानी स्मॉल सेविंग स्कीमों (small savings schemes) का ब्योरा इस प्रकार से है

1. सार्वजनिक भविष्य निधि योजना (public provident fund scheme) :

दोस्तों, यह केंद्र सरकार की सार्वजनिक भविष्य निधि योजना है। पीपीएफ भी पुकारा जाता है। इस योजना में निवेशक को 7.1 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है। आपको बता दें दोस्तों कि इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक वर्ष हर कम-से-कम 500 रुपए की राशि जमा करनी होती है, जबकि एक वर्ष में 1.50 लाख रुपए जमा किए जा सकते हैं। जान लीजिए कि जमा की गई राशि पर इनकम टैक्स एक्ट (income tax act) की धारा 80C के तहत टैक्स की कटौती की जाती है।

2. सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (senior citizens saving scheme) :

दोस्तों, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, यह बचत योजना वरिष्ठ नागरिकों के लिए है। इस योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा 8.2 प्रतिशत का ब्याज दिया जाता है। आपको बता दें दोस्तों कि इस योजना के अंतर्गत खोले गए सभी खातों में कम-से-कम एक हजार रुपए तक की राशि जमा करनी होती है, जबकि इस योजना में अधिकतम 30 लाख रुपए तक का निवेश (investment) किया जा सकता है।

दोस्तों, यह भी जान लीजिए कि सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम के सभी खातों में एक वित्तीय वर्ष (financial year) में कुल ब्याज 50 हजार रुपए से अधिक है, तो खाताधारकों को इस पर टैक्स (tax) चुकाना होगा। इसके अतिरिक्त कुल भुगतान किए गए ब्याज (total paid tax) से एक निर्धारित दर पर TDS काटा जाएगा। दोस्तों, यहां यह जानना भी जरूरी है कि यदि निवेशक द्वारा फॉर्म 15G/15H जमा किया गया है व ब्याज (interest) निर्धारित सीमा से अधिक नहीं है, तो कोई TDS नहीं कटेगा।

3. तीन वर्ष की समयावधि वाली पोस्ट ऑफिस टाइम डिपोजिट स्कीम (three years term post office time deposit scheme)

दोस्तों, यदि निवेश में आपकी रुचि है तो आपको बता दें कि पोस्ट ऑफिस की 3 साल की टाइम डिपॉजिट स्कीम (time deposit scheme) में भी निवेशकों द्वारा खासा निवेश किया जाता है। आपको बता दें कि इस योजना पर भी सरकार द्वारा 7.1 प्रतिशत तक का ब्याज (interest) दिया जाता है। कोई भी निवेशक इस योजना के अंतर्गत न्यूनतम एक हजार रुपए की धनराशि से खाता खोल सकता है, जबकि इस योजना के अंतर्गत अधिकतम निवेश की कोई सीमा यानी लिमिट नहीं रखी गई है, जो कि इस योजना को विशेष बनाती है।

4. पांच वर्ष की अवधि वाली पोस्ट आफिस टाइम डिपाजिट स्कीम (five years term post office time deposit scheme) :

दोस्तों, पोस्ट ऑफिस की इस योजना में भी खासे निवेशक पैसा निवेश करते हैं। पांच वर्ष की समय अवधि वाली इस डिपॉजिट स्कीम पर पोस्ट ऑफिस द्वारा 7.5 प्रतिशत तक का ब्याज प्रदान किया जाता। आपको यह भी बता दें दोस्तों कि इस योजना के अंतर्गत किए गए निवेश पर इनकम टैक्स एक्ट (income tax act)1961 की धारा 80C के तहत छूट का भी प्रावधान किया गया है।

5. पोस्ट मंथली इनकम स्कीम (Post monthly income scheme) :

दोस्तों, पोस्ट मंथली इनकम स्कीम को संक्षेप में पोमिस (POMIS) भी पुकारा जाता है। आपको बता दें कि सरकार द्वारा इस योजना के अंतर्गत निवेश करने पर निवेशकों को 7.4 फीसदी तक का ब्याज दिया जाता है। इस योजना के अंतर्गत अन्य तमाम योजनाओं की ही भांति कम-से-कम एक हजार रुपए के साथ खाता खोला जा सकता है।

इस योजना के अंतर्गत एकल यानी सिंगल अकाउंट (single account) में 9 लाख रुपए तक जमा किए जा सकते हैं, वहीं, यदि संयुक्त खाते यानी ज्वाइंट अकाउंट (joint account) की बात करें 15 लाख रुपए की अधिकतम राशि जमा (maximum amount deposi) की जा सकती है।

पोस्ट ऑफिस में निवेश संबंधी नियम में क्या बदलाव हुआ है? सम्बंधित प्रश्न उत्तर (FaQ)

क्या पोस्ट आफिस में निवेश को आधार कार्ड से पैन लिंक होना आवश्यक है?

जी हां, इसे अनिवार्य किया गया है।

पोस्ट ऑफिस में निवेश संबंधी नियम में क्या बदलाव हुआ है??

अब निवेश से पहले व्यक्ति की आधार व पैन की डिटेल्स क्रास चेक की जाएंगी। यदि ये जानकारी मैच नहीं होंगी तो वह पोस्ट आफिस की योजनाओं में निवेश नहीं कर सकेगा।

क्या पोस्ट आफिस की किसी योजना में 7 प्रतिशत से अधिक का ब्याज मिलता है?

जी हां, इसकी डिटेल्स हमने आपको ऊपर पोस्ट में विस्तार से दी है। आप वहां से देख सकते हैं।

पीपीएफ स्कीम में हर साल न्यूनतम कितनी राशि जमा करनी होती है?

इस स्कीम में हर वर्ष न्यूनतम 500 रुपए की राशि जमा करनी होती है।

फिनेकल क्या है?

यह एक क्लाउड आधारित बैंकिंग सॉल्यूशन सिस्टम है। इस सॉफ्टवेयर को इंफोसिस द्वारा डेवलप किया गया है।

दोस्तों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको बताया कि पोस्ट ऑफिस में निवेश संबंधी नियम में क्या बदलाव हुआ है? यदि आप निवेश में रुचि रखते हैं तो यह पोस्ट आपके लिए बेहद लाभकारी सिद्ध हुई होगी। इस पोस्ट के संबंध में अपना कोई भी सवाल अथवा सुझाव आप हमें नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके बता सकते हैं। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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