नए साल के पहले दिन क्या करें और क्या ना करें?

नए साल की पूर्व संध्या को दुनिया भर में उत्सव की तरह मनाया जाता है। नए साल के पहले दिन का लोगों के लिए खास महत्व होता है। मंदिरों में पूजा अर्चना होती है ताकि नव वर्ष सभी के लिए खुशी और समृद्धि लेकर आए। आम लोग भी मानते हैं कि उनका पहला दिन शांति से और अच्छे तरीके से बीत जाए तो इसका नए साल के बाकी दिनों पर अच्छा असर पड़ता है। ऐसे में आज इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि नए साल के पहले दिन क्या करें और क्या न करें? आइए, शुरू करते हैं –

नव वर्ष मनाने का चलन कब से शुरू हुआ? (When did trend of celebrating new year start?)

दोस्तों , सबसे पहले यह जान लेते हैं कि नव वर्ष मनाने का चलन कब से शुरू हुआ? आपको बता दें दोस्तों कि नव वर्ष मनाने का चलन हजारों वर्ष शुरू हुआ माना जाता है। कहते हैं कि इसकी शुरुआत 153 ईसा पूर्व (ईपू) रोम (Rome) में हुई। तब लोग 1 मार्च को नया साल मनाते थे।

नए साल के पहले दिन क्या करें और क्या ना करें

इसके पश्चात 46 ईसा पूर्व में जूलियस-सीजर (Julius Caesar) के सौर आधारित कैलेंडर (solar based calendar) से इसे 1 जनवरी को सेलिब्रेट (celebrate) किया जाने लगा। दोस्तों, आपको बता दें कि इस परंपरा को रोमन साम्राज्य (Roman Empire) में बड़े पैमाने पर अपनाया गया। सन् 1582 में ग्रेगोरी कैलेंडर के आने के बाद 1 जनवरी के दिन नए साल की शुरुआत मानी जाने लगी और लोग जश्न मनाने लगा।

नए साल के पहले दिन क्या करें? (What to do on the first day of New year?)

दोस्तों, पहले यह जान लेते हैं कि नए साल के पहले दिन क्या-क्या करें। आप अपने साल की शुरुआत इस तरह कर सकते हैं-

पहले दिन नव वर्ष की बधाई देकर बड़ों से आशीर्वाद लें : पहले दिन सभी एक दूसरे को नववर्ष की बधाई देते ही हैं। ऐसे में आपको अपने से बड़ों को नव वर्ष शुभ कहकर उनका आशीर्वाद लेना नहीं भूलना चाहिए। यूं तो संस्कार अनुसार प्रत्येक दिन बड़ों का आदर करना चाहिए और उनका आशीर्वाद लेना चाहिए, लेकिन माना जाता है कि नए साल के पहले दिन बड़ों का आशीर्वाद वर्ष भर फलीभूत होता है। इससे पूर्व नहा धोकर नव वर्ष दिखाने के लिए ईश्वर को धन्यवाद देना न भूलें।

कोई मीठी चीज बनाकर खाएं और खिलाएं : किसी भी शुभ कार्य के लिए या खुशी जताने के लिए मीठे से अच्छा क्या हो सकता है? ऐसे में साल की शुरुआत मीठी हो तो साल अच्छा बीतेगा। आप हलवा या ऐसी ही कोई मीठी चीज बनाएं। खुद खाएं और औरों को भी खिलाएं।

घर में एक हरा पौधा अवश्य रोपें: नव वर्ष के पहले दिन घर में एक हरा पौधा (green plant) भी अवश्य रोपें। यह किसी भी प्रकार का हो सकता है। औषधीय गुण वाला पौधा यानी मेडिसिनल वैल्यू (medicinal value) वाला पौधा लगाएंगे तो और बेहतर रहेगा। पौधे को लगाने के पीछे यह कामना होगी कि आपका आने वाला साल भी इसकी तरह खुशियों से हरा भरा रहे और आप फलें फूलें।

साल भर किसी को दुख न देने का संकल्प लें: नव वर्ष के पहले दिन अपने पिछले सालों में हुए खराब अनुभवों (bad experiences) को भुलाते हुए और उनसे सीख लेते हुए आने वाले साल में किसी को भी दुख न देने का संकल्प लें। इससे आप भी नए साल में एक बेहतर मनुष्य बनकर उभरेंगे।

नए साल की शुरुआत सेहत भरे भोजन से करें: अपने नए साल की शुरुआत आप सेहत भरे भोजन (healthy food) से करें, जो पौष्टिक हो और सुपाच्य (nutritious and digestive) भी हो। यदि 31st की रात आप पार्टी करके और उसमें गरिष्ठ भोजन करके परेशानी का सामना कर रहे हैं तो उससे भी राहत पाएंगे।

साल के पहले दिन क्या नहीं करें ? (what not to do on the first day of the year?)

अब यह जान लेते हैं कि साल के पहले दिन क्या ना करें? यानी क्या करने से बचें-

किसी से कर्ज न लें : नए साल के पहले दिन किसी से भी कर्ज न लें और ना ही उधर मांगें। ऐसा करना अच्छा नहीं माना जाता। इसके बदले यदि हो सके तो नए साल के पहले दिन दान पुण्य करने को तरजीह दें। आप भूखों को खाना भी खिला सकते हैं। ऐसे लोगों की दुआएं जीवन के अप्रत्याशित क्षणों में काम आती हैं।

किसी से लड़ाई-झगड़ा, विवाद न करें : यूं तो आपको हमेशा से ही किसी से भी लड़ाई झगड़ा करने और विवाद में पढ़ने से बचना चाहिए। लेकिन नए साल के पहले दिन विशेष तौर पर ऐसा ना करें। यदि आप ऐसा करते हैं तो नेगेटिव तरंगे (negative waves) आती हैं। अब अच्छा फील नहीं करते।

किसी धारदार चीज को घर में न लाएं : नव वर्ष के पहले दिन आप किसी भी धारदार चीज को अपने घर में लाने से बचें ।ऐसा अच्छा नहीं माना जाता। दरअसल धारदार चीज को काटने-तोड़ने के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। जबकि नव वर्ष के पहले दिन सिर्फ सकारात्मक (positive) और जोड़ने की बातें होनी चाहिए।

सुबह बहुत देर तक न सोएं: दोस्तों, कोशिश करें कि कम से कम आप नए साल के पहले दिन सुबह बहुत देर तक न सोएं। बल्कि सुबह जल्दी उठकर और नहा धोकर पूजा पाठ के साथ अपना दिन शुरू करें। इससे आपको पॉजिटिव वाइब्स (positive vibes) महसूस होंगी।

बेकार के कार्यों में समय न गंवाएं : वैसे तो आपको हमेशा बेकार के कार्यों में समय गंवाने से बचना चाहिए। लेकिन नए साल के पहले दिन विशेष तौर पर इसका ध्यान रखें। जैसे- आप पूरा दिन केवल सोए ही ना रहे या फिर केवल टीवी ही ना देखते रहें या मोबाइल पर गेम खेलने में ही बिजी ना रहें। इसकी जगह कुछ सार्थक करने की कोशिश करें। आप दूसरों की मदद करके भी ऐसा कर सकते हैं। इससे आपको अंदर से अच्छा महसूस होगा।

सबसे पहले किस देश में नए साल का स्वागत होता है? (Which country earliest welcome the new year?)

दोस्तों, यह तो आप जानते ही हैं कि सभी देशों के मानक समय में अंतर है। एक समय में जिस देश में सुबह होती है, कई दफा दूसरे देश में रात हो रही होती है। ऐसे में कुछ देशों में नया साल दूसरे देशों के मुकाबले जल्द शुरू हो जाता होगा।

जैसे प्रशांत महासागर (Prashant ocean) में स्थित टापू देश किरिबाती और न्यूजीलैंड (newzealand) के नागरिकों को सबसे पहले नए साल का स्वागत करने का अवसर मिलता है। दोस्तों , आपको बता दें कि किरिबाती मध्य प्रशांत महासागर में अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा के पूर्व में स्थित है।

भारतीय समय (indian standard time) के अनुसार जब भारत में 31 दिसंबर की शाम का जश्न और पार्टी जारी थी, वहां नववर्ष का सूरज उदय हो चुका था। एक जनवरी, 2024 लग चुकी थी।

इसके पश्चात टोंगा एवं समोआ द्वीप पर नए साल ने दस्तक दे दी। समयांतर के चलते फिजी (fizi), ऑस्ट्रेलिया (Australia), जापान (Japan) एवं दक्षिण कोरिया (South corea) आदि देशों की बारी इनके बाद आई।

किस देश में किस तरीके से नए साल मनाया जाता है? (How people celebrate new year in different countries?)

दोस्तों, विभिन्न देशों में नया साल भिन्न-भिन्न तरीकों से मनाया जाता है। कहीं लोग होटलों, क्लबों में आधी रात तक पार्टी कर नए साल के जस्ट में डूबे रहते हैं, वहीं डेनमार्क (Denmark) जैसे देश में लोग प्लेटें तोड़कर नए साल का जश्न मनाते हैं।

जी हां दोस्तों। बेशक आपको सुनकर आश्चर्य होगा, लेकिन यह सच है। और सच यह भी है कि डेनमार्क के लोग ये प्लेटें अपने घर में नहीं तोड़ते, बल्कि अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों के घर के आगे प्लेट तोड़कर डालते हैं।

इसे ही नए साल का शुभकामना संदेश भी माना जाता है। इसके पीछे मान्यता यह है कि इससे नए साल में खुशियां और समृद्धि आएगी। दोस्तों, रोमानिया (Romania) में नए साल के स्वागत की कुछ अलग ही परंपरा है। यहां लोग लोग भालू जैसी पोशाक पहनकर डांस करते हुए नए साल का स्वागत करते हैं। वहां माना जाता है कि ऐसा करने से बुरी आत्माओं से छुटकारा मिलता है।

जापान और ​दक्षिण कोरिया (Japan and South corea) जैसे देशों में नए साल का वेलकम उसकी पूर्व संध्या घंटी बजाकर किया जाता है। शायद आपको पता न हो कि जापान में 108 बार घंटी बजाना शुभ माना जाता है। वहीं, स्पेन (Spain) में नव वर्ष का इस्तकबाल मिडनाइट अंगूर खाने से किया जाता है। इसके पीछे मान्यता है कि इससे आपका आने वाला साल खुशियों से भरा रहेगा।

फुटबॉल के लिए मशहूर ब्राज़ील (Brazil) देश में नए साल के अवसर पर लोग विशेष रूप से दाल खाते हैं। दाल खाने से नव वर्ष में समृद्धि आने की मान्यता जुड़ी है। यदि अपने देश भारत की बात करें तो यहां भी नववर्ष यानी हैप्पी न्यू ईयर के जश्न में लोग देर रात तक पार्टी में डूबे रहते हैं। यद्यपि बहुत से लोग गरीब लोगों को कंबल बांटने, अनाथ आश्रमों में मिठाइयां बांटने जैसा काम भी करते हैं।

यही उनके लिए नए साल की पूर्व संध्या पर स्वयं को संतुष्ट करने की कवायद होती है। वे इसी तरह से किसी की भलाई के साथ नववर्ष का स्वागत करते हैं। वहीं, अब लोगों को हैप्पी न्यू ईयर बोलने के लिए भी दूसरे व्यक्ति के मिलने का इंतजार नहीं करना पड़ता, न ही फोन घनघनाने की जरूरत पड़ती है।

अब तो सोशल मीडिया (social media) का दौर है, लिहाजा लोग बड़े पैमाने पर व्हाट्सएप, फेसबुक (WhatsApp, Facebook) जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स (social media platforms) का उपयोग नव वर्ष के शुभकामना संदेश भेजने में करते हैं। इसका क्रम नए साल की पूर्व संध्या से ही शुरू हो जाता है।

नया साल मनाने की परंपरा कब से शुरू हुई?

नया साल मनाने की परंपरा 153 ईसा पूर्व (ईपू) रोम (Rome) से शुरू हुई मानी जाती है।

उस समय लोग नया साल कब से शुरू मानते थे?

उस समय लोग 1 मार्च से नए साल की शुरुआत मानते थे।

नया साल 1 जनवरी को कब से मनाया जाने लगा?

46 ईसा पूर्व में जूलियस-सीजर (Julius Caesar) के सौर आधारित कैलेंडर (solar based calendar) से इसे 1 जनवरी को मनाया जाने लगा।

नए साल के पहले दिन क्या करें और क्या न करें?

नए साल के पहले दिन क्या करें और क्या न करें के संबंध में हमने आपको ऊपर पोस्ट में विस्तार से बताया है। आप वहां से देख सकते हैं।

नए साल का सूरज सबसे पहले कहां उदय होता है?

नए साल का सूरज सबसे पहले प्रशांत महासागर स्थित टापू देश किरिबाती में उदय होता है।

विभिन्न देशों में नया साल शुरू होने में समय का अंतर क्यों होता है?

विभिन्न देशों के मानक समय के अलग-अलग होने की वजह से विभिन्न देशों में नया साल अलग-अलग समय पर शुरू होता है

मित्रों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको बताया कि नए साल के पहले दिन क्या करें और क्या ना करें। यह पोस्ट आपको कैसी लगी? हमें जरूर बताइएगा। अपनी बात हम तक पहुंचाने के लिए आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) कर सकते हैं। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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