पीएफ किस प्रकार की योजना है? ईपीएफओ द्वारा पीएफ से जुड़े किस नियम को बदला गया है?

ज्यादातर नौकरी पेशा लोगों की रिटायरमेंट के बाद की आस अपने पीएफ यानी प्रोविडेंट फंड के पैसे से होती है। कई बार इस फंड से आवश्यकता अनुसार रिटायरमेंट से पहले भी एक निश्चित मात्रा में राशि निकाली जा सकती है। लेकिन यदि पीएफ खाताधारक की भर्ती हो जाती है तो ऐसी स्थिति में इस राशि का हकदार उसका नॉमिनी होता है।

हाल ही में ईपीएफओ द्वारा पीएफ से जुड़ा एक आवश्यक नियम बदल दिया गया है। आज इस पोस्ट में हम आपको इसी संबंध में विस्तार से जानकारी देंगे। आपको बताएंगे कि पीएफ किस प्रकार की योजना है? ईपीएफओ द्वारा पीएफ से जुड़े किस नियम को बदला गया है? पीएफ से जुड़ा नया नियम क्या है? आदि। आइए, शुरू करते हैं-

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पीएफ किस प्रकार की योजना है? (PF is what type of scheme?)

दोस्तों, इससे पहले कि हम जीएफ से जुड़े नियम की बात करें, आइए सबसे पहले जान लेते हैं कि पीएफ किस प्रकार की योजना है? आपको बता दें कि पीएफ, जिसकी फुल फॉर्म प्रोविडेंट फंड (provident fund) है और जिसे हिन्दी में भविष्य निधि भी पुकारा जाता है, सामान्य रूप से वेतनभोगी पेशेवरों (salaried professionals) के लिए एक सेवानिवृत्ति लाभ योजना (retirement benefits scheme) है। स्पष्ट है कि इस योजना को कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के पश्चात उन्हें पर्याप्त धनराशि प्रदान करने के महती उद्देश्य के लिए डिजाइन किया गया है।

पीएफ किस प्रकार की योजना है

दोस्तों, आपको बता दें कि यह कर्मचारियों (employees) और नियोक्ताओं (employers) की ओर से संयुक्त योगदान (joint contribution) है। इस योगदान राशि को संबंधित कर्मचारी के मासिक वेतन (monthly salary) से काटा जाता है। इसके बाद उनके पीएफ खाते (pf account) में जमा (deposit) किया जाता है।

ईपीएफओ द्वारा पीएफ से जुड़े किस नियम को बदला गया है? (What rule related to PF has been changed by EPFO?)

दोस्तों, अब पीएफ के बदले नियम की बात कर लेते हैं। आपको बता दें कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (employees provident fund organisation) यानी ईपीएफओ (EPFO) द्वारा पीएफ खाताधारक के मृत्यु दावे यानी डेथ क्लेम (death claim) से जुड़े नियम को बदल दिया गया है। इस नियम के बदले जाने से पीएफ खाता धारक की मृत्यु के पश्चात उसके नामांकितों को राशि प्राप्त करने में बहुत सुविधा हो जाएगी। कुल मिलाकर डेथ क्लेम का त्वरित सेटलमेंट संभव हो सकेगा।

पीएफ से जुड़ा नया नियम क्या है? (What is the new rule related to PF?)

दोस्तों, अब जान लेते हैं कि पीएफ के डेथ क्लेम से जुड़ा यह नया नियम क्या है? मित्रों, नए नियम के अनुसार अब यदि किसी पीएफ खाताधारक (PF account holder) की मौत हो जाती है और उसका पीएफ खाता (pf account) आधार कार्ड (aadhar card) से लिंक (link) नहीं है अथवा उसके द्वारा आधार कार्ड में दी गई जानकारी (details) उसके पीएफ एकाउंट के साथ दी गई जानकारी से मेल नहीं खातीं तो भी पीएफ की देय राशि का भुगतान संबंधित खाता धारक के नॉमिनी (nominee) को कर दिया जाएगा।

ईपीएफओ द्वारा डेथ क्लेम से संबंधित नियम क्यों बदला गया है? (Why the rule of EPFO related death chaim has been changed?)

दोस्तों, अब आप सोच रहे होंगे कि ईपीएफओ द्वारा इतना आवश्यक नियम क्यों बदला गया है? तो आपको बता दें कि ईपीएफओ द्वारा मृत्यु दावे यानी डेथ क्‍लेम (death chaim) से संबंधित नियम में बदलाव का फैसला पीएफ खाताधारक (PF account holder) के नॉमिनी (nominee) को राशि मिलने में हो रहीं दिक्‍कतों के मद्देनजर किया गया है।

दोस्तों, दरअसल, इस नियम में बदलाव से पूर्व पैसे के भुगतान के लिए पीएफ खाताधारक के नॉमिनी को आधार से जुड़े विवरण को लेकर खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। सबसे बड़ी दिक्कत यह थी कि आधार कार्ड के ब्योरे में कोई गलती होने अथवा किसी तकनीकी समस्या (technical problem) के चलते आधार कार्ड संख्या के निष्क्रिय यानी इनएक्टिव (inactive) होने पर डेथ क्‍लेम लेने में खासी परेशानी हो रही थी।

ईपीएफ अधिकारियों को मृत पीएफ खाताधारक की आधार डिटेल्‍स का मिलान करने में काफी मशक्‍कत करनी पड़ रही थी। इससे मृतक ईपीएफ सदस्य के नॉमिनी को काफी भाग-दौड़ करनी पड़ती थी। इसके साथ ही क्लेम मिलने यानी पैसों का भुगतान करने खासी देर हो जा रही थी। अब डेथ क्लेम संबंधी नियम बदले जाने से उनकी है परेशानियां दूर हो जाएंगी

आधार के मिलान की आवश्यकता ना रहने पर अब डेथ क्लेम की राशि कैसे दी जाएगी? (How the death claim amount will be given if there is no need to match aadhar now?)

दोस्तों, अब आप सोच रहे होंगे कि आधार के मिलान की आवश्यकता ना रहने पर अब डेथ क्लेम की राशि कैसे दी जाएगी? तो आपको बता दे कि अब इस राशि का भुगतान भौतिक सत्यापन (physical verification) के पश्चात किया जाएगा। दरअसल, ईपीएफओ का कहना है कि किसी व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात उसके द्वारा आधार में दी गई जानकारी में सुधार नहीं किया जा सकता। लिहाजा, ऐसे में अब भौतिक सत्यापन के पश्चात नॉमिनी को पैसों का भुगतान कर दिया जाएगा।

किसी भी प्रकार के फर्जीवाड़े को रोकने के लिए ईपीएफओ द्वारा पैसे के हकदार नॉमिनी अथवा संबंधित परिवार के सदस्य की सत्यता की पूरी जांच की जाएगी। दोस्तों आपको बता दें कि यद्यपि इसके लिए क्षेत्रीय अधिकारी (regional officer) की इजाजत अनिवार्य होगी। उसकी मुहर के पश्चात ही पीएफ की रकम का भुगतान संबंधित मृत ईपीएफ सदस्य के नॉमिनी को किया जाएगा।

क्या ईपीएफओ/यूएएन के पास गलत जानकारी होने पर भी ऐसा ही किया जाएगा? (Will this happen in case of having wrong information on EPFO/UAN?)

दोस्तों, आपको स्पष्ट कर दें कि डेथ क्लेम के लिए आधार के मिलान की आवश्यकता संबंधी यह बदला नियम उस स्थिति में लागू होगा, जब पीएफ खाता धारक की आधार पर दी गई जानकारी गलत होगी। यदि ईपीएफओ/यूएएन (EPFO/UAN) के पास ईपीएफ सदस्य की ग़लत जानकारी होगी, ऐसी स्थिति में पैसों के भुगतान के लिए नॉमिनी को अन्य प्रक्रिया (process) का पालन करना होगा।

पीएफ खाताधारक का नॉमिनी ना होने पर पैसा किसको मिलेगा? (Is there is no nominee of PF account holder then who will get the amount?)

दोस्तों, यहां आपको यह विश्वास कर दे कि यदि किसी पीएफ खाताधारक ने अपनी डिटेल्स में नॉमिनी का नाम नहीं भरा है और उसकी मौत हो जाती है तो ऐसी स्थिति में मृत पीएफ खाताधारक के डेथ क्लेम की राशि का भुगतान उसके कानूनी उत्तराधिकारी को कर दिया जाएगा। इसके लिए संबंधित कानूनी उत्तराधिकारी को अन्य कागजातों के साथ ही अपना आधार कार्ड भी पेश करना होगा।

दोस्तों, लगे हाथों आपको बता दें कि ईपीएफओ के ऑनलाइन क्लेम सेटलमेंट (online claim settlement) के लिए 72 घंटे, जबकि ऑफलाइन क्लेम सेटलमेंट (offline claim settlement) के लिए 20 दिन का समय निर्धारित किया गया है। यद्यपि क्लेम करने वाले शख्स को आवश्यकतानुसार इसके साथ ही अन्य कई नियमों का भी पालन करना पड़ता है।

पीएफ को किन मुख्य तीन स्थितियों में क्लेम किया जा सकता है? (In which three main situations PF can be claimed?)

मित्रों, आइए अब जान लेते हैं कि पीएफ को किन तीन प्रमुख स्थितियों में क्लेम किया जा सकता है। यह तीन स्थितियां इस प्रकार से हैं-

  • रिटायरमेंट के समय। जैसे -58 वर्ष की आयु पूरी हो जाने पर अथवा उसके बाद भी।
  • यदि दो महीने तक बेरोज़गार रहने की स्थिति आ जाए।
  • यदि निर्दिष्ट रिटायरमेंट की उम्र से पहले पीएफ खाताधारक की मृत्यु हो जाए।

दोस्तों, आपको बता दें कि ईपीएफओ द्वारा कोविड-19 महामारी की वजह से होने वाली वित्तीय मुश्किलों से पार पाने के लिए पीएफ खाताधारकों को अपने पीएफ फंड को आसानी से निकालने की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी।

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पीएफ की फुल फॉर्म क्या है?

पीएफ की फुल फॉर्म प्रोविडेंट फंड है। इसे हिंदी में भविष्य निधि भी पुकारा जाता है।

पीएफ किस प्रकार की योजना है?

पीएफ वेतन भोगी कर्मचारियों के लिए एक सेवानिवृत्ति लाभ योजना है।

ईपीएफओ द्वारा पीएफ से जुड़ा कौन सा नियम बदल गया है?

ईपीएफओ द्वारा पीएफ के डेथ क्लेम से जुड़ा नियम बदला गया है।

पीएफ के डेथ क्लेम से संबंधित नया नियम क्या है?

ने नियम के मुताबिक यदि खाताधारक की आधार में जानकारी सही नहीं है या उसमें दी गई जानकारी का मिलान नहीं हो पाता तो भी नॉमिनी को क्लेम राशि का भुगतान कर दिया जाएगा।

मृत पीएफ खाता धारक के नॉमिनी को पैसे के भुगतान के लिए क्या किया जाएगा?

इसके लिए नॉमिनी अथवा परिवार का भौतिक सत्यापन किया जाएगा। इससे पूर्व इसके लिए क्षेत्रीय अधिकारी की इजाजत की आवश्यकता होगी।

यदि पीएफ खाताधारक द्वारा नॉमिनी का नाम नहीं भरा जाता और उसकी मौत हो जाती है तो ऐसी स्थिति में डेथ क्लेम का भुगतान किसे किया जाएगा?

ऐसी स्थिति में डेथ क्लेम का भुगतान उसके कानूनी उत्तराधिकारी को किया जाएगा।

दोस्तों, इस पोस्ट में हमने आपको जानकारी दी कि पीएफ किस प्रकार की योजना है? ईपीएफओ द्वारा पीएफ से जुड़े किस नियम को बदला गया है? पीएफ से जुड़ा नया नियम क्या है? आदि। उम्मीद करते हैं कि यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित हुई होगी। इस पोस्ट को लेकर आपका किसी भी प्रकार का सवाल अथवा सुझाव आप हमें नीचे दिए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके भेज सकते हैं। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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