अयोध्या में राम मंदिर कौन सी कंपनी बना रही है? इसे बनाने में कुल कितनी लागत आएगी? राम मंदिर का निर्माण कब पूर्ण होगा?

इस समय पूरा देश राममय है। श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। 22 जनवरी, 2024 को प्राण प्रतिष्ठा समारोह प्रस्तावित है। घर घर अक्षत एवं निमंत्रण पत्र बांटे जा रहे हैं। क्या आपको पता है कि राम मंदिर कौन सी कंपनी बना रही है? इसे बनाने में कुल कितनी लागत आएगी? राम मंदिर का निर्माण कब पूर्ण होगा? यदि नहीं तो आज की यह पोस्ट आपके ही लिए है। हम आपके ऊपर पूछे गए सभी सवालों के जवाब देंगे। आइए, अब श्री राम मंदिर निर्माण पर आधारित यह पोस्ट शुरू करते हैं-

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राम मंदिर कैसा बन रहा है? इसकी क्या क्या विशेषताएं हैं? (How ram mandir is being built? What are its special features?)

दोस्तों, आपको बता दें कि श्री राम मंदिर का निर्माण भारतीय परंपरा के अनुसार स्वदेशी तकनीक से किया जा रहा है। कुल 70 एकड़ क्षेत्र में यह निर्माण हो रहा है। मंदिर में लोहे का प्रयोग नहीं होगा। धरती के ऊपर बिलकुल भी कंक्रीट नहीं है।

अयोध्या में राम मंदिर कौन सी कंपनी बना रही है

बाहरी संसाधनों पर न्यूनतम निर्भरता के लिए मंदिर परिसर में ही सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट एवं पॉवर स्टेशन बनाया गया है। फायर ब्रिगेड के लिए जल व्यवस्था भी रहेगी। निर्माण के दौरान जल एवं पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए परिसर का 70% क्षेत्र सदा हरित (green) रखा जाएगा। राम मंदिर की कुछ प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार से हैं-

  • श्री राम मंदिर तीन मंजिला होगा।
  • इसका निर्माण पारंपरिक नागर शैली में हो रहा है।
  • इसके लिए भूकंप रोधी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।
  • मंदिर को धरती की नमी से बचाने के लिए 21 फीट ऊंची प्लिंथ ग्रेनाइट से बनाई गई है।
  • मंदिर की लंबाई (पूर्व-पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट, जबकि ऊंचाई 161 फीट है। मंदिर का हर फ्लोर 20 फीट ऊंचा होगा। इसमें 392 स्तंभ एवं 44 दरवाजे होंगे।
  • मंदिर में 5 मंडप नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप एवं कीर्तन मंडप होंगे।
  • मुख्य गर्भगृह में प्रभु श्रीराम का बालरूप (रामलला का विग्रह) तथा प्रथम तल पर श्रीराम दरबार होगा।
  • राम मंदिर के खंभों एवं दीवारों पर देवी-देवताओं के साथ ही देवांगनाओं की मूर्तियां उकेरी होंगी।
  • मंदिर के चारों ओर आयताकार परकोटा होगा। चारों दिशाओं में इसकी कुल लंबाई 732 मीटर तथा चौड़ाई 14 फीट होगी।
  • इस परकोटे के चारों कोनों पर भगवान सूर्यदेव, भगवान गणपति मां भगवती एवं भगवान शिव को समर्पित चार मंदिरों का निर्माण होगा।
  • इसकी उत्तरी भुजा में मां अन्नपूर्णा तथा दक्षिणी भुजा में हनुमान मंदिर रहेगा।
  • मंदिर परिसर में महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज, माता शबरी एवं ऋषि पत्नी देवी अहिल्या को समर्पित मंदिर भी होंगे।
  • मंदिर के नजदीक पौराणिक काल का सीता कूप (कुआं) विद्यमान रहेगा।
  • दक्षिण पश्चिमी भाग में नवरत्न कुबेर टीला पर भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णो‌द्धार कर वहां जटायु प्रतिमा स्थापित की गई है।
  • मंदिर में प्रवेश पूर्व दिशा से 32 सीढ़ियां चढ़कर सिंह द्वार से होगा। वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों एवं वृद्धों के लिए मंदिर में रैंप तथा लिफ्ट की व्यवस्था रहेगी।
  • मंदिर पहुंचने वाले दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए एक 25 हजार क्षमता वाला दर्शनार्थी सुविधा केंद्र बनाया जा रहा है। इसमें सामान रखने के लिए लॉकर एवं चिकित्सा की सुविधा रहेगी।
  • मंदिर परिसर में ही स्नानागार, शौचालय, वॉश बेसिन, ओपन टैप्स की भी व्यवस्था की गई है।

राम मंदिर का निर्माण कौन सी कंपनी कर रही है? (Which company is building ram mandir?)

दोस्तों, आपको बता दें कि राम मंदिर के निर्माण का जिम्मा लारसन एंड टूब्रो (Larson and toubro) कंपनी पर है। यह इंफ्रास्ट्रक्चर एवं कंस्ट्रक्शन (infrastructure and construction) के क्षेत्र में एक बड़ी कंपनी है। टाटा कंसल्टिंग इंजिनियर्स (Tata consulting engineers) यानी टीसीई (TCE) पर इसका कार्य परखने की जिम्मेदारी है, जो कि राम मंदिर निर्माण प्रोजेक्ट से मैनजमेंट कंसल्टेंट (management consultant) यानी प्रबंध सलाहकार की भूमिका में जुड़ी है।

क्या लारसन एंड टूब्रो की स्थापना किसी भारतीय ने की? कंपनी को यह नाम कहां से मिला है? (Where Larson and toubro get this name from?)

दोस्तों, आपको बता दें कि लारसन एंड टूब्रो की स्थापना किसी भारतीय ने नहीं की थी, बल्कि इस कंपनी के संस्थापक (founder) डेनिश इंजीनियर हेनिंग होलक लारसन (Henning Holck Larsen) (denmark) और सोरेन क्रिस्टियानो टूब्रो (Soren Kristian Toubro) थे। उन्होंने आज से करीब 85 वर्ष पूर्व सन् 1938 में मुंबई (तत्कालीन बांबे) में इसकी स्थापना की थी।

इन दोनों इंजीनियरों ने कोपेनहेगन (copenhagen), डेनमार्क (Denmark) की कंपनी FL Smidth & Co के प्रतिनिधि के तौर पर भारतीय समुद्री तट पर कदम रखा था, जहां से कामयाबी की नई राह पर चल निकले। दोस्तों, आपको बता दें कि इन दोनों इंजीनियर दोस्तों में इतना भरोसा था कि उन्होंने मौखिक रूप से सहभागिता में इस कंपनी की स्थापना कर ली। कोई भी लिखित दस्तावेज (written documents) नहीं तैयार किया। सन् 1940 का अंत आते-आते उन्होंने अपनी पार्टनरशिप (partnership) को लिखित जामा पहनाया।

लारसन एंड टूब्रो कंपनी इससे पूर्व कौन- कौन से यूनिक प्रोजेक्ट कर चुकी है? (What projects have Larsen and toubro company done before this?)

दोस्तों, आपको बता दे कि इंफ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग से जुड़े कोई प्रोजेक्ट को देने के अलावा लारसन एंड टूब्रो (Larsen and toubro) ने कई बड़े यूनिक प्रोजेक्ट (unique project) भी किए हैं। नई दिल्ली स्थित लोटस या बहाई टैंपल, गुजरात (Gujarat) के अहमदाबाद (Ahmedabad) में स्थित स्टैचू ऑफ यूनिटी (statue of unity), गुजरात के जामनगर (Jamnagar) स्थित रिलायंस रिफाइनरी (relience refinery), अहमदाबाद में मोटेरा (motera) यानी नरेंद्र मोदी स्टेडियम (Narendra Modi stadium) का निर्माण आदि शामिल हैं।

वर्तमान में लारसन एंड टूब्रो की कितने देशों में मौजूदगी है? (At present Larsen and toubro has presence in how many countries?)

दोस्तों, आपको बता दें कि लारसन एंड टूब्रो इमारतों के साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure), हैवी सिविल इंफ्रास्ट्रक्चर (Heavy Civil Infrastructure), खनिज एवं धातु (Minerals & Metals), पावर ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन (Power Transmission & Distribution), रेलवे (Railways), ट्रांसपोर्टेशन (Transportation), जल एवं सीवर ट्रीटमेंट (Water & Effluent Treatment) जैसे विभिन्न क्षेत्रों में प्रोजेक्ट्स कर रही है। दोस्तों, कंपनी का मुख्यालय (headquarters) मुंबई (Mumbai) में है तथा वर्तमान में 30 से भी देशों में इसकी उपस्थिति है।

राम मंदिर निर्माण पर कितनी लागत आएगी? (How much cost ram mandir will take?)

दोस्तों, यदि राम मंदिर पर आने वाली लागत की बात की जाए तो इस पर करीब 3,200 करोड़ रुपए की लागत आने की संभावना है। एक अनुमान के अनुसार अभी तक 900 करोड़ रुपए के करीब खर्च भी किए जा चुके हैं। बताया जाता है कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पास करीब पांच हजार करोड़ रुपए से भी अधिक का चंदा आ चुका है। देश भर के राम भक्तों द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट को चंदा भेजा जा रहा है।

राम मंदिर के कब तक पूरा होने की संभावना है? (Till when ram Mandir is expected to be completed?)

दोस्तों, आपको बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर के दिसंबर, 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है। इसका पहला चरण (first phase) 22 जनवरी, 2024 तक पूरा हो जाएगा। उसी तिथि को मुहूर्त के अनुसार मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह भी किया जाएगा। इसका दूसरा चरण (second phase) दिसंबर, 2024 तक पूरा किया जाएगा।

दोस्तों, आपको बता दें कि मंदिर के उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (prime minister Narendra Modi) के साथ ही तमाम बड़े उद्योगपतियों जैसे अंबानी ग्रुप के मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani), अडानी ग्रुप के गौतम अडानी (Gautam Adani), बिड़ला ग्रुप के कुमार मंगलम बिड़ला (Kumar mangalam birla), रेमंड ग्रुप के गौतम सिंघानिया (Gautam singhania) आदि समेत करीब 10 हजार वीआईपी (vip) की मौजूदगी की संभावना है।

रामलला की आरती में कैसे शामिल हो सकते हैं? (How to attend ramlala’s Aarti?)

दोस्तों, क्या आप भी रामलला की आरती में शामिल होना चाहते हैं? तो इसके लिए ऑनलाइन आवेदन (online apply) भी कर सकते हैं। दोस्तों, आपको बता दें कि इसके लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की वेबसाइट https://online.srjbtkshetra.org के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपनी एक आईडी (identity proof) की आवश्यकता पड़ेगी, जिसके बाद आपको आरती पास जारी कर दिया जाएगा।

याद रखिए कि यही आईडी आपको आरती में शामिल होने की तिथि पर मंदिर परिसर में एंट्री (entry) लेते वक्त पास के साथ दिखानी होगी। दोस्तों, आप चाहें तो इस लिंक https://online.srjbtkshetra.org/#/aarti के माध्यम से भी सीधे इसके लिए आवेदन (apply) कर सकते हैं। दोस्तों, लगे हाथों आपको यह भी बता दें कि 26 जनवरी, 2024 तक के लिए आरती को कोई स्लॉट (slot) उपलब्ध नहीं है। इसके पश्चात किसी अन्य तिथि के लिए आप ट्राई कर सकते हैं।

राम मंदिर कहां बन रहा है?

राम मंदिर अयोध्या में बन रहा है।

राम मंदिर का निर्माण कौन सी कंपनी कर रही है?

राम मंदिर का निर्माण लारसन एंड टूब्रो कर रही है।

राम मंदिर प्रोजेक्ट की मैनेजमेंट कंसल्टेंसी किसके पास है?

राम मंदिर प्रोजेक्ट की मैनेजमेंट कंसल्टेंसी टाटा कंसल्टेंसी इंजीनियर्स के पास है।

लारसन ऐंड टूब्रो इससे पहले कौन से यूनिक प्रोजेक्ट कर चुकी है?

लारसन ऐंड टूब्रो इससे पहले स्टैचू ऑफ यूनिटी, लोटस टैंपल, नरेंद्र मोदी स्टेडियम आदि जैसे निर्माण कर चुकी है।

लारसन एंड टूब्रो की स्थापना कब और कहां हुई थी?

इस कंपनी की स्थापना आज से 85 वर्ष पूर्व सन् 1938 में मुंबई में हुई थी।

क्या लारसन एंड टूब्रो की स्थापना किसी भारतीय ने की थी?

जी नहीं, इस कंपनी की स्थापना दो डेनिश इंजीनियरों हेनिंग होलक लारसन और सोरेन क्रिस्टियानो टूब्रो ने की थी। उन्हीं के नाम पर कंपनी का नामकरण हुआ।

राम मंदिर की मुख्य विशेषताएं क्या-क्या हैं?

राम मंदिर की मुख्य विशेषताओं को हमने आपको ऊपर पोस्ट में विस्तार से बताया है। आप वहां से देख सकते हैं।

राम मंदिर कितने मंजिल का होगा?

राम मंदिर तीन मंजिल का होगा।

इसका निर्माण किस शैली से किया जा रहा है?

इसका निर्माण पारंपरिक नगर शैली से किया जा रहा है।

क्या राम मंदिर निर्माण में भूकंप रोधी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है?

जी हां, राम मंदिर भूकंप रोधी तकनीक से ही बनाया जा रहा है।

अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन कब होगा?

अयोध्या में राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी, 2024 को होगा।

राम मंदिर का निर्माण कब तक पूर्ण होने की उम्मीद है?

राम मंदिर का निर्माण दिसंबर, 2025 तक पूर्ण होने की उम्मीद है।

रामलला की आरती में कैसे शामिल हो सकते हैं?

राम लाल की आरती में श्री राम जन्मभूमि क्षेत्र ट्रस्ट की वेबसाइट पर आनलाइन आवेदन करके पास हासिल कर सकते हैं।

श्री राम जन्मभूमि क्षेत्र ट्रस्ट की वेबसाइट का एड्रेस क्या है?

श्री राम जन्मभूमि क्षेत्र ट्रस्ट की वेबसाइट का एड्रेस https://online.srjbtkshetra.org है।

रामलला की आरती में शामिल होने के लिए आवेदन का डायरेक्ट लिंक क्या है?

रामलला की आरती में इस लिंक https://online.srjbtkshetra.org/#/aarti पर क्लिक करके आवेदन कर सकते हैं।

दोस्तों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको बताया कि अयोध्या में राम मंदिर कौन सी कंपनी बना रही है? इसे बनाने में कुल कितनी लागत आएगी? राम मंदिर का निर्माण कब पूर्ण होगा? उम्मीद करते हैं कि इस पोस्ट से आपकी जानकारी में इजाफा हुआ होगा। यदि इस पोस्ट को लेकर आपका कोई सवाल अथवा सुझाव है तो उसे नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके भेज सकते हैं। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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