डाकघर में निवेश से संबंधित कौन सा नियम बदला है?

|| डाकघर में निवेश से संबंधित कौन सा नियम बदला है? | Which rule has been changed related to investment in post office | इस केवाईसी नियम में बदलाव के पीछे सरकार का क्या उद्देश्य है | धन के स्रोत या आय प्रमाण के रूप में कौन से दस्तावेज मान्य होंगे? ||

तमाम तरह की आकर्षक निवेश योजनाओं के बावजूद डाकघर में निवेश करने वाले आज भी बहुत से लोग हैं। डाकघर अनेक प्रकार की छोटी बचत योजनाओं का संचालन कर रहा है। जैसे-सुकन्या समृद्धि योजना, वरिष्ठ नागरिकों के लिए बचत योजना, किसान विकास पत्र आदि।

लेकिन हाल ही में डाकघर की छोटी बचत योजनाओं में निवेश को लेकर एक बड़ा नियम बदला गया है। यदि आप भी डाकघर की छोटी बचत योजना में निवेश करते हैं तो यह आपके लिए बेहद काम की जानकारी है। इस पूरा समझने के लिए आपको इस पोस्ट को शुरू से अंत तक ध्यान से पढ़ना होगा। आइए, शुरू करते हैं-

Contents show

डाकघर ने छोटी बचत योजनाओं से संबंधित क्या नियम बदला है? (Which rule has been changed related to investment in post office)

मित्रों, यह तो आप जानते ही हैं कि केंद्र सरकार (Central government) भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा पारदर्शिता लाने व आतंकी फंडिंग पर रोक लगाने जैसे उद्देश्यों की पूर्ति के लिए डाकघर की बचत योजनाओं (savings scheme) में निवेश के नियम (investment rules) में बदलाव (change) किया गया है। यह बदलाव बचत योजनाओं के ‘अपने ग्राहक को जानें’ (know your customer) यानी केवाईसी (KYC) नियमों से संबंधित है।

डाकघर में निवेश से संबंधित कौन सा नियम बदला है

इस नियम के अंतर्गत अब यदि कोई भी व्यक्ति डाकघर की बचत योजनाओं में ₹10 लाख से अधिक का निवेश करता है तो उसे अपने धन का स्रोत (source of money) बताना होगा या अपनी आय का प्रमाण (proof of income) देना होगा। निवेशकों के लिए निवेश के वक्त ऐसा करना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही ग्राहकों (customers) की जोखिम श्रेणी (risk category) का निर्धारण किया जाएगा।

इस केवाईसी नियम में बदलाव के पीछे सरकार का क्या उद्देश्य है? (What is the government’s object behind changing this KYC rule?)

केवाईसी नियमों में इस बदलाव के पीछे सरकार के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार से हैं-

  • * केवाईसी प्रावधानों को सख्त और पारदर्शी बनाना।
  • * निवेश में पारदर्शिता (transperancy) लाना।
  • * मनी लॉन्ड्रिंग (money laundering) पर रोक लगाना।
  • * आतंकी फंडिंग (terror funding) पर रोक लगाना।

डाकघर बचत योजनाओं में 10 लाख रुपए से अधिक निवेश करने वाले ग्राहक किस श्रेणी में आएंगे? (In which category the customers will come who invest more than 10 lakh rupees in post office savings schemes?)

मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि केंद्र सरकार (Central government) द्वारा केवाईसी (KYC) नियमों में तब्दीली किए जाने संबंधी एक सर्कुलर (circular) 25 मई, 2024 को जारी किया गया है। इसमें ग्राहकों की जोखिम श्रेणी निर्धारित करने की बात कही गई है। साथ ही, यह भी साफ किया गया है कि किस श्रेणी के ग्राहकों के लिए यह बदलाव लागू होगा।

दोस्तों, आपको बता दें कि इस बदलाव के दायरे में उच्च जोखिम (high risk) की श्रेणी (category) वाले ग्राहक रखे गए हैं। इसमें डाकघर में खाता खोलने वाले वे निवेशक शामिल हैं, जो 10 लाख रुपए से अधिक की राशि के क्रेडिट (credit) के लिए आवेदन करते हैं, लेकिन उनके सभी खातों और प्रमाणपत्रों में कुल शेष राशि (balance amount) 10 लाख रुपए से अधिक न हो।

डाकघर में ग्राहकों के लिए कितनी जोखिम श्रेणियां निर्धारित की गई हैं? (How many risk categories are assigned to the customers in the post office)

दोस्तों, अब आपके मन में यह सवाल जरूर उठ रहा होगा कि यदि सरकार द्वारा उच्च जोखिम श्रेणी वाले ग्राहकों के लिए केवाईसी नियम में बदलाव किया गया है तो डाकघरों द्वारा ग्राहकों की कौन-कौन सी जोखिम श्रेणियां (risk categories) निर्धारित की गई हैं? मित्रों, आपको बता दें कि ग्राहकों के लिए कुल तीन जोखिम श्रेणियां (risk categories) बनाई गई हैं, जो इस प्रकार से हैं–

लघु जोखिम श्रेणी (low risk category):

दोस्तों, इस जोखिम श्रेणी में 50,000 रुपये तक की राशि के साथ खाता खोलने (account opening), प्रमाणपत्र (certificate) खरीदने या क्रेडिट (credit) के लिए आवेदन करने वाले ग्राहकों के साथ ही उन्हें रखा गया है, जिनके सभी खातों (accounts) और बचत प्रमाण-पत्रों (savings certificates) में कुल शेष राशि (balance amount) 50,000 रुपए से अधिक नहीं है।

मध्यम जोखिम श्रेणी (medium risk category):

इस जोखिम श्रेणी में 50,000 रुपए से अधिक लेकिन 10 लाख रुपए तक की राशि के साथ खाता (account) खोलने, प्रमाण-पत्र (certificate) खरीदने या क्रेडिट के लिए आवेदन (apply for credit) करने वाले ग्राहकों को रखा गया है। उनके सभी खातों और बचत प्रमाणपत्रों में कुल शेष राशि (balance amount) 10 लाख रुपए से अधिक नहीं होती।

उच्च जोखिम श्रेणी (High risk category):

डाकघर में खाता खोलने वाले वे निवेशक शामिल हैं, जो 10 लाख रुपए से अधिक की राशि के क्रेडिट (credit) के लिए आवेदन करते हैं, लेकिन उनके सभी खातों और प्रमाणपत्रों में कुल शेष राशि (balance amount) 10 लाख रुपए से अधिक न हो।

दोस्तों, आपको बता दें कि भारत के बाहर रहने वाले राजनीतिक रूप से जोखिम वाले व्यक्तियों यानी पीईपी (PEP) से संबंधित खाते भी उच्च जोखिम श्रेणी के अंतर्गत ही आते हैं। यहां PEP की फुल फॉर्म politically exposed people होती है। दोस्तों, इनमें ऐसे व्यक्ति शुमार होते हैं, जो कि विदेशों (foreign countries) में प्रमुख सार्वजनिक पदों (public posts) पर रह चुके हों।

धन के स्रोत या आय प्रमाण के रूप में कौन से दस्तावेज मान्य होंगे? (What documents would be treated valid as source of money or income proof?)

दोस्तों यह तो हम आपको बता ही चुके हैं कि नए केवाईसी नियमों के हिस्से के रूप में, ग्राहकों को डाकघर की बचत योजना में 10 लाख रुपए से अधिक के निवेश के लिए धन के स्रोत के प्रमाण के रूप में एक दस्तावेज (document) जमा करना होगा। अब आपको बता देते हैं कि इसके अंतर्गत स्वीकार्य दस्तावेजों में क्या क्या पेश किया जा सकेगा –

  • * पिछले तीन वित्तीय वर्ष (financial year) का इन्कम टैक्स रिटर्न (income tax return) का ब्योरा।
  • * धन के स्रोत (source) को दर्शाने वाले बैंक/डाकघर खाते का ब्योरा (bank/post office account details)।
  • * घोषित आय (declared income) के साथ निवेश (investment) से संबंधित दस्तावेज जैसे-
  • संपत्ति से संबंधित दस्तावेज (property related documents) मसलन बिक्री विलेख (sale deed) / उपहार विलेख (gift deed)/ वसीयत will / प्रशासन का पत्र (letter of administration) / उत्तराधिकार (succession) आदि।
  • * आय या धन के स्रोत को प्रदर्शित करता अन्य कोई दस्तावेज या प्रमाण-पत्र।

केवाईसी के लिए आय प्रमाण के साथ और किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी? (What documents are required in spite of income tax proof for KYC?)

दोस्तों, अब हम आपको बता ही चुके हैं कि अब निवेश (investment) के लिए ग्राहकों की जोखिम श्रेणियां (risk categories) बनाई जाएंगी, लेकिन केवाईसी के मामले में जोखिम श्रेणी के बावजूद सभी ग्राहकों/निवेशकों को जो दस्तावेज जमा करने होंगे, वे इस प्रकार से हैं-

  • * खाताधारक/लाभार्थी के पासपोर्ट साइज के दो ताजा फोटोग्राफ (photograph)।
  • * संबंधित व्यक्ति का आधार कार्ड (aadhar card)।
  • * संबंधित व्यक्ति का पैन कार्ड (Pan Card)।
  • * संबंधित व्यक्ति के पते का प्रमाण (address proof)।
  • * संबंधित व्यक्ति का वैध मोबाइल नंबर (valid mobile number)।

डाकघर की प्रमुख बचत योजनाएं कौन-कौन सी हैं? (What are the main saving schemes of post office?)

मित्रों, डाकघर की बचत योजनाओं को लेकर अभी लोगों में खासा आकर्षण है। खास तौर वरिष्ठ नागरिक (senior citizens) अपनी बचत (savings) इसकी योजनाओं में निवेश करना पसंद करते हैं। आइए अब हाथ लगे यह भी जान लेते हैं कि डाकघर की प्रमुख बचत योजनाएं (savings schemes) कौन-कौन सी हैं। इस प्रकार से है-

  • * सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (senior citizens savings scheme)।
  • * सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya samriddhi yojana)।
  • * किसान विकास-पत्र योजना (kisan vikas-patra yojana)।
  • * पीपीएफ खाता योजना (ppf (account scheme)।

* डाकघर मासिक आय बचत योजना (post office monthly savings scheme)।

—–

FaQ

डाकघर में निवेश संबंधी कौन सा नियम बदला है?

अब डाकघर की बचत योजना में ₹10 लाख से अधिक का निवेश करने वाले ग्राहकों को अपनी आय का स्रोत बताते हुए उसका प्रमाण-पत्र देना होगा।

आय प्रमाण पत्र के रूप में कौन से दस्तावेज मान्य होंगे?

आय प्रमाण पत्र के रूप में पिछले तीन वित्तीय वर्ष का इन्कम टैक्स रिटर्न (income tax return) का ब्योरा, धन के स्रोत (source) को दर्शाने वाले बैंक/डाकघर खाते का ब्योरा अथवा घोषित आय के साथ निवेश से संबंधित दस्तावेज आदि मान्य होंगे।

यह नियम बदलने के पीछे सरकार का क्या उद्देश्य है?

यह नियम बदलने के पीछे सरकार का उद्देश्य निवेश में पारदर्शिता लाना, आतंकी फंडिंग को रोकना व मनी लॉन्ड्रिंग पर रोक लगाना है।

डाकघरों में निवेश संबंधी जोखिम को लेकर ग्राहकों की कितनी श्रेणियां बनाई गई हैं?

डाकघरों में निवेश संबंधी जोखिम को लेकर ग्राहकों की तीन श्रेणियां बनाई गई हैं- लघु जोखिम श्रेणी, मध्यम जोखिम श्रेणी व उच्च जोखिम श्रेणी।

PEP की फुल फॉर्म क्या है?

PEP की फुल फॉर्म politically exposed people है।

इन लोगों को निवेश से संबंधित किस जोखिम श्रेणी में रखा गया है?

इन लोगों को निवेश से संबंधित उच्च जोखिम श्रेणी में रखा गया है।

मित्रों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको डाकघर में निवेश से संबंधित नियमों के बदलाव के संबंध से अवगत कराया है। उम्मीद करते हैं कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी यदि इस पोस्ट के संबंध में आपका कोई भी सवाल अथवा सुझाव है तो उसे नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके हमें बता सकते हैं। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
[fluentform id="3"]

Leave a Comment