इन दोनों लाल सागर में हलचल मची है। विशेष रूप से अमेरिका और ब्रिटेन के जहाजों को निशाना बनाया जा रहा है। हर ओर हूती विद्रोहियों की चर्चा है। क्या आप जानते हैं कि हूती कौन हैं? हूती विद्रोह क्या है? वे लाल सागर में जहाजों को निशाना क्यों बना रहे हैं? यदि नहीं तो भी कोई बात नहीं। आज हम इस पोस्ट में आपको इस संबंध में विस्तार से जानकारी देंगे। आइए, शुरू करते हैं –
हूती कौन हैं? (Who are hothi?)
दोस्तों, सबसे पहले जान लेते हैं की हूती कौन हैं? आपको जानकारी दे दें कि यमन (Yaman) के अल्पसंख्यक शिया समुदाय को हूती कहा जाता है। बहुत से लोग इन्हें हूसी, हऊसी या होथी कहकर भी पुकारते हैं। हूती स्वयं को अंसार अल्लाह (अल्लाह के समर्थक) का दर्जा देते हैं। ये जैदी शिया समूह से ताल्लुक रखते हैं, जो शियाओं में भी अल्पसंख्यक समूह माना जाता है।
इनका उदय 80 के दशक में हुआ। यह यमन के उत्तरी क्षेत्र में शिया मुस्लिमों की लड़ाई लड़ रहा सबसे बड़ा संगठन है। इस संगठन का नाम हूती संगठन सन् 2004 में यमन की तत्कालीन सरकार के खिलाफ विद्रोह करने वाले हुसैन अल हूती के नाम पर रखा गया। दोस्तों, आपको बता दें कि उसी वर्ष सितंबर में हुसैन अल हूती यमनी सेना द्वारा मारा गया था।
हूती विद्रोह क्या है? (What is hothi rebel?)
दोस्तों, आपको बता दें कि 1990 के दशक में यमन में सऊदी अरब के बढ़ते वित्तीय एवं धार्मिक प्रभाव की प्रतिक्रिया के फलस्वरूप हूती आंदोलन प्रारंभ हुआ। हूती उत्तरी यमन में सुन्नी इस्लाम की सलाफी विचारधारा के विस्तार के विरोध में हैं। इसी के फलस्वरूप आज से करीब 20 वर्ष पूर्व 2004 में यमन के उत्तरी भाग में इसने गृहयुद्ध का रूप ले लिया।
यह गृहयुद्ध यमन में सत्तानशीं सुन्नी सरकार के खिलाफ था। बहुत से लोग इसे ‘सदाह युद्ध’ कहकर भी पुकारते हैं। इसके बाद सन् 2011 से पूर्व जब यमन में सुन्नी नेता अब्दुल्ला सालेह की सरकार थी, तब बड़े पैमाने पर शियाओं के दमन की घटनाएं हुईं। ऐसे में शियाओं में सुन्नी समुदाय के तानाशाह नेता के खिलाफ गुस्सा भड़क उठा और वे विद्रोह पर उतर आए।
इसके बाद से ज़ायदी शिया यानी हूती विद्रोही लगातार यमन की सुन्नी सरकार से लड़ रहे हैं। हूतियों ने आज से करीब 10 वर्ष पूर्व सन् 2014 में यमन की राजधानी सना पर कब्ज़ा कर लिया। इसके ठीक दो साल बाद यानी सन् 2016 तक उत्तर के अधिकांश हिस्से पर हूती विद्रोहियों का कब्ज़ा हो चुका था।
यमन की वर्तमान स्थिति क्या है? (What is the present condition of yaman?)
दोस्तों, यदि यमन की वर्तमान स्थिति की बात करें तो इसके बड़े हिस्से पर हूती विद्रोहियों द्वारा कब्जा है। यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर (international level) पर मान्यता प्राप्त सरकार (recognised government) की बहाली के लिए सऊदी अरब (Saudi Arabia) की अगुवाई में सैन्य गठबंधन हूती संगठन के खिलाफ लड़ रहा है। मित्रों , आपको बता दें कि यमन के गृहयुद्ध में संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई सन् 2015 में सऊदी गठबंधन में शामिल हो गया था। दोस्तों , वर्तमान में हूती संगठन का नेतृत्व अब्दुल मलिक अल-हूती के पास है।
हूती विद्रोही लाल सागर में जहाजों को निशाना क्यों बना रहे हैं? (Why hothi rebellion are targeting ships in red sea?)
दोस्तों, आपको बता दें कि इजरायल एवं हमास के बीच युद्ध में हूती विद्रोही हमास के पक्ष में खड़े हैं। वे इजराइल (Israel) की को नेस्तनाबूद करने का लक्ष्य लेकर युद्ध में जुटे हैं। इसके लिए वे लगातार उसके मालवाहक जहाजों यानी कार्गो शिप्स (cargo ships) को निशाना बना रहे हैं। वे इजराइल पर हमला करने के लिए ड्रोन एवं मिसाइलों का भी इस्तेमाल कर रहे हैं।
गाजा में इजरायली बमबारी के विरुद्ध फिलिस्तीनियों के लिए समर्थन दिखा रहे इन हूती विद्रोहियों द्वारा दुनिया के सबसे व्यस्त जलमार्गों में से एक माने जाने वाले लाल सागर यानी द रेड सी (The red sea) में भी जहाजों को निशाना बनाया जा रहा है। हूती विद्रोहियों को ईरान (Iran) का समर्थन हासिल है।
हूती विद्रोहियों द्वारा रेड सी में जहाजों पर हमले का क्या असर पड़ रहा है? (What is the effect of attack on ships by hothi rebellion in red sea?)
दोस्तों, अब जान लेते हैं कि हूती विद्रोहियों द्वारा रेड सी में जहाजों पर हमले का क्या असर पड़ रहा है? दोस्तों, लाल सागर में जहाज पर हूती विद्रोहियों के हमले के चलते कार्गो जहाजों को हॉर्न ऑफ अफ्रीका (Horn of Africa) के आस-पास लंबा चक्कर लगाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
दरअसल, लाल सागर से गुजरने वाला रास्ता यूरोप और एशिया (Europe and Asia) के बीच सबसे जरूरी और सबसे छोटा व्यापारिक मार्ग है। ऐसे में अफ्रीका रूट (africa root) से व्यापार में हजारों मील लंबा चक्कर काटने से कार्गो डिलीवरी (Cargo delivery) में भी देरी तो होगी ही, ईंधन का खर्च भी बेतहाशा बढ़ेगा। लागत एवं समय (cost and time) दोनों में अंधाधुंध इजाफे का असर संबंधित देशों की अर्थव्यवस्था पर पड़ना तय है।
लाल सागर कहां है? (Where the red sea is?)
दोस्तों, हम यहां लगातार लाल सागर की बात कर लेते हैं तो यह जान लेते हैं कि लाल सागर कहां है? इसकी क्या स्थिति है? तो दोस्तों, आपको बता दें कि लाल सागर हिंद महासागर (Hind ocean) और भूमध्य सागर के बीच की कड़ी है। दोस्तों , लाल सागर में ही Gate of Tears स्थित है। अब आप पूछेंगे कि यह Gate of Tears क्या है? तो आपको बता दें कि यह एक संकीर्ण (narrow) जलमार्ग है। दुनिया का 40 फीसदी व्यापार इसी के माध्यम से होता है।
एक देश का सामान दूसरे देश में ले जाने वाले अधिकांश जहाज यहीं से गुजरते हैं। यदि यह कहा जाए कि आयात एवं निर्यात (import and export) का यह सर्वाधिक आवश्यक जलमार्ग है तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। इस जलमार्ग में कोई भी बाधा दुनिया के अधिकांश देशों की अर्थव्यवस्था (economies) को प्रभावित करेगी।
क्या लाल सागर का व्यापारिक मार्ग अवरुद्ध होने से भारत पर भी कोई प्रभाव पड़ेगा? (Will India have any impact of blockage commercial passage in red sea?)
जी हां, दोस्तों इस सवाल का जवाब हां में है। यदि लाल सागर का व्यापारिक जल मार्ग बाधित होता है तो भारत पर भी इसका असर पड़ेगा। इसकी वजह यह है कि भारत (India) अपनी जरूरत का करीब 80 प्रतिशत कच्चा तेल बाहर से ही आयात (import) करता है।
दोस्तों, अगर लाल सागर में हूती विद्रोहियों का हमला कायम रहता है तो हमारे देश की अर्थव्यवस्था पर इसका खराब असर देखने को मिलेगा। जाहिर है कि तेल कंपनियों को पेट्रोल एवं डीजल के दाम बढ़ाने पड़ेंगे, जिससे अंत में पेट्रोल-डीजल के के साथ ही फल-सब्जियां, माल की ढलाई, बस किराया आदि समेत सभी चीजें महंगी हो जाएंगी। आम आदमी की कमर टूटते देर नहीं लगेगी।
लाल सागर को इस नाम से क्यों पुकारा जाता है? (Why red sea has been given this name?)
दोस्तों, अब आपके दिमाग में सवाल उठ रहा होगा कि आखिर लाल सागर को यह नाम क्यों दिया गया है? क्या इसका पानी लाल है? तो दोस्तों आपको साफ कर दे की इसका पानी लाल नहीं है।
यद्यपि, समुद्री सतह पर प्रवाल की मौसमी मौजूदगी के चलते यह कभी-कभी लाल दिखाई देने लगता है। दोस्तों, आपको बता दें कि इस सागर का समुद्री विस्तार करीब लगभग 2250 किलोमीटर लंबा है। इसकी औसत गहराई 490 मीटर है। वहीं, लाल सागर के सबसे चौड़े स्थान पर इसके तटों के बीच करीब 355 किलोमीटर की दूरी है।
हूती कौन है?
यमन के अल्पसंख्यक शिया समुदाय को हूती कहा जाता है।
हूती स्वयं को किसका दर्जा देते हैं?
हूती स्वयं को अंसार अल्लाह का दर्जा देते हैं। जिसका अर्थ अल्लाह के समर्थक होता है।
विद्रोही संगठन हूती का नाम किसके नाम पर रखा गया है?
हूती संगठन का यह नाम 2004 में यमन सेना द्वारा मारे गए इसके लीडर हुसैन अल हूती के नाम पर रखा गया है।
वर्तमान में यमन की राजधानी सना पर किसका कब्जा है?
वर्तमान में यमन की राजधानी सना पर हूतियों का कब्जा है।
लाल सागर कहां है?
लाल सागर हिंद महासागर एवं भूमध्य सागर के बीच स्थित है
समुद्री व्यापार की दृष्टि से लाल सागर क्यों महत्वपूर्ण है?
यह यूरोप और एशिया के बीच सबसे छोटा समुद्री व्यापारिक मार्ग होने के नाते बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।
हूती विद्रोही लाल सागर में मालवाहक जहाजों को अपना निशाना क्यों बना रहे हैं?
ईरान से समर्थन प्राप्त हूती विद्रोही इजराइल एवं हमास के युद्ध में हमास के साथ खड़े हैं। वे इजरायली बमबारी की कार्रवाई के विरोध में लाल सागर में कार्गो जहाजों को अपना निशाना बना रहे हैं।
लाल सागर व्यापारिक मार्ग बाधित होने से क्या दिक्कत हो रही है?
इससे व्यापारियों को अफ्रीकी रूट का सहारा लेना पड़ रहा है, जो हजारों मील लंबा है। इससे माल की आवाजाही की लागत एवं समय दोनों में बेतहाशा आशा बढ़ोतरी हो गई है। इसका असर विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्था पर पड़ना तय है।
क्या लाल सागर का रंग लाल है?
जी नहीं, इसका रंग लाल नहीं है। कभी-कभी मौसमी लाल प्रवाल की उपस्थिति के कारण इसका रंग लाल दिखाई देता है।
क्या लाल सागर के व्यापारिक मार्ग के विरुद्ध होने से भारत की अर्थव्यवस्था पर भी कोई प्रभाव पड़ेगा?
जी हां इसका भारत की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
दोस्तों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको बताया कि हूती कौन हैं? हूती विद्रोह क्या है? वे लाल सागर में जहाज को निशाना क्यों बना रहे हैं? उम्मीद है कि इस पोस्ट से आपकी जानकारी में बढ़ोतरी हुई होगी। इसी प्रकार की ज्ञानवर्धक पोस्ट पाने के लिए आप हमें नीचे दिए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके बता सकते हैं। ।।धन्यवाद।।