दुनिया के सात महाद्वीप के नाम और उनकी जानकारी | World 7 continents names in Hindi

|| दुनिया के सात महाद्वीप के नाम और उनकी जानकारी | World 7 continents names in Hindi | Seven continents of the world in Hindi | 7 mahadeep ke naam | Continents name list in Hindi | Africa continent population in Hindi | Europe continent area in Hindi ||

World 7 continents names in Hindi :- आपने अपनी स्कूल की किताबों में दुनिया के 7 महाद्वीपों के नाम अवश्य पढ़े होंगे और इसी के साथ ही जो पांच महासागर हैं, उनके नाम भी पढ़ रखे होंगे। फिर भी अब हमें स्कूल में पढ़े हुए इतने वर्ष हो गए हैं और तब की बात अब कौन याद रखता होगा या अब किसे याद होगी। ऐसे में आज हम महाद्वीपों के बारे में आपकी जानकारी को दुरुस्त करने और उसके बारे में जानकारी देने के लिए ही यह लेख लेकर आये (Seven continents of the world in Hindi) हैं।

आज के इस लेख के माध्यम से आपको दुनिया में स्थित सातों महाद्वीपों के बारे में समूची जानकारी जानने को मिलेगी। इसे पढ़कर आपको यह जानने में मदद मिलेगी कि कौन सा महाद्वीप क्या महत्व रखता है, उसमें कितने देश हैं, उसका क्षेत्रफल क्या है तथा उसकी अन्य जानकारियां क्या है। आइये जाने दुनिया के सात महाद्वीप के नाम और उनकी जानकारी के बारे में विस्तार से ताकि आपकी याददाश्त फिर से तरोताजा हो (Continents name list in Hindi) जाए।

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दुनिया के सात महाद्वीप के नाम और उनकी जानकारी (World 7 continents names in Hindi)

यह तो सभी को ही पता होगा कि यह दुनिया बहुत बड़ी है और इस बड़ी दुनिया में कई तरह के देश हैं। अब यह देश जहाँ भी होते हैं वे किसी ना किसी महाद्वीप के अंदर ही आते हैं। एक तरह से कहा जाए तो हमारा देश या किसी अन्य व्यक्ति का देश इस दुनिया के सात महाद्वीपों में से किसी एक महाद्वीप का हिस्सा होता है। आपको यह तो पता होगा कि हमारा भारत देश एशिया महाद्वीप में आता है जो एक तरह से दुनिया का सबसे बड़ा महाद्वीप (7 mahadeep ke naam) है।

दुनिया के सात महाद्वीप के नाम और उनकी जानकारी World 7 continents names in Hindi

एशिया महाद्वीप जनसँख्या और क्षेत्रफल दोनों के मामले में ही दुनिया का सबसे बड़ा महाद्वीप है क्योंकि यहाँ पर दुनिया का सबसे बड़े क्षेत्रफल वाला देश रूस भी है तो वहीं दुनिया की सबसे अधिक जनसंख्या वाले दो देश भारत व चीन भी इसी में ही हैं। इसी के साथ ही अन्य महाद्वीपों की भी अलग अलग विशेषताएं हैं। आइये जाने सातों महाद्वीपों के बारे में संक्षेप में संपूर्ण (Earth 7 continents name in Hindi) जानकारी।

एशिया महाद्वीप (Asia continent in Hindi)

तो बात करते हैं दुनिया के सबसे बड़े और प्रसिद्ध व शक्तिशाली महाद्वीप के बारे में जो है एशिया महाद्वीप। यह एक ऐसा महाद्वीप है जिसका मुकाबला कोई नहीं कर सकता है क्योंकि यहाँ पर दुनिया के सबसे प्रसिद्ध धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं, यह कई धर्मों की जन्म भूमि भी है और यहीं से ही दुनिया के शक्ति केंद्र उभर कर निकल रहे हैं। एशिया महाद्वीप को हिन्दू, जैन, बौध, सिख व इस्लाम धर्म को मानने वाले लोगों की जन्मस्थली कहा जाता है और यहीं से ही पूरी दुनिया का भी मार्गदर्शन किया जाता रहा (Asia continent population in Hindi) है।

एशिया महाद्वीप का क्षेत्रफल 44,579,000 वर्ग किलोमीटर है अर्थात हम इसे लगभग 4.5 करोड़ वर्ग किलोमीटर भी कह सकते हैं। यहाँ की कुल जनसँख्या वर्ष 2021 के आंकड़ों के अनुसार 4,694, 576,167 लोगों की है अर्थात लगभग 4.7 अरब। अब पूरी दुनिया की जन्संख्या ही लगभग 8 अरब के बराबर है तो इसके अनुसार दुनिया की आधी से अधिक जनसँख्या तो अकेले एशिया महाद्वीप में ही निवास करती है। आप इसी से ही अनुमान लगा सकते हैं कि एशिया महाद्वीप कितनी अधिक महत्ता रखता है।

वहीं यदि हम एशिया महाद्वीप की डेंसिटी की बात करें तो वह 100 लोग प्रति वर्ग किलोमीटर है। अब यदि हम एशिया महाद्वीप में स्थित देशों की बात करें तो यहाँ पर 49 संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश हैं तो एक देश संयुक्त राष्ट्र का ओब्सर्वर देश है तो वहीं 5 अन्य राजकीय भूभाग (What is the total area of Asia continent in Hindi) है। एशिया महाद्वीप की कुल जीडीपी 72.7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर मानी जाती है जो वर्ष 2022 का आंकड़ा है। वहीं यहाँ की नोमिनल जीडीपी 39 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है।

अब यदि हम एशिया महाद्वीप में रहने वाले लोगों और उनके धर्मों की बात करें तो यहाँ सबसे अधिक जनसँख्या इस्लाम धर्म को मानने वाले लोगों की है। एशिया महाद्वीप की कुल जनसँख्या में से इस्लाम धर्म के अनुयायी 28 प्रतिशत, फिर हिन्दू धर्म के अनुयायी 22.8 प्रतिशत, किसी भी धर्म को ना माने वाले 13.9 प्रतिशत, बौद्ध 11.1 प्रतिशत, चाइनीज फोक धर्म के 9.7 प्रतिशत, ईसाई 8.4 प्रतिशत, एथिनिक धर्म के 3.5 प्रतिशत और अन्य धर्मों के 2.6 प्रतिशत लोग रहते हैं।

अफ्रीका महाद्वीप (Africa continent in Hindi)

अब एशिया के बाद जो अन्य महाद्वीप आता है वह है अफ्रीका। अफ्रीका महाद्वीप को दुनिया का सबसे गरीब व पिछड़ा हुआ महाद्वीप माना जाता है जहाँ की अधिकांश जनता वनों व जंगलों से घिरी हुई है। जिन लोगों का रंग अत्यधिक काला होता है, वे इसी अफ्रीका महाद्वीप के ही निवासी होते हैं। वर्षों तक अमेरिका और यूरोप के नागरिकों ने अफ्रीका महाद्वीप के लोगों पर भीषण अत्याचार किये हैं और उन्हें अपना गुलाम बनाकर रखा है। हालाँकि आज के समय में भी दुनिया में सबसे ज्यादा गरीबी व पिछड़ापन इन्हीं अफ़्रीकी देशों में ही व्याप्त है।

अफ्रीका महाद्वीप का कुल क्षेत्रफल 30,370,000 वर्ग किलोमीटर है जिसे हम 3 करोड़ वर्ग किलोमीटर भी कह सकते हैं। वहीं यदि हम अफ्रीका महाद्वीप में रहने वाले लोगों की जनसँख्या की बात करें तो वह 1,393,676,444 है जिसे हम 1.4 अरब भी कह सकते हैं जो एशिया महाद्वीप की तुलना में बहुत ही कम है। एक तरह से इसका क्षेत्रफल और जनसँख्या दोनों ही एशिया महाद्वीप की तुलना में कम (Africa continent area in Hindi) है। यहाँ की जनसँख्या की डेंसिटी 46.1 वर्ग किलोमीटर है।

अब यदि हम अफ्रीका महाद्वीप की जीडीपी की बात करें तो वह 8.05 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर मानी जाती है और वहीं नोमिनल जीडीपी 2.96 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है। यहाँ पर लगभग 61 देश हैं जिनमें से 54 देशों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पूरी तरह से मान्यता मिली हुई है जबकि बाकि के देश विचाराधीन हैं या किसी अन्य देश के अधीन माने जा सकते हैं।

अब यदि हम अफ्रीका देश में रह रहे लोगों के धर्म की बात करें तो यहाँ पर मुख्य रूप से दो धर्मों के ही लोग रहते हैं क्योंकि सदियों पहले इन दोनों धर्मों ने ही यहाँ पर शासन किया है और भीषण अत्याचार किये हैं। अफ्रीका महाद्वीप में 49 प्रतिशत लोग ईसाई धर्म को मानते हैं जबकि 42 प्रतिशत लोग इस्लाम धर्म को मानते हैं। जबकि बाकि के बचे हुए 9 प्रतिशत लोगों में से 8 प्रतिशत लोग अपने पारंपरिक रीती रिवाजों को मानते हैं जिन्हें हम आदिवासी भी कह सकते (Africa continent population in Hindi) हैं। बचे हुए एक प्रतिशत में हिन्दू, जैन, बौध, सिख, पारसी, यहूदी इत्यादि धर्म को मानने वाले लोग आते हैं।

यूरोप महाद्वीप (Europe continent in Hindi)

अब यूरोप एक ऐसा देश है जो ईसाई धर्म का गढ़ माना जाता है और यहाँ से ही ईसाई धर्म के लोगों को मानने वाले लोगों की शुरुआत या जन्म स्थली भी कहा जा सकता है। यहीं के देशों में ही द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भीषण मारकाट मची थी और यहीं के देशों ने ही अन्य महाद्वीपों में जा जाकर वहां के लोगों पर भीषण अत्याचार किये थे और वहां की अद्भुत संपदा को लूटने का काम किया था। इसका एक उदाहरण तो हमारा खुद का देश भारत ही है जिसे यूरोप के ही एक देश इंग्लैंड के द्वारा वर्षों वर्ष तक लूटा गया था।

वहीं यदि हम यूरोप महाद्वीप के क्षेत्रफल की बात करें तो इसका कुल क्षेत्रफल 10,180,000 वर्ग किलोमीटर है जिसे हम 1 करोड़ वर्ग किलोमीटर का क्षेत्रफल भी कह सकते हैं। वहीं यदि हम यूरोप महाद्वीप की जनसँख्या की बात करेंगे तो वह 745,173,774 है जिसे हम लगभग 75 करोड़ कह सकते हैं। वहीं यदि यहाँ की पॉपुलेशन डेंसिटी की बात होगी तो वह 72.9 लोग प्रति वर्ग किलोमीटर है जिसे हम लगभग 73 वर्ग किलोमीटर के रूप मे भी परिभाषित कर सकते (Europe continent area in Hindi) हैं।

यूरोप महाद्वीप की कुल जीडीपी 33.62 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है तो वहीं नोमिनल जीडीपी 24.02 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है। यह आंकड़ा वर्ष 2022 का है। यहाँ पर कुल मिलाकर 56 देश हैं जिनमें से कुछ को संयुक्त राष्ट्र से मान्यता मिली हुई है तो कुछ गैर मान्यता प्राप्त देश भी हैं जो बड़े देशों के द्वारा मजाक के रूप में स्थापित किये गए हैं। यहाँ पर सबसे ज्यादा रशियन भाषा बोली जाती है और फिर उसके बाद जर्मन, अंग्रेजी, फ्रेंच, इतालियन, स्पेनिश, पोलिश, रोमानियाई व डच का नंबर आता है।

अब यदि हम यहाँ के धर्म की बात करें तो इसका अनुमान तो आप स्वयं ही लगा सकते हैं कि यूरोप जैसे महाद्वीप में जहाँ लगभग सभी देश ईसाई धर्म का पालन करते हैं तो वहां सबसे बड़ा धर्म कौन सा होगा। किन्तु आप यह भी जान लें कि पिछले कुछ वर्षों में ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों के द्वारा अपने धर्म को छोड़ने का चलन बहुत तेजी से बढ़ गया है और वे अब किसी भी धर्म को नहीं मानते हैं। ऐसे में यूरोप में 76.2 प्रतिशत लोग ईसाई, 18.3 प्रतिशत लोग किसी भी धर्म को ना मानने वाले और 4.9 प्रतिशत इस्लाम धर्म के अनुयायी (Europe continent population in Hindi) है। वहीं अन्य सभी धर्म के लोगों की जनसँख्या 0.6 प्रतिशत है।

उत्तरी अमेरिका महाद्वीप (North America continent in Hindi)

अब आपने अमेरिका देश का नाम सुन रखा होगा जो हर दिन किसी ना किसी कारण से अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में छाया रहता है। वह इसलिए क्योंकि एक तो वर्तमान समय में अमेरिका दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश है तो वहीं उसे दुनिया के सबसे बड़े से लेकर छोटे देश के आंतरिक मामलों में अपनी टांग अड़ानी ही होती है वरना अमेरिकियों को रात को अच्छे से नींद नहीं आती है। हालांकि अब अमेरिका अपनी शक्ति को खोता जा रहा है और एशिया के तीन देश भारत, रूस व चीन शक्ति के तीन नए स्तंभ होकर खड़े हो रहे (North America continent population in Hindi) हैं।

अब यहाँ बात अमेरिका देश की नहीं अपितु उत्तरी अमेरिका महाद्वीप की हो रही है। तो उत्तरी अमेरिका महाद्वीप का कुल क्षेत्रफल 24,709,000 वर्ग किलोमीटर है और इसके हिसाब से वहां के क्षेत्रफल को हम 2.5 करोड़ वर्ग किलोमीटर का कह सकते हैं। यहाँ की कुल जनसँख्या 592,296,233 लोगों की है जिसे हम 60 करोड़ कह सकते हैं। यहाँ की पॉपुलेशन डेंसिटी 25.7 वर्ग किलोमीटर है जो अपने आप में बहुत कम है अर्थात यहाँ प्रति वर्ग किलोमीटर में केवल 25 से 26 लोग ही निवास करते हैं अर्थात उनके पास रहने को बहुत जगह है।

यहाँ पर कुल 23 देश हैं जिन्हें संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता मिली हुई है और वहीं 23 देश ऐसे हैं जो किसी अन्य देश पर निर्भर करते हैं। अब यहाँ पर जो अमेरिका देश है उसका पूरा नाम संयुक्त राज्य अमेरिका है और यह उत्तरी अमेरिका के ही कई राज्यों को जोड़कर बनाया गया देश है जिस कारण इसका नाम ही संयुक्त राज्य अमेरिका रखा गया है। यहाँ सबसे ज्यादा अंग्रेजी बोली जाती है और उसके बाद स्पेनिश, फ्रेंच, डच व डेनिश भाषाओं का बोलबाला (North America continent area in Hindi) है।

अब यदि हम उत्तरी अमेरिका महाद्वीप के लोगों के धर्म को जानने का प्रयास करेंगे तो इसका हाल भी कुछ कुछ यूरोप महाद्वीप के जैसा ही है क्योंकि यहाँ भी सबसे ज्यादा ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों की जनसँख्या है और फिर उसके बाद ईसाई धर्म को छोड़कर किसी भी धर्म को ना मानने वाले लोगों की जनसँख्या निवास करती है। तो उत्तरी अमेरिका में 74.6 प्रतिशत लोग ईसाई, 19.2 प्रतिशत किसी भी धर्म को ना मानने वाले, 1.6 प्रतिशत जूदाइज़्म, 1.3 प्रतिशत इस्लाम व 1.2 प्रतिशत हिन्दू धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं। वहीं 2.1 प्रतिशत लोग अन्य धर्मों को मानते हैं।

दक्षिणी अमेरिका महाद्वीप (South America continent in Hindi)

दुनिया के 7 महाद्वीपों में से इस महाद्वीप का ऐसा हाल है जैसा हाल भारत के उड़ीसा राज्य का है। अब भारत का उड़ीसा राज्य ना तो ज्यादा अमीर है और ना ही ज्यादा गरीब, ना ही वहां कोई राजनीतिक उठापठक होती है और ना ही वहां का नाम राष्ट्रीय मीडिया की सुर्ख़ियों में रहता है। वह बस अपने काम से काम रखता है और शांति से अपना जीवन जीता है। बस वही हाल इस दक्षिणी अमेरिकी महाद्वीप का भी है जिसके देशों का नाम आप कभी कभार ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सुनते होंगे। इसका एक प्रसिद्ध देश है जिसका नाम आपने सुना होगा और उसके गाने पर नाचे भी होंगे और वह देश है (South America continent population in Hindi) ब्राजील।

तो इस दक्षिणी अमेरिकी महाद्वीप का कुल क्षेत्रफल 17,840,000 वर्ग किलोमीटर है अर्थात एक तरह से 1.8 करोड़ वर्ग किलोमीटर। अब यदि हम यहाँ की जनसँख्या की बात करें तो वह  434,254,119 लोगो की है अर्थात एक तरह से 43 करोड़ लोग। वहीं यदि हम दक्षिणी अमेरिका महाद्वीप की डेंसिटी की बात करेंगे तो वह 21.4 वर्ग किलोमीटर है अर्थात यहाँ के लोगों के पास बहुत ही ज्यादा जमीन है लेकिन यहाँ का एक बड़ा भूभाग जंगलों से भी घिरा रहता है।

वहीं यदि हम इसकी जीडीपी की बात करेंगे तो वह 7.61 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर होती है और वहीं नोमिनल जीडीपी 3.62 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर होती है। यहाँ पर कुल मिलाकर 14 देश रहते हैं जिनमें से 12 देशों को मान्यता मिली हुई है। वहीं यदि हम यहाँ  सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा की बात करेंगे तो वहां की प्रमुख भाषा स्पेनिश है। इसके बाद यहाँ पर पुर्तगाली, अंग्रेजी, डच, फ्रेंच इत्यादि भाषाएँ बोली जाती (South America continent area in Hindi) हैं।

अब यदि दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के लोगों की धर्म की बात होगी तो जनसँख्या के प्रतिशत के अनुसार यहाँ पर सबसे ज्यादा ईसाई धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं जिनका कुल जनसँख्या में आंकड़ा 90 प्रतिशत है अर्थात 100 लोगों में से 90 लोग यहाँ ईसाई धर्म को मानते हैं। वहीं किसी भी धर्म को ना मानने वाले लोगों की संख्या 7.7 प्रतिशत है तो वहीं अन्य धर्मों के 2.3 प्रतिशत लोग यहाँ रहते हैं।

ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप (Australia continent in Hindi)

भारत के चरणों में स्थित यह महाद्वीप दुनिया का सबसे छोटा महाद्वीप कहा जा सकता है जो रहने लायक है क्योंकि जो अंतिम महाद्वीप है जिसे हम अंटार्कटिका महाद्वीप के नाम से जानते हैं, वह तो रहने लायक ही नहीं है। तो यहाँ हम ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप की बात कर रहे हैं जिसके आसपास कई अन्य देश भी आते हैं लेकिन वहां का प्रमुख देश ऑस्ट्रेलिया ही है जिसका नाम आपने अवश्य ही सुन रखा (Australia continent population in Hindi) होगा।

तो ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप का कुल क्षेत्रफल 8,600,000 वर्ग किलोमीटर है अर्थात कुल मिलाकर 86 लाख वर्ग किलोमीटर। अब यदि हम यहाँ की जनसँख्या की बात करेंगे तो वह 39,357,469 लोगो की है अर्थात कुल मिलाकर 40 करोड़ के आसपास। यहाँ पर कुल मिलाकर दो ही प्रमुख देश हैं या यूँ कहें कि कुल ही दो देश हैं जिनके नाम ऑस्ट्रेलिया व न्यूज़ीलैण्ड हैं। यह दोनों ही देश चारों ओर से समुंद्र से घिरे हुए देश हैं।

ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप की कुल डेंसिटी 4.2 वर्ग किलोमीटर है अर्थात यहाँ पर रहने के लिए जगह ही जगह है जो कि एशिया महाद्वीप की तुलना में तो बहुत ही ज्यादा है। वहीं यदि हम यहाँ की भाषा की बात करेंगे तो यहाँ पर प्रमुख तौर पर अंग्रेजी भाषा ही बोली जाती है। इसके बाद इन्डोनेशियाई, टोक पिसिम, हिरी मोटू इत्यादि भाषाएँ बोली जाती (Australia continent area in Hindi) हैं।

यहाँ पर धर्म के प्रतिशत को लेकर कोई आधिकारिक आंकड़ा तो नहीं है क्योंकि एक समय पहले तक यहाँ पर ईसाई धर्म को मानने वाले लोग बहुत रहते थे किन्तु वर्तमान समय में ईसाई धर्म को इतने लोगों ने छोड़ दिया है कि माना जाता है कि किसी भी धर्म को ना मानने वाले लोगों की जनसँख्या ईसाई धर्म के लोगों से भी अधिक हो गयी है। तो सीधे शब्दों में कहा जाए तो यहाँ किसी भी धर्म को नहीं मानने वाले लोग सबसे अधिक, फिर ईसाई और उसके बाद अन्य धर्मों के लोग आते हैं।

अंटार्कटिका महाद्वीप (Antarctica continent in Hindi)

जब हम विश्व के नक़्शे को एक कागज पर देखते हैं तो वह 2 डी में होता है अर्थात एक चपटी आकार में लेकिन वास्तविकता में तो धरती गोल होती है। ऐसे में जो अंतिम महाद्वीप है जिसे हम अंटार्कटिका महाद्वीप के नाम से जानते हैं उसे हम वैश्विक नक़्शे में सबसे नीचे और सबसे ऊपर दोनों ओर देखते हैं। वह इसलिए क्योंकि यह अंटार्कटिका महाद्वीप गोल पृथ्वी में सबसे ऊपरी छोर पर स्थित है जहाँ पर सूर्य की किरणें पहुँच ही नहीं पाती (Antarctica continent area in Hindi) है।

ऐसे में यह अंटार्कटिका महाद्वीप कुछ और नहीं बल्कि बड़े बड़े और अथक ग्लेशियर का महाद्वीप है जहाँ पर लोग नहीं रहते हैं, जमीन नहीं है और केवल और केवल बर्फ ही बर्फ है। यहाँ पर आपको पूरे भूभाग में ही बर्फ दिखाई देगी और इसके अलावा कुछ और है ही नहीं। यहाँ की जनसँख्या भी नहीं है क्योंकि यहाँ रहा ही नहीं जा सकता है। हालाँकि यहाँ पर विश्व के कुछ शक्तिशाली देशों ने अन्य देशों पर नज़र रखने और कुछ रिसर्च करने के उद्देश्य से छोटे मोटे केंद्र बना रखे हैं जहाँ लोगों को भेजा जाता है।

इसी के साथ ही अंटार्कटिका महाद्वीप में केवल सैलानी आते हैं और वो भी बहुत ज्यादा पैसा खर्च करके। कहने का अर्थ यह हुआ कि यह महाद्वीप भी केवल अमीर और धनी लोगों के लिए ही घूमने का अड्डा है क्योंकि यहाँ पर जाना और घूमना बहुत ही ज्यादा महंगा होता है। ऐसे में यदि हम अंटार्कटिका महाद्वीप के क्षेत्रफल की बात करेंगे तो वह 14,200,000 वर्ग किलोमीटर अर्थात 1.4 करोड़ वर्ग किलोमीटर का है। वहीं जनसँख्या है नहीं लेकिन मौसम के अनुसार यहाँ पर हर वर्ष एक से लेकर पांच हज़ार तक सैलानी या रिसर्च करने वाले आते हैं।

दुनिया के सात महाद्वीप के नाम और उनकी जानकारी – Related FAQs 

प्रश्न: सभी 7 महाद्वीपों का नाम क्या है?

उत्तर: इस लेख में हमने सभी महाद्वीपों के नाम और अन्य जानकारी दी है जो आपको पढ़ना चाहिए।

प्रश्न: सभी 7 महाद्वीपों में कितने देश हैं?

उत्तर: सभी 7 महाद्वीपों में मिला कर 195 देश हैं।

प्रश्न: दुनिया का सबसे छोटा महाद्वीप कौन सा है?

उत्तर: दुनिया का सबसे छोटा महाद्वीप ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप है।

प्रश्न: विश्व का सबसे बड़ा और सबसे छोटा महाद्वीप कौन सा है?

उत्तर: विश्व का सबसे बड़ा एशिया महाद्वीप और सबसे छोटा ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप है।

प्रश्न: दुनिया में कुल कितने महासागर है?

उत्तर: दुनिया में कुल 5 महासागर है।

प्रश्न: संसार का सबसे छोटा देश कौन सा है?

उत्तर: संसार का सबसे छोटा मान्यता प्राप्त देश वेटिकन सिटी है।

तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने दुनिया के सभी महाद्वीपों के नाम और अन्य जानकारी इस लेख के माध्यम से जान ली है। आशा है कि जो जानकारी लेने के लिए आप इस लेख पर आए थे वह जानकारी आपको मिल गई होगी। यदि आपके मन में कोई शंका या सवाल शेष है तो आप हम से नीचे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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