याददाश्त बढ़ाने के उपाय | याददाश्त तेज करने के 10 घरेलू उपाय | Yaddasht Kaise Badhaye?

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पहले की जीवनशैली ऐसी हुआ करती थी कि लोगों को सब कुछ याद रहा करता था लेकिन आज के बदलते परिवेश में सब चीज़ों को याद रखना एक बहुत बड़ी चुनौती बन चुका हैं। वैसे तो उम्र के साथ साथ लोगों की याददाश्त कमजोर होना एक (Yaddasht badhane ke tarike) सामान्य चीज़ हैं लेकिन कम उम्र में ही याददाश्त का कमजोर होना अच्छी बात नही कही जा सकती हैं। अब के समय में चीज़े भी इतनी अधिक बढ़ गयी हैं कि (Yaddasht badhane ka gharelu nuskha) सभी चीज़ों को याद रखना बहुत जरुरी हो चला हैं।

तो ऐसे में यदि आपकी याददाश्त कमजोर हैं और आप इसको तेज करने के उपाय खोज रहे हैं तो आज हम आपके साथ वही साँझा करने वाले हैं। आज के इस लेख में आपको अपनी याददाश्त बढ़ाने के या याददाश्त को तेज करने के कुछ ऐसे उपाय मिलेंगे जिन्हें आपको आज से ही अपने जीवन में अपना (Yaddasht badhane ke liye kya khaye) लेना चाहिए। इनकी सहायता से आप अपनी याददाश्त को बाकियों की तुलना में कहीं अधिक तेज कर पाने में सक्षम होंगे। आइए जाने याददाश्त को बढ़ाने के विभिन्न उपायों के बारे में विस्तार से।

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याददाश्त क्या होती है? (Yaddasht kya h)

सबसे पहले तो इस बारे में जाना जाए कि आखिरकार याददाश्त होती क्या चीज़ है। ऐसा हम इसलिए बता रहे हैं क्योंकि बहुत से लोग याददाश्त तेज या कमजोर होने से यह अर्थ निकाल लेते हैं कि किसी व्यक्ति का दिमाग कितना तेज या कमजोर हैं जो कि पूर्णतया गलत हैं। तो यदि आप पहले यह जान लेंगे कि याददाश्त होती क्या हैं तो आप इसके लिए उपाय भी वैसे ही कर पाएंगे।

याददाश्त से तात्पर्य यह होता हैं कि आप चीज़ों को कितने लंबे समय तक याद रख पाते हैं। जबकि दिमाग के तेज या कमजोर होने से तात्पर्य यह होता हैं कि आप किसी चीज़ को कितनी चतुरता या चालाकी के साथ कर पाते हैं। इसके याददाश्त के तेज या कमजोर होने से कोई भी संबंध नही होता हैं।

ऐसे में यदि आपको पुरानी चीज़े या आवश्यक जानकारी लंबे समय तक याद रहती हैं तो इसे याददाश्त के मजबूत होने या तेज होने के संबंध में देखा जा सकता हैं। वही यदि आप चीज़ों को कुछ समय के बाद भूल जाते हैं तो इसे याददाश्त के कमजोर होने से जोड़कर देखा जाता हैं। तो ऐसे में यदि आप चीज़ों को जल्दी भूल जाते हैं तो आपको अपनी याददाश्त को तेज करने पर काम करना चाहिए।

याददाश्त बढ़ाने के उपाय | याददाश्त तेज करने के 10 घरेलू उपाय | Yaddasht Kaise Badhaye?

याददाश्त के कमजोर होने के लक्षण (Kamjor yaddasht ke lakshan)

अब कुछ लोग इस शंका में रहते हैं कि उन्हें कैसे पता चलेगा कि उनकी याददाश्त भी कमजोर हैं या फिर उन्हें इसे तेज करने की आवश्यकता हैं। तो इसके लिए आज हम आपको कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में बताएँगे जो यदि आपको स्वयं में दिखे तो समझ जाइये कि आपकी याददाश्त कमजोर हैं और आपको इसके लिए सही उपाय करने की आवश्यकता हैं। आइए जाने याददाश्त के कमजोर होने के विभिन्न लक्षणों के बारे में।

  • आपको जो भी बात कहीं जाती हैं या कुछ करने को कहा जाता हैं लेकिन यदि आप उसे करना भूल जाते हैं या फिर उसे याद नही रख पाते हैं तो मतलब आपकी याददाश्त कमजोर हो चुकी हैं।
  • आप जहाँ भी रहते हैं फिर चाहे वह घर हो या फ्लैट या पीजी या कहीं और। आप वहां पर अपने से जुड़ी या घर की चीज़े अलग अलग जगहों पर रखते होंगे। फिर जब आपको उनकी आवश्यकता होती होगी और तब आपको उन्हें ढूँढना पड़े और आपको सही से याद नही आये कि आपने वह चीज़ कहां रखी थी तो आपकी याददाश्त कमजोर हो चुकी हैं।
  • यदि आपको किसी अपने के द्वारा पुरानी चीज़ों को याद दिलाना पड़े या आपको बताना पड़े कि आपने यह कहां था या किसी ने आपको यह कहां था तो समझ जाइये कि आपकी याददाश्त कमजोर हो चुकी हैं।
  • आपको अक्सर अपनों से यह ताना सुनने को मिल जाए कि आपको तो कुछ याद ही नही रहता हैं या फिर आपको कहने का कोई मतलब नही क्योंकि आप उसे भूल जाएंगे तो समझ जाइये कि आपकी याददाश्त कमजोर हो चुकी हैं।
  • आप छात्र हैं और आपको दिनभर पढ़ना होता हैं लेकिन यदि आपको एक ही चीज़ बार बार पढ़ने की आवश्यकता पड़े और फिर भी सही से याद ना हो या आप उन्हें एक समय के बाद भूल जाए तो समझ जाइये कि आपकी याददाश्त कमजोर हो चुकी हैं।

तो ऐसे ही बहुत से कारण होंगे जो आपको याद दिलाएंगे कि आपकी याददाश्त कमजोर हो चुकी हैं और अब आपको उसके लिए काम करने की आवश्यकता हैं। आपको स्वयं ही पता चल जाएगा या फिर आपको अपनों के द्वारा बता दिया जाएगा कि आपकी याददाश्त कमजोर हो चुकी हैं। तो अब इसके लिए सही उपाय करने का समय आ चुका हैं।

याददाश्त कमजोर होने के कारण (Yaddasht kamjor hone ke karan)

अब जब आप याददाश्त के कमजोर होने के विभिन्न लक्षणों के बारे में जान चुके हैं तो आपको यह भी जानना चाहिए कि याददाश्त के कमजोर होने के क्या क्या कारण हो सकते हैं। ऐसे में यदि आप सही कारण को पहचान जाएंगे तो याददाश्त को मजबूत करने के लिए साथ के साथ इन कारणों को भी सही किया जा सकता हैं ताकि आपकी याददाश्त तेजी के साथ बढ़े। आइए जाने याददाश्त के कमजोर होने के क्या क्या कारण हो सकते हैं।

  • तकनीक का ज्यादा इस्तेमाल आपकी याददाश्त को कमजोर कर सकता हैं। यदि आप दिनभर तकनीक में ही डूबे रहते हैं और हमेशा अपने मोबाइल या लैपटॉप में कुछ ना कुछ करते रहते हैं तो एक तरह से यह आपके दिमाग पर असर करता हैं। इसके फलस्वरूप आपकी याददाश्त भी प्रभावित होने लगती हैं और वह कमजोर हो जाती हैं।
  • यदि आप आवश्यकता से अधिक फिल्मे या सीरीज देखते हैं तो भी आपकी याददाश्त कमजोर हो जाती हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि जरुरत से ज्यादा फिल्मे या सीरीज देखने पर आपके दिमाग में हमेशा उनकी कहानियां ही चलती रहेंगी। तो ऐसे में उसका असर याददाश्त पर पड़ने लगता हैं।
  • आजकल के समय में तकनीक अपने पाँव पसार रही हैं और वायरलेस चीज़े बहुत अधिक बढ़ चुकी हैं। अब चाहे फोन हो या इंटरनेट या कोई और चीज़। वे सब तरह तरह की तरंगो के द्वारा आपस में कांटेक्ट करती हैं। अब यह तरंगे आपके पास होकर भी गुजरती होंगी। इसकी वजह से भी लोगों की याददाश्त पर असर पड़ रहा हैं।
  • यदि आप किसी तरह के तनाव में हैं या मन ही मन किसी चीज़ को लेकर परेशान रहते हैं तो भी आपकी याददाश्त पर असर पड़ सकता हैं। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि आपके दिमाग में केवल वही चीज़ ही चलती रहेगी और आप बाकि चीज़ों पर ध्यान ही नही देंगे। तो इस कारण भी आपकी याददाश्त कमजोर हो सकती हैं।
  • यदि आप आवश्यकता से अधिक नशा करते हैं फिर वह नशा किसी भी प्रकार का हो। तो इस कारण भी आपकी याददाश्त पर बुरा असर पड़ सकता हैं। नशा मनुष्य को ना केवल बर्बाद कर देता हैं बल्कि उसके सोचने समझने की शक्ति को भी नष्ट कर देता हैं। तो इससे आपकी याददाश्त लगातार कमजोर हो सकती हैं।
  • लोगों से कम मिलना और अपने आप में ही खोये रहने के कारण भी याददाश्त पर असर पड़ता हैं। जब आप लोगों से मिलते हैं तो आपके सामने सोचने की अपार संभावनाएं होती हैं और आप अपने दिमाग पर जोर भी देते हैं। तो यदि आप ज्यादातर समय अकेले में ही बिताएंगे तो भी आपकी याददाश्त कमजोर हो सकती हैं।

तो ऊपर बताये गए कारण याददाश्त के कमजोर होने के कुछ प्रमुख कारण माने जा सकते हैं। हालाँकि याददाश्त के कमजोर होने के इसके अलावा भी असंख्य कारण हो सकते हैं जो मनुष्य के ऊपर निर्भर करते हैं। इसलिए आप अपनी याददाश्त के कमजोर होने के सही कारणों के बारे में पता लगाए और उसके अनुसार ही काम करे। अब हम याददाश्त को बढ़ाने के कुछ सरल व प्रभावी उपायों के बारे में चर्चा करेंगे।

याददाश्त बढ़ाने के उपाय (Yaddasht kaise badhaye)

अभी तक आपने यह जान लिया कि याददाश्त क्या होती हैं, उसके कमजोर होने के क्या क्या लक्षण हो सकते हैं और साथ के साथ उसके लिए उत्तरदायी कारण क्या क्या (Yaddasht kaise majbut karen) हो सकते हैं। तो अब आप यह जानना चाहते होंगे कि आखिरकार आप अपनी याददाश्त को मजबूत बनाने के लिए अपनी ओर से क्या क्या उपाय कर सकते हैं।

तो आज हम आपको याददाश्त को मजबूत बनाने के ही विभिन्न उपायों के बारे में विस्तार से (Yaddasht kaise banaen) बताएँगे ताकि आप जल्द से जल्द अपनी याददाश्त कोई मजबूत बना सके। आइए जाने आप अपनी याददाश्त को मजबूत बनाने के लिए किन उपायों की सहायता ले सकते हैं।

#1. नींद को पूरी करे

यह याददाश्त को बढ़ाने के साथ साथ आपके शरीर को स्वस्थ रखने का सबसे महत्वपूर्ण उपाय हैं लेकिन आजकल बहुत से लोग इसे बहुत ही हल्के में लेने लगे हैं। उन्हें अंतर ही नही पड़ता कि वे कितना सो रहे हैं, कब सो रहे हैं, क्यों सो रहे हैं और कब तक सो रहे हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि आप अपनी याददाश्त को बढ़ाना चाहते हैं तो आपको सही समय पर सोना होगा, सही अंतराल में सोना होगा, सही अवधि के लिए सोना होगा और अच्छी तरह से सोना होगा।

अब आप सोच रहे होंगे कि सोना तो सोना होता हैं, इसमें इतना सब क्यों ध्यान रखना हैं। तो आज हम आपको बता दे कि केवल सोना ही महत्वपूर्ण नही होता हैं। आप किस तरह से सो रहे हैं यह भी निर्भर करता हैं। आइए जाने याददाश्त को बढ़ाने के लिए आपको किस तरह से सोना चाहिए। सबसे पहले तो यह जान ले कि एक स्वस्थ मनुष्य को दिन में 7 से 8 घंटे की नींद आवश्यक होती हैं। तो यदि आप 7 घंटे से कम या 8 घंटे से ज्यादा सो रहे हैं तो आज से ही इस आदत को बदल डाले।

इसके साथ ही ईश्वर ने रात का समय सोने के लिए बनाया हैं। अब यदि आप रात में देर से सोते हैं या सही समय पर नही सोते हैं तो यह आपकी याददाश्त पर भी नकारात्मक प्रभाव डालेगा। आपको ज्यादा से ज्यादा 11 बजे तक सो जाना चाहिए और सुबह 6 से 7 बजे के बीच में उठ जाना चाहिए। सोने का आदर्श समय रात को 9 बजे और उठने का आदर्श समय सुबह 4 से 5 बजे के बीच का होता हैं।

#2. मेवों का सेवन

खाने में जो चीज़ सबसे महँगी और स्वास्थ्यवर्धक मानी जाती हैं वह हैं मेवे। इन्हें हम आजकल ड्राई फ्रूट्स भी कह देते हैं। आप किसी भी रिश्तेदार के घर जाते होंगे या फिर रिश्तेदार आपके घर आते होंगे तो आप आवश्यक रूप से उनके सामने मेवे खाने के लिए रखते होंगे। यह एक भारतीय परंपरा रही हैं। किंतु इन्हें रखने का क्या तात्पर्य या फिर इन्हें आवश्यक रूप से क्यों रखा जाता हैं। वह इसलिए क्योंकि यह रिश्तों को याद रखने और याददाश्त को बढ़ाने का काम करते हैं।

अब मेवे भी कई तरह के आते हैं जैसे कि काजू, बादाम, किशमिश, अखरोट, अंजीर इत्यादि। तो आप यह मत सोचिये कि किसी मुख्य चीज़ को या एक तरह के मेवे खाने से ही आपकी याददाश्त बढ़ेगी। आपने अक्सर बड़ों के मुहं से यह बात सुनी होगी कि बादाम को खाने से याददाश्त बढ़ती है या दिमाग तेज काम करता हैं जो कि सही भी है किंतु केवल बादाम खाना ही सही नही रहता हैं। यदि आप अपनी याददाश्त को पूर्ण रूप से तेज करना चाहते हैं तो आपको सभी तरह के मेवों का सेवन करना चाहिए।

इसलिए आप केवल बादाम ही ना खाए बल्कि उसके साथ अन्य मेवों का भी सेवन करने का नियम बनाए। इसके साथ ही यदि आप भीगे हुए बादाम खायेंगे तो यह आपके लिए ज्यादा सही रहेगा। ठीक उसी तरह किशमिश दूध में भीगी हुई ज्यादा लाभदायक मानी जाती हैं। इसलिए मेवों का भी उचित सेवन आपकी याददाश्त को तेज करने में निर्णायक भूमिका निभा सकता हैं।

#3. फलों का सेवन

अब जब मेवों की बात हो गयी तो बेचारे फल कैसे पीछे रह सकते हैं। आखिर जो चीज़े हमें तरह तरह के फलों से मिल सकती हैं वह मेवे कैसे ही दे पाएंगे। हर चीज़ का अपना अलग महत्व होता हैं और वह आपके दिमाग पर भी उसी तरह से अपना प्रभाव डालती हैं। अब फलों में आप यह मत सोचिये कि याददाश्त को बढ़ाने के लिए सेब से ही सबसे आवश्यक फल माना जाता हैं।

जैसा आप मेवो में समझ रहे थे कि बादाम ही याददाश्त को बढ़ाने में जरुरी होता हैं वैसा ही यदि आप फलों में सेब को समझेंगे तो आप बहुत बड़ी भूल कर रहे हैं। हालाँकि सेब याददाश्त को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं लेकिन इसमें केवल सेब ही उत्तरदायी नही होता हैं। तो यदि आप चाहते हैं कि आपकी याददाश्त तेजी से बढ़ें तो आप सभी तरह के फलों का सेवन करने का नियम बना ले।

सभी तरह के फलों का सेवन करने से हमारा तात्पर्य केवल सेब या अन्य कुछ फलों से ही नही हैं। सभी तरह के फल मतलब सभी तरह के फल। इसलिए आप जब भी बाजार जाए तब आप अलग अलग तरह के फल के फल लेकर आये और उनका सेवन करे। हमेशा एक तरह के फल ही ना लेकर आये और ना ही किसी फल को बहुतायत में खाए। कभी केला खा लिया तो कभी पपीता तो कभी तरबूज तो कभी कुछ और।

#4. हरी सब्जियों का सेवन

मेवे हो गए, फल हो गए तो हरी सब्जियों की बात भी होनी चाहिए। अब सब्जियों में भी मुख्यतया हरी सब्जियों की बात की गयी ना कि सभी तरह की सब्जियों की, जैसे कि ऊपर हमने सभी तरह के मेवे और फलों की बात की। आखिर ऐसा अन्याय क्यों? तो आइए आपको वो भी समझा देते हैं कि हमने मुख्य रूप से हरी सब्जियों की ही बात क्यों की और इसे बाकि सब्जियों की तुलना में महत्ता क्यों दी गयी।

याददाश्त के तेज होने के लिए आपके शरीर में रक्त का प्रवाह सही रहना चाहिए और इसमें किसी तरह की कमी नही होनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि याददाश्त का तेज होने से संबंध आपके दिमाग के सही काम करने से हैं। अब आपके उसी दिमाग में रक्त कम आएगा या उसका प्रवाह कम होगा तो फिर वह कैसे सही से काम करेगा। तो उस तक रक्त उचित मात्रा में पहुंचे यह बहुत ही जरुरी हो जाता हैं।

अब शरीर में रक्त बनाने के लिए हरी सब्जियों का बहुत महत्वपूर्ण योगदान माना जाता हैं। इनके सेवन करने से आप अपने शरीर को भी स्वस्थ पाएंगे और याददाश्त भी तेज हो जाएगी। इसलिए आगे से हरी सब्जियों को अपने आहार में बढ़ा दे। किंतु इसका अर्थ यह नही कि आप बाकि सब्जियों का सेवन करना बंद कर दे। आखिर जो पोषक तत्व आपको बाकि सब्जियों से मिलेंगे वह आपको हरी सब्जियों से नही मिलेंगे। इसलिए केवल हरी सब्जियों की मात्रा बढ़ाये लेकिन उसके चक्कर में बाकि सब्जियों को अनदेखा ना करे।

#5. सलाद का भी करे सेवन

भोजन में अब एक चीज़ और रह गयी हैं और वह है सलाद। जो लोग अपने स्वास्थ्य का भरपूर ध्यान रखते हैं वे प्रतिदिन एक प्लेट सलाद का सेवन अवश्य करते हैं। भारतीय परंपरा में भी सुबह या दोपहर के समय में एक प्लेट सलाद को खाने की परंपरा रही हैं और वह भी तरह तरह के सलाद से सजी प्लेट। तो यदि आप सलाद खाना भूल चुके हैं और फिर खाने के साथ केवल प्याज या ज्यादा से ज्यादा टमाटर इत्यादि का सेवन करते हैं तो अपनी इस आदत को बदल डाले।

आपको सलाद में हर तरह के सलाद का सेवन करना चाहिए। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जो चीज़े आपको प्याज या टमाटर से मिलेंगी वह आपको बाकि सलाद से नही और जो चीज़े आपको उनसे मिलेंगी वो आपको प्याज या टमाटर से नही। तो अब आप सोच रहे होंगे कि सलाद में और क्या क्या चीज़े आती हैं तो उनके नाम हैं खीरा, ककड़ी, तरकाकड़ी, गाजर, मूली इत्यादि।

तो आप अपने सलाद की प्लेट को इन सभी चीज़ों से मिलाये और हर दिन एक प्लेट सलाद की अवश्य खाए। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखे कि सलाद को रात के समय में ना खाए बल्कि इसके लिए दिन का समय उचित माना जाता हैं। भोजन को करना और उसे सही समय पर करना भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता हैं। इसलिए अपने सलाद की प्लेट को सुबह या दोपहर के समय ही खायेंगे तो ज्यादा बेहतर रहेगा।

#6. योग को दे अपने जीवन में स्थान

हिंदू धर्म में जीवन पद्धति को इतना उत्तम बताया गया हैं कि इसका किसी अन्य से तुलना करना गलत ही होगा। कहने का अर्थ यह हुआ कि मनुष्य को जो जीवन पद्धति हिंदू धर्म के अनुसार जीने को मिलेंगी वह विश्व की किसी भी अन्य धर्म या संस्कृति में देखने को नही मिलेगी। इसी में एक महत्वपूर्ण चीज़ हैं योग जो मनुष्य की आत्मा को सीधे परमात्मा से जोड़ने का काम करता हैं।

यदि आप अपने जीवन में योग को स्थान दे देंगे तो आपकी याददाश्त कम होने की बीमारी तो क्या, शारीरिक या मानसिक रूप से कोई अन्य बीमारी भी हैं तो वह भी दूर हो जाएगी। एक तरह से इस शरीर के लिए भगवान का दिया हुआ चमत्कार ही हैं योग। योग के सभी आसान, प्राणायाम आपके शरीर को पूर्ण रूप से स्वस्थ बनाने का काम करते हैं। तो आप योग को अपने जीवन में अवश्य स्थान दे।

अब आप यह भी जान ले कि योग को करने का सबसे उत्तम समय सुबह का समय होता हैं। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि योग को सुबह सुबह खाली पेट किया जाएगा तो यह अपना सर्वाधिक प्रभाव दिखायेगा। इसलिए आप जितने बजे भी उठते हैं, आज से एक घंटा पहले उठे लेकिन इसके लिए नींद के घंटे कम मत करे। आप एक घंटा पहले सोये और एक घंटा पहले उठे। उसके बाद शौच और मंजन करके एक घंटे के लिए योग करे। यह आपकी याददाश्त को अप्रत्याशित रूप से बढ़ाने का काम करेगा।

#7. याददाश्त बढ़ाने के लिए ध्यान लगाना

योग को केवल आप आसान और प्राणायाम ही समझते हैं तो आप गलत हैं। दरअसल योग को आठ भागो में बांटा गया हैं। ऊपर हमने आपको जो भी चीज़े बताई हैं वह भी योग का ही एक भाग हैं। तो इसी में योग का एक महत्वपूर्ण भाग है ध्यान लगाना। आज के समय में लोग इसे मैडिटेशन के नाम से भी जानते हैं और इसी के नाम से इसका प्रचार प्रसार किया जा रहा हैं लेकिन इसका उदय योग से ही हुआ हैं।

तो यदि आप अपनी याददाश्त को बढ़ाना चाहते हैं तो आपको प्रतिदिन ध्यान भी लगाना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह हैं कि आप ध्यान दिन के किसी भी समय में लगा सकते हैं। फिर चाहे वह सुबह का समय हो या रात का समय। किंतु यदि आप इसे सोने से कुछ समय पहले लगाएंगे तो इससे आपको अच्छी नींद आएगी। तो आगे से रात को सोने से कुछ समय पहले ध्यान लगाने का नियम बना लेंगे तो आपकी आधी समस्या तो यूँ ही दूर हो जाएगी।

अब आप यह सोच रहे होंगे कि आखिर किस तरीके से आप ध्यान लगा सकते हैं। तो इसके लिए जान ले कि आप एक शांत जगह या कमरे का चुनाव करे। अब आप वहां सामान्य मुद्रा में बैठ जाए और कमर को सीधा रखे। आँखें बंद कर लीजिए और अपना ध्यान ईश्वर पर लगाए या ब्रह्मांड पर लगाए। यदि आपके आसपास शोर हो रहा हैं तो आप सामान्य संगीत का सहारा ले जिसमें केवल धुन हो, ना कि शब्द। आप चाहे तो ॐ मंत्र को भी सुन सकते हैं। बस इसी मुद्रा में कम से कम 15 मिनट के लिए बैठे।

#8. दिमागी व्यायाम करे

अब यदि आप अपनी याददाश्त को बढ़ाना चाहते हैं तो आपको अपने दिमाग पर जोर देना भी सीखना होगा। इसके लिए आपको दिमागी व्यायाम करने होंगे। यह व्यायाम किसी भी तरह के हो सकते हैं। जैसे कि आप बातों को याद करने की कोशिश करे और दिमाग पर जोर दे। अपनों से मिले या फिर पुरानी फोटोज या वीडियोस को देखे और उन चीज़ों को याद करने का प्रयास करे। एक तरह से अपने दिमाग पर जोर देना शुरू करे।

इसी के साथ कई तरह के खेल होते हैं जो आपके दिमाग पर जोर डालते हैं। इन्हें आप अकेले में या किसी के साथ खेल सकते हैं। उदाहरण के तौर पर समाचार पत्रों में तरह तरह की पजल जैसे खेल आते हैं जो आप कर सकते हैं। इसी के साथ कुछ ऐसे खेल भी होते हैं जिन्हें आप अपनों के साथ खेल सकते हैं। कुल मिलाकर आपको अपने दिमाग पर जोर देना होगा और उसके लिए अलग अलग तरह के खेल और गतिविधियाँ करते रहने होगी।

#9. फ़ास्ट फ़ूड का सेवन कम करे

अब चाहे आप अपने घर से दूर रहते हो या किसी काम के सिलसिले में बाहर गए हो या कोई अन्य कारण हो, आपको बाहर से खाना पड़ता होगा लेकिन आप इसके लिए फ़ास्ट फ़ूड पर ज्यादा निर्भर हैं तो यह बिल्कुल ही गलत आदत हैं। यदि आप अपना फ्लैट लेकर रहते हैं तो आप वहां पर घर पर ही खाना बनाने की सब व्यवस्था करके रखे। यदि आप स्वयं नही बना सकते हैं तो एक कामवाली बाई रख ले लेकिन बाहर से खाना बंद कर दे। यदि आप बाहर से भी खाते हैं तो ऐसी जगह से खाए जहाँ पर घर जैसा खाना बनता हो।

इसी के साथ यदि आप घर पर भी रहते हैं और खाना भी घर पर ही बनता हैं लेकिन आप कुछ कुछ दिनों में बाहर से फ़ास्ट फ़ूड ऑर्डर करते रहते हैं या फिर रेस्टोरेंट में जाकर खा लेते हैं तो यह आपके स्वास्थ्य के साथ साथ आपकी याददाश्त को कमजोर बना देता हैं। पिज्जा, बर्गर इत्यादि सब चीज़े खाने में तो स्वादिष्ट लग सकती हैं लेकिन यह आपके दिमाग को अप्रत्याशित रूप से हानि पहुंचा रही हैं जिसका असर आपको धीरे धीरे दिखेगा।

तो आप जितना हो सके उतना इनका सेवन कम कर देंगे तो बेहतर रहेगा। हम आपको इन चीज़ों का पूर्णतया बहिष्कार करने को नही कह रहे हैं क्योंकि आज के समय में यह संभव भी नही हैं। लेकिन आप इनका सेवन जितना कम कर देंगे उतना ही यह आपके लिए उचित रहेगा।

#10. नशों से बनाए दूरी

आजकल की जीवनशैली ऐसी हो गयी हैं कि मनुष्य ने नशे से दोस्ती सी कर ली हो। सिगरेट पीना या ड्रिंक करना तो आजकल सामान्य सी बात हो चली हैं। जो लोग बाहर पढ़ाई करते हैं या फिर नौकरी करते हैं, उनके लिए तो यह सब सामान्य जीवन हैं। वे सप्ताह में एक बार या एक से अधिक बार इनका सेवन करने लगे हैं। कई बार तो दूसरों को दिखाने के उद्देश्य से लोग यह सब शुरू कर देते हैं और अपने आप को कूल समझने लगते हैं।

तो यदि आप भी अपने दैनिक जीवन में इन नशीले पर्दार्थों का सेवन करते हैं और आप सोचते हैं कि आपकी याददाश्त भी बढ़ जाएगी तो आप गलत हैं। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि नशा केवल और केवल आपके दिमाग को कमजोर करने और याददाश्त को कम करने का काम करता हैं। आप नशा भी तो इसलिए ही करते हैं ताकि आप ज्यादा सोच समझ ना सके।

तो जितना जल्दी हो सके इन सभी से अपनी दूर बना लेंगे तो बेहतर रहेगा। यदि आप नशा नही छोड़ सकते हैं तो इसकी संख्या या मात्रा कम कर देंगे तो बेहतर रहेगा। उदाहरण के तौर पर यदि आप सप्ताह में एक बार ड्रिंक करते हैं तो उसे दो सप्ताह में एक बार कर दे। उसी प्रकार यदि आप दिन में दो बार सिगरेट पीते हैं तो उसकी संख्या एक कर दे।

याददाश्त बढ़ाने के उपाय – Related FAQs

प्रश्न: याददाश्त कमजोर होने पर क्या खाना चाहिए?

उत्तर: याददाश्त कमजोर होने पर फल, मेवे, हरी सब्जियां इत्यादि चीज़े खानी चाहिए।

प्रश्न: याददाश्त कमजोर होने का क्या कारण है?

उत्तर: याददाश्त कमजोर होने के कई कारण है जैसे कि तकनीक, अकेले रहना, नशा करना, उम्र का बढ़ना इत्यादि।

प्रश्न: भूलने की आदत को कैसे मिटाएं?

उत्तर: भूलने की आदत को मिटाने के लिए आप प्रतिदिन एक घंटा योग करें और रात को सोने से पहले 15 मिनट के लिए ध्यान लगाए।

प्रश्न: क्या खाने से याददाश्त बढ़ती है?

उत्तर: बादाम, सेब, हरी सब्जियां इत्यादि खाने से याददाश्त बढ़ती है।

तो यह थे कुछ उपाय जिनकी सहायता से आप अपनी याददाश्त को बढ़ा सकते हैं। यह उपाय कुछ ऐसे हैं जिन्हें आप अपने घर पर और वो भी बहुत ही आसानी के साथ कर सकते हैं। इसके लिए आपको किसी की सहायता की या डॉक्टर की आवश्यकता नही होती हैं। इसलिए हम आपको यही परामर्श देंगे कि आप आज से ही इन उपायों का पालन करना शुरू कर देंगे तो ज्यादा सही रहेगा।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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