|| यो-यो टेस्ट क्या होता है?, यह कैसे लिया जाता है?, इसकी शुरुआत कब हुई?, यो-यो टेस्ट की चरणबद्ध प्रक्रिया, इस टेस्ट में कितने स्कोर वाला पास होता है?, What is yo-yo test? How it is taken?, When it was started? Step-by-step process of yo-yo test, how much score is necessary to pass this test? | भारत में यह टेस्ट कहां होता है? ||
आपने हाल ही में भारतीय क्रिकेटर/विकेट कीपर ऋषभ पंत के एक्सीडेंट के बारे में जरूर सुना होगा। उन्हें बांग्लादेश सीरीज के बाद श्रीलंका सीरीज से बाहर कर बंगलूरू स्थित नेशनल क्रिकेट एकेडमी जाने के कहा गया था। वहां उन्हें अपनी फिटनेस को सुधारना था। ऋषभ पंत की ही तरह हमारी टीम के प्रत्येक क्रिकेटर को अपनी फिटनेस एवं स्टैमिना पर काम करना होता है, ताकि वे यो-यो टेस्ट पास कर सकें।
अब टीम में सेलेक्शन के लिए इस टेस्ट को अनिवार्य कर दिया गया है। यह टेस्ट प्रत्येक खिलाड़ी को पास करना ही होगा, चाहे वह कितनी भी अच्छी फार्म में हो या कितना ही बड़ा खिलाड़ी क्यों न हो। अब आप जरूर चकरा गए होंगे। सिंगर हनी सिंह को तो यो-यो करते आपने बहुत सुना होगा।
लेकिन क्रिकेट में भी यो-यो? जी हां, आज इस पोस्ट में हम आपको इसी यो-यो टेस्ट (yo-yo test) के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। आपको बताएंगे कि यो यो टेस्ट क्या है? (What is yo-yo test?) इस टेस्ट को पास करने के लिए कितना स्कोर आवश्यक है? अन्य देशों में खिलाड़ियों को यह टेस्ट पास करने के लिए कितना स्कोर करना होता है? इस टेस्ट की शुरूआत सबसे पहले किस खेल में हुई? क्रिकेट में सबसे पहले इसे किस देश ने अपनाया? आदि। आइए, शुरू करते हैं-
यो यो का क्या अर्थ है? (What is the meaning of yo-yo?)
दोस्तों, सबसे पहले यो-यो का अर्थ जान लेते हैं। दरअसल, यह एक टेगालोग शब्द (Tagalog word) है, जिसका अर्थ come and go यानी ‘आना’ एवं ‘जाना’ होता है। यह शब्द खेलों में तेजी से मूव अप, मूव डाउन करने के लिए भी प्रयुक्त होता है। ज्यादातर एथलीट एवं अन्य खिलाड़ी इस शब्द से अच्छी तरह परिचित होते हैं। मूल रूप से इस शब्द का प्रयोग सबसे पहले ग्रीक (Greece) यानी यूनान में करीब ढाई हजार वर्ष पूर्व हुआ था। आगे पोस्ट में हम आपको यो-यो टेस्ट के बारे में जानकारी देंगे।
यो यो टेस्ट क्या होता है? (What is yo-yo test?)
दोस्तों, आइए अब इस टेस्ट की बात कर लेते हैं। यो-यो टेस्ट क्या होता है? (What is yo-yo test?) मित्रों, आपको बता दें कि यह टेस्ट खिलाड़ी के स्टैमिना एवं फिटेनस (stemina and fitness) का टेस्ट होता है। इसे इंटरनल रिकवरी टेस्ट (internal recovery test) के रूप में भी जाना जाता है। इसमें कुल 23 लेवल होते हैं। खिलाड़ियों को बीप (beep) की आवाज आने से पहले अपनी दौड़ पूरी करनी होती है। ऐसे में इसे बीप टेस्ट (beep test) अथवा लेगर/पेसर टेस्ट (legar/paser test) भी पुकारा जाता है। हालांकि यह इसका एडवांस वर्जन है।
आपको बता दें दोस्तों कि इस टेस्ट का हर दूसरा लेवल पहले से अधिक मुश्किल होता है। जहां तक खिलाड़ियों की बात है तो उनके टेस्ट की शुरुआत ही पांचवे लेवल (5th level) से होती है। इस टेस्ट में खिलाड़ियों को एक निर्धारित समय में निर्धारित दूरी की दौड़ लगाकर अपने स्टैमिना का टेस्ट देना होता है। इसके लिए कुछ अंक निर्धारित किए जाते हैं, जो पास होने के लिए आवश्यक होते हैं। प्रत्येक लेवल के बीच खिलाड़ी को 10 सेकंड का ब्रेक दिया जाता है।
यो-यो टेस्ट कैसे लिया जाता है? (How yo yo test is taken?)
अब आपको जानकारी देते हैं दोस्तों कि यह टेस्ट कैसे लिया जाता है। आपको बता दें कि इसमें 20 मीटर की दूरी पर कोन रखे जाते हैं। इस टेस्ट में उतरने वाले प्रत्येक खिलाड़ी को 20 मीटर कोन तक जाना और फिर लौटना होता है, यानी कि उसे कुल 40 मीटर की दूरी तय करनी होती है। इसे आप यूं भी समझ सकते हैं कि एक खिलाड़ी point A से शुरू कर point B तक जाता है और फिर वापस point A पर आता है। एक बार 40 मीटर कवर करने के पश्चात एक 5 मीटर का रिकवरी जोन (recovery zone) होता है।
इसे आराम से पार कर खिलाड़ी प्वाइंट C पर पहुंचता है और अगले लेवल (next level) के लिए तैयार हो जाता है। पांचवे एवं नौवे लेवल पर एक शटल (shutte) होता है, जबकि 11वें स्पीड लेवल में 2 शटल होते हैं। प्रत्येक शटल के बीच खिलाड़ी को 40 मीटर की दूरी नापनी होती है। दो शटल के बीच दूरी तय करने के लिए खिलाड़ी को 10 सेकंड का समय मिलता है। 12वें व 13वें लेवल पर शटल की संख्या बढ़कर 3 हो जाती है।
आपको बता दें दोस्तों कि प्रत्येक कोन के पास स्पीकर (speaker) लगाए जाते हैं। इनके जरिए खिलाड़ियों को निर्देश (instruction) दिए जाते हैं। ज्यों ज्यों लेवल की संख्या बढ़ती जाती है, त्यों-त्यों इस दूरी को पूरा करने का समय घटता जाता है। इसी के आधार पर सॉफ्टवेयर (software) की मदद से स्कोर (score) निकाला जाता है।
यो-यो टेस्ट की चरणबद्ध प्रक्रिया क्या है? (What is the step-by-step process of yo-yo test?)
मित्रों, हम आपको यो-यो टेस्ट को चरणबद्ध प्रक्रिया के माध्यम से समझाएंगे, ताकि आपको इसे समझने में और आसानी हो-
- Step-1 खिलाड़ी दौड़ने की स्थिति में तैयार एक छोर पर कोन पर खड़ा होता है। कोच के पास यो-यो टेस्ट मापने वाला उपकरण (instrument) होता है।
- Step-2 खिलाड़ी बीप की आवाज आते ही दौड़ना शुरू कर देता है। वह 10 किलोमीटर प्रतिघंटे की धीमी स्पीड से दूसरे बीप से पहले दूसरे छोर तक जाने की कोशिश करता है।
- Step-3 तीसरी बीप से पूर्व खिलाड़ी वापस शुरुआती बिंदु की ओर दौड़ना शुरू कर देता है। वहां पहुंचने पर वह 10 सेकंड के लिए ब्रेक लेता है और बिंदु सी की ओर 5 किलोमीटर चलता है। इस प्रकार उसका एक दोहराव पूरा हो जाता है।
यो-यो टेस्ट के दौरान यदि खिलाड़ी बीप नहीं सुन पाता तो क्या होता है? (What if a not player able to heard the beep during yo-yo test?)
दोस्तों, आपको बता दें कि यदि यो-यो टेस्ट के दौरान कोई खिलाड़ी बीप नहीं सुन पाता तो उसे एक चेतावनी यानी वार्निंग (warning) मिलती है। बीच में कोच उसकी मदद करता है। यदि खिलाड़ी दो बीप मिस (miss) कर देता है तो उसे टेस्ट का अंत माना जाता है। आपको बता दें दोस्तों कि स्कोर को फाइनल करते समय नाकाम शटल को बाहर कर दिया जाता है। इससे पूर्व की शटल को वैध (valid) माना जाता है।
भारत में खिलाड़ी को यो यो टेस्ट पास करने के लिए कितने स्कोर की आवश्यकता पड़ती है? (In india a player needs how much score to qualify yo-yo test?)
यदि बात भारत की करें तो आपको बता दें दोस्तों कि हमारे देश में एक खिलाड़ी को यह टेस्ट पास करने के लिए 16.5 स्कोर की आवश्यकता होती है। इसका सीधा सा अर्थ यह है कि खिलाड़ी को 567 सेकंड में 1120 मीटर की दूरी तय करनी होती है। आपको बता दें दोस्तों कि अमूमन क्रिकेट में जो खिलाड़ी इस टेस्ट में दो किलोमीटर की दूरी 8 मिनट 30 सेकंड में पूरी कर लेता है, उसे फिट माना जाता है।
वहीं, तेज गेंदबाजों को इतनी दूरी 8 मिनट 15 सेकंड में पूरी करनी होती है। यहां यह भी जानना खास है कि क्रिकेट पिच (cricket pitch) की लंबाई 20.12 मीटर होती है, उसे देखते हुए ही यो-यो टेस्ट की लंबाई 20 मीटर निर्धारित की गई है। यदि फिट खिलाड़ियों की बात करें तो हमारी क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान रहे विराट कोहली (Virat Kohli) बेहद फिट माने जाते हैं।
उनका इस टेस्ट में 21 का स्कोर है। वहीं, फिलहाल एक सर्जरी (surgery) की वजह से टीम से बाहर चल रहे भारतीय क्रिकेट टीम के आलराउंडर (all rounder) रविंद्र जडेजा (ravindra jadeja) का भी इस स्कोर में विराट के बराबर ही 21 का स्कोर है।
अन्य देशों में यो-यो टेस्ट पास करने के लिए क्या स्कोर रखा गया है? (What is the qualifying score in other countries to pass yo-yo test?)
मित्रों, जिस प्रकार भारत में यो-यो टेस्ट पास करने का एक स्कोर निर्धारित है, उसी प्रकार अन्य देशों में भी इसके लिए अलग अलग स्कोर निर्धारित किया गया है, जो कि इस प्रकार से है-
- 1. ऑस्ट्रेलिया (Australia)-इस देश में खिलाड़ियों को यो-यो टेस्ट पास करने के लिए 20.1 का स्कोर (score) करना अनिवार्य है।
- 2. इंग्लैंड (England)-यहां खिलाड़ियों को यो-यो टेस्ट का सागर पार करने के लिए 19 का स्कोर करना जरूरी है।
- 3. दक्षिण अफ्रीका (South Africa)-इस देश में खिलाड़ियों को यो-यो टेस्ट में खरा उतरने के लिए 18 अंक लाने आवश्यक हैं।
- 4. श्रीलंका (Srilanka)-श्रीलंका जैसे विकट हालातों से गुजर रहे भारत के पड़ोसी देश (neibouring country) में खिलाड़ियों को इस यो यो टेस्ट में पास होने के लिए 17.4 का स्कोर करना अनिवार्य है।
- 5. पाकिस्तान (pakistan)-हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में में भी श्रीलंका की ही तरह यो यो टेस्ट में पार उतरने के लिए 17.4 का स्कोर लाना अनिवार्य है।
भारत में यह टेस्ट कहां होता है? (In india where this test is held?)
दोस्तों, यदि आपको यह लग रहा है कि यह तो बेहद आसान सा टेस्ट है, इसे तो कहीं भी ले लिया जाता होगा तो अपको बता दें कि आप बिल्कुल गलत है। बीसीसीआई (BCCI) यानी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (board for control of cricket in india) द्वारा इस टेस्ट का आयोजन केवल बंगलूरू (Bengaluru) स्थित नेशनल क्रिकेट एकेडमी (national cricket academy) यानी एनसीए (NCA) में कराया जाता है। इसकी प्रमुख वजह है कि यो यो टेस्ट के लिए आवश्यक सॉफ्टवेयर (software) केवल एनसीए में ही इंस्टाल (install) किया गया है।
सबसे पहले किस क्रिकेट टीम पर यह टेस्ट लागू हुआ था? (On Which cricket team this test was implemented for the first time?)
मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि इस टेस्ट को सबसे पहले आस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड (Australia cricket board) ने अपनी टीम के खिलाड़ियों (players) के लिए अनिवार्य किया था। इसके बाद धीरे धीरे दुनिया की तकरीबन सभी क्रिकेट टीमों के खिलाड़ियों को इस टेस्ट में खरा उतरना आवश्यक होता है। इसकी वजह यह है कि क्रिकेट जैसे खेल में भी फुटबॉल (football) की तरह बेहद स्टैमिना की जरूरत होती है। यह कोई भी बोर्ड नहीं चाहता कि उसके खिलाड़ी फिट न हों। क्योंकि मुकाबले तो फिट खिलाड़ियों के बूते ही जीते जाते हैं। पाकिस्तान क्रिकेट खिलाड़ियों की फिटनेस को लेकर अक्सर आलोचकों के निशाने पर रहता है।
फिलहाल यो-यो टेस्ट किन खेलों में अनिवार्य है? (At present in which sports yo-yo test is necessary?)
मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि वर्तमान में यह टेस्ट क्रिकेट (cricket), फुटबॉल (football), रग्बी (rugby) एवं आइस हॉकी (ice hockey) के लिए अनिवार्य है। वहीं, कनाडा (Canada), न्यूजीलैंड (newzealand), ऑस्ट्रेलिया (Australia), फ्रांस (France) एवं यूके (UK) में मिलिट्री पुलिस (millitary police) में भर्ती (recruitment) के लिए भी अभ्यर्थियों के लिए यह टेस्ट अनिवार्य (mandatory) किया गया है, ताकि उन्हें बेहतरीन स्टैमिना एवं फिटनेस वाले पुलिसकर्मी भर्ती के लिए मिल सकें।
यो यो टेस्ट स्कोर निकालने का फार्मूला क्या है? (What is the formula to drag test score?)
मित्रों, इस यो-यो टेस्ट का स्कोर निकालने का एक अलग ही फार्मूला है। यह VO2max=(speed (km/h)×6.65-35.8×0.95+0.182 होता है। यद्यपि इस फार्मूले को मैनुअली (manually) लगाने की आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि इस फार्मूले से सॉफ्टवेयर बड़ी आसानी से खिलाड़ियों के स्कोर का आकलन कर लेता है।
किस खेल में सबसे पहले यह टेस्ट इस्तेमाल हुआ, इसे किसने विकसित किया? (In which sports this test was used for the first time? Who developed it?)
दोस्तों, आइए, अब कुछ बात इस यो-यो टेस्ट के इतिहास (history) को लेकर भी कर लेते हैं। आपको बता दें कि इस यो-यो टेस्ट का इस्तेमाल सबसे पहले फुटबाल के खेल में किया गया। आप यह भी जान लीजिए कि इस यो-यो टेस्ट को डेनमार्क (Denmark) के फुटबॉल फिजियोलॉजिस्ट (football physiologist) जेंस बैंग्सबो ने 90 के दशक में विकसित किया था। इसके बाद इस खेल का दायरा हॉकी एवं अन्य खेलों तक बढ़ाया गया। यदि भारत की बात करें तो हमारी क्रिकेट टीम में यह आज से पांच वर्ष पूर्व यानी कि 2017 में प्रारंभ हुआ था। इस टेस्ट के लिए एनसीए को क्रिकेटरों के नाम बीसीसीआई ही भेजता है.
इन दिनों यो-यो टेस्ट की चर्चा क्यों है? (Why yo-yo test in the news these days?)
मित्रों, इन दिनों आप भी यो-यो टेस्ट की बेहद चर्चा सुन रहे होंगे। इसकी वजह यह है कि बीसीसीआई (BCCI) ने हाल ही में रिव्यू मीटिंग (review meeting) कर सेलेक्शन (selection) के लिए खिलाड़ियों का यो-यो टेस्ट अनिवार्य कर दिया है। वह अपने खिलाड़ियों के फिटनेस लेवल को मेंटेन रखना चाहता है, इसीलिए उसकी ओर से यह कदम उठाया गया है। वह चाहता है कि एनसीए (NCA) आईपीएल टीमों (IPL teams) के साथ समन्वय (codination) बनाकर काम करे। इसके साथ ही उसने आने वाले वन डे वर्ल्डकप (one day world cup) के लिए भी 20 खिलाड़ियों को शॉर्ट लिस्ट (shortlist) किया है, जिन्हें वह इस दौरान मौका देगा।
क्या इस टेस्ट में भारत के सभी खिलाड़ी खरे उतरते हैं? (Do all the players of India qualify in this test?)
जी नहीं, दोस्तों। इस सवाल का जवाब न हैं। आपको बता दें कि कुछ ही माह पूर्व बीसीसीआई द्वारा खिलाड़ियों का यो-यो टेस्ट कराया गया था। इसमें हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) पास हो गए थे, जबकि पृथ्वी शॉ (prithvi Shaw) उसमें खरे नहीं उतरे थे। इससे पूर्व सुरेश रैना, युवराज सिंह, अंबाती रायडू, मोहम्मद शमी, वरुण चक्रवर्ती, संजू सैमसन जैसे खिलाड़ी भी इस टेस्ट को पास करने में नाकाम रहे। हालांकि बाद में हुए टेस्ट में इनमें से कई खरे उतरे थे.
यो-यो टेस्ट क्या होता है?
यो-यो टेस्ट किसी भी एथलीट या खिलाड़ी का स्टैमिना एवं फिटनेस परखने का एक जरिया है।
यो-यो टेस्ट सबसे पहले फुटबॉल के खेत में इस्तेमाल किया गया
भारतीय क्रिकेट टीम में इस टेस्ट को कब लागू किया गया? भारतीय क्रिकेट टीम में इस टेस्ट को आज से 5 साल पहले सन् 2017 में लागू किया गया।
यो-यो टेस्ट को किसने विकसित किया?
इस टेस्ट को 90 के दशक में डेनमार्क के फुटबॉल फिजियोलॉजिस्ट जेंस बैंग्सबो ने विकसित किया।
यो-यो टेस्ट में कितने लेवल होते हैं?
यो-यो टेस्ट में कुल 23 लेवल होते हैं।
खिलाड़ियों का टेस्ट किस लेवल से शुरू होता है?
खिलाड़ियों का यो-यो टेस्ट पांचवें लेवल से शुरू होता है।
यह टेस्ट हाल ही में क्यों चर्चा में रहा है?
बीसीसीआई द्वारा रिव्यू मीटिंग कर खिलाड़ियों के सेलेक्शन के लिए यह टेस्ट अनिवार्य किए जाने की वजह से यह इन दिनों चर्चा में है।
भारत के खिलाड़ियों के लिए यो-यो टेस्ट पास करने के लिए कितना स्कोर जरूरी है?
भारत के खिलाड़ियों को यह टेस्ट पास करने के लिए 16.5 का स्कोर करना आवश्यक है।
यो-यो टेस्ट लेने की क्या प्रक्रिया होती है?
इस संबंध में हमने आपको ऊपर पोस्ट में विस्तार से जानकारी दी है। आप वहां से देख सकते हैं।
यो-यो टेस्ट भारत में किस स्थान पर होता है?
यो-यो टेस्ट भारत में बंगलूरू स्थित नेशनल क्रिकेट एकेडमी में होता है।
अन्य देशों में यो-यो टेस्ट पास करने के लिए कितना स्कोर जरूरी है?
इसकी जानकारी हमने आपको ऊपर पोस्ट में दी है। आप वहां से देख सकते हैं।
यो-यो टेस्ट के दौरान यदि कोई खिलाड़ी बीप की आवाज नहीं सुन पाता है, तो क्या होता है?
यो-यो टेस्ट के दौरान यदि खिलाड़ी बीप की आवाज नहीं सुन पाता है तो उसे वार्निंग दी जाती है।
यदि टेस्ट के दौरान कोई खिलाड़ी 2 बीप मिस कर देता है तो क्या होता है?
यदि खिलाड़ी 2 बीप मिस कर देता है तो उसके टेस्ट का अंत माना जाता है।
एनसीए को यो-यो टेस्ट के लिए क्रिकेटरों के नाम कौन भेजता है?
एनसीए को यो-यो टेस्ट के लिए खिलाड़ियों के नाम बीसीसीआई द्वारा ही भेजे जाते हैं।
दोस्तों, हमने इस पोस्ट (post) में आपको बताया कि यो-यो टेस्ट क्या होता है। यदि आप भी खेल जगत से ताल्लुक रखते हैं तो आपके लिए इस टेस्ट को समझना बेहद जरूरी है। खेलों में दिलचस्पी रखने वाले लोगों की जानकारी में इजाफा करने के उद्देश्य से इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करें। इस पोस्ट पर आपका कोई सुझाव हो तो हमें नीचे दिए गए कमेंट बाक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके बताना न भूलें। ।।धन्यवाद।-